रायपुर/पहलगाम। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने छत्तीसगढ़ के एक परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। इस हमले में रायपुर निवासी व्यापारी दिनेश मिरानिया की मौत हो गई। वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ वैष्णो देवी दर्शन के बाद कश्मीर घूमने आए थे।
हमले के समय दिनेश मिरानिया अपनी बेटी के साथ थे, जबकि उनकी पत्नी और बेटा पास में नहीं थे। घटना को याद करते हुए दिनेश की पत्नी फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने कहा, “वहां जाकर मैंने अपनी पूरी दुनिया उजाड़ ली।” साथ ही उन्होंने अपने दिवंगत पति को ‘शहीद’ का दर्जा देने की मांग भी की है।
आतंकियों के हमले के बीच टूटा परिवार
दिनेश की पत्नी ने बताया कि दोपहर दो बजे तक परिवार को पहलगाम से निकलना था, लेकिन बेटी कुछ एक्टिविटी करना चाहती थी, इसलिए वे रुक गए। हमले के समय वह वॉशरूम में थीं। उनका फोन और पर्स दिनेश के पास था, और बेटी भी उनके साथ थी, जबकि बेटा अलग हो गया था।
वॉशरूम से बाहर निकलते ही गोलियों की आवाज सुनाई दी। भगदड़ मच गई। उनके पास फोन नहीं था, इसलिए रास्ते में दूसरों से फोन मांगकर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन नेटवर्क न मिलने के कारण परिवार से संपर्क नहीं हो सका।
किसी तरह बेटे से बात हुई, जिसने कहा, “मैं अकेला हूं, पापा और दीदी ऊपर ही हैं।” इसके बाद बेटे के साथ मिलकर उन्होंने बेटी और पति को ढूंढना शुरू किया।
खून से सनी बेटी और पति की दर्दनाक खबर
कुछ देर बाद अस्पताल के पास उनकी बेटी मिल गई, जो खून से लथपथ हालत में थी और घायल थी। बेटी ने कांपती आवाज में बताया कि “पापा को गोली लगी है।”
शाम करीब 7-8 बजे दिनेश मिरानिया का शव अस्पताल में मिला। इस हृदयविदारक क्षण ने परिवार की दुनिया उजाड़ दी।
पत्नी की मांग: शहीद का दर्जा दिया जाए
दिनेश मिरानिया की पत्नी ने सरकार से मांग की है कि उनके पति को शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि जो हम फिल्मों और खबरों में देखते थे, एक दिन उसका हिस्सा हम खुद बन जाएंगे।”
पूरे रायपुर में शोक की लहर
दिनेश मिरानिया की मौत की खबर जैसे ही रायपुर पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिचित और व्यापारी वर्ग ने गहरा दुख जताया है।