यूपी के संभल जिले में मिले शिव मंदिर का 46 साल बाद शनिवार को ताला खोला गया। अब दो दिन बाद वहां पर भक्तों के द्वारा पूजा पाठ किया जा रहा है। बता दें कि सोमवार सुबह भाजपा जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह ने मंदिर में पूजा-अर्चना की। कहा- कश्मीर के पंडितों का दर्द सबने सुना है, अब संभल के हिंदुओं का दर्द भी सामने आना चाहिए।
वहीं, अब मंदिर के सामने मिली कुंए में खुदाई के दौरान मां पार्वती की मूर्ती भी मिली है। इधर, मंदिर की साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम अब भी चल रहा है। दीवार पर ‘प्राचीन संभलेश्वर महादेव’ लिखा गया है। रविवार को डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण विश्नोई ने भी रविवार को मंदिर में पूजा-अर्चना की। एसपी कृष्ण विश्नोई ने बताया कि मंदिर के आसपास CCTV लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। यहां 24 घंटे सुरक्षा रहेगी। श्रद्धालुओं की मॉनिटरिंग की जा रही है, जिससे कोई अराजक तत्व यहां न आ सके।
जानिए मंदिर की पूरी कहानी
उत्तर प्रदेश का संभल जिला एक मुस्लिम बाहुल जिला है…संभल के जिस खग्गूसराय क्षेत्र में भगवान शंकर का मंदिर मिला है, दावा किया जा रहा है कि यहां पर पहले हिंदू आबादी ज्यादा हुआ करती थी। बात आज से 46 साल पहले 1978 की है…78 में ही इस मंदिर पर ताला लगा था उसके बाद कल यानि शनिवार को खोला गया। 46 साल पीछे चले तो… साल 1976 और 1978 में यहां दो बड़े दंगे हुए, जिसके बाद हिन्दू समाज ने बड़ी संख्या में पलायन करना शुरू कर दिया. दावा किया जाता है कि संभल में ही भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का भी मंदिर था. साल 1978 में भड़की हिंसा बेहद भीषण थी, जिसके बाद संसद ने संभल में एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भेजने पर भी विचार किया था…
नगर हिन्दू सभा के संरक्षक विष्णु सरन रस्तौगी ने बताया कि पहले यहां हिंदू आबादी हुआ करती थी। लेकिन 1978 के सांप्रदायिक दंगे के दौरान कई हिंदू घरों में आग लगा दी गई। डर के चलते हिंदू परिवारों ने यहां से पलायन कर दिया और हिंदू आबादी वाले इलाके में बस गए। उन्होंने बताया कि पहले इस मंदिर में भजन कीर्तन हुआ करता था।
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