एक पोस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तहलका मचाया हुआ है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जेल में बंद महिला कैदियों के साथ गलत काम हो रहे हैं। उन्हें जबरन शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा जाता है। महिला ने एक चिट्ठी पीएम मोदी के नाम लिखी है। इसमें महिला कैदियों की दुर्दशा के बारे में लिखा है। कैसे जेल में बंद महिला कैदियों के साथ गलत काम हो रहा। आइए जानते हैं इस वायरल पोस्ट की सच्चाई।
कैसे महिला कैदियों के साथ हो रहा गलत काम
सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल हो रहा है उसमें दावा किया जा रहा है कि जेल में बंद महिला कैदी ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। उसमें उसने आपबीती बताई है और लिखा है कि कैसे महिलाओं का जेल में शारीरिक शोषण किया जाता है। उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। अगर कोई मना करे तो सजा के तौर पर खाना-पीना बंद कर दिया जाता है।
अखबार की कटिंग ने काटा बवाल
दरअसल ये एक अखबार की कटिंग थी जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। पूजा सिंघल नाम की एक महिला ने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है- धिक्कार है ऐसे पीएम पर, जो इन महिलाओं की सुरक्षा अभी तक नहीं कर रहा है!’ साथ में अखबार की कटिंग भी लगाई है। ये पोस्ट इतना वायरल हो गया है कि अलग-अलग यूजर्स ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसे शेयर कर दिया है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस पोस्ट के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक के बाद एक कई लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया है। डॉ. विलास खरात से लेकर रोशनी यादव और विवेक कुशवाहा तक ने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर किया है। उनके इस पोस्ट पर लोगों ने कमेंट किए हैं। एक ने लिखा- धिक्कार है ऐसे कानून और संविधान पर जिसमे किसी को भी न्याय और सुरक्षा नहीं मिलती है . जय बीम, जय सरिया , जय मिटटी , जय बालू।
दूसरे ने लिखा- धिक्कार है ऐसे लोगों पर जो 6 साल पहले की खबर को आज का बता कर बस एक पेपर कटिंग शेयर कर रहा है। खैर, उसमें भी लिखा है कि पीएम ऑफिस ने जवाब मांगा है। ये तब की खबर है। राज्य सरकार, डीएम सब एक्टिव हुए थे। जांच और कार्रवाई हुई थी। तीसरे ने लिखा- कोई कुछ नहीं कर सकता मैडम , ये राम राज्य है ,,पिटती रहो ये नेता मौज करेंगे,,!! इसी तरह के कई और भी कमेंट आए हैं।
क्या है दावे का सच
जब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दावे का सच पता लगाने की कोशिश की गई तो पता चला कि ये खबर है तो सच्ची लेकिन मामला ताजा नहीं बल्कि पुराना है। जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बिहार सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी।