जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 29 जून को दिल्ली में होने जा रही है. बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों और सभी मंत्रियों, सांसदों को निमंत्रण दिया गया है. लोकसभा चुनाव में जदयू के प्रदर्शन, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र हरियाणा जैसे राज्यों में चुनाव पर चर्चा होने वाली है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर नीतीश चौंकाने वाले फैसले ले सकते हैं. पिछली बार दिसंबर में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने ललन सिंह से राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान अपने पास ली थी।
“संगठन को मजबूत करने के साथ ही पार्टी के विस्तार सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी. लोकसभा चुनाव के बाद देश में जो परिस्थितियों बनी है उसे पर चर्चा की जाएगी, विधानसभा चुनाव यदि हो जाता है तो वह पार्टी हित में है, ऐसे में उस पर भी चर्चा होगी. पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण मुद्दा है.”- वशिष्ठ नारायण सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, जदयू
ले सकते हैं चौंकाने वाले फैसलेः जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद एक महीने में ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में शामिल होने का फैसला लिया था. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने बिहार में 40 में से 30 लोकसभा सीट जीतकर केंद्र में सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. 2019 के मुकाबले इस बार नौ सीटों का नुकसान जरूर हुआ है, उसके बावजूद उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बंगाल में जिस प्रकार से बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ा है बिहार ने बड़ी रहात दी है. ऐसे में नीतीश कुमार का महत्व बढ़ गया है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चाः
- लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू के प्रदर्शन पर चर्चा, चार लोकसभा सीटों के नुकसान पर भी मंथन.
- बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी बड़ा फैसला लेने की संभावना.
- झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा में होने वाले चुनाव में पार्टी की क्या रणनीति होगी इस पर फैसला.
- पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष को लेकर नीतीश कुमार चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं.
- केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज को लेकर भी प्रस्ताव पास हो सकता है.
कौन-कौन हैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी मेंः जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान के अनुसार जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 100 सदस्य हैं. नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष है तो वशिष्ठ नारायण सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, केसी त्यागी विशेष सलाहकार सह मुख्य प्रवक्ता हैं. वही आलोक सुमन कोषाध्यक्ष हैं. 100 सदस्यीय टीम में 32 कार्यकारिणी सदस्य, 22 महासचिव, सात सचिव हैं. 22 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश संयोजक को कार्यकारिणी में जगह दी गई है. बिहार सरकार के अधिकांश मंत्रियों को भी सदस्य बनाया गया है. सभी सांसद भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं. बैठक में कुछ आमंत्रित सदस्य भी होते हैं. राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद का कहना है कि सभी सदस्यों को निमंत्रण भेज दिया गया है, तैयारी हो गई है।
“हर 6 महीने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होती है तो उसी के तहत यह बैठक हो रही है. बैठक में विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा होगी. विधानसभा चुनाव में एक सवा साल भी समय बचा है, ऐसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही फैसला लेंगे.” – संजय गांधी, जदयू, एमएलसी
उत्तराधिकारी पर नजरः दिल्ली में होने वाली बैठक में इस पर भी नजर रहेगी कि नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति में एंट्री कराते हैं या नहीं. पिछले दिनों जदयू मगध के प्रभारी और खाद्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष विद्यानंद विकल सहित पार्टी के कई नेता ने निशांत कुमार को लेकर बयान दिया था और पार्टी में युवा नेतृत्व की कमान सौपने की मांग की थी. ऐसे तो नीतीश कुमार के नजदीकी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस तरह की बात को बेबुनियाद बताया था. नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चा होती रही है. क्योंकि नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर भी कई तरह की बातें होती रही हैं. नीतीश कुमार ने अब तक परिवार के सदस्यों को राजनीति से दूर रखा है।