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देश में फिर से लगेगा लाॅकडाउन, पिछले 24 घंटे में कोरोना से 500 से ज्यादा लोगों की मौत

पूरे देश में फिर से लगेगा लाॅकडाउन! भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 500 से ज्यादा लोगों की मौत

यूं तो देश के लगभग हर राज्य में लाॅकडाउन समाप्त हो चुका है लेकिन पिछले 24 घंटे में कोरोना के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह रौंगटे खड़े कर देने वाला है. पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना संक्रमण के 46759 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही भारत में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,26,49,947 हो गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से पिछले 24 घंटे में 509 लोगों की मौत हो चुकी है. इन मौतों के बाद अब देश भर में कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,37,370 हो गई है.

अगर कोरोना संक्रमितों के ये आंकड़े ऐसे ही आत रहें तो देश एक बार फिर लाॅकडाउन की ओर बढ़ सकता है. अभी हाल ही में बिहार सरकार ने लाॅकडाउन के खत्म होने की घोषणा की है. इसके बाद से सभी सार्वजनिक, धार्मिक स्थलों को पूर्ण रुप से खोल दिया गया है. स्कूल काॅलेजों को खोल दिया गया है.

शर्तों के साथ धार्मिक, सामाजिक समारोह करने की भी छूट दे दी गई है लेकिन जिस तरह से कोरोना संक्रमण और मौतों के जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके आधार पर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार अपने फैसले को आंशिक रुप से बदल भी सकती है.

देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आगामी पर्व त्योहारों के मौके पर ज्यादा भीड़ भाड़ एक जगह पर इकट्ठा न हो. वहीं गृह मंत्रालय ने राज्यों से कोरोना संक्रमण के मामलों की निगरानी रखने की भी एडवाइजरी जारी की है.

आंकड़ों की बात करें तो पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण से जिन 509 लोगों की मौत हुई है उनमें सर्वाधिक केरल के हैं तो महाराष्ट्र भी कोई बहुत ज्यादा पीछे नहीं है. कोरोना की वजह से जहां केरल के 179 लोग और महाराष्ट्र के 170 लोगों की मौत हुई है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए संकेत, दिल्ली में फिर लग सकता है लॉकडाउन

कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे पर तैयारियों के सवाल का जवाब देते हुए, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि अगर शहर में पॉजिटिव रेट 5 प्रतिशत (वर्तमान में यह 0.08 प्रतिशत है) तक जाती है, तो लॉकडाउन लगाया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री एसोचैम द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सत्र में बात कर रहे थे, जिसमें उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। सत्र का विषय था “दिल्ली हेल्थकेयर सिस्टम: COVID-19 की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी”।

दूसरी COVID-19 लहर के दौरान दिल्ली की स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन

सत्येंद्र जैन ने खुलासा किया कि वायरस की दूसरी लहर में दिल्ली को चौकस कर दिया गया था। स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि कोरोनो वायरस समय से सबक लेते हुए, दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑक्सीजन और अन्य दवाओं की कमी थी, जिसके कारण COVID-19 का प्रकोप झेलना पड़ा।

उन्होंने कहा, “छतरपुर, संत निरंकारी कॉलोनी, रामलीला मैदान में बनाए गए अस्थायी अस्पतालों को अब आईसीयू बेड और वेंटिलेटर के साथ तैयार किया जा रहा है, जिनकी संख्या 1200 से अधिक है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार अधिक चिकित्सा कर्मचारियों और अन्य डॉक्टरों को भी प्रशिक्षित कर रही है।”

टीकाकरण के सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “दिल्ली में हर दिन 3 से 4 लाख खुराक देने की क्षमता है, बशर्ते हमें पर्याप्त आपूर्ति मिले। अब तक दिल्ली में लगभग एक करोड़ खुराक पहले ही दी जा चुकी है।” इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने अपने संबोधन का समापन यह कहते हुए किया कि दिल्ली हर रोज 75,000 परीक्षण कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि स्थिति नियंत्रण में रहे।

केंद्र ने 10 राज्यों से कहा- पाबंदियों पर विचार करें, फिर से लगेगा लॉकडाउन?

कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़तोरी और पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार ने प्रतिबंधों को फिर से लागू करने पर विचार करने के लिए कहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को 10 राज्यों के साथ एक हाई लेवल बैठक की। स्वास्थ्य सचिव ने केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, मिजोरम, मेघालय, आंध्र प्रदेश और मणिपुर के प्रतिनिधियों से कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में 10 प्रतिशत से अधिक की पॉजिटिविटी रेट रिपोर्ट करने वाले सभी जिलों को सख्त प्रतिबंधों पर विचार करने की आवश्यकता है। मंत्रालय ने कहा कि इस स्तर पर किसी भी तरह की ढिलाई से इन जिलों में स्थिति बिगड़ सकती है।

बैठक में मौजूद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि प्रतिदिन 40000 ने मामले के साथ समझौते करने की जरूरत नहीं है। भारत में लगभग 46 जिले 10 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट रिपोर्ट कर रहे हैं और 53 जिले ऐसे हैं जो कि खतरे की ओर बढ़ रहे हैं। यहां पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 प्रतिशत के बीच है। कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए मंत्रालय की ओर से इन राज्यों को 4 प्वाइंट में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

