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बिहार में कोरोना की एंट्री, रोहतास में 10 साल की बच्ची कोरोना पॉजिटिव, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

देश में कोरोना के केसेज लगातार बढ़ रहे है। देश में 24 घंटे में कोरोना के 628 नये मामले सामने आए हैं। कोरोना के नये वैरिएंट JN.1 से कर्नाटक में 3 लोगों की मौत हो गयी है। वही बिहार में भी कोरोना एंट्री हो चुकी है। रोहतास जिले में 10 साल की बच्ची की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। फिलहाल बच्ची की हालत ठीक है। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि की है।

स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने बताया कि बुखार और खांसी की शिकायत के बाद बच्ची का कोरोना टेस्ट कराया गया था जिसमें उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली है। बच्ची का इलाज चल रहा है उसकी तबीयत अब ठीक है। उन्होंने बताया कि सोमवार को बिहार में 5000 लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ है। जिसमें रोहतास की एक बच्ची की कोरोना संक्रमित मिली है। आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड में आ गई हैं। पटना में दो और गोपालगंज में ओमिक्रोन के सब वैरिएंट जेएन-1 के एक संक्रमित मरीज के मिलने के बाद बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के लिए नई गाइडलाइन जारी किया है और कोरोना को लेकर सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल आने वाले सभी बुखार, खांसी और सांस संबंधी बीमारियों और सिवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन के रोगियों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया है। अगर किसी मरीज की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो जिनोम सिक्वेंसिंग भी की जाएगी।कोविड के तीन नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ साथ सभी जिलों के सिविल सर्जन को कोरोना की नई गाइडलाइन जारी की है।

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को आरटी-पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। वहीं LLI-SARI के मामलों की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है। इसके साथ ही साथ अस्पतालों में ऑक्सीजन, आइसीयू, डॉक्टर समेत दवा, बेड और अन्य उपकरणों की उपलब्धता सुनिशित करने का निर्देश दिया है। सभी अस्पतालों में मास्क का इस्तेमाल और सैनिटाइजर का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।

वही सोमवार को कर्नाटक में 106 नये मामले दर्ज किये गये हैं वही केरल में भी कोरोना ब्लास्ट हुआ है यहां एक दिन में 376 नए मामले सामने आए हैं। एक मरीज की मौत भी हुई है। जिसमें 6 केस नये वैरिएंट के हैं। केरल में पिछले 5 दिन में 8 मरीजों की मौत हो चुकी है।  देश में 24 घंटे में कोरोना के 628 मामले सामने आए हैं। एक्टिव केस की संख्या 4 हजार 52 पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,नए वैरिएंट JN.1 के मामले देश में 63 मिले हैं। जबकि 24 घंटे में 315 लोग कोरोना से रिकवर भी हुए हैं।

सबसे ज्यादा कोरोना का असर केरल में दिख रहा है। केरल के बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र में इसका ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। कर्नाटक में एक दिन में 106 और महाराष्ट्र में 50 केसेज सामने आए है। महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे भी कोरोना संक्रमित हो गये हैं। नागपुर में विधानसभा सत्र के दौरान 20 दिसंबर को ही वे पॉजिटिव हुए थे। जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तब 21 दिसंबर को वो घर में आइसोलेट हो गये। वे घर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग कर रहे हैं। इसे लेकर डब्लूएचओ ने एडवाइजरी भी जारी की है। लोगों को भीड़ से बचने और चेहरे पर मास्क लगाने को कहा गया है।

झारखंड में बढ़ा ठंड का प्रकोप अचानक रजाई से निकलना घातक

पलामू में बढ़ती कनकनी और ठंड को लेकर चितिंत जिला प्रशासन हाई अलर्ट जारी करने की तैयारी में है। वैसे, राज्य सरकार ने कड़ाके की ठंड को लेकर 26 दिसम्बर से 31 जनवरी तक तमाम स्कूलों को बंद रखने का ऐलान किया है। पलामू में रोज पारा गिरता जा रहा है। बीते कल 21 दिसम्बर को 7.9 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।

कंपकंपाने वाली ठंड को लेकर मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डीके सिंह ने मीडिया से कहा कि इस कड़ाके की ठंड में अचानक रजाई से बाहर नहीं निकलना चाहिये, अचानक बाहर निकलने से घातक परिणाम सामने आ सकता है। लोगों को कई स्तरों पर अलर्ट रहने की जरूरत है, बेवजह घर से बाहर ना निकलें। बढ़ती ठंड को लेकर किसान भी चिंतित हो गये हैं। यहां याद दिला दें कि पलामू भीषण गर्मी के लिये भी जाना जाता है।

