बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पिछले 17 सालों से नीतीश कुमार काबिज है। ऐसे में पिछले 17 सालों से सीएम पद की जिम्मेदारी भी नीतीश कुमार के कंधों पर ही है। सीएम साहब की तरफ से कोई कानून तोड़ा जाता है तो कार्रवाई होगी या नहीं होगी यह सवाल अपने आप में उत्पन्न हो जाता है? अब एक ताजा मामला कम के कानून तोड़ने से जुड़ा हुआ आज राजधानी पटना से निकलकर सामने आया है।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार सुबह अचानक जेडीयू दफ्तर पहुंच गए।जहां निरीक्षण के बाद सीएम नीतीश कुमार का काफिला जदयू ऑफिस से बाहर निकाला और जाम में फंस गया। बात कम के काफिले में चल रहे सुरक्षाकर्मी को काफी कठिनाई उठानी पड़ी और सीएम नीतीश कुमार की कर को रॉन्ग साइड वाले रोड पर उतारा गया और जाम से बाहर निकल गया। बात कभी यह सवाल उठ रहा है कि सीएम नीतीश कुमार की कर जब रॉन्ग साइड से निकल गई तो क्या इनका चालान काटा जाएगा। या फिर यूं ही छोड़ दिया जाएगा। के मामला कम से जुड़ा हुआ है तो चालान काटने की पहले करें तो कौन करें?
बताया जा रहा है कि, जेडीयू दफ्तर से निकलने के दौरान सीएम नीतीश का काफिला जाम में फंस गया। सड़क पर वाहनों की लंबी कतार होने के चलते मुख्यमंत्री की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही थी। तभी काफिले में साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाला। उन्होंने सीएम की गाड़ी को रॉन्ग साइड होकर जाम से बाहर निकाला।
आपको बताते चलें कि, मुख्यमंत्री का काफिला निकालने के लिए कई बार ट्रैफिक को रोका भी जाता है। इसी साल सितंबर महीने में सीएम नीतीश के काफिले को निकालने के लिए पटना पुलिस ने बहुत देर तक ट्रैफिक रोका था। उस दौरान एक एंबुलेंस जाम में फंस गई थी। उसमें एक मासूम बच्चे को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था। यह मामला सामने आने के बाद पुलिस की फजीहत हुई थी।