राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह हर साल अक्टूबर के पहले हफ्ते में मनाया जाता है। यह अभियान 2 से 8 अक्टूबर के बीच पूरे भारत में चलता है। ऐसे में हम आपको वन्यजीव सप्ताह के तहत भारत की उस धरोहर के बारे में बताएंगे, जो ना केवल अनगिनत प्रजातियों को बचा रहा है बल्कि प्रकृति के अनमोल खजानों को भी संरक्षित किए हुए है।
हम बात कर रहे हैं जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का सबसे पुराना और पहला नेशनल पार्क है। इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पहले इस पार्क का नाम हेली नेशनल पार्क था, इसके बाद रामगंगा नेशनल पार्क रखा गया। हालांकि, फिर इसका नाम मशहूर शिकारी जिम कार्बेट के नाम पर कर दिया गया।
यह पार्क ‘प्रोजेक्ट टाइगर पहल’ के तहत आने वाला पहला पार्क है। जहां आपको बाघों का बसेरा तो दिखेगा ही, साथ ही यहां आपको दिखेंगे प्रकृति के सुंदर नजारे।
पहाड़, नदी, दलदल और घास का मैदान जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की खासियत है। 520.8 किमी (201.1 वर्ग मील) में फैले इस पार्क के भ्रमण के लिए हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में बंगाल टाइगर, भारतीय हाथी, तेंदुए, भालू, हिरण और पक्षियों की 600 से अधिक प्रजातियां निवास करती हैं।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी, जुलाई से सितंबर और मार्च से जून के बीच माना जाता है। सर्दियों के मौसम में या अक्टूबर से फरवरी की अवधि के दौरान यह पार्क कई पक्षियों का ठिकाना बनता है। इस समय यहां पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिल जाती है। यही नहीं, इस दौरान बंगाल टाइगर भी आसानी से देखने को मिल जाते हैं। ठंड में इस पार्क का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। लेकिन, दिन के समय मौसम काफी सुहाना हो जाता है। इस वजह से जानवर धूप में टहलने के लिए बाहर निकलते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने पार्क की सैर की और मशहूर होस्ट बेयर ग्रिल्स के साथ प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण के बारे में भी बात की थी।