जिनमें पहला है कि जहां ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं वहां काबू करने के प्रयास किए जाए और निगरानी रखी जाए। दूसरी बात मामलों की मैपिंग की जाए और संपर्कियों का पता लगाना और नियंत्रण क्षेत्रों को परिभाषित करना है। तीसरा निर्देश ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और बाल चिकित्सा देखभाल पर ध्यान देना है। चौथा निर्देश है कि मौत पर नजर रखना और गणना करना।

मंत्रालय ने कहा कि इन 10 राज्यों में 80 प्रतिशत से अधिक सक्रिय मामले होम आइसोलेशन में हैं। इन लोगों पर नजर रखने की जरूरत पर जोर देते हुए मंत्रालय ने कहा कि इन मरीजों की निगरानी के लिए समुदाय, गांव मोहल्ला, वार्ड आदि के स्तर पर स्थानीय निगरानी होनी चाहिए ताकि यह पता लग सके कि कहीं उनको अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत तो नहीं है।

गृह मंत्रालय का राज्यों को आदेश, कहा- जहां कोरोना नियम टूटे वहां लगा दिया जाए ‘लॉकडाउन’

कोरोना की दूसरी लहर के मंद पड़ते ही लोग बाजारों और पर्यटन स्थलों में उमड़ रहे हैं। मास्क और सोशल डिस्टेंशिंग जैसे नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। केंद्र सरकार और खुद प्रधानमंत्री की ओर से अपील किए जाने के बाद कुछ खास फर्क नहीं पड़ा है। ऐसे में अब गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि जिन स्थानों पर कोरोना नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, वहां फिर से पाबंदियां लगा दी जाएं। गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से लिखे गए लेटर में पहाड़ों पर पर्यटकों की भीड़ का भी जिक्र किया गया है।

मुख्य सचिवों के नाम लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि एक्टिव केसों में गिरावट के साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने धीरे-धीरे गतिविधियों को शुरू करने की इजाजत दी है। जैसा कि 19 जून को आदेश में भी कहा गया था, इस बात को दोहाराया जा रहा है कि प्रतिबंधों में छूट सावधानी पूर्वक दें।

लेटर में आगे कहा गया है कि देश के कई हिस्सों में कोरोना नियमों का उल्लंघन देखा जा रहा है। खासकर सार्वजनिक परिवहन और पहाड़ी क्षेत्रों में। बाजारों में भी भीड़ उमड़ रही है और सोशल डिस्टेंशिंग जैसे नियमों की अनदेखी हो रही है। इस बीच कुछ राज्यों में R फैक्टर (रीप्रोडेक्शन नंबर) में वृद्धि चिंता की वजह है आप जानते हैं कि 1.0 से अधिक R फैक्टर कोरोना फैलाव की ओर संकेत करता है। इसलिए यह अहम है कि सभी भीड़ वाले स्थानों जैसे दुकानों, मॉल्स, बाजार, मार्केट कॉम्पलेक्स, साप्ताहिक बाजार, रेस्टोरेंट, बार, मंडी, बस स्टेशन, रेलवे प्लैटफॉर्म, पार्कों, जिम, मैरिज ह़ल, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स आदि में कोरोना नियमों का पालन कराया जाए।

अडवाइजरी में कहा है, यह सुनिश्चित किया जाए कि जिस प्रतिष्ठान, परिसर या बाजार आदि में कोरोना से बचाव को लेकर बताए गए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है वहां दोबारा प्रतिबंध लगा दिए जाएं, ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा सख्त कानूनी कार्रवाई भी करने को कहा गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि ‘दवाई भी, कड़ाई भी’ मंत्र का पालन करते हुए टेस्टिंग में कमी ना आने दी जाए। संक्रमण में कमी के बावजूद किसी भी तरह की ढिलाई से बचते हुए संभावित आगामी लहरों को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।

लॉकडाउन में छूटी नौकरी, शुरू किया अपना स्टार्टअप, 13 गर्ल्स टीम के साथ डिजिटल मार्केटिंग में बनाई अलग जगह

अच्छी तरह से पढ़ाई और उच्च डिग्री हासिल करने के बाद बंगलौर, पुणे, दिल्ली जैसी जगहों पर अपनी काबिलियत के दम पर मल्टीनेशनल कंपनी में जगह बनाने वाली जिले की वर्षा के सपने पंख की तरह थे। जब ऊंची उड़ान का यह सपना लॉकडाउन की चपेट में आ गया तो वेतन और फिर नौकरी पर संकट आ गया। अच्छी स्थिति में होने के बावजूद, वेतन न मिलने की निराशा ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया और दुखद बात यह थी कि केवल लड़कियां ही छंटनी में पहले आ रही थीं। नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने पूरी हिम्मत के साथ अपनी कंपनी शुरू की और अब दूसरों को रोजगार दे रही हैं।वर्षा ने अपना स्टार्टअप शुरू किया और डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में अपनी खुद की कंपनी शुरू की। खास यह कि वर्षा ने अपने साथ कई लड़कियों की टीम बनाई। कुछ ही दिनों में अपनी मेहनत से दिल्ली में पहचान बनाने वाली वर्षा का कहना है कि लॉकडाउन में सबसे पहले लड़कियों की नौकरी पर संकट है।

ऐसे में सभी का अनुभव और कड़ी मेहनत मिलकर इस सफलता को गढ़ रही है। कहा कि कई महीनों की हताशा के बाद मैंने फैसला किया कि अब मैं अपनी काबिलियत का इस्तेमाल दूसरों के लिए नहीं बल्कि अपने लिए करूंगा। यहीं से उन्होंने अपने नए सफर की शुरुआत की।

लड़कियों को अब भी नहीं मिलता क्रेडिट
13 लड़कियों की टीम के साथ अपनी खुद की कंपनी बनाकर वर्षा लगातार बढ़ रही है। ऊषा की यह प्रतिभाशाली बेटी और छत्र बाजार निवासी राकेश जायसवाल का कहना है कि मैंने स्नातक की पढ़ाई मुजफ्फरपुर से ही की थी। काबिलियत के दम पर यहां पहुंचे, लेकिन लॉकडाउन में मामला जब थमा तो सबसे पहले लड़कियों को निशाना बनाया गया. कहा कि लड़कियों को अभी भी क्रेडिट नहीं दिया जाता है। यही वजह है कि मैंने अपनी टीम में ज्यादातर लड़कियों को चुना है। वर्तमान समय के अनुसार हमने डिजिटल मार्केटिंग की एक कंपनी बनाई है जो हर तरह की सुविधा प्रदान करती है।

28 जून तक हरियाणा में बढ़ा लॉकडाउन, शादी और अंतिम संस्कार में 50 लोगों को अनुमति

हरियाणा सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन 28 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। लेकिन इस बार प्रतिबंध पहले जैसे नहीं होंगे और बड़े पैमाने पर सरकार की ओर से नियमों में ढील भी दी गई है। हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी विजय वर्धन की ओर से जारी आदेश में शादियों और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या को लेकर भी छूट दी  गई है। इसके अलावा कॉरपोरेट ऑफिसों को 100 फीसदी क्षमता के साथ चलाए जाने की छूट भी दी गई है।

आइए जानते हैं, हरियाणा में कोरोना की नई गाइडलाइंस के तहत किन चीजों की रहेगी राहत और किन पर रोक…

 शादी, अंतिम संस्कार में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी। हालांकि शादी के दौरान सार्वजनिक स्थानों जैसे सड़क आदि पर बारात निकालने की अनुमति नहीं होगी। परिसर के अंदर ही आयोजन करने की छूट होगी।

-कॉरपोरेट दफ्तरों को नई गाइडलाइंस में बड़ी राहत दी गई है। इन संस्थानों में अब 100 फीसदी क्षमता के साथ काम हो सकेगा। हालांकि सैनिटाजेशन, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग समेत सभी जरूरी प्रोटोकॉल्स के सख्ती से पालन की हिदायत भी दी गई है।

 क्लब हाउस, रेस्तरां, बार और गोल्फ कोर्सेज को सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। हालांकि इनमें कुल क्षमता के 50 फीसदी के बराबर लोगों को मौजूद रहने की ही अनुमति होगी।

 कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए दुकानों को सुबह 9 बजे से राहत 8 बजे तक के लिए खोलने की छूट दी गई है।

-रेस्तरां, बार, होटल और मॉल्स को भी खोलने की अनुमति दी गई है। इनकी टाइमिंग सुबह 10 बजे से रात को 10 बजे तक की होगी। हालांकि इनमें भी 50 फीसदी से ज्यादा लोगों मौजूदगी की अनुमति नहीं होगी।

 शॉपिंग मॉल्स को सुबह 10 बजे से रात को 8 बजे तक खोलने की परमिशन दी गई है।

 स्विमिंग पूल और स्पा को अब भी बंद रखने का फैसला लिया गया है।

तमिलनाडु में 21 जून तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, इन मामलों में रहेगी ढील

तमिलनाडु में एम के स्टॉलिन सरकार ने थोड़े अधिक ढील के साथ लॉकडाउन 21 जून तक बढ़ा दिया है.  राज्य के 27 जिलों में सरकार द्वारा संचालित तस्माक की दुकानों को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच संचालित करने की अनुमति है. इसके पहले 28 मई को तमिलनाडु में 7 जून सुबह 6 बजे तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया था. वहीं, तमिलनाडु की सरकार ने चेन्नई के पास एचएलएल बायोटेक लिमिटेड के एकीकृत वैक्सीन कॉम्प्लेक्स (आईवीसी) को एक प्राइवेट पार्टी के साथ पिछले देनदारियों के बिना पट्टे पर चलाने का प्रस्ताव रखा था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा है कि वैक्सीन परिसर की संपत्ति राज्य सरकार को पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता के साथ और पिछले देनदारियों के बिना पट्टे पर सौंपा जाए. स्टालिन ने पीएम मोदी से कहा कि राज्य सरकार द्वारा तुरंत एक उपयुक्त निजी भागीदार की पहचान की जाएगी और इसके बाद जल्द से जल्द वैक्सीन उत्पादन के काम को शुरू करने का प्रयास किया जाएगा. स्टालिन के मुताबिक, “प्लांट में काम शुरू होने के बाद केंद्र सरकार के लिए अपने निवेश का एक हिस्सा वसूल करने के लिए उपयुक्त वित्तीय व्यवस्था पर बाद में काम किया जा सकता है. उच्च क्षमता वाली वैक्सीन उत्पादन इकाई अप्रयुक्त पड़ी है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार पहले ही इस निर्माण इकाई में लगभग 700 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है, जो लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अतिरिक्त धन के अभाव में अप्रयुक्त पड़ा हुआ है. स्टालिन ने पीएम की ओर इशारा करते हुए कहा कि आईवीसी को चलाने के लिए एक निजी भागीदार खोजने का हालिया प्रयास भी सफल नहीं हुआ, क्योंकि इसके लिए कोई बोली लगाने वाला नहीं था.

