नेताओं की नींद उड़ाने वाला यह आईपीएस क्यों कर रहा है नौकरी?
उत्तर प्रदेश का कुशीनगर, बिहार से सटा हुआ जिला है. यहां के पुलिस कप्तान 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी संतोष मिश्रा हैं. संतोष मिश्रा ने हाल ही में यूपी-बिहार के सीमावर्ती इलाके में छापेमारी की, इस दौरान उन्होंने एक गिरोह पकड़ा जो नकली नोटों का कारोबार कर रहा था।
पुलिस की कार्रवाई में 5 लाख 62 हजार रुपये के जाली नोट, 1 लाख 10 हजार भारतीय रुपये, और तीन हजार नेपाली मुद्राएं भी मिली. यही नहीं, गिरोह के सदस्यों के पास से 4 सुतली बम, 10 देशी तमंचा, 30 जिंदा और 12 अन्य कारतूस भी बरामद किए गए. इसके अलावा, 13 मोबाइल, 26 सिम, 10 फर्जी आधार कार्ड, 10 एटीएम, 8 लैपटॉप और 2 लक्जरी गाड़ियां भी मिलीं. पुलिस ने इस कार्रवाई में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद एसपी संतोष मिश्रा ने मीडिया से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि अभी बहुत काम बाकी है. हमें यहां काम करने आए हैं और काम ही करेंगे।
संतोष कहते हैं कि जब हमने छापेमारी की, तो हमें यह बात बिलकुल पता नहीं थी कि ये लोग कौन हैं?. कार्रवाई के बाद पता चला कि कोई किसी दल या नेता से जुड़ा है. हमारी मंशा किसी को न बदनाम करने की है और न ही किसी के खिलाफ साजिश की। पुलिस अपना काम कर रही है और करेगी. राजनीतिक दलों के नेताओं के आरोप पर संतोष मिश्रा कहते हैं कि हमारा राजनीति से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है. नौकरी छोड़कर आईपीएस बना था, ताकि देश और समाज में कुछ अच्छा काम कर सकूं।
मेरे पिताजी मिलिट्री में अफसर थे, उनसे बहुत कुछ सीखा. वही मैं अपने जीवन में भी उतारता हूं. 2017 के बाद मैं कई जिलों में रहा, जहां भी रहा, ईमानदारी से काम किया. कुशीनगर में भी वही कर रहा हूं। संतोष मिश्रा से अगला सवाल था कि इतने अपराधियों की खबर रखना, उनकी धर पकड़ करना. इस नौकरी में डर नहीं लगता? संतोष मुस्कुराते हुए कहते हैं- आईपीएस की नौकरी में खतरा और चुनौती दोनों साथ साथ चलती है, इसलिए धीरे-धीरे इसे झेलने-समझने की आदत हो जाती है. जब आए थे तभी यह सोचकर आए थे कि जो भी होगा देखा जाएगा, वर्ना हम भी विदेश में 50 लाख सालाना की नौकरी कर रहे होते. आराम से जिंदगी चल रही होती, लेकिन देश और समाज के लिए कुछ न कर पाने का मलाल रह जाता।
इस नौकरी में लगता है कि हम समाज की भलाई के लिए काम कर रहे हैं और इसी के लिए नौकरी कर रहे हैं। बता दें कि पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया, उनमें से कुछ राजनीतिक दलों और नेताओं से जुड़े निकले, जिसके बाद पुलिस भी चौंक गई. इसमें समाजवादी पार्टी के नेता और समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद रफीक अहमद का भी नाम आया. इसके बाद उनकी तस्वीरें कई नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं. वहीं, इस मामले में गिरफ्तार औरंगजेब खान को लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ. औरंगजेब भी समाजवादी पार्टी का नेता निकला और उसने अपना उपनाम लादेन रखा है. 2023 में ही उसने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी जॉइन की थी।
वह कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का प्रदेश सचिव भी रह चुका है. इस घटना के बाद उसकी तस्वीरें कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक अजय कुमार लल्लू के साथ वायरल होने लगीं, जिसके बाद पुलिस ने अजय कुमार लल्लू को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है, हालांकि, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके सवाल उठाए थे।
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