हरियाणा के सियासी संकट गहराता जा रहा है, क्योंकि एक बड़ी खबर सामने आई है कि प्रदेश के पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को एक लेटर लिखा है। इसमें दुष्यंत चौटाला ने लिखा है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर नायब सैनी सरकार का फ्लोर टेस्ट कराया जाए। हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते हैं और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल द्वारा सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं।
ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा छिड़ गई कि क्या जजपा-कांग्रेस एक होने जा रहे हैं? क्या कांग्रेस जजपा के समर्थन से प्रदेश में सरकार बनाएगी? क्या भाजपा की सरकार गिर जाएगी? एक चर्चा यह भी है कि अगर ऐसा हुआ तो हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है। बता दें कि राज्यपाल को लेटर लिखने के लिए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा ने दुष्यंत चौटाला को बोला था।
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दुष्यंत चौटाला ने बताए मौजूदा समीकरण
दुष्यंत चौटाला ने लेटर में लिखा कि 3 निर्दलीय विधायकों के नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने और 2 विधायकों के पद से इस्तीफा देने के बाद सदन में विधायकों की संख्या 88 रह गई है। नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है। अब भाजपा के पास 40 विधायक हैं।
कांग्रेस के पास 30, जजपा के पास 6, हलोपा और इनेलो के पास 1-1 विधायक हैं। चूंकि हरियाणा की मौजूदा सरकार के पास विश्वास मत नहीं रहा है, इसलिए विधानसभा का सत्र बुलाकर सरकार फ्लोर टेस्ट कराया जाए और किसी दूसरे दल को सरकार बनाने का मौका दिया जाए।
बता दें कि हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं और भाजपा को सरकार बनाने के लिए 45 सीटों का बहुमत चाहिए।
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