शिवराज सरकार में एक महिला अनुकंपा नियुक्ति के लिए पांच साल से अपने दिव्यांग पति को पीठ पर लादे दर-दर चक्कर लगा रही है लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। छतरपुर जिला पंचायत में जनसुनवाई के दौरान एक महिला रोती हुए अपने दिव्यांग पति को गोद में उठाकर पहुंची और पति के लिए अनुकंपा नियक्ति मांगने लगी।
जिले के लवकुशनगर क्षेत्र के परसनिया गांव में रहने बाली महिला प्रियंका गोंड का कहना है कि 2019 से अनुकंपा नियुक्ति के लिए मैं अपने पति अंशुल गोंड को लेकर दर-दर की ठोकर खा रही हूं लेकिन मेरी कोई नहीं सुनता। आज की जनसुनवाई में प्रियंका गोंड ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं ज्योति मौर्य जैसी नहीं हूं जो बुरे समय में अपने पति को छोड़ दूं। मेरी शादी 2017 में हुई थी और शादी के एक साल बाद ही सड़क हादसे में पति पैरों से विकलांग हो गए थे तभी से मैं उन्हें गोद में लेकर आती जाती हूं। मेरी ऐसी परिस्थिति को देखकर किसी अधिकारी का दिल नही पसीजता जिसकी वजह से आजतक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है।
उधर अंशुल ने बताया कि मेरी मां कमलेश गोंड गौरिहार विकासखंड के ग्राम कितपुरा के शासकीय हाईस्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत थी। उनकी 2015 में एक सड़क हादसे में अचानक मौत हो गई थी उसी की अनुकंपा नियुक्ति की मैं लगातार मांग कर रहा हूं जो अभी तक पूरी नहीं हो पा रही है। वहीं, कलेक्टर का कहना है कि नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी और जो शासन द्वारा नियम निर्धारित किए गए हैं उसी के अनुसार नियुक्ति की जाती है।