बेतिया: पश्चिमी चंपारण स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा में एक ही रोल नंबर पर तीन-तीन प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। इस कारण नगर के एमजेके कॉलेज में चल रही स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में कई परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित रह गए। हर दिन ऐसे दर्जनों की संख्या में छात्रों के परीक्षा हॉल पहुंचने से परेशान महाविद्यालय प्रशासन ने राम लखन सिंह यादव कॉलेज पर फर्जी एडमिट कार्ड और नामांकन करने का आरोप लगाया है।
स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा के दौरान एक ही रोल नंबर और एक ही नाम के तीन-तीन, चार-चार परीक्षार्थी पहुंचते हैं, जबकि विश्वविद्यालय से भेजी गई अटेंडेंस शीट पर उस रोल नंबर पर एक ही व्यक्ति के परीक्षा देने का नाम अंकित है। ऐसे में दो-तीन रोल नंबर निकाल देने से एमजेके कॉलेज में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है।
महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवल किशोर बैठा और डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि हर दिन राम लखन सिंह यादव कॉलेज से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वहां फर्जी नामांकन कराया गया है। बाद में ऑपरेटर द्वारा फर्जी एडमिट कार्ड निकाल कर उस पर फोटो चस्पा कर दिए जा रहे हैं और उसे महाविद्यालय में परीक्षा देने के लिए भेज दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। ऐसे कई मामले को एमजेके कॉलेज प्रशासन ने पकड़ा है और परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से वंचित किया है। वही परीक्षा से वंचित छात्रों का भविष्य एक साल के लिए बर्बाद हो गया है।
परीक्षा नियंत्रक को मिली धमकी
एमजेके कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवल किशोर बैठा व प्राध्यापक डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि राम लखन सिंह यादव कॉलेज से आने वाले छात्र नेता और नामांकन करने वाले माफिया महाविद्यालय में आकर धमकी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई नेता और दलाल आकर प्रोफेसर के पद से हटवा देने का धमकी देते हैं। ये लोग दबाव बनाते हैं कि जितने भी छात्र हैं, सभी को परीक्षा देने दी जाए। सारे फर्जी परीक्षार्थियों को भी परीक्षा दिलवाने के लिए डराते-धमकाते हैं। उन्हें फटकार लगाकर भगाया गया है।
कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से दर्जनों छात्र नहीं दे पाए परीक्षा
नगर के आरएलएसवाई कॉलेज से पढ़ाई कर रहे स्नातक प्रथम वर्ष के कई छात्र परीक्षा नहीं दे पाए। कॉलेज द्वारा छात्रों का परीक्षा फॉर्म विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपडेट नहीं करने से विश्वविद्यालय ने इन छात्रों का एडमिट कार्ड जारी नहीं किया है। ऐसे में परीक्षा में हिस्सा नहीं लेने से इन छात्रों का एक वर्ष बर्बाद हो गया है। वंचित छात्र रोजाना कॉलेज का चक्कर लगा रहे हैं।