बिहार के सीएम नीतीश कुमार तकरीबन 24 घंटे के भीतर दिल्ली से पटना लौट गये हैं. आधिकारिक तौर पर उनकी दिल्ली यात्रा का कोई मकसद नहीं बताया गया है. अटकलों और अनुमानों की कयासबाजी भी शुरू हो गई है.लोग कयास लगा रहे हैं कि प्रशांत किशोर के बढ़ते प्रभाव की वजह से नीतीश कुमार बिहार में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराना चाहते हैं. नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव के समय से ही बिहार विधानसभा चुनाव की मांग भाजपा से कर रहे हैं. नीतीश कुमार चुनाव की तैयारी के लिए प्रशांत किशोर को एक साल का और समय नहीं देना चाहते.
नीतीश कुमार की यात्रा का दूसरा मकसद झारखंड चुनाव का हो सकता है.झारखंड में भी जेडीयू एनडीए का हिस्सा बन कर चुनाव लड़ रहा है. सीटों के बंटवारे की बात भी नीतीश ने की होगी.निर्दलीय से जेडीयू में आए सरयू राय के चुनाव क्षेत्र को लेकर भी मामला फंस रहा है. सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी से विधायक हैं.उन्होंने भाजपा के पूर्व सीएम और अभी ओड़िशा के राज्यपाल रघुवर दास को हराया था. रघुवर अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए जमशेदपुर पूर्वी की सीट चाहते हैं. यह पेच भी नीतीश ने इस यात्रा में शायद सुलझाया होगा.सीटों की संख्या को लेकर भी बात हुई होगी.
एक कयास यह भी लग रहा है कि बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार होना है. शायद नीतीश ने इस पर भी मंत्रणा की हो. बिहार में तो यह लंबे समय से प्रस्तावित है.अभी सिर्फ 30 मंत्री हैं, जबकि 36 बनाए जा सकते हैं.भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नीतीश मंत्रिमंडल के सदस्य दिलीप जायसवाल ने तो पखवाड़े भर पहले ही संकेत दिया था कि कैबिनेट विस्तार इसी महीने हो जाएगा.
संभव है नवरात्र में मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो जाए. कैबिनेट में कुछ फेरबदल भी हो सकता है. कहा तो यह भी जा रहा है कि नीतीश को दो डेप्युटी सीएम का होना अच्छा नहीं लगता. संभव है विस्तार के वक्त एक की छुट्टी हो जाए.