तमिलनाड़ु सरकार करेगी 2,100 चिकित्सकों और 6,000 नर्सो की भर्ती

तमिलनाडु के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यम ने कहा कि राज्य सरकार कोविड के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करने के लिए 2,100 डॉक्टरों, 6,000 नर्सों और 3,700 तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि एमके स्टालिन की सरकार ने सभी जिला प्रशासनों को निर्देश दिया है कि वे कोविड के कारण होने वाली मौतों की सही संख्या की जानकारी दें और इन्हें न छिपाएं क्योंकि इससे लोगों में बीमारी की गंभीरता को लेकर सही जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी. एक मीडिया विज्ञप्ति में सरकार ने कहा कि उनके द्वारा तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौजूदा 1,600 बेडों के अलावा 500 ऑक्सीजन युक्त बेड शामिल की जाएगी.

लॉकडाउन में स्कूल बंद फिर भी ली जा रही पूरी फीस, सरकार ले संज्ञान-रजनीकांत पाठक

लॉक डाउन अवधि में स्कूल बंदी के दौरान निजी विद्यालय प्रशासन द्वारा मनमानी ढंग से वसूले जा रहे स्कूल फ़ीस पर अंकुश लगाए जाने के सम्बंध में मुख्यमंत्री बिहार को पत्र लिख कर रजनीकांत पाठक ने मुख्यमंत्री बिहार से हस्तक्षेप की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता रजनीकांत पाठक ने असंख्य स्कूली बच्चें के अभिभावक के दर्द को समझ कर आवाज उठाई है और हर हाल में फीस कटौती की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री के लिखे पत्र में मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए कहा है कि, मार्च 2020 से राज्य व देश में वैश्विक महामारी करोना से उत्पन्न स्थिति के कारण सम्पूर्ण रूप से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। यहाँ यह भी ग़ौरतलब हो कि लॉकडाउन की अवधि में सभी सरकारी व ग़ैर सरकारी विद्यालय सम्पूर्ण रूप से बंद रहे।

ज्ञात हो कि इस बंद की अवधि के दौरान सभी निजी बड़े विद्यालयों द्वारा मनमानी ढंग से पूर्ण फ़ीस वसूला गया है। यही नहीं जबकि चालू शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के प्रथम तिमाही में भी पटना के साथ-साथ अन्य ज़िलों में भी निजी विद्यालय द्वारा जबरन व मनमानी ढंग से पूरी फ़ीस वसूली जा रही है। यहाँ यह भी आश्चर्य है कि जो सुविधाएँ निजी विद्यालयों द्वारा बच्चों को प्रदान नहीं किए जा रहे हैं उसका मासिक फ़ीस भी खुल्लम-खुल्ला वसूला जा रहा है।

विदित हो कि फ़ीस प्राप्ति रसीद में उल्लेखित विवरण के अनुसार जिस प्रकार फ़ीस वसूला जा रहा है इससे निजी विद्यालय प्रशासन की मंशा “आपदा में अवसर” की भावना को प्रकट करता है। कहने का तात्पर्य यह है की, जो सुविधा बच्चों को स्कूल जाने के बाद दिया जाता था स्कूल बंदी के दौरान भी वे सारे फ़ीस बच्चों केअभिभावकों से वसूले जा रहे हैं। यह घोर अन्याय और कष्टकारी है।

उदाहरण :- स्कूल बंद के दौरान निम्नानुसार फ़ीस वसूले जा रहे है
ट्यूशन फ़ीस – 6750, टर्म फ़ीस – 500, स्मार्ट क्लास फ़ीस – 300, डवलपमेंट फ़ीस – 1000, एक्टिविटी फ़ीस – 600, ई- केयर फ़ीस – 300, इग्ज़ाम फ़ीस – 400, लाइब्रेरी फ़ीस – 150, कम्प्यूटर फ़ीस – 300, जेनरेटर चार्ज – 200, बिल्डिंग मेंटेनेंस – 1000, डायरी / कार्ड – 200, स्टेबलिस्ट – 500, जिम/खेल – 300

इस प्रकार मनमाने ढंग से निजी विद्यालय प्रशासन द्वारा फ़ीस वसूलना कही से भी न्यायोचित नहीं है। जब स्कूल ही बन्द है तो इस प्रकार से मनमानी ढंग से फ़ीस वसूलने क्या मतलब है? क्या यह लूट नहीं? आज असंख्य माता – पिता अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की चिंता के साथ साथ स्वयं के दैनिक जीवन – यापन यथा-रोज़गार आदि से परेशान हैं। करोना जैसे महामारी और लम्बे समय से चले आ रहे लॉकदाऊन में मध्यम वर्ग को बहुत कमजोर कर चुका है। बिहार के माता पिता में सबसे बड़ी ख़ासियत है कि वो खुद को दुखों में झोंककर बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देना चाहते हैं। बिहार के लिए ये बहुत बड़ी बात है। ऐसे स्थिति में मध्यम वर्गीय परिवार के लिए सामान्य जीवन यापन करने के साथ बच्चों की शैक्षणिक गतिविधि को जारी रखना चुनौतिपूर्ण है।

