लोकसभा चुनाव 2024 अप्रैल-मई माह में हो सकते हैं। सभी सियासी पार्टियां चुनावी अभियान में जुटी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने की रेस में है। वहीं, पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्षी दलों ने एकजुट होकर I.N.D.I.A ब्लॉक बनाया, जो एक-एक कर बिखरते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र की बात करें, तो यहां 48 संसदीय क्षेत्र है। इन सीटों में मुंबई उत्तर मध्य (Mumbai North Central) भी एक हाई प्रोफाइल संसदीय क्षेत्र है। इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें विले पार्ले, कांदिवली, कुर्ला, बांद्रा ईस्ट, बांद्रा वेस्ट और कलिना हैं।
क्या रहे पिछले चुनाव के नतीजे?
वर्तमान में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट से बीजेपी नेता पूनम महाजन सांसद हैं। 2014 से पहले यह लोकसभा सीट कांग्रेस के पाले में थी। कांग्रेस के टिकट पर अभिनेता सुनील दत्ता की बेटी प्रिया दत्त यहां से सांसद थीं, लेकिन 2014 में मोदी लहर में बीजेपी की पूनम महाजन के हाथों उन्हें मात खानी पड़ी। 20214 और 2019 के चुनाव में पूनम महाजन ने यहां से बड़ी जीत हासिल की। 2014 के लोकसभा चुनाव में पूनम महाजन को 4,78,535 वोट मिले, तो वहीं कांग्रेस की प्रिया दत्त 2,91,764 वोटों पर सिमट कर रह गई थीं। पूनम महाजन ने 2014 में करीब एक लाख 87 हजार वोटों के अंतर से प्रिया दत्त को हराया था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में पूनम महाजन ने प्रिया दत्त को एक लाख 30 हजार वोटों के अंतर से शिकस्त दी।
इस सीट पर जातियों के समीकरण
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट पर मुस्लिम और मराठी वोटर्स का दबदबा है। इस सीट पर 4 लाख से अधिक मुस्लिम्स तो वहीं इतने ही मराठी वोटर्स भी हैं। वहीं, क्रिश्चन 41 हजार, बनिया 35 हजार, यादव 35 हजार, गुजराती 25 हजार, ब्राह्मण 50 हजार और ठाकुर 50 हजार हैं।
यहां की विधानसभा सीटों का हाल
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल संसदीय क्षेत्र के अंतगर्त आने वाली 6 विधानसभा सीटों की बात की जाए तो यहां 2019 के विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की जीत हुई थी। तीन सीटों पर शिवसेना जबकि दो सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। वहीं, ब्रांद्रा ईस्ट से कांग्रेस के जीशान सिद्दीकी ने जीत हासिल की थी। हालांकि, अब जीशान सिद्दीकी के पिता बाबा सिद्दीकी कांग्रेस से अजित पवार गुट के एनसीपी (NCP) में शामिल हो गए हैं। ऐसे में इसका फायदा एनडीए (NDA) को आने वाले लोकसभा चुनाव में मिल सकता है।