जिसका कई राज्यों में आतंक, उसे गले लगायेंगे नरेंद्र मोदी के मंत्री, टिकट देने का भी वादा, कुख्यातों के सहारे NDA की सरकार?

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल मंत्री चार दिन बाद एक ऐसे ‘जननेता’ को गले लगाने जा रहे हैं जो दशकों तक बिहार ही नहीं बल्कि झारखंड से लेकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में आतंक का पर्याय बना रहा. मंत्री जी ऐसे बड़े नेता को शामिल कराने के लिए उनके घर जा रहे हैं. वहां, संकल्प सभा होगी और उस सभा में बड़े नेता को एनडीए में शामिल करा लिया जायेगा. खास बात ये भी है कि इसी व्यक्ति ने जेडीयू में शामिल होने का बहुत जुगाड़ किया था, लेकिन नीतीश कुमार ने साफ इंकार कर दिया था.

चिराग पासवान ने कहा-वेल्कम रईस खान

बात एलजेपी(रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की हो रही है. चिराग पासवान 15 जनवरी को सिवान जा रहे हैं. सिवान में बड़ा कार्यक्रम होगा और चिराग पासवान कई राज्यों में आतंक के पर्याय रह चुके रईस खान को गले लगायेंगे. 15 जनवरी को ही रईस खान को बकायदा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का सदस्य बनाया जायेगा.

रईस खान को चुनाव में टिकट मिलेगा

वैसे, चिराग पासवान या उनकी पार्टी ने रईस खान को अपनाने की तैयारी कर ली है लेकिन आधिकारिक तौर पर ये नहीं कहा है कि इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे टिकट दिया जायेगा. लेकिन रईस खान ने खुद मीडिया के सामने ये ऐलान कर दिया है कि वे विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं और इसी कारण लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए रईस खान ने कहा कि वह रघुनाथपुर या दरौंदा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वैसे पार्टी अगर किसी दूसरे क्षेत्र से भी टिकट देगी तो चुनाव लड़ लेंगे. रईस खान ने कहा कि लोजपा रामविलास में शामिल होने के बाद तो पार्टी के सिंबल से चुनाव लड़ना श्योर है.

जेडीयू ने शामिल कराने से कर दिया था इंकार

वैसे रईस खान काफी दिनों से जेडीयू में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा से लेकर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा तक से मुलाकात की थी. लेकिन जेडीयू ने उन्हें पार्टी में शामिल करने से इंकार कर दिया. लिहाजा अब चिराग का सहारा मिला है. रईस खान ने मीडिया के सामने कहा- हमलोग जेडीयू में ही जा रहे थे लेकिन जॉइनिंग को लेकर तारीख पर तारीख दी जा रही थी. बड़ी कंफ्यूजन की स्थिति थी. इसलिए हमलोगों ने एलजेपी रामविलास को चुना है. चिराग पासवान अच्छे नेता हैं और उनमें बिहार का नेतृत्व करने की काबिलियत है. इसलिए हमलोग एलजेपी में जा रहे हैं.

कौन है रईस खान?

अब ये भी जान लीजिये की रईस खान नाम के जिस “नेता” को अपनी पार्टी में शामिल कराने के लिए चिराग पासवान खुद सिवान जा रहे हैं, उनका परिचय क्या है. रईस खान बिहार के कई जिलों के साथ साथ दूसरे राज्यों में भी आतंक का पर्याय माने जाने वाले खान ब्रदर्स गैंग के दो भाईयों में से एक हैं. खान ब्रदर्स में रईस खान के साथ साथ उनके बड़े भाई अयूब खान शामिल हैं. इस गैंग पर हत्या, लूट, गोलीबारी, रंगदारी जैसे कई दर्जन मामले दर्ज हैं.

रईस खान बिहार के इनामी मुजरिम रह चुके हैं. पुलिस ने रईस खान पर दो दफे इऩाम घोषित किया था. रईस खान का नाम सालों तक बिहार के टॉप टेन वांटेड की सूची में शामिल रहा. तीन साल पहले भी रईस खान पर एक पुलिस सिपाही की हत्या का आरोप लगा था. उसी समय एक प्रापर्टी डीलर की हत्या कराने का भी आरोप रईस खान पर लगा था. 2022 में खान गैंग पर सिवान में तीन युवकों को अगवा कर हत्या करने और फिर उनके शव के टुकड़े-टुकड़े कर सरयू नदी में फेंक देने का आरोप लगा था.

शहाबुद्दीन से अदावत

सिवान के खान गैंग की बहुत पहले से ही सिवान के डॉन शहाबुद्दीन से अदावत रही है. सिवान में जब तक शहाबुद्दीन अपने रूतबे में थे तब तक खान ब्रदर्स उस इलाके से दूर ही रहते थे. लेकिन शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजे जाने और फिर कोविड के दौरान उनकी मौते होने के बाद रईस खान ने सिवान में डेरा डाल लिया. खान ब्रदर्स का इरादा शहाबुद्दीन की विरासत पर कब्जा करने का रहा है.

MLC चुनाव के दौरान हुआ था हमला

रईस खान ने 2022 में स्थानीय निकाय कोटे से हुए विधान परिषद के चुनाव में सिवान से चुनाव लड़ा था. इसी दौरान रईस खान के काफिले पर एके-47 से हमला हुआ था. एमएलसी चुनाव के वोटिंग के दिन उनके काफिले पर रात के करीब 10 बजे एके 47 से गोलीबारी की गयी थी. हालांकि इसमें रईस खान बच गए थे. गोलीबारी में एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गयी थी. रईस खान ने अपने काफिले पर हुए हमले में  शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब सहित कुल 8 लोगों को आरोपी बनाया था.