मुख्यमंत्री जी, राज्य की जनता के लिए आप हमेशा मानवीय कर्तव्य को पूरा करते रहे हैं। अतः आपसे अनुरोध है कि, बिहार के निजी विद्यालयों में स्कूल बंदी के दौरान लिए जा रहे मनमानी ढंग से फ़ीस वसूलने पर रोक लगाते हुए बंदी के दौरान सिर्फ़ ट्यूशन फ़ीस (वर्तमान में जो ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है) लेने के लिए सख़्त निर्देश देने की कृपा करे ताकि राज्य के असंख्य माता – पिता को इस मनमानी ढंग से लिए जा रहे फ़ीस के असहनीय बोझ से राहत मिले।

बिहार में लॉकडाउन या अनलॉक, पाबंदियां हटाने व छूट देने फैसला आज, सीएम नीतीश करेंगे ऐलान

बिहार में नौ जून से लॉकडाउन का स्वरूप और इसकी अवधि क्या होगी, इस पर मंगलवार को फैसला होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रियों और पदाधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद आठ जून के बाद लॉकडाउन को लेकर निर्णय लेंगे। कौन-कौन सी पाबंदियां रहेंगी और क्या अतिरिक्त छूट मिलेगी, इस पर आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में चर्चा होगी। इसके बाद गृह विभाग लॉकडाउन-5 को लेकर आदेश जारी करेगा, जो नौ जून से प्रभावी होगा।

जानकारी के अनुसार लॉकडाउन का विस्तार किया जा सकता है। लॉकडाउन-5 में और भी कई तरह की छूट मिलने की उम्मीद है। दुकानों के खुलने के समय में और अधिक छूट मिल सकती है। साथ ही आवागमन से संबंधित भी कई अहम निर्णय मंगलवार की बैठक में लिये जाने की संभावना है। संबंधित विभागों ने भी राय दी है कि लॉकडाउन को अभी पूरी तरह नहीं हटाया जाना चाहिए।

5 मई से जारी है लॉकडाउन
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने 5 मई से बिहार में लॉकडाउन लगा रखा है। लॉकडाउन का प्रथम चरण 15 मई तक था। बाद में इसे 25 तारीख तक बढ़ाया गया। हालात की सीमाक्षा के बाद सरकार ने एक सप्ताह तक इसे और बढ़ाने का फैसला लिया। फिर 2-8 जून तक के लिए लॉकडाउन-4 लागू किया गया जो मंगलवार तक प्रभावी है।

दुकानों के खुलने की समय सीमा बढ़ सकती है
सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन अभी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि लॉकडाउन-4 के मुकाबले लॉकडाउन-5 में प्रतिबंधों में अतिरिक्त ढील दी जा सकती है। अभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों को सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक खोलने की इजाजत है। माना जा रहा है कि दुकानें शाम 4 या उसके बाद खोलने की इजाजत मिलेगी।

बिहार में लॉकडाउन-5 की संभावना, सीएम नीतीश कल कर सकते हैं ऐलान

कोरोना संक्रमण के घटते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार कुछ नई रियायतों के साथ लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ा सकती है। माना जा रहा है कि बिहार में एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन-5 लागू रहेगा। इस दौरान पाबंदियों में ढील दी जाएगी ताकि लोगों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े। लॉकडाउन-4 की अवधि 8 जून यानी मंगलवार को खत्म हो रही है। मंगलवार को ही आपदा प्रबंधन समूह की बैठक होने वाली है। इसके बाद पाबंदियों में ढील देने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

बिहार में 5 मई से लॉकडाउन है

कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने बिहार में 5 मई से लॉकडाउन लगाया है। पहले चरण का लॉकडाउन 15 मई तक था। बाद में इसे बढ़ाकर 25 मई कर दिया गया। स्थिति की समीक्षा के बाद सरकार ने इसे एक हफ्ते के लिए बढ़ाने का फैसला किया। फिर 2-8 जून तक लॉकडाउन-4 लागू किया गया जो मंगलवार तक प्रभावी है।

बढ़ाई जा सकती है दुकानें खोलने की समय सीमा

सूत्रों के मुताबिक, अभी लॉकडाउन जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि लॉकडाउन-4 की तुलना में लॉकडाउन-5 में पाबंदियों में अतिरिक्त छूट दी जा सकती है। फिलहाल शहरी और ग्रामीण इलाकों में दुकानों को सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक खोलने की अनुमति है। माना जा रहा है कि इस समय सीमा को बढ़ाया जाएगा। दुकानों को शाम चार बजे या उसके बाद तक खोलने की अनुमति होगी। हालांकि, दुकानें खोलने की व्यवस्था एक दिन मध्य तक जारी रहने की संभावना है। क्षमता के केवल 50 प्रतिशत लोगों को बसों और सार्वजनिक परिवहन से संबंधित अन्य सेवाओं में यात्रा करने की अनुमति होगी। फिलहाल बदलाव की उम्मीद नहीं है। वहीं, दिन में निजी वाहनों से आने-जाने पर छूट मिल सकती है।

