पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में फिर चढ़ा सियासी पारा, पुलिस के रोके जाने के बाद बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी धरने पर बैठे।

पश्चिम बंगाल में चल रहे संदेशाली विवाद के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी को हाई कोर्ट से मिली मंजूरी के बाद भी स्थानीय पुलिस ने संदेशखाली में जाने से रोक दिया है. खास बात यह है कि पुलिस की ओर से रोके के जाने के बाद यहां पर एक बार फिर सियासी पारा हाई हो गया है. बताया जा रहा है कि एंट्री न मिलने के बाद सुवेंदु अधिकारी धरने पर बैठ गए हैं. दरअसल एक दिन पहले यानी सोमवार को कोलकाता उच्च न्यायालय की ओर से सुवेंदु अधिकारी को संदेशाली जाने की मंजूरी मिल गई थी. परमिशन मिलने के बाद वह 20 फरवरी को संदेशखाली जा रहे थे. लेकिन यहां पर पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया।

क्या बोले सुवेंदु अधिकारी
संदेशखाली नहीं दिए जाने के बाद बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘आज अगर हमलोग जाएंगे तो वहां पर बहुत कीड़े मकोड़े बाहर आ जाएंगे. इसलिए हमें नहीं जाने दे रहे हैं. पुलिस के पास कोई कारण नहीं है.’ अधिकारी ने अपने बयान में साफ तौर पर कहा कि उन्हें पुलिस ने बिना की वजह से जाने से रोका हुआ है. यही वजह है कि जबतक उन्हें जाने नहीं दिया जाएगा वह धरने पर बैठे रहेंगे।

संविधान को चुनौती और हाई कोर्ट के फैसले का अपमान कर रहे पुलिसकर्मी
बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी की मानें तो ‘वे (पुलिसकर्मी) हाई कोर्ट को चुनौती दे रहे हैं… मैं यहां एक घंटे बैठूंगा और फिर हाई कोर्ट जाऊंगा. यह एक संवैधानिक उल्लंघन है. वे न्यायपालिका की अवज्ञा कर रहे हैं और हमारे संविधान को चुनौती दे रहे हैं।’

बीजेपी नेता ने जाने की 2 वजह बताईं
बीजेपी नेता और विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पुलिस के पास हमें रोकने का कोई कारण नहीं है. जबकि हमारे पास कोर्ट की अनुमति का ऑर्डर भी है. उन्होंने संदेशखाली जाने की दो वजह बताईं. सुवेंदु ने कहा कि पहली- यहां पर सुबह धारा 144 क्यों लगाई गई…अगर लगाई भी गई है तो इससे मेरा कोई वास्ता नहीं है. वहीं दूसरा कारण उन्होंने यह बताया कि कोर्ट ने उन्हें यानी नेता प्रतिपक्ष और सिलिगुड़ी विधायक शंकर घोष को संदेशखाली जाने की इजाजत दी है।


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