बिहार की सीतामढ़ी लोकसभा सीट से जेडीयू के नवनिर्वाचित सांसद देवेशचंद्र ठाकुर यादव और मुसलमानों से नाराज हैं। उन्होंने रविवार को खुले मंच से कहा कि वे अब यादव और मुसलमानों के लिए कोई काम नहीं करेंगे। यादव और मुसलमान कोई काम करवाने आते हैं तो आएं लेकिन चाय नाश्ता कर वापस चले जाएं। उनके इस बयान पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी है।
बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने बयान जारी करते हुए कहा कि जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगना लोकतांत्रिक प्रकिया के खिलाफ माना जाता है। ऐसे में दर्द छलकना स्वाभाविक है। जिस व्यक्ति ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर लोगों के लिए काम किया हो उस उम्मीदवार को चुनाव के समय जाति और धर्म के संकुचित दायरे में खड़ा कर दिया जाता है। इससे जनप्रतिनिधि का मनोबल गिरता है।
बीजेपी ने की सांसद की तारीफ
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि सांसद बन जाने के बाद जाति और धर्म का कोई महत्व नहीं रह जाता है। लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अनुसार वह सभी धर्मों को समान रूप से देखता है। उसको जाति और धर्म से उठकर लोगों के लिए काम करना होता है। एक सांसद के लिए सभी जाति और धर्म के लोग एक समान होते हैं। कुछ लोग चुनाव से पहले जाति और धर्म के नाम पर लोगों में नफरत फैलाते हैं। हालांकि लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पाठ पढ़ाने के बाद एक बार फिर बीजेपी प्रवक्ता ने सांसद देवेशचंद्र की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सांसद ठाकुर ने सभी धर्म और जाति के लोगों के लिए काम किया है। बीजेपी प्रवक्ता ने साफ किया कि ये देवेशचंद्र ठाकुर का तात्कालिक गुस्सा है। वे पहले की तरह ही सभी जाति और धर्म के लोगों के लिए काम करते रहेंगे।
यह कहा था जेडीयू सांसद ने
बता दें कि देवेशचंद्र ठाकुर ने चुनाव जीतने के बाद रविवार को कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुशवाहा समाज का वोट अचानक कट गया। यह सब तो एनडीए का वोट था। आखिर ये वोट क्यों कट गया? कुशवाहा समाज के लोग इसलिए खुश है क्योंकि लालू यादव ने कुशवाहा समाज के 7 लोगों को वोट दिया। क्या कुशवाहा समाज इतना स्वार्थी हो गया है? इस समाज से डिप्टी सीएम हैं बिहार सरकार में। अगर उपेंद्र कुशवाहा जीतते तो आज केंद्रीय मंत्री बन जाते।