दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए तीन बार समन जारी किया है लेकिन वह अब तक ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। अब कयास लगाए जा रहे हैं ईडी वारंट जारी कर के केजरीवाल को हिरासत में भी ले सकती है। AAP भी केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जता चुकी है। हालांकि, आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि केजरीवाल अगर जेल भी जाते हैं तो वहीं से सरकार चलाएंगे। जेल से ही कैबिनेट की मीटिंग होगी। लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि कोई सीएम जेल से सरकार चलाए? इस मामले में कानून क्या कहता है? क्या इससे पहले ऐसा कोई मामला सामने आया है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब हमारे इस एक्सप्लेनर के माध्यम से।
क्या मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करना आसान है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत देश के राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया जा सकता। उनके खिलाफ कोई आदेश भी जारी नहीं हो सकता। सिविल या क्रिमिनल दोनों ही मामलों में उन्हें छूट मिली होती है। हालांकि, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री आदि को केवल सिविल मामलों में ही ये छूट मिली हुई है। क्रिमिनल मामलों में संसद, विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य को गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, इसकी जानकारी अध्यक्ष या सभापति को देना जरूरी है।
क्या जेल जाने पर इस्तीफा जरूरी है?
किसी भी मुख्यमंत्री या मंत्री आदि को केवल जेल जाने से इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ती है। यहां पर बात आरोप और दोषसिद्धि की होती है। जब तक व्यक्ति केवल आरोपी है तो कानूनी रूप से उसे पद से नहीं हटाया जा सकता। उदाहरण के लिए बता दें कि देश में कई ऐसे नेता हैं जो जेल में रहते हुए भी चुनाव लड़े और जीते भी। हालांकि, अगर दोष साबित होने के बाद आरोपी को सजा हो जाती है तो उसे पद से हटाया जा सकता है। इसके अलावा 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी होती है।
क्या कह रही है AAP?
चाहे दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज हो या फिर आतिशी सभी का यही कहना है कि अगर सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा जाता है तो भी सीएम पद पर वही रहेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली की कैबिनेट जेल से भी चलेगी। AAP नेताओं का कहना है कि अधिकारी किसी भी काम के लिए जेल में ही जाएंगे, कैबिनेट मंत्री भी जेल में ही काम करवाने जाया करेंगे।
क्या जेल से सरकार चलाना संभव है?
ऐसा कोई कानूनी नियम नहीं है कि जेल जाते ही सीएम को उसके पद से इस्तीफा देना पड़े। हालांकि, जेल से सरकार चलाना लोकतांत्रिक रूप से सही नहीं है। इसके अलावा चाहे कोई सीएम ही क्यों न हो उसके लिए जेल के नियमों का पालन करना जरूरी है। इस कारण जेल में कैबिनेट की मीटिंग, अधिकारियों के आने आदि पर रोक भी लगाई जा सकते हैं। इसलिए जेल से सरकार चलाने की बात कहने के लिए सही है लेकिन प्रैक्टिकली संभव नहीं दिखाई देती।
क्या पहले भी आए हैं ऐसे मामले?
भारतीय राजनीति में इससे पहले भी कई ऐसे मामले आ चुके हैं जिसमें सीएम पद पर रहते हुए किसी नेता के जेल जाने की नौबत आई हो। जयललिता को साल 2001 और 2014 में जयललिता को कोर्ट से सजा मिली जिसके बाद उन्हें सीएम का पद त्यागना पड़ा। बिहार में लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनाया था। इसके अलावा उमा भारती को भी साल 2004 में एक गिरफ्तारी वारंट के कारण सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। यानी की सजा मिली हो या नहीं आम तौर पर जेल जाने की नौबत आने पर सीएम पद से इस्तीफा देने का रिवाज रहा है।