निजी कार्यालय भी खुल सकते हैं

फिलहाल जरूरी सेवाओं को छोड़कर सरकारी दफ्तरों को खोल दिया गया है। सरकारी कार्यालय 2 जून से 25 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम कर रहे हैं। लॉकडाउन-5 में सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ निजी दफ्तरों के भी शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित रहेगी।

जरूरत पड़ने पर स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध

कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर जिला प्रशासन को लॉकडाउन-3 के बाद से पाबंदियों को सख्त करने का अधिकार दिया गया है. भविष्य में भी इसके जारी रहने की संभावना है।

लॉकडाउन ने घटाई संक्रमण दर

लॉकडाउन ने संक्रमण दर निकालने में काफी मदद की है। 5 मई को जब बिहार में पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था तब कोरोना संक्रमण की दर 15.57 फीसदी थी. वहीं, यह 15 मई को 6.65 और 20 मई को 4.19 प्रतिशत पर आ गया। राज्य में संक्रमण दर 27 मई को 2.10 और 28 मई को 1.93 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। रविवार 6 जून को कोरोना की संक्रमण दर 0.84 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

2 बजे और गिरने लगे दुकानों के शटर, लॉकडाउन 4 के पहले दिन पटना में दिखी यह तस्वीर

बिहार में आज से लॉकडाउन चार की शुरुआत हो गई. लॉकडाउन 4 में सरकार की तरफ से छूट का दायरा बढ़ाया गया और तकरीबन 1 महीने बाद आज राजधानी पटना में दोपहर 2 बजे तक दुकानें खुली रहीं. कोरोना की दूसरी लहर में पटना के लोगों को जो कुछ बोला है, उसका असर आज छूट के पहले दिन भी देखने को मिला. 2 बजते ही राजधानी पटना के हर इलाके में दुकानों के शटर गिरने लगे. लोग लॉकडाउन के लिए तय सीमा पर दुकान बंद कर अपने घरों की तरफ से लौटने लगे और देखते ही देखते सड़कों पर सुबह से जो भीड़ दिख रही थी, उसमें अचानक से कमी आ गई.

जिला प्रशासन की तरफ से पटना में सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है. इन दुकानों में कैटेगरी एक अंदर रखी गई आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के साथ-साथ कैटेगरी भी में शामिल उन दुकानों को आज खोला गया. जिन्हें सोमवार बुधवार और शुक्रवार को खोलने की इजाजत दी गई है. सुबह से ही पटना के व्यवसाई के इलाकों में दुकानदार अपनी दुकान की साफ सफाई करते नजर आए.

तकरीबन 28 दिन बाद दुकान पर लौटे तो एक तरफ ऊपर वाले का शुक्र अदा किया तो वहीं दूसरी तरफ से यह उम्मीद लेकर पहुंचे कि अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट आएगी. पटना के कारोबारियों ने उम्मीद जताई कि कोरोना वायरस कमजोर होने के बाद अब बाजार धीरे-धीरे पुरानी रौनक की तरफ लौटेगा.

दुकानों को खोलनेके लिए जिला प्रशासन ने उसे 3 कैटेगरी में बंटा है. पहली कैटेगरी की दुकान आवश्यक वस्तुओं की होंगी जो।हर दिन सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी. किराना दुकान, डेयरी मिल्क बूथ, फल-सब्जी मंडी, मीट एवं मछली की दुकानें, अनाज मंडी, जन वितरण प्रणाली की दुकान, उर्वरक, बीज, कीटनाशक और कृषि यंत्रों से संबंधित प्रतिष्ठान या दुकान। पशु चारा की दुकान, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी एवं आवश्यक सेवाएं हर दिन खुलेंगी.

सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को यह दुकानें खुलेंगी

इलेक्ट्रिकल सामान : पंखा, कूलर, एयर कंडीशनर, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप एवं बैटरी

• सैलून एवं पार्लर • ऑटोमोबाइल वर्कशॉप

• गैरेज सर्विसिंग सेंटर • हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की दुकान

• टायर एवं ट्यूब की दुकान मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकान • साइकिल की दुकान • वाहन प्रदूषण जांच केंद्र• फर्नीचर की

दुकान स्टेशनरी • सौंदर्य प्रसाधन

मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को यह दुकानें खुलेंगी

• कपड़ा • बर्तन • सोना-चांदी की दुकान

खेलकूद सामग्री• ड्राई क्लीनर्स

• जूता चप्पल

• निर्माण सामग्री भंडारण एवं बिक्री से

संबंधित दुकान • सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, प्लास्टिक

पाइप, हार्डवेयर, सेनेटरी फिटिंग, लोहा, पेंट्स, शटरिंग सामग्री

बिहार: अनलॉक होते ही सड़क पर उमड़ी लोगों की भीड़, पटना के राजेंद्र नगर में लगा जाम

बिहार में बुधवार से बिहार में लॉकडाउन-4 बुधवार से प्रभावी हो गया है। सरकार ने दुकानें खोलने की समय सीमा बढ़ा दी है। यानी अब दुकानें पहले से ज्यादा समय तक खुल सकेंगी। वहीं ताला खुलते ही राजेंद्र नगर स्थित डॉक्टर कॉलोनी की सड़क पर सब्जी मंडी व फल मंडी में खरीदारी करने वालों की भीड़ लग गयी, वहां जाम लग गया।

