जर्मनी का जेडएफ ग्रुप भारत में अगले छह वर्षों में करीब 2 अरब यूरो (18,750 करोड़ रुपये) निवेश करने की योजना बना रहा है। इसके जरिए कंपनी की योजना भारत में अपने ऑटो उपकरण, विंड गेयरबॉक्स और कंस्ट्रक्शन मशीनरी और कृषि क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली मशीनरी के कारोबार में विस्तार करना है।
कंपनी का लक्ष्य भारत में अपनी बिक्री को 2030 तक बढ़ाकर 3 अरब यूरो (करीब 28,000 करोड़ रुपये ) करना है, जो कि पिछले साल 10,000 करोड़ रुपये के करीब थी। ग्रुप का मानना है कि स्थानीय और वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत से उसके पार्ट्स की सोर्सिंग 2030 तक बढ़कर 2 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
जेडएफ ग्रुप की ओर से नए सुरक्षा के नियमों और नई टेक्नोलॉजी की मांग को लेकर भी काम किया जा रहा है। जेडएफ ग्रुप के मैनेजमेंट बोर्ड के सदस्य पीटर लेयर ने कहा कि भारत की ट्रांसपोर्टेशन की जरूरतें बढ़ रही हैं। हमें उम्मीद है कि सड़कों पर आने वाले समय में और वाहन देखने को मिलेंगे। हमारा निवेश लंबी अवधि के नजरिए और रीजन में वृद्धि की संभावना को देखते हुए किया गया है। हम स्थिरता को लेकर प्रतिबद्ध रहते हुए अपनी क्षमता का विस्तार करेंगे।
आगे कहा कि हम भारत के विंड एनर्जी क्षमता को 2030 तक दोगुना करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। कंपनी इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कोयंबटूर में मौजूद अपनी विंड एनर्जी गियरबॉक्स प्लांट की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को 9 गीगावाट से 12 गीगावाट करने जा रही है।
जेडएफ ग्रुप के इंडिया प्रेसिडेंट आकाश पासी का कहना है कि हमारा लक्ष्य 10,000 करोड़ रुपये से आगे बढ़ते हुए इसे 25,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनाना है। भारत की अर्थव्यवस्था काफी अच्छा कर रही है। वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बाद भी यहां केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियां अच्छी हैं। हमें लगता है यहां विकास की अच्छी संभावना है। जेडएफ ग्रुप के पास भारत में 18 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और 10 इंजीनियरिंग सेंटर्स के साथ 16,000 कर्मचारी हैं।