सर्दी में बारिश क्यों हो रही, क्या ठंड बढ़ेगी, इससे किसको फायदा, किसको नुकसान? जानें सबकुछ
दिल्ली-NCR समेत देश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. बारिश ने ठंड और बढ़ा दी है. मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बारिश का ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है. वेदर रिपोर्ट में शनिवार सुबह हल्का कोहरा और शाम को बारिश होने की बात कही गई है. लेकिन यह बारिश चौंका रही है. आमतौर पर गर्मियों में बढ़ते तापमान के बीच उमस बढ़ने पर बारिश के हालात बनते हैं, लेकिन सवाल है कि दिसम्बर के महीने में बारिश क्यों हो रही है.
सर्दी में मौसम में भी बारिश होती है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है. इसके पीछे भी एक वजह है. आइए जानते हैं सर्दी में बारिश के लिए कौन जिम्मेदार है, इस बारिश से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान.
सर्दी में बारिश की वजह क्या है?
सर्दी में बारिश की वजह है पश्चिम विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस. अब इसे आसान भाषा में समझ लेते हैं. दरअसल, भूमध्य सागरीय क्षेत्र में एक लो प्रेशर वाला तूफान उठता है. इसकी हवाएं उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ती हैं और वायुमंडल के साथ मिलकर ऐसी स्थिति बनाती हैं जो बारिश और बर्फबारी की वजह बनती हैं. कोहरा बढ़ता है. कोहरा और बर्फबारी तो होती है, लेकिन हर साल बारिश हो यह जरूरी नहीं है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (आईआईटीएम) पुणे के मौसम वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च की है. उनकी रिसर्च कहती है, पिछले कुछ सालों में देश पश्चिमी विक्षोभ का असर बढ़ा है. इसका असर जैसे-जैसे बढ़ेगा, बारिश होगी. कोहरा पड़ेगा. इसलिए ठंड भी बढ़ेगी.
क्या और सर्दी बढ़ेगी?
सर्दी की बारिश का असर तापमान पर सीधा पड़ता है. हिमालयी क्षेत्रों से आने वाली ठंडी हवा मैदानी इलाके में तापमान और गिराती हैं. इस तरह तापमान गिरने से ठंड बढ़ती है. आमतौर पर ठंड में मौसम में सूखापन होता है, लेकिन बारिश के बाद इसमें नमी की मात्रा बढ़ती है. इससे ठंड का अहसास और ज्यादा बढ़ता है. यही वजह है कि ऐसे मौसम में और भी ज्यादा अलर्ट रहने की सलाह दी जाती है.
बारिश से किसे फायदा, किसे नुकसान?
अब सवाल है कि सर्दी की बारिश से किसे फायदा होगा और किसे नुकसान? अब इसे समझ लेते हैं. बारिश से सीधा फायदा रबी की फसलों को होता है. रबी की फसल के लिए बारिश जरूरी मानी जाती है. इससे खेतों में नमी बनी रहती है. बारिश के कारण मिट्टी में पोषक तत्व घुल जाते हैं जो पौधों तक पहुंचते हैं, लेकिन एक लिमिट में होने वाली बारिश ही फायदा पहुंचाती है.
दिल्ली-एनसीआर समेत उन क्षेत्रों के लिए बारिश फायदेमंद है जहां प्रदूषण रहता है और हवा साफ नहीं है. बारिश हैवी पार्टिकल्स को नीचे लाती और हवा की क्वालिटी में सुधार होता है. मानसून के बाद धीरे-धीरे नदियों और तालाबों का जलस्तर कम हो जाता है. बारिश पानी के स्तर को बढ़ाने का काम काम करती है. इसके अलावा बारिश हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर के लिए पानी की कमी को भी पूरा करती है.
फायदों के साथ इसके अपने नुकसान भी हैं. खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ता है. ट्रांसपोर्टेशन की रफ्तार धीमी हो जाती है. कम्युनिकेशन में बाधाएं पहुंचती हैं.सर्दियों की बारिश से हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे कोहरा और अधिक घना हो सकता है, खासकर उत्तरी इलाकों में. मैदानी क्षेत्रों में जहां आर्द्रता का स्तर पहले से ही अधिक है, बारिश से कोहरा और भी बदतर हो सकता है, जिससे बिजिबिलिटी भी काफी कम हो सकती है. इसके विपरीत, उन क्षेत्रों में जहां पहले से ही कोहरा मौजूद है, बारिश इसे खत्म करने में मदद कर सकती है, जिससे नया कोहरा बनने से पहले हवा कुछ हद तक साफ हो जाएगी.
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