इस राज्य में आखिर क्यों मारे जा रहे सुअर, जानें क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर, कैसे फैलती है यह बीमारी?
असम के लखीमपुर में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त एक्शन लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पशु चिकित्सकों की टीम ने लखीमपुर में 1 हजार से अधिक सूअरों को मार डाला। लखीमपुर के पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुलधर सैकिया ने कहा कि लखीमपुर जिले में अफ्रीकन स्वाइन बुखार के संक्रमण को रोकने के लिए सूअरों को बिजली के झटके से मार दिया गया है। दरअसल लखीमपुर खीरी में अफ्रीकन स्वाइन बुखार ने कहर ढाया हुआ है। इसी कारण यहां सअरों को मारा गया ताकि संक्रमण पर लगाम लगाई जा सके।
लखीमपुर में 1000 सुअरों की हत्या
उन्होंने कहा कि इस बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए उत्तर-पूर्वी राज्य में 27 उपकेंद्रों में फैले 1378 सूअरों को मारा गया है। गौरतलब है कि इसी साल की शुरुआत में देश के कुछ राज्यों में एवियन इन्फ्लुएंजा और अफ्रीकन स्वाइन बुखार के कारण असम सरकार ने अन्य राज्यों से राज्य में मुर्गी और सूअरों को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं इस मामले पर असम के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि असम और अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में पोल्ट्री और सूअरों में एवियन इन्फ्लूएंजा और अफ्रीका स्वाइन बुखार के प्रसार को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर
अफ्रीकी स्वाइन फीवर पालतू और जंगली सुअरों में होने वाली अत्यंत संक्रामक बीमारी है। वायरस की चपेट में आने पर अधिकांश सुअरों की मौत तक हो जाती है। इसका नुकसान सुअर पालकों को होता है। इसका असर मनुष्यों में देखने को नहीं मिला है। सुअर से दूसरे सुअर को यह बीमारी तेजी से फैलती है। बता दें कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर के मद्देनजर असम सरकार अलर्ट मोड में है। ऐसे में किसी भी तरह के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा यह फैसला लिया जा रहा है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.