पटना। भारत सरकार की इंटर्नशिप योजना पीएम इंटर्नशिप स्कीम 2024 के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू होने वाले हैं। इस योजना के जरिए केंद्र सरकार युवाओं को स्टाइपेंड के साथ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप करने का मौका दे रही है। पीएम इंटर्नशिप स्कीम चयन प्रक्रिया के जरिए चुने जाने वाले युवाओं को 5000 रुपये प्रति महीना मिलेंगे। शुक्रवार को जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा उन्होंने ड्रग माफिया तुषार गोयल और तलवार बांटने वाले बीजेपी विधायक पर भी खुलकर चर्चा की।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना युवाओं को रोजगार देने के लिए है। इस योजना के तहत युवा तकनीकी रूप से दक्ष (कुशल) बनेंगे। बिहार में इसका उदाहरण पेश किया गया है। हर प्रखंड में कुशल युवा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बिहार की बेटियां कंप्यूटर चला रही हैं। लोगों के संचार कौशल में सुधार हुआ है। इन सब चीजों के लिए उन्हें 180 घंटे की ट्रेनिंग दी जा रही है। अगर राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं, तो यह राहत की बात है। युवाओं को तकनीकी और भाषाई रूप से दक्ष बनाकर आगे बढ़ाना है।
दिल्ली में 5000 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त होने के मामले में आरोपी कांग्रेस पदाधिकारी तुषार गोयल के बारे में नीरज कुमार ने कहा कि अगर मीडिया में तुषार गोयल का नाम ड्रग माफिया के तौर पर सामने आ रहा है, तो यह चिंता की बात है। कौन किसके साथ है, यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि राजनीति में उद्देश्य और साधन दोनों मजबूत होने चाहिए। अगर वह ड्रग्स की तस्करी कर आने वाली पीढ़ी को परेशान और बर्बाद कर रहा है, तो कानून भी ऐसे आरोपी को बर्बाद कर देगा।
बिहार के सीतामढ़ी से बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार पूजा पंडालों में घूम-घूम कर रामायण व दूसरी किताबें बांट रहे हैं। इसको लेकर जेडीयू नेता ने कहा कि अगर सीतामढ़ी विधायक नवरात्रि में तलवार और किताबें बांट रहे हैं, तो ये उनका नजरिया है। लेकिन नवरात्रि में हम मां भगवती की पूजा करते हैं, जो मां सरस्वती का ही रूप हैं। फिर तलवार बांटने की बात कहां से आ गई? उन्हें इस मौके पर कलम बांटना चाहिए। अगर वो रामायण की किताबें बांट रहे हैं, तो भगवान राम को तो तीर पसंद है, तो वो तलवार कैसे बांट रहे हैं। ऐसा लगता है कि मां सरस्वती विधायक मिथिलेश कुमार से नाराज हैं। इसलिए वो लोकप्रियता के लिए ऐसी बातें कर रहे होंगे।
राहुल गांधी के विपक्ष के नेता बनने के 100 दिन पूरे होने पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अच्छी खासी सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी सदन में विपक्ष के नेता बने और अपनी भूमिका निभाई। लेकिन विदेश जाने के बाद जिस तरह से उनके राजनीतिक बयान आए, उससे लगता है कि राजनीति में अभी भी उनमें गंभीरता नहीं है। वह विदेश में आरक्षण और आतंकवाद जैसे जिन मुद्दों पर बात करते हैं, वे देश और सांसदों दोनों के लिए खतरा हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने इस देश में विपक्ष के नेता के रूप में प्रभावी भूमिका निभाई है। इस देश में और भी कई नेता विपक्ष के नेता हुए। लेकिन विदेश नीति और राष्ट्रहित को लेकर कोई दलीय मतभेद नहीं था।