लॉकडाउन-4 में किए गए कई बदलाव : राज्य में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सरकार ने बिहार में 5 मई से लॉकडाउन लगाया था. लॉकडाउन-3 की अवधि मंगलवार को खत्म हो गई. लॉकडाउन-4 बुधवार से प्रभावी होगा। लॉकडाउन-4 में पहले लगाए गए कई प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। अब सभी प्रकार की दुकानें एक दिन के मध्य में खुलेंगी। कौन सी दुकानें किस दिन खुलेंगी, यह जिला प्रशासन ने तय किया है। हालांकि, खाद्य सामग्री, फल और सब्जियां, दूध, मांस और मछली के अलावा उर्वरक, बीज और कीटनाशकों की दुकानें रोजाना खुलेंगी। इसके अलावा वैकल्पिक दिवस पर अन्य दुकानें खोली जा सकती हैं। लॉकडाउन-3 में शहरी इलाकों में शाम 6-10 बजे तक और ग्रामीण इलाकों में रात 8-12 बजे तक दुकानें खोलने की इजाजत थी। अब दोपहर 2 बजे तक दुकानें खोली जा सकेंगी।

ये प्रतिबंध जारी रहेंगे : लॉकडाउन-4 में कई पाबंदियां जारी रहेंगी। गैर सरकारी कार्यालय फिलहाल बंद रहेंगे। शादी, श्राद्ध और अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं। जुलूस और बैंड बाज की अनुमति नहीं है। सभी धार्मिक स्थल आम जनता के लिए बंद रहेंगे। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, ट्रेनिंग सेंटर समेत शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। परीक्षा भी नहीं कराई जाएगी। साथ ही, जिलाधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों की समीक्षा करने और अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, उन्हें राज्य सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देने का अधिकार नहीं दिया गया है।

बिहार में आज से लॉकडाउन 4 लागू, बाजार में लौटेगी रौनक.. बदल गयी है गाइडलाइन

बिहार में आज से लॉकडाउन 4 की शुरुआत हो गई है। लॉकडाउन 4 आज 2 जून से शुरू होकर 8 जून तक बिहार में प्रभावी रहेगा। लॉकडाउन 3 के मुकाबले इस नए लॉकडाउन में छूट का दायरा सरकार ने बढ़ाया है। लॉकडाउन 4 की शुरुआत के साथ आज से बाजारों में रौनक लौटने वाली है। इसके साथ ही साथ से सरकारी कार्यालयों में भी अब तो कर्मियों की उपस्थिति देखी जा रही है। 25 फीसदी कर्मियों के साथ सरकारी कार्यालयों में काम तकरीबन महीने भर बाद शुरू हो गया है।

 

राजधानी पटना में जिला प्रशासन की तरफ से दुकानों को तीन केटेगरी में बांटकर खोलने का आदेश दिया गया है। सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक अब दुकानें खुल पाएंगे। आवश्यक वस्तुओं की दुकानें हर दिन खुलेगी जबकि बाकी दुकानों को अल्टरनेट डे पर खोलने का शेड्यूल बनाया गया है। हालांकि लॉकडाउन 4 में भी किसी भी तरह के धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और खेलकूद की गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। प्राइवेट ऑफिस भी बंद रहेंगे। शादी और श्राद्ध जैसे आयोजनों में 20 व्यक्ति ही शामिल हो पाएंगे। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, ट्रेनिंग सेंटर, शैक्षणिक संस्थान पहले की तरह बंद रहेंगे और परीक्षाएं भी आयोजित नहीं होंगी।

 

दुकानों को खोलनेके लिए जिला प्रशासन ने उसे 3 कैटेगरी में बंटा है। पहली कैटेगरी की दुकान आवश्यक वस्तुओं की होंगी जो।हर दिन सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगी। किराना दुकान, डेयरी मिल्क बूथ, फल-सब्जी मंडी, मीट एवं मछली की दुकानें, अनाज मंडी, जन वितरण प्रणाली की दुकान, उर्वरक, बीज, कीटनाशक और कृषि यंत्रों से संबंधित प्रतिष्ठान या दुकान। पशु चारा की दुकान, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी एवं आवश्यक सेवाएं हर दिन खुलेंगी।

 

सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को यह दुकानें खुलेंगी

 

इलेक्ट्रिकल सामान : पंखा, कूलर, एयर कंडीशनर, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप एवं बैटरी

 

• सैलून एवं पार्लर • ऑटोमोबाइल वर्कशॉप

 

• गैरेज सर्विसिंग सेंटर • हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की दुकान

 

• टायर एवं ट्यूब की दुकान मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकान • साइकिल की दुकान • वाहन प्रदूषण जांच केंद्र• फर्नीचर की

 

दुकान स्टेशनरी • सौंदर्य प्रसाधन

 

मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को यह दुकानें खुलेंगी

 

• कपड़ा • बर्तन • सोना-चांदी की दुकान

 

खेलकूद सामग्री• ड्राई क्लीनर्स

 

• जूता चप्पल

 

• निर्माण सामग्री भंडारण एवं बिक्री से

 

संबंधित दुकान • सीमेंट, स्टील, बालू, स्टोन, प्लास्टिक

 

पाइप, हार्डवेयर, सेनेटरी फिटिंग, लोहा, पेंट्स, शटरिंग सामग्री

बिहार लॉकडाउन 4: आज से लागू होंगी छूट व पाबंदियां, 2 बजे तक खुलेंगी दुकानें, ये प्रतिबंध रहेंगे जारी

