बिहार में चुनावी माहौल अपने चरम पर हैं। तेजस्वी यादव यात्रा पर हैं। नीतीश कुमार यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं। पप्पू यादव ने इस महीने के आखिर में यात्रा निकालने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर प्रदेश का हर बड़ा नेता यात्रा पर क्यों निकल रहा है। क्या बिहार में विधानसभा के चुनाव समय से पहले होंगे।
नीतीश कुमार एक्शन में
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार पूरी तरह सक्रिय हैं। आरजेडी के साथ न जाने को लेकर वह जेपी नड्डा के सामने ऐलान कर चुके हैं। लालू और तेजस्वी भी उनकी वापसी के दरवाजे बंद कर चुके हैं। जेडीयू प्रदेश कार्यकारिणी को चाक चौबंद करने के बाद नीतीश कुमार रविवार को अचानक जदयू पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। सोमवार को पार्टी ने पटना में बैठक की है। इससे पहले पार्टी ने हर विधानसभा के लिए प्रभारी बनाए थे। मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में अफसरों के तबादले किए थे।
चिराग और उपेंद्र कुशवाहा
चिराग पासवान अभी भले कोई बयान नहीं दे रहे हों, लेकिन बीते दिनों उन्होंने तमाम मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट कर दी थी, आरक्षण से लेकर जाति जनगणना के मुद्दे पर चिराग पासवान ने बीजेपी से अलग लाइन ली थी और पार्टी पदाधिकारियों से बात करके चुनावी तैयारियों को अमलीजामा पहनाया था।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा भी 25 सितंबर से यात्रा पर निकलेंगे। रविवार को उपेंद्र कुशवाहा ने इसका ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग में कोई बाधा नहीं आएगी। कुशवाहा ने राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने के बाद ही विधानसभा चुनाव पर बयानबाजी शुरू कर दी थी और कहा था कि लोकसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे में गलती हुई थी, जिससे एनडीए को नुकसान हुआ था।
आरजेडी का सड़कों पर महासंग्राम
राष्ट्रीय जनता दल ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने रविवार को पटना में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मार्च किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। वहीं पार्टी के नेता तेजस्वी यादव पूरे बिहार में घूम-घूमकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों से संवाद कर रहे हैं। कोटे में कोटा के मुद्दे पर भारत को समर्थन देकर तेजस्वी ने अपनी रणनीति साफ कर दी है। और अब आरजेडी ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है। इस बीच तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार सरकार उनकी सभाओं में सीआईडी और क्राइम ब्रांच के लोगों को भेजकर उनकी जासूसी करवा रही है।
बिहार की बड़ी पार्टियों की सक्रियता को देखें तो ऐसा लगता है कि हर पार्टी चुनावी तैयारी में जुटी है। आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं। इन सबके बीच बीजेपी खामोश बैठी है। हालांकि बैठकों का दौर बीजेपी में भी जारी है। देखना होगा कि बिहार की राजनीति क्या रुख लेती है।