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महिला दिवस के अवसर पर, भारत की पहली महिला डॉक्टर की बायोग्राफी

महिला दिवस के अवसर पर, भारत की पहली महिला डॉक्टर की बायोग्राफी आनंदीबाई जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं।उनका जन्म 31 मार्च 1865 को पुणे में हुआ था। उन्होंने 1886 में बॉम्बे से डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की।

महिला दिवस के अवसर पर, भारत की पहली महिला डॉक्टर की बायोग्राफीआनंदीबाई जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं. आनंदीबाई जोशी भारतीय समाज की एक महान नाम हैं जिन्होंने 19वीं सदी के मध्य में महिलाओं के उत्थान और शिक्षा को प्रोत्साहित किया. उन्हें 31 मार्च 1865 को महाराष्ट्र के पुणे में जन्मा था. उनके पिता जिंजराव ताम्बे एक ज्ञानी और समाजसेवी थे जो महिलाओं की शिक्षा को महत्व देते थे. आनंदीबाई ने बालिका विधवा विवाह में 9 साल की आयु में श्रीधरराव जोशी से विवाह किया था. उन्हें बचपन से ही शिक्षा क्रांति के लिए प्रेरित किया गया था. उन्होंने 1886 में न्यूयॉर्क की डीन डेन डॉक्टरल स्कूल से चिकित्सा में स्नातक की डिग्री हासिल की और भारत लौट गईं. उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना कार्य शुरू किया. उन्होंने महिलाओं के लिए एक नर्सिंग स्कूल और बालिकाओं के लिए एक आश्रम स्थापित किया. उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित किया और उन्होंने भारतीय समाज को महिलाओं के उत्थान की दिशा में मार्गदर्शन किया. आनंदीबाई जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं. उनका जन्म 31 मार्च 1865 को पुणे में हुआ था. उन्होंने 1886 में बॉम्बे से डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की।

आनंदीबाई का बचपन बहुत मुश्किल था. उनका जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनकी शादी 9 साल की उम्र में गोपालराव जोशी से हुई थी, जो उस समय 20 साल के थे. गोपालराव एक शिक्षित व्यक्ति थे और उन्होंने आनंदीबाई को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया. आनंदीबाई की शिक्षा की बात करें तो उन्होने अपनी शुरुआती शिक्षा घर पर ही प्राप्त की. बाद में उन्हें एक मिशनरी स्कूल में भेजा गया. उन्होंने स्कूल में अच्छी शिक्षा प्राप्त की और 1883 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।

आनंदीबाई का मेडिकल कॉलेज में प्रवेश

आनंदीबाई ने ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई में प्रवेश लिया. उस समय मेडिकल कॉलेज में महिलाओं का प्रवेश बहुत मुश्किल था. आनंदीबाई को कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा।

आनंदीबाई का मेडिकल करियर

आनंदीबाई ने मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काम करना शुरू किया. उन्होंने पुणे में एक महिला अस्पताल की स्थापना की. उन्होंने महिलाओं को स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने के लिए भी काम किया।

आनंदीबाई की मृत्यु

आनंदीबाई का 26 फरवरी 1887 को 22 साल की उम्र में क्षय रोग से निधन हो गया. उनकी मृत्यु भारत के लिए एक बड़ी क्षति थी।

आनंदीबाई की विरासत

आनंदीबाई जोशी भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं. उन्होंने महिलाओं के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनकी कहानी प्रेरणादायक है और यह महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।

आनंदीबाई जोशी के बारे में कुछ रोचक तथ्य: 

  • आनंदीबाई जोशी का जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
  • उनकी शादी 9 साल की उम्र में गोपालराव जोशी से हुई थी।
  • गोपालराव एक शिक्षित व्यक्ति थे और उन्होंने आनंदीबाई को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • आनंदीबाई ने 1886 में ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की।
  • वे भारत की पहली महिला डॉक्टर थीं।
  • उन्होंने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काम किया.
  • उन्होंने पुणे में एक महिला अस्पताल की स्थापना की।
  • उन्होंने महिलाओं को स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने के लिए भी काम किया।
  • 26 फरवरी 1887 को 22 साल की उम्र में क्षय रोग से उनका निधन हो गया।
  • आनंदीबाई जोशी की कहानी प्रेरणादायक है और यह महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।

