आगरा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने खुले आसमान के नीचे और सड़क के किनारे बच्चे को जन्म दिया। महिला को अस्पताल में भर्ती करने से इंकार करने का आरोप सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों पर लगा है। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, और लोग स्वास्थ्य विभाग से सवाल पूछ रहे हैं कि ऐसी स्थिति में क्यों कोई मदद नहीं की गई।
भर्ती करने से किया इनकार
यह घटना फतेहपुर सीकरी के एक हाईवे के पास हुई। ताजुद्दीन नामक व्यक्ति अपनी पत्नी रुखसाना को प्रसव पीड़ा के बाद सुबह साढ़े चार बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया। लेकिन डॉक्टर ने उन्हें भर्ती करने से यह कहकर मना कर दिया कि रुखसाना का हीमोग्लोबिन बहुत कम है और उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सकता। डॉक्टर ने कहा कि महिला को आगरा या भरतपुर ले जाना चाहिए।
सड़क पर दिया बच्चे को जन्म
परिवार और ताजुद्दीन ने डॉक्टर की सलाह पर भी अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाने के बाद, रुखसाना को बाइक पर लेकर एएनएम मंजूरानी के पास जाने का फैसला किया। लेकिन रास्ते में ही रुखसाना को दर्द बढ़ गया और बाइक को हाईवे किनारे रोकना पड़ा। वहां रुखसाना को सड़क पर ही लेटाकर उसने बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद ताजुद्दीन और रुखसाना को आयुष्मान आरोग्य मंदिर सीकरी चारहिस्सा में भर्ती कराया गया। दोनों की हालत अब स्थिर है और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
क्या बोले चिकित्सा अधिकारी पीयूष अग्रवाल
इस मामले पर चिकित्सा अधिकारी पीयूष अग्रवाल ने कहा कि रुखसाना का हीमोग्लोबिन बहुत कम था (लगभग 5%) और उसका चेहरा सूजा हुआ था। इसी वजह से उसे आगरा ले जाने की सलाह दी गई थी। यह घटना स्वास्थ्य सेवा के प्रति गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर ग्रामीण इलाकों में अस्पतालों की व्यवस्था और अस्पतालों द्वारा समय पर मदद न करने पर।