उत्तर भारत के राज्यों में बढ़ने लगेगी ठंड, कोहरे से तीन-चार दिनों तक नहीं मिलेगी राहत

पहाड़ों पर बर्फबारी, घाटियों में शीतलहर और मैदानी इलाकों में कोहरे से तीन-चार दिनों तक राहत नहीं मिलने जा रही। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में छिटपुट वर्षा हो सकती है।

मौसम विभाग (IMD) ने 27 दिसंबर तक पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत आसपास के राज्यों में कोहरे के जारी रहने की आशंका जताई है। इसके बाद मौसम में सुधार होगा, लेकिन तापमान गिरने से ठंड का कहर बढ़ना शुरू हो जाएगा।

मैदानी क्षेत्रों का न्यूनतम तापमान जब चार डिग्री से नीचे चला जाता है तो आईएमडी शीतलहर की चेतावनी जारी करता है। इसी तरह दो डिग्री से कम होने पर गंभीर शीतलहर की चेतावनी जारी की जाती है। अभी पूर्वी हवाएं चल रही हैं, किंतु जल्द ही इसका रुख बदल सकता है, जिससे कोहरे से राहत तो मिल जाएगी, किंतु ठंडी हवाएं जोर पकड़ सकती हैं।

पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का दौर जारी

अफगानिस्तान से भारत तक फैले पश्चिमी विक्षोभ ने पिछले तीन-चार दिनों से देश के उत्तरी और ऊपरी हिस्सों में वर्षा एवं पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का दौर जारी है। इसका प्रभाव मैदानी इलाकों में भी देखा जा रहा है, जहां कोहरे का दायरा बढ़ रहा है। शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश का उत्तरी हिस्सा और ओडिशा के कई जिलों में घना कोहरा देखा गया।

पंजाब सहित इन राज्यों में घने कोहरे की चेतावनी जारी

आईएमडी ने पंजाब, हरियाणा एवं उत्तरी राजस्थान में अगले दो से तीन दिनों तक अति घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। हालांकि, वर्षा और बादल छाये रहने के कारण न्यूनतम तापमान लगातार चढ़ रहा है। पिछले हफ्ते दिल्ली का न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो शुक्रवार को बढ़कर 9.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। पंजाब, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का न्यूनतम तापमान छह से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जो सामान्य से अधिक है।

पंजाब-हरियाणा में हल्की वर्षा की संभावना

आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ एक चक्रवाती प्रसार के रूप में उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे निचले इलाकों में लगातार सक्रिय है एवं ऊपरी स्तर पर हवाओं की एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इसके असर से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कई हिस्सों में हल्की वर्षा एवं पहाड़ियों तथा इनसे सटे निचले क्षेत्रों में बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। इन इलाकों में अधिकतम 15.5 मिमी तक वर्षा हो सकती है।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते पंजाब एवं हरियाणा में भी हल्की वर्षा हो सकती है। रविवार को कई क्षेत्रों के न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हो सकती है।

100 साल के इतिहास में पहली बार तमिलनाडु में हुई इतनी बारिश, बने बाढ़ जैसे हालात

तमिलनाडु में इन दिनों भारी बारिश कहर बरपा रही है। राज्य के दक्षिणी जिलों में कई जगहों पर लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। आलम यह है कि भारी बारिश से 10 लोगों की मौत हो गई। भारी बारिश से कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। जिसकी वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं, राज्य की कई नदियों और झीलों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। वहीं, राहत व बचाव के लिए NDRF और SDRF के 250 जवानों को तैनात किया गया है।

इन जिलों में हालात ज्यादा खराब

तमिलनाडु में लगातार बारिश के कारण हालात खराब हो रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात चार समुद्र तटीय जिले कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन और तेनकासी में हो गए है। यहां बाढ़ जैसी स्थिति देखते हुए NDRF और SDRF के 250 जवानों को इन जिलों में तैनात किया गया है। जवानों ने 7500 से अधिक लोगों को उनके घरों से निकलकर राज्य सरकार की ओर से बनाए गए राहत शिविरों में भेज दिया है।

बता दें कि पिछले दो दिनों में दक्षिण तमिलनाडु में 1150 मिली मीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। पिछले 30 घंटों में कयालपट्टिनम में 11 सौल 86 मिमी बारिश हुई, जबकि तिरुचेंदूर में 921 मिमी बारिश हुई।

बारिश होने की संभावना

इसी बीच, दक्षिणी तमिलनाडु में थूथुकुडी के पास बाढ़ वाले इलाके श्रीवैकुंटम में फंसे सभी 809 ट्रेन यात्रियों को मंगलवार को बचा लिया गया है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