आनंदीबाई जोशी का योगदान:

महिलाओं के लिए प्रेरणा: वे महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनीं और उन्हें शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
महिलाओं के स्वास्थ्य: उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया और महिलाओं के लिए चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए काम किया।
सामाजिक सुधार: उन्होंने सामाजिक सुधारों के लिए भी काम किया और महिलाओं के लिए समान अधिकारों की वकालत की।

आनंदीबाई जोशी का जीवन और योगदान भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

NIA के हाथ लगा ब्लास्ट का मस्जिद कनेक्शन, बरामद किया सबूत

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट के संदिग्ध की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में संदिग्ध को बिना टोपी और मास्क के बस में यात्रा करते हुए दिखाया गया है।

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट के संदिग्ध की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं. तस्वीरों में संदिग्ध को बिना टोपी और मास्क के बस में यात्रा करते हुए दिखाया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, संदिग्ध की बेसबॉल टोपी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा पास की एक मस्जिद के बाहर से बरामद की गई है. सूत्रों का कहना है कि, ऐसा लगता है कि बेंगलुरु के संदिग्ध ने विस्फोट के बाद अपने कपड़े बदल लिए हैं. गौरतलब है कि, संदिग्ध से जुड़ी कुछ तस्वीरें 1 मार्च के सीसीटीवी फुटेज में सामने आए थे, जब बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड इलाके में द रामेश्वरम कैफे में बम विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे।

सीसीटीवी कैमरे में सुबह लगभग 10.45 बजे कैफे से लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित एक बस स्टॉप पर एक सार्वजनिक बस में संदिग्ध का आगमन देखा गया, फिर सुबह 11.34 बजे कैफे में उसका प्रवेश, 11.43 बजे बाहर निकलना और उसके बाद एक बस स्टॉप पर पैदल चलना भी सीसीटीवी में कैद हुआ था।

गौरतलब है कि, बुधवार को एनआईए ने संदिग्ध के बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की और उसका सीसीटीवी फुटेज भी पोस्ट किया है. कैफे में दोपहर 12.56 बजे हुए विस्फोट से एक घंटे पहले, संदिग्ध के आगमन से लेकर उसके भागने तक के सीसीटीवी ट्रेल से उसके चेहरे की विशेषताओं सहित कुछ प्रमुख सुराग मिले हैं।

सूत्रों से पता चला है कि, संदिग्ध ने कई सार्वजनिक बसों में यात्रा की, इसमें आईईडी लगाने और घटनास्थल से फरारा होना भी शामिल है. इस बीच वो कई बार रुका भी, जिसमें घटना स्थल से कुछ किलोमीटर दूर एक मुस्लिम धार्मिक केंद्र भी शामिल था।

आईई ने बुधवार को अपने सूत्रों के हवाले से कहा कि, कैफे में उपस्थिति के दौरान संदिग्ध ने जो बेसबॉल टोपी पहनी थी, वह एक मस्जिद के बाहर से पाई गई है, जहां भगदड़ के दौरान उसे रोका गया था. सूत्रों के हवाले से आगे बताया गया कि, संदिग्ध ने एक स्टॉपओवर के दौरान अपनी पोशाक बदल ली, जहां टोपी को हटा दिया गया।

“मेरे रास्ते में आए तो फिर मुझे भी शरद पवार कहते हैं…” अजित पवार को दी चेतावनी

महाराष्ट्र की सियासत का पारा फिर से चढ़ने लगा है। शरद पवार ने अप्रत्यक्ष रूप से अजित पवार को चेतावनी दी है। NCP (शरद पवार गुट) सुपीमो ने कहा कि मेरे रास्ते में आये तो फिर मुझे भी शरद पवार कहते हैं, मैं भी छोडूंगा नहीं। दरअसल, शरद पवार गुट की ओर से लोनावला में कार्यकर्ता सभा का आयोजन किया गया था। स्थानीय विधायक सुनील शेलके ने कार्यकर्ताओं को शरद पवार की सभा में ना जाने की धमकी दी है। ऐसा आरोप शरद पवार ने लगाया। सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने सीधे शब्दों में अजित पवार सहित उनके गुट के नेताओं और विधायकों को चेतावनी दी है।

सभा में क्या बोले शरद पवार?

