भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसकी जांच दिल्ली पुलिस के जिम्मे है। दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र के अनुसार, एक शिकायतकर्ता ने छह स्थानों का उल्लेख किया था, जहां उसे लगा कि बृजभूषण शरण सिंह ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी। आरोपपत्र में कहा गया है कि अब तक की जांच केआधार पर, बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के “अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और उन्हें दंडित किया जा सकता है।”
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कुल 21 गवाहों ने अपना बयान दिया है। इनमें से छह ने सीआरपीसी 164 के तहत अपना बयान दिया है। बृज भूषण शरण सिंह को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन भेजा है और उसे 18 जुलाई को तलब किया है।
गवाहों की सूची में से दो ने पीड़िता के बयान की पुष्टि भी की
आरोप पत्र में कहा गया है कि मामले के गवाहों ने उल्लेख किया है कि उन्होंने तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के शारीरिक गलत हावभाव को भी देखा था।
पिछले हफ्ते दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने 15 जून को बृज भूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। यह मामला महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद सिंह और तोमर को समन जारी किया। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा, आरोपपत्र आईपीसी की धारा 354, 354डी, 345ए और 506 (1) के तहत दायर किया गया है। पहलवानों के मामले में पहलवानों की शिकायतों के आधार पर सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गईं।
नाबालिग ने बदल दिया था अपना बयान
एक पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया और एक नाबालिग पहलवान के मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की गई है. दूसरी एफआईआर कई पहलवानों की शिकायत पर दर्ज की गई थी। पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने POCSO मामले पर सबूतों की कमी का हवाला देते हुए कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की। दिल्ली पुलिस ने 15 जून को पूर्व WF प्रमुख के खिलाफ POCSO मामले को रद्द करने की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट दायर की। बीजेपी सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग द्वारा अपना बयान बदलने के बाद यह बात सामने आई है।