100 साल के इतिहास में इतनी ज्यादा बारिश

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य के दक्षिणी जिलों में सालभर में जितनी बारिश होती है, उतनी एक ही दिन हो गई और बाढ़ आ गई। 100 साल के इतिहास में इस साल सबसे ज्यादा दक्षिणी जिलों में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इसलिए तिरुनेलवेली, थूथुकुडी, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों के लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने के लिए आपदा राहत कोष से 2000 करोड़ रुपये जारी करने की जरूरत है।

UPI Payment करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, चूक गए तो एक झटके में खाली हो जाएगा आपका अकाउंट

भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन में क्रांति लाने वाली यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से रोजाना करोड़ो के लेनदेन होते हैं। इसका आसान भुगतान पेमेंट ऑप्शन इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है और यही कारण है कि लोग यूपीआई का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन कई बार हम आसान चीजों में भी गलतियां करते हैं। बात जब पैसों की हो तो आपको डबल सावधानी बरतनी चाहिए। आज हम आपको बतातें हैं कि आपको यूपीआई भुगतान करते समय, किन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

सुरक्षित करें यूपीआई पिन

लेनदेन को अधिकृत करने के लिए यूपीआई पिन जरूरी होता है। इसे गोपनीय रखें और किसी के साथ साझा न करें। पिन बनाते वक्त अपना जन्मतिथि या अनुक्रमिक संख्याओं जैसे आसानी से अनुमान लगाए जाने वाले पिन कभी ना बनाए।

पैसे भेजने वाले व्यक्ति का विवरण सत्यापित करें

लेन-देन शुरू करने से पहले हमेशा भुगतानकर्ता की यूपीआई आईडी या वीपीए (वर्चुअल भुगतान पता) की दोबारा जांच करें। प्राप्तकर्ता के विवरण में थोड़ी सी गलती के कारण गलत व्यक्ति के अकाउंट में पैसा जा सकता है।

केवल आधिकारिक यूपीआई ऐप का ही करें उपयोग

पैसे के मामले में आपको हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए। इस लिए आपको कोई भी ऐप से पेमेंट नहीं करना चाहिए केवल पंजीकृत बैंकों या अधिकृत भुगतान सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान किए गए आधिकारिक यूपीआई ऐप्स ही इंस्टॉल करें और उनका उपयोग करें।

पेमेंट करने से पहले क्रॉस-चेक करें

लेन-देन की पुष्टि करने से पहले उस राशि की पुष्टि करें जिसे आप भेजने जा रहे हैं। सुनिश्चित करें कि यह राशि उसी अकाउंट में जा रही है जहां आपने भेजना चाहते हैं।

फ़िशिंग अटैक से रहें सावधान

फ़िशिंग संदेशों, ईमेल या कॉल से सावधान रहें जो आपके बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता का प्रतिरूपण करते हैं। संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें या अनचाहे संचार के जवाब में संवेदनशील जानकारी प्रदान न करें।

लेन-देन का रिकॉर्ड रखें

लेन-देन आईडी, दिनांक और राशि सहित यूपीआई लेनदेन विवरण का रिकॉर्ड बनाए रखें। यह किसी भी विसंगति या विवाद की स्थिति में साक्ष्य या संदर्भ के रूप में काम कर सकता है।

ऐप लॉक या बायोमेट्रिक ऑन रखें

यदि आपके फोन में यूपीआई ऐप के लिए ऐप लॉक, फिंगरप्रिंट या फेस प्रमाणीकरण जैसी अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाएं है तो इसे जरूर ऑन कर लें।

केरल में मिला COVID-19 न्यू वेरिएंट JN.1, जानें इसके शुरुआती लक्षण और कैसे बरतनी हैं सावधानियां?

कोरोनावायरस (Coronavirus) की दहशत अभी भी हमारे दिल और दिमाग से उतरा नहीं है. आए दिन कोरोनावायरस (Covid New Variant JN.1) के नए-नए वेरिएंट के बारे में न्यूज और अखबार में पढ़ते और सुनते हैं. अब एक बार फिर से कोरोनावायरस के न्यू वेरिएंट JN.1 ने केरल में दस्तक दे दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस नए वेरिएंट से एक शख्स की मौत भी हो गई है वहीं एक संक्रमित पाए गए हैं. 8 दिसंबर को आरटी- पीसीआर पॉजिटिव नमूने के मामले मिले.

