World Cup Final: 2011 के फाइनल में दो बार क्यों हुआ था टॉस? ये थी खास वजह

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भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी विश्व कप के फाइनल मुकाबले को लेकर देशभर में जबरदस्त क्रेज देखा जा रहा है। आज के दिन यह फैसला हो जाएगा कि कौन सी टीम विश्व चैंपियन बनेगी। इस मुकाबले में टॉस काफी अहम भूमिका अदा करने वाला है। मौसम विभाग की मानें तो दूसरी पारी में मैदान पर ओस गिरने वाला है, इससे बल्लेबाजी करने में काफी दिक्कत होगी। क्या आपको पता है कि साल 2011 का फाइनल मुकाबला जो कि भारत बनाम श्रीलंका के बीच खेला गया था, इस मुकाबले में दो बार टॉस हुआ था, चलिए बताते हैं क्या थी खास वजह।

भारत ने जीता था विश्व कप फाइनल

आईसीसी विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था। भारत ने इस मुकाबले को अपने नाम कर लिया था। भारत ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका के टारगेट को चेज कर लिया और मुकाबला अपने नाम कर लिया था। लेकिन आपको बता दें कि इस मुकाबले में दो बार टॉस हुआ था। यह पहला फाइनल मुकाबला था, जिसमें दो बार टॉस हुआ था। चलिए आपको बताते हैं इस मुकाबले में दो बार टॉस करने की जरूरत क्यों पड़ी थी।

दो बार क्यों हुआ था टॉस?

भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा टॉस करने के लिए मैदान पर पहुंचे थे। इस दौरान जब पहली बार सिक्का उछाला गया, तो दोनों कप्तानों को लगा कि वे टॉस जीत गए हैं। क्योंकि जब सिक्का उछाला, तो संगकारा ने कॉल किया था, लेकिन रेफरी जेफ क्रो कुमार संगकारा की कॉल नहीं सुन सके। ऐसे में सिक्का उछालने के बाद भी टॉस का बॉस का फैसला नहीं हो सका था। इसके बाद जब दोबारा टॉस किया गया, तो श्रीलंका ने टॉस जीत लिया और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था।

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