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करवा चौथ पर मिट्टी की बजाय आटे के दीये का क्यों करना चाहिए इस्तेमाल? आप भी जानें वजह

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हिंदू कैलेंडर अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस साल 1 नवंबर  2023 को महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखेंगी। हर सुहागन स्त्री के लिए करवा चौथ का त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और पति के दीर्घायु की कामना करती हैं। इस दिन की तैयारी महिलाएं महीने भर पहले से ही शुरू कर देती हैं। व्रत में पहनने वाली साड़ी से लेकर पूजा की सामग्री तक। ज़ाहिर सी बात है इस व्रत में पूजा की सामग्री का बेहद अहम रोल होता है। करवा चौथ की थाली में करवा से लेकर चालन तक हर चीज़ की अपनी अहमियत है। करवा चौथ के पूजा की थाली में किसी भी चीज़ की कमी नहीं होनी चाहिए। आज हम आपको इस थाली के सबसे अहम सामग्री दीये के बारे में बताएँगे। दरअसल आजकल लोग पूजा की थाली में मिट्टी के दीये का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मिटटी की दीये की जगह आटे के दीये का इस्तेमाल करना चाहिए। आखिर आटे के दीये का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए चलिए हम आपको बताते हैं

पति की उम्र बढ़ती है

आटे के दीये से पूजा करना सबसे शुभ मन जाता है। शास्त्रों में आटे के दीये को शुद्ध और अन्न से पैदा होने की वजह से ज्यादा महत्व दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि है क‍ि इससे पति की उम्र बढ़ती है और उनके जीवन में आई हर बला दूर होती है।  इसलिए करवा चौथ की पूजा में आटे के दीये का ही प्रयोग करना चाहिए।

करवा माता होती हैं प्रसन्न

करवा चौथ में भी आटे का दीपक जलने से करवा माता और अन्नपूर्णा माता खुश होती हैं।  इसके अलावा आटे का दीपक संकट दूर करने वाला और प्रेम भावना बढ़ाने वाला होता है।


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