बिहार में शिक्षक स्थानांतरण नीति पर काम चल रहा है, BPSC शिक्षकों को योग्यता परीक्षा पास करने पर देगा नियुक्ति
बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लाखों शिक्षकों के तबादले का इंतजार खत्म हो गया है। नीतीश सरकार ने सोमवार को शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति की घोषणा कर दी है।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित और दक्षता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों का इस साल तबादला किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय निकायों से पूर्व में नियुक्त शिक्षकों का तबादला नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जल्द ही शिक्षकों से तबादले के लिए आवेदन लिया जाएगा। दिसंबर 2024 तक शिक्षकों की नए स्कूलों में पदस्थापना कर दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने सोमवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि इस नीति के दायरे में वही नियोजित शिक्षक आएंगे, जिन्होंने दक्षता परीक्षा पास की है। साथ ही, यह नीति BPSC से चयनित और पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों पर भी लागू होगी।
शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति की मुख्य बातें-
– पुरुष शिक्षकों को उनके अनुमंडल क्षेत्र के विद्यालयों में पोस्टिंग नहीं मिलेगी। – प्रथम चरण में सभी योग्य शिक्षकों का स्थानांतरण व पोस्टिंग मुख्यालय स्तर से किया जाएगा। – बीपीएससी टीआरई-1 व 2 तथा दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों ने यदि स्थानांतरण-पोस्टिंग का विकल्प नहीं दिया है, तो उनके स्थानांतरण पर विचार नहीं किया जाएगा। वे पहले की तरह अपने स्कूल में ही रहेंगे- शिक्षकों के तबादले के दौरान राज्य स्तरीय वरीयता के आधार पर अवसर दिये जायेंगे- अगर कोई शिक्षक या उनके परिवार का कोई सदस्य कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उन्हें पसंदीदा जिले, अनुमंडल व पंचायत या निकाय में पोस्टिंग दी जा सकेगी- विधवा, तलाकशुदा व अन्य महिला शिक्षकों को भी पसंदीदा विकल्प में पोस्टिंग के लिए वरीयता दी जायेगी- अगर किसी शिक्षिका का पति भी सरकारी कर्मचारी है तो महिला शिक्षिका को अपने पति के पदस्थापन स्थान के आधार पर तबादले का विकल्प मिलेगा- हर पांच साल में एक बार तबादला अनिवार्य होगा- शिक्षक तबादले व पोस्टिंग के लिए अधिकतम 10 विकल्प दे सकेंगे- सॉफ्टवेयर आधारित एप्लीकेशन के जरिए शिक्षकों का तबादला होगा, स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात, आधारभूत संरचना व उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर पोस्टिंग दी जायेगी