कोविड न्यू वेरिएंट के लक्षण

जिसमें कोविड के न्यू वेरिएंट के बारे में पता चला. आपको भी इससे जुड़ी शुरुआती लक्षण और बचाव के तरीका के बारे में पता होनी चाहिए ताकि आप इससे खुद का बचाव कर सके. केरल, दक्षिणी भारत का एक राज्य है. जहां कोविड संस्करण JN.1 के मामले मिले हैं. यह नया वेरिएंट चीन और अमेरिका सहित अन्य देशों में फैल रहा है. 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम में BA.2.86 नाम के एक नए वेरिएंट के केस मिले थे.

जे.एन. 1 में पहले के ओमिक्रॉन के लक्षणों से काफी ज्यादा अलग है

यह पिरोला से इस मायने में भिन्न है कि इसके स्पाइक प्रोटीन में एकल उत्परिवर्तन होता है. हालांकि जे.एन. 1 में पहले के ओमिक्रॉन के लक्षणों से काफी ज्यादा अलग है . इस संक्रामण और हल्के लक्षण एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए क्योंकि कमजोर लोग लगातार खतरे में रहते हैं. यह तनाव बुखार, बहती नाक, गले में खराश और पेट जैसे लक्षणों से जुड़ा हुआ है.

सितंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका में JN.1 की प्रारंभिक पहचान के बावजूद, 15 दिसंबर को चीन में सात मामले पाए गए. जिससे वायरस के फैलने की क्षमता के बारे में चिंताएं बढ़ गईं. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने आगाह किया है कि हाल ही में हुए कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के प्रकोप से संयुक्त राज्य अमेरिका की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली प्रभावित हो सकती है. सीडीसी की ट्रैकिंग के अनुसार, नया कोविड संस्करण JN.1 अब बड़े प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है.

मरीजों ने बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और, कुछ मामलों में, हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दों जैसे लक्षणों की सूचना दी है. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. उज्ज्वल प्रकाश के अनुसार, इस किस्म के विकास ने लोगों को सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है.

आपको अधिक सावधानी बरतनी चाहिए. मुझे नहीं लगता कि घबराने की या सतर्क रहने के अलावा कोई और कदम उठाने की जरूरत है. डॉक्टर ने आगे कहा, अधिकांश रोगियों में ऊपरी श्वसन संबंधी हल्के लक्षण होते हैं जो चार से पांच दिनों में ठीक हो जाते हैं.

झारखंड में न्यूनतम पारा लुढ़का, शीतलहर जैसे हालात, 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे सभी स्कूल

झारखंड में सभी सरकारी और निजी विद्यालय राज्य में शीत लहर जैसी स्थिति की वजह से 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे. एक आधिकारिक अधिसूचना में गुरुवार (21 दिसंबर) को यह जानकारी दी गई. बुधवार रात को न्यूनतम तापमान सात से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया. राज्य में सबसे कम तापमान गढ़वा में रहा, जहां 6.6 डिग्री सेल्सियस और डाल्टनगंज में 7.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.

राज्य की राजधानी रांची में न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि रामगढ़ में 8.5 डिग्री सेल्सियस, बोकारो में 8.5 डिग्री सेल्सियस, चाइबासा में 8.6 डिग्री सेल्सियस और जमशेदपुर में 10.7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.

स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, ”राज्य में शीतलहर के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर अल्पसंख्यक विद्यालयों सहित सभी सरकारी और गैर सरकारी (सहायता प्राप्त/गैर सहायता प्राप्त) विद्यालय और राज्य के सभी निजी विद्यालय 26 से 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे.”

अधिसूचना के मुताबिक, ”माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए संबंधित विद्यालय आवश्यकतानुसार 10वीं से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित कर सकते हैं.”

गौरतलब है कि देशभर में ठंड का असर शुरू हो गया है. अलग-अलग राज्यों में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया है. बच्चों को खासकर ऐसे समय में ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ठंड बढ़ने के बाद से अभिभावक भी बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो जाते हैं.

ऐसे में झारखंड सरकार के फैसले ने अभिभावकों की चिंताओं का भी ख्याल रखते हुए स्कूलों को बंद करने का एलान किया है. यानी अब नए साल में ही स्कूल खोले जाएंगे. अगर सर्दी का सितम ऐसे ही जारी रहा तो हो सकता है कि सरकार स्कूलों को बंद करने के फैसले को आगे भी जारी रखे.

