सफलता का कोई उम्र या सीमा नहीं होती है, जो साबित कर दिया है महज 22 साल की उम्र में वियतनाम के हा हाई डुओंग (Ha Hai Duong) ने ऐसा कारनामा किया है, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। डुओंग को दुनिया की 11 प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ से पीएचडी स्कॉलरशिप के ऑफर मिले हैं, जिनमें अमेरिका की शीर्ष 8 यूनिवर्सिटीज़ भी शामिल हैं। ये संस्थान उन्हें सालाना 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹82 लाख) की स्कॉलरशिप देने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, उन्हें 2,75,000 अमेरिकी डॉलर (करीब ₹2.26 करोड़) की स्कॉलरशिप भी मिल चुकी है।
विज्ञान के प्रति जुनून से बदली जिंदगी
बता दे कि हा हाई डुओंग अमेरिका के वाशिंगटन डी.सी. स्थित जॉर्जटाउन यूनिवसि में रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) के अंतिम वर्ष के छात्र हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वियतनाम के HUS हाई स्कूल फॉर गिफ्टेड स्टूडेंट्स में हुई थी। शुरुआत में वे डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनका रुझान वैज्ञानिक शोध (Scientific Research) की ओर बढ़ गया। 2021 में उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें 2.26 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली।
MIT, स्टैनफोर्ड समेत 11 यूनिवर्सिटीज़ से ऑफर
पिछले साल, डुओंग को दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ जैसेः
MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी)
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
येल यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले
सहित कुल 11 संस्थानों से पीएचडी प्रोग्राम के लिए ऑफर मिला। ये सभी यूनिवर्सिटीज़ उन्हें शोध और ट्यूशन फीस के लिए सालाना 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹82 लाख) की आर्थिक सहायता देने को तैयार हैं।
डॉलर (लगभग ₹82 लाख) की आर्थिक सहायता देने को तैयार हैं।
हालांकि, शुरुआत में डुओंग केवल 5 यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने स्कॉलरशिप के अवसरों को ध्यान में रखते हुए 11 स्थानों पर आवेदन किया और चौंकाने वाली बात यह रही कि सभी ने उन्हें ऑफर दिया है।
क्वांटम केमिस्ट्री और सुपरकंप्यूटिंग में रिसर्च
डुओंग को वैज्ञानिक शोध में गहरी रुचि है। अपने तीसरे वर्ष में, उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इंटर्नशिप के दौरान क्वांटम केमिस्ट्री और फिजिक्स में काम किया। इस दौरान उन्होंने क्वांटम सुपरकंप्यूटर्स पर शोध किया, जो भविष्य की कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
हा हाई डुओंग की कहानी उन छात्रों के लिए एक मिसाल है, जो विज्ञान और शोध के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। उनकी मेहनत और लगन यह साबित करती है कि अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज़ में दाखिला पाना संभव है। उनकी सफलता उन छात्रों को प्रेरित कर करती है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा के अवसरों की तलाश में हैं।