सेना के एक जवान ने देशवासियों को दीवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम अपने लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम नियंत्रण रेखा पर मजबूती से खड़े हैं। अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाएं।
उन्होंने आगे कहा कि सेना हमारा घर है। हम दस महीने यहां बिताते हैं और बाकी दो महीने छुट्टी लेते हैं। हम बाकी सैनिकों के साथ अपने परिवार की तरह घुलमिल जाते हैं।
एक और जवान ने भावुक होते हुए कहा कि हमें अपने परिवारों की याद आती है, लेकिन हम यहां दीवाली मनाकर खुश हैं। मैं अपने देशवासियों से कहना चाहता हूं कि वे घर पर ही दीवाली मनाएं।
देश 31 अक्टूबर को दीवाली मनाने के लिए तैयार है, जिसका उत्सव धनतेरस से शुरू होगा। रोशनी के त्योहार’ के रूप में जानी जाने वाली दीवाली अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पांच दिवसीय उत्सव धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है।
अखनूर में भी दीवाली उत्सव
वहीं बीते मंगलवार अखनूर में नियंत्रण रेखा (LoC) की रखवाली कर रहे सेना के जवान और अधिकारी सशस्त्र बलों की पारिवारिक परंपरा के अनुसार दीवाली का उत्सव मनाया।
सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की दुश्मन की कोशिशों के खिलाफ उच्च स्तर की सतर्कता और सतर्कता बरतते हुए ये जवान त्यौहार के अवसर पर दीये जलाते हैं और पटाखे फोड़ते हैं।
‘जवानों के साथ परिवार की तरह घुलमिल जाते हैं’
अन्य अधिकारी ने कहा कि हम अपने घरों से मीलों दूर दीवाली मनाते हैं। सेना हमारे लिए एक और बड़े परिवार की तरह है। हमारी परंपरा के अनुसार, हम अपने साथी जवानों और अधिकारियों के साथ दीवाली मनाते हैं।