बिहार आएगा यूट्यूबर मनीष कश्यप, 27 जून को बेतिया कोर्ट में पेशी
यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह के साथ मारपीट और रंगदारी मांगने के आरोप में 27 जून को बेतिया के कोर्ट में सुनवाई होगी। मनीष पर यह मामला नवंबर 2020 से ही दर्ज है। अब तक उसने एक बार भी सुनवाई के लिए कोर्ट में हाजिरी नहीं दी है। फिलहाल वह तमिलनाडु फर्जी वीडियो केस में सेंट्रल जेल मदुरई में बंद है।
वहीं, इस मामले की 12 जून को ही सुनवाई होनी थी, लेकिन सेंट्रल कारा मदुरई के अधीक्षक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मनीष कश्यप को उपस्थित रहने की बात कही थी। अब बेतिया कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया है। कोर्ट ने अधीक्षक को उसे हर हाल में 27 जून को सेंट्रल कारा मदुरई से बेतिया कोर्ट में फिजिकली उपस्थित होने का आदेश जारी किया है।
जिला अभियोजन पदाधिकारी उमेश कुमार विश्वास ने बताया कि त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप के खिलाफ मझौलिया थाना में बीजेपी नेता से रंगदारी और मारपीट करने का मामला दर्ज है। कोर्ट ने उनके खिलाफ प्रोटेक्शन वारंट जारी किया है। 27 जून को मनीष कश्यप का लाने की प्रक्रिया चल रही है।
साल 2020 का है मामला
बता दें कि साल 2020 विधानसभा चुनाव में त्रिपुरारी तिवारी उर्फ मनीष कश्यप ने चनपटिया सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। वहीं, बीजेपी से उमाकांत सिंह ने भी चुनाव लड़ा था। प्रचार के दौरान मझौलिया के पारस पकड़ी के पास दोनों के बीच विवाद हो गया था। उमाकांत सिंह ने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। ये प्राथमिकी नवंबर 2020 में दर्ज हुई थी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी मंजूर आलम के कोर्ट में कांड संख्या 737/2020 का यह केस सुनवाई के लिए लंबित चला आ रहा है।
18 मार्च को मनीष ने किया था सरेंडर
इधर, SBI पारस पकड़ी के शाखा प्रबंधक के साथ दुर्व्यवहार करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी मनीष पर 2022 में मामला दर्ज हुआ था। 17 मार्च 2023 को पुलिस ने मनीष के खिलाफ कोर्ट से कुर्की जब्ती का आदेश प्राप्त किया था। 18 मार्च की सुबह कुर्की करने पुलिस मनीष के घर पहुंची थी।
वहीं, मनीष ने उसी दिन जगदीशपुर थाना में सरेंडर कर दिया था। तमिलनाडु फर्जी वीडियो मामले में बिहार आर्थिक अपराध इकाई की पुलिस जांच कर रही थी, इसलिए मझौलिया थाना की पुलिस मनीष को इस केस में रिमांड के लिए बेतिया न्यायालय में उपस्थित नहीं करा सकी थी। इसके बाद बिहार आर्थिक अपराध इकाई की पुलिस मनीष कश्यप को लेकर पटना चली गई। बाद में वह अन्य मामले में मदुरई जेल में बंद कर दिया गया।
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