पटना: नया साल का जश्न मनाने के लिए अभी से तैयारी हो रही है. इसी बीच लोगों के लिए अच्छी खबर भी है. पटना में नए साल के मौके पर टॉय ट्रेन का संचालन होने जा रहा है. अब टॉय ट्रेन का लुत्फ उठाने के लिए दार्जिलिंग जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जो लोग किसी कारण से दार्जिलिंग नहीं जा पाते थे, वे अब बिहार में ही नया साल का जश्न अच्छे से मना सकते हैं.
तैयारी में विभाग
बता दें कि पर्यटक स्थलों पर टॉय ट्रेन से घूमने का अलग आनंद होता है. रोमांचकारी के साथ-साथ आरामदेय भी होता है. इसके माध्यम से बिना थके इस ट्रेन से कम समय में भ्रमण कर सकते हैं. बिहार सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और दानापुर रेल मंडल के बीच में इस संबंध में शनिवार 21 दिसंबर को इकरारनामा हस्तांतरण हुआ.
पहले भी चल रही थी ट्रेन
मालूम हो कि 4 जुलाई 1981 को दार्जिलिंग में देश की पहली टॉय ट्रेन की शुरुआत हुई थी. इसके बाद देश के अलग-अलग पर्यटक स्थलों पर यह ट्रेन चलने लगी. 1977 में पटना जू में टॉय ट्रेन शुरू की गई. उस समय 1.59 किलोमीटर का ट्रैक था और दो कोच थी. बाद में 2 अक्टूबर 2004 को 4 कोच के टॉय ट्रेन की शुरुआत की गई.
अन्य राज्य से लोग आते थे
ट्रैक की लंबाई विस्तारित करते हुए 4.26 किलोमीटर की गई. एक कोच में 25 यात्रियों के बैठने की क्षमता तैयार की गई. यह लोगों के लिए शानदार अनुभव का केंद्र रहा. बिहार ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी टॉय ट्रेन का सफर करने के लिए लोग पटना जू में आने लगे थे लेकिन 2015 में इसे बंद कर दिया गया.
क्यों बद हो गया था?
17 अगस्त 2015 को टॉय ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया. रेलवे ट्रैक डैमेज होने के कारण ऐसा किया गया. सैलानियों को निराशा मिलने लगी थी. सैलानियों ने कई बार सरकार से इच्छा जताई कि टॉय ट्रेन को फिर से शुरू किया जाए. सरकार ने कैबिनेट से 9.88 करोड़ रुपए स्वीकृत दी. वन पर्यावरण विभाग के मंत्री प्रेम कुमार और सचिव वंदना प्रेयसी के साथ-साथ दानापुर रेल मंडल के डीआरएम जयंत कुमार चौधरी की मौजूदगी में एमओयू साइन हुआ.