सिडनी टेस्ट की हार के साथ ही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर पिछले 7 साल से चला आ रहा टीम इंडिया का वर्चस्व भी खत्म हो गया. ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से सीरीज के साथ ही ट्रॉफी जीत ली और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी जगह बनाई. इस हार ने पूरी टीम इंडिया को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है, जिसमें सबसे ज्यादा नजरें कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली पर टिक गई हैं. दोनों का प्रदर्शन पूरी सीरीज में खराब रहा और अब हर कोई यही जानना चाहता है कि क्या दोनों का सफर टेस्ट टीम में खत्म हो गया है? कोच गौतम गंभीर ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया लेकिन इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि आने वाले वक्त में टीम इनके बिना भी चल सकती है.
रविवार 5 जनवरी को सिडनी टेस्ट का तीसरा ही दिन था और ये मैच दिन खत्म होने से पहले ही निपट गया. इसके साथ ही 22 नवंबर से शुरू ही 5 टेस्ट मैच की सीरीज का भी अंत हो गया, जो 10 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में गया. टीम इंडिया के लिए इस सीरीज में ज्यादातर खिलाड़ी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाला प्रदर्शन कप्तान रोहित और विराट का था. रोहित ने 5 पारियों में सिर्फ 31 रन बनाए, जबकि विराट 9 पारियों में सिर्फ 190 रन बना सके.
‘किसी के भविष्य पर नहीं बोल सकता’
इस प्रदर्शन के बाद से ही दोनों को टेस्ट टीम से हमेशा के लिए बाहर करने की मांग हो रही है. रोहित ने तो सिडनी टेस्ट से खुद को ही ड्रॉप कर लिया था लेकिन विराट खेलते रहे और नाकाम ही रहे. ऐसे में सिडनी टेस्ट खत्म होने के बाद जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोच गंभीर से दिग्गजों के भविष्य को लेकर पूछा गया तो गंभीर ने किसी भी तरह का ऐलान नहीं किया लेकिन ये जरूर कहा कि खिलाड़ियों के अंदर अभी भी भूख है. भारतीय हेड कोच ने कहा, “मैं किसी खिलाड़ी के भविष्य के बारे में कुछ नहीं बोल सकता. ये उन पर निर्भर करता है. मैं बस इतना कह सकता हूं कि अभी भी लोगों में भूख है, अभी भी जुनून है और ये टफ लोग हैं”
गंभीर ने कर दिया इशारा
लेकिन गंभीर ने ये भी साफ कर दिया कि टीम के हितों को ध्यान रखना जरूरी है. उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि वो टीम इंडिया को आगे बढ़ाते रहेंगे लेकिन अंत में जो भी वो प्लान करेंगे यही उम्मीद है कि वो टीम इंडिया के हित में हो.” यानि गंभीर ने सीधे-सीधे गेंद दोनों सुपरस्टार खिलाड़ियों के पाले में डाल दी कि टीम के हित में उन्हें फैसला लेना चाहिए. इसमें ये संकेत भी है कि अगर खिलाड़ी सम्मानजनक विदाई चाहते हैं तो उन्हें खुद बाहर होने का फैसला कर लेना चाहिए, नहीं तो उन्हें ड्रॉप भी किया जा सकता है. टीम इंडिया को अब सीधे जून में इंग्लैंड का दौरा करना है, जहां 5 टेस्ट मैच खेले जाएंगे.