आरक्षण को लेकर पटना हाई कोर्ट के फैसले पर बिहार की सियासत गरमा गई है. विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर कई सवाल उठाए हैं. वहीं पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने तो सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ विवादित बयान भी दे डाला. तेजस्वी ने ये भी कहा कि वो हाई कोर्ट के फैसले से आहत हैं।
‘प्रधानमंत्री जी के पैर पकड़िये !’: हाई कोर्ट के आरक्षण बढ़ाने के फैसले को रद्द करने के बाद तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर हमलावर हैं, यहां तक कि उन्होंने सीएम नीतीश के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी भी की. तेजस्वी ने कहा कि “मैं सीएम नीतीश से कहना चाहता हूं कि आपने कई बार प्रधानमंत्री जी के पैर पकड़े हैं तो इस बार भी प्रधानमंत्री जी के पैर पकड़कर आरक्षण बढ़ाने के फैसले को संविधान की 9वीं अनुसूची में डलवाइये .”
‘आरक्षण विरोधी है बीजेपी’: तेजस्वी यादव ने कहा कि “इस फैसले से हमलोग आहत हुए हैं.हमलोगों को ये संदेह पहले भी था कि बीजेपी के लोग किसी भी हालत में आरक्षण को रोकने का काम करेंगे.हमलोग शुरू से ही कहते रहे हैं और चुनाव में भी कहा था कि बीजेपी के जो लोग हैं आरक्षण विरोधी लोग हैं”
“हम लोग शुरू से मांग कर रहे थे कि इसे 9 वीं अनुसूची में डाल जाए ताकि ये तमिलनाडु की तर्ज पर सुरक्षित रहे. लेकिन 6 महीने पूरे हो गये और केंद्र सरकार ने इसे 9वीं अनुसूची में नहीं डाला. पता नहीं सीएम नीतीश कुमार क्यों चुप हैं. बीजेपी के आते ही आरक्षण को किस तरीके से समाप्त किया जा रहा है, ये साफ दिख रहा है.” तेजस्वी यादव, नेता, प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
‘आरजेडी जाएगा सुप्रीम कोर्टः’ तेजस्वी यादव ने कहा कि “बिहार के सभी दलों के लोग प्रधानमंत्री से मिलें और इसे 9वीं अनुसूची में डालने का अनुरोध करें.”तेजस्वी ने कहा कि “अगर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी तो राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएगा.”
हाई कोर्ट ने रद्द किया सरकार का फैसलाः बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम आदेश देते हुए बिहार सरकार के शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 65 फीसदी आरक्षण लागू करने के फैसले को रद्द कर दिया. हाई कोर्ट के इस फैसले को बिहार सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।