कई महीनों के लंबे इंतजार के बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं। बीती शाम मतदान थमने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे सामने आए, जिसने सत्ताधारी दल के होश उड़ा कर रख दिए। सभी एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। अगर एग्जिट पोल्स के रुझान सही साबित हुए तो पूरे 1 दशक बाद कांग्रेस हरियाणा में कमबैक करेगी। एंटी इनकंबैंसी से लेकर जातीय समीकरण तक बीजेपी की हार के अनगिनत कारण मौजूद हैं। मगर हरियाणा का रण जीतना कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी है? आइए समझते हैं…
1. उत्तर भारत में फिर से पकड़ मजबूत
कांग्रेस की जीत का इशारा हरियाणा की जनता ने लोकसभा चुनाव में ही दे दिया था। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने बीजेपी को करारी टक्कर दी थी। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही 5-5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में अगर कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतती है, तो हिमाचल प्रदेश के बाद हरियाणा उत्तर भारत का दूसरा अहम राज्य होगा, जिसकी कमान कांग्रेस के हाथों में रहेगी।
2. किसानों का मिलेगा समर्थन
कांग्रेस की हरियाणा में वापसी की एक बड़ी वजह किसानों का समर्थन भी है। हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां किसानों की संख्या काफी ज्यादा है। किसानों की तरह कांग्रेस ने भी कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई है। जाहिर है हरियाणा में जीत के बाद भी कांग्रेस किसानों का पूरा साथ देगी। शंभू बॉर्डर पर किसानों की मौजूदगी केंद्र सरकार की टेंशन बढ़ा सकती है।
3. कांग्रेस को मिला दलितों का साथ
कांग्रेस की जीत में जाट और दलितों का सबसे बड़ा हाथ होगा। हरियाणा में जाट आबादी सबसे अधिक है, तो वहीं दलित आबादी भी 20 प्रतिशत के आसपास है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाट समुदाय से आते हैं, तो वहीं हरियाणा चुनाव में सुर्खियां बटोरने वाली कुमारी सैलजा दलित समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। कुमारी सैलजा का नाम सीएम की रेस भी सामने आ रहा है।
4. कांग्रेस को मिलेगा देश का तीसरा सबसे बड़ा साइबर हब
अगर कांग्रेस हरियाणा में वापसी करने में कामयाब होगी, तो देश का तीसरा सबसे बड़ा साइबर हब कांग्रेस के खाते में चला जाएगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं गुरुग्राम की। बेंगलुरु और हैदराबाद के बाद गुरुग्राम को देश की तीसरी साइबर सिटी कहा जाता है, जिसका सालाना रेवन्यू 2,600 करोड़ रुपये (2022-23) तक होता है। अभी तक यह पैसा बीजेपी सरकार को मिलता था, मगर अब यह कांग्रेस सरकार के खाते में जाएगा।
5. पंजाब और दिल्ली पर पड़ेगा असर
आगामी कुछ महीनों में देश की राजधानी दिल्ली और पंजाब में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जाहिर है हरियाणा में कांग्रेस की जीत का असर इन राज्यों पर भी पड़ सकता है। हरियाणा की जीत को आधार बनाकर कांग्रेस न सिर्फ दिल्ली बल्कि पंजाब में भी बीजेपी और आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दे सकती है।