महिला सांसद पर बुटीक में चोरी करने का लगा आरोप, इस्तीफा देते हुए बताई चोरी की वजह

GridArt 20240116 182359291

न्यूजीलैंड की एक सांसद गोलरिज घहरमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसलिए कि उनपर बुटीक में चोरी करने का आरोप लगा. अब आप सोच रहे होंगे कि इस खबर में ऐसा क्या है, जो इंडिया वालों को बता रहे हो? हम आपको ये खबर इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि इसमें जिस तरह की चोरी का आरोप सांसद पर लगा है, उसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते. न करोड़ों की, न लाखों की. लेकिन, आरोप तो आरोप हैं, जब लगे तो सांसद ने तुरंत इस्तीफा दे दिया. कहा कि एक नेता के तौर पर वो लोगों की उम्मीदों के मुताबिक काम नहीं कर पाईं, इसलिए अपने पद से इस्तीफा दे रही हैं. इस सब के बीच सवाल उठता है कि सांसद पर क्या चुराने का आरोप लगा? और क्यों? पूरा मामला आखिर है क्या?

सांसद पर क्या चुराने का आरोप लगा? 

न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक गोलरिज घहरमन पर कपड़े के बुटीक में चोरी करने का आरोप है. आरोप है कि उन्होंने ऑकलैंड लक्जरी क्लोथिंग स्टोर और वेलिंगटन हाई-एंड क्लोथ्स से कपड़े चुरा लिए. ये चोरियां दिसंबर 2023 के अंत में हुईं. पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है.

गोलरिज घहरमन का क्या कहना है?

गोलरिज घहरमन ने अपने ऊपर लगे चोरी के आरोपों पर जवाब भी दिया है. उनका कहना है कि अगर उन्होंने ऐसी हरकतें की हैं, तो उन्हें नहीं पता ये सब कैसे हो गया.

गोलरिज घहरमन ने आगे कहा कि उन्होंने बहुत लोगों को निराश किया है. और उन्हें इस बात का बहुत दुख है. ये किसी भी तरह से ठीक बात नहीं है. घहरमन के मुताबिक अब वो इस बारे में मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह ले रही हैं. एक्सपर्ट से मिलने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि वो ठीक नहीं हैं, कुछ गड़बड़ है. गोलरिज घहरमन के मुताबिक अब पहले वो अपनी मेंटल हेल्थ सही करेंगी और इसलिए ही पद से इस्तीफा दे रही हैं.

गोलरिज घहरमन पहली शरणार्थी सांसद

गोलरिज घहरमन जब न्यूजीलैंड में सांसद बनी थीं, तो दुनियाभर में उनकी तारीफ हुई थी. इसकी वजह उनका एक शरणार्थी होना था. वो न्यूजीलैंड की संसद के लिए चुने जाने वाली पहली शरणार्थी सांसद हैं. घहरमन न्यूजीलैंड की ग्रीन पार्टी से संसद पहुंची थीं. वो अपनी पार्टी की कानून से जुड़े मामलों की प्रवक्ता भी हैं.

ईरान में जन्मी 42 वर्षीय घहरमन बचपन में अपने परिवार के साथ न्यूजीलैंड चली आई थीं. तब उन्हें शरणार्थी के रूप में राजनीतिक शरण दी गई थी. कानून की पढ़ाई करने के बाद, वो संयुक्त राष्ट्र में ह्यूमन राइट्स की वकील बन गईं. 2017 में सांसद बनने से पहले उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक ट्रिब्यूनल्स (न्यायाधिकरण) में भी काम किया था.

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.