मोबाइल चोरी होने पर Bank Details और Mobile वॉलेट को रख सकते हैं सुरक्षित

मोबाइल चोरी होने पर हमें जितना दुख मोबाइल चोरी होने का नहीं होता है, उससे कई गुना दिख फोन में मौजूद डेटा चोरी होने का होता है। खासतौर पर फोन में मौजूद बैंक डिटेल्स और मोबाइल वॉलेट को लेकर काफी ज्यादा डर सा रहता है कि कहीं अनजान व्यक्ति जब हमारा Bank Details और मोबाइल वॉलेट का डिटेल न पहुंच जाए।

ऐसा होने पर आपको काफी ज्यादा परेशानी हो सकती है। अगर आपको भी इस तरह का डर सता रहा है, तो परेशान न हों। इस स्थिति में आप कुछ सिंपल से टिप्स फॉलो करके अपने मोबाइल वॉलेट और बैंक डिटेल्स को सुरक्षित रख सकते हैं। इसके लिए आपको बस कुछ जरूरी टिप्स को फॉलो करने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं फोन चोरी होने पर बैंक डिटेल और मोबाइल वॉलेट को किस तरह रखें सुरक्षित?

सिम को तुरंत कराएं ब्लॉक

अगर आपका फोन चोरी हो गया है, तो सबसे पहले किसी दूसरे व्यक्ति के फोन से कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके अपने सिम को ब्लॉक कराएं। ऐसा करने से अगर आपके बैंकिंग डिटेल्स को यूज करने की कोशिश करेगा, तो OTP के बिना एक्सेस करने में परेशानी होगी। वहीं, आपका मोबाइल वॉलेट भी फोन में बिना ओटीपी के एक्सेस नहीं हो सकता है। इससे आपकी गोपनीयता सुरक्षित रहेगी।

UPI पेमेंट को कराएं डीएक्टिवेट

कई बार फोन चोरी होने पर हमें लगता है कि इसका पासवर्ड न होने पर लोग इससे कुछ भी नहीं कर सकते हैं। लेकिन आपकी थोड़ी सी चूक आपके बैंक को पूरी तरह से खाली कर सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको अपने UPI भुगतान को तुरंत डिएक्टिवेट कराने की जरूरत होती है। फोन में मौजूद GPay, PhonePe, BharatUPI, Amazon UPI जैसी सभी सुविधाओं को कुछ समय के लिए डिएक्टिवेट कर दें। इससे आपका  बैंक खाली होने से बच सकेगा।

तुरंत बंद कराएं मोबाइल बैंकिंग सर्विसेस

फोन खोने पर या फिर चोरी होने पर आप अपने बैंक कस्टमर केयर को कॉल करके मोबाइल बैंकिंग सर्विसेस को तुरंत बंद करा दें। इससे कोई भी व्यक्ति आपके मोबाइल बैकिंग को यूज नहीं कर सकता है।

पुलिस में दर्ज कराएं रिपोर्ट

मोबाइल चोरी होने पर या फिर खोने पर पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्द कराएं। इससे न सिर्फ आपके फोन मिलने की संभावना बढ़ेगी, बल्कि आपके मोबाइल का दुरुपयोग होने से भी बच सकेगा। वहीं, सिम ब्लॉक कराने के बाद इसे दोबारा से एक्टिवेट करने के लिए आपको पुलिस में दर्ज किए गए एफआईआर की जरूरत होती है। इसलिए फोन चोरी होने के बाद आपको तुरंत एफआईआर कराना चाहिए। इसके साथ ही FIR की कॉपी भी अपने साथ जरूर रख लें, ताकि जरूरत पड़ने पर काम आ सके।

देश में फिर बढ़ा कोरोना का खतरा! एक दिन में पांच की मौत, 335 नए मामले

देश में कोरोना के केसों में एक बार फिर इजाफा होने लगा है। रविवार को कोरोना संक्रमण से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 335 नए मामले सामने आए हैं। इससे देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1,701 हो गई। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने राज्यों में सख्ती बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।

वहीं, कर्नाटक में 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए मास्क जरूरी कर दिया गया है। राज्यों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा है कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल आया है। केरल और तमिलनाडु में दो मामले जेएन-1 उप स्वरूप के पाए गए हैं। इसके लिए राज्यों में लोगों को मास्क लगाने के साथ भीड़ से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाए।

सीमावर्ती जिलों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश 

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि  ऐसे लक्षणों और संदिग्ध मामलों वाले लोगों के बीच जांच और सीमावर्ती जिलों में निगरानी को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों की आवाजाही और एकत्र होने पर फिलहाल किसी तरह के प्रतिबंध की जरूरत नहीं है।

अन्य राज्यों को भी सतर्क रहने की जरूरत 

वहीं, केंद्र द्वारा जारी गाइड लाइन में अन्य राज्यों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है। राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी उपाय समय रहते कर लिए जाएं। अन्य राज्यों से आने वालो का विशेष ख्याल रखा जाए और ज्यादा से ज्यादा RTPCR टेस्ट किए जाने की भी सलाह दी गई है।