बिहार में बुधवार से लॉकडाउन-4 प्रभावी हो जाएगा। अब पहले के मुकाबले दुकानें ज्यादा खुलेंगी। लॉकडाउन-3 के मुकाबले दुकानों के खुले रखने की समय सीमा भी बढ़ गई है। अब दोपहर 2 बजे तक दुकान खुली रहेंगी। इसके अलावा भी लॉकडाउन-4 में कुछ सहुलियतें दी गई हैं। हालांकि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करना होगा।

लॉकडाउन-4 में किए गए कई बदलाव
राज्य में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने 5 मई से बिहार में लॉकडाउन लगाया था। मंगलवार को लॉकडाउन-3 की मियाद खत्म हो गई। बुधवार से लॉकडाउन-4 प्रभावी होगा। पूर्व में लगाए गए कई प्रतिबंधों को लॉकडाउन-4 में हटा लिया गया है। अब सभी तरह की दुकानें एक दिन बीच कर खुलेंगी। जिला प्रशासन ने तय कर दिया है कि कौन सी दुकानें किस दिन खुलेंगी।

हालांकि खाद्य सामग्री, फल-सब्जी, दूध, मीट-मछली के अलावा खाद, बीज और कीटनाशक की दुकानें रोजाना खुलेंगी। इसके अलावा बाकी दुकानें अल्टरनेट डे पर खोली जा सकेंगी। लॉकडाउन-3 में शहरी क्षेत्रों में दुकानों को 6-10 और ग्रामीण इलाकों में 8-12 बजे तक खोलने की अनुमति थी। अब दुकानें 2 बजे दोपहर तक खोली जा सकती हैं।

सरकारी दफ्तरों में 25 प्रतिशत उपस्थिति
सरकारी दफ्तरों में भी करीब महीने भर बाद कामकाज शुरू होगा। लॉकडाउन-4 में सरकारी दफ्तरों को खोलने का आदेश दिया गया है। हालांकि अभी दफ्तरों में उपस्थिति 25 प्रतिशत ही रहेगी और कामकाज 4 बजे तक ही होगा।

कई प्रतिबंध जारी रहेंगे
लॉकडाउन-4 में कई प्रतिबंध जारी रहेंगे। गैर सरकारी कार्यालय अभी बंद रहेंगे। शादी, श्राद्ध और अंतिम संस्कार में 20 व्यक्ति ही शामिल हो सकते हैं। बारात और बैंड बाजे की इजाजत नहीं दी गई है। सभी धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए बंद रहेंगे। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, ट्रेनिंग सेंटर समेत शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। परीक्षाओं का भी आयोजन नहीं होगा। वहीं जिलाधिकारियों को अधिकार दिया गया है कि वह स्थानीय परिस्थितियों की समीक्षा कर अतिरिक्त प्रतिबंध भी लगा सकते हैं। हालांकि राज्य सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देने का उन्हें अधिकार नहीं दिया गया है।

लॉकडाउन 4: बिहार में एक बार फिर कटेगा बैंकों के खुलने का समय

कोरोना के हालात को देखते हुए बिहार में बैंकों के खुलने के समय में एक बार फिर कटौती की गई है। लॉकडाउन-4 के दौरान सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बैंक खुलेंगे। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने एक सर्कुलर जारी कर यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर से बैंककर्मी दहशत में हैं। इसे देखते हुए ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन बिहार स्टेट कमेटी और बीपीबीईए ने पिछले महीने बिहार सरकार और एसएलबीसी से बैंकिंग कार्यकाल 10 से 4 बजे के बजाय 10 से 3 बजे तक करने का अनुरोध किया था। इसके अलावा 50 प्रतिशत स्टाफ को रोटेशन के आधार पर शाखा संचालन करने का भी अनुरोध किया गया था। इस अनुरोध पर एसएलबीसी ने पिछले महीने ही बैंकों के समय में कटौती की थी। अब लॉकडाउन-4 ने एक बार फिर बैंकों के घंटों में कटौती कर दी है। बैंक अब सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही खुलेंगे।

लॉकडाउन 8 जून तक बढ़ा दिया गया है

इस बीच, बिहार सरकार ने स्थिति की समीक्षा के बाद लॉकडाउन को 8 जून तक बढ़ा दिया है. लॉकडाउन के दौरान व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी कुछ छूट है। यह जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ट्वीट के जरिए दी।

मुख्यमंत्री नीतीश ने ट्वीट किया : मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने ट्वीट में कहा, ‘कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन को एक हफ्ते यानी 8 जून 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया गया है. लेकिन कारोबार के लिए अतिरिक्त छूट दी जा रही है. सामाजिक दूरी।’

15 मई से तीन बार बढ़ाया गया लॉकडाउन

बिहार में तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ाया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य में पहली बार 5 से 15 मई तक लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद सरकार ने इसे 25 मई तक के लिए बढ़ा दिया। बाद में राज्य के हालात की समीक्षा के लिए हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन को 1 जून तक बढ़ाने का फैसला किया था, जिसे अब 8 जून तक बढ़ा दिया गया है। गौरतलब है कि बिहार में लॉकडाउन को लागू किया जाना चाहिए। सख्ती इससे कोरोना के मामले काफी हद तक कम हो गए हैं।