बता दें कि मावल विधानसभा से सुनील शेलके विधायक हैं। सुनील शेलके अब अजित पवार गुट में हैं। इस सभा के दौरान शरद पवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक सुनील शेलके ने उनकी सभा में जाने वालों को धमकाया है। इसको लेकर कार्यकर्ता सभा का संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा,”आज इस सभा में ना आने के लिए यहां के स्थानीय विधायक (सुनील शेलके, अजित पवार गुट) कार्यकर्ताओं को धमकी दे रहे हैं। क्या लोकतंत्र में किसी की नीतियों के खिलाफ बोलना गलत है और किसी ने कुछ कहा तो क्या आप उसे धमकी देंगें। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आप विधायक किसकी वजह से बने?”

शरद पवार ने कहा- तो फिर छोड़ता भी नहीं

शरद पवार ने आगे कहा, “तुम्हारी (सुनील शेलके) सभा में कौन आया था? उस वक्त पार्टी का पुराना अध्यक्ष कौन था? आपके फॉर्म पर साइन किसके हैं। वो साईन मेरे हैं और आज उसी विचारधारा के कार्यकर्ताओं को सभा में आने से रोक रहे हैं? मैं आपसे विनती करता हूं कि एक बार आपने धमकी दी, अब बस दोबारा अगर ये हुआ तो फिर मुझे भी शरद पवार कहते हैं।  आप लोग अब फिक्र ना करें। वैसे मैं इस रास्ते से जाता नहीं लेकिन अगर वैसी परिस्थितियां पैदा की तो फिर उसे छोड़ता भी नहीं।”

कुछ दिन पहले ही एक ही मंच पर थे शरद और अजित

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही शरद पवार और भतीजे अजित एक ही मंच पर देखे गए थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार इसी शनिवार को बारामती में ‘नमो रोजगार मेला 2024’ के उद्घाटन के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ मौजूद थे। बारामती पवार का गढ़ माना जाता है। शरद पवार का नाम इस रोजगार मेले के लिए आमंत्रित व्यक्तियों की सूची में शुरू में शामिल नहीं था लेकिन इसमें राकांपा संस्थापक की मौजूदगी ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।

मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को राहत नहीं, 19 मार्च तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को राहत नहीं मिली है। दिल्ली की अदालत ने दोनों की न्यायिक हिरासत 19 मार्च तक बढ़ा दी है।

इससे पहले 2 मार्च को हुई पिछली सुनवाई में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की न्यायिक हिरासत पांच दिन के लिए बढ़ा दी थी। यह अवधि आज खत्म हो रही थी। लेकिन आज कोर्ट ने 19 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।

इससे पहले पिछली सुनवाई में ईडी ने यह दलील दी थी कि जब तक सुधारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तब तक सिसोदिया की रेग्यूलर जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने पिछले साल 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। वहीं पिछले साल चार अक्टूबर को संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।

ईडी ने पहले अदालत से कहा था कि संजय सिंह दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में शराब (कंपनी) समूहों से रिश्वत प्राप्त करने की साजिश का हिस्सा थे। दिल्ली की आबकारी नीति अगस्त, 2022 में निरस्त कर दी गई थी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच का आदेश दिया था।

यूपी के मंत्री बनने के बाद ओपी राजभर बोले, ‘थाने में जाओ तो पीला गमछा ओढ़कर जाओ, दरोगा भी…’

एक लंबे इंतजार के बाद मंगलवार 5 मार्च को सुभासपा के प्रमुख ओपी राजभर को मंत्री बना दिया गया। मंत्री पद ग्रहण करने के बाद राजभर बुधवार को कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे। इसी क्रम में ओपी राजभर मऊ जिले में पासी एवं शोषित वंचित समाज जागरण सम्मेलन नामक कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया।

सीएम योगी खुद बैठकर मुझे शपथ दिला रहे थे

इस दौरान उन्होंने खुद की तुलना सीएम योगी आदित्यनाथ से कर दी। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने बोला था या नहीं कि मंत्री बनेंगे। मैंने एकदम ललकार कर कहा था कि मंत्री बनेंगे और फिर बनकर दिखा भी दिया। आप लोगों ने देखा ही होगा कि खुद सीएम योगी बैठकर मुझे शपथ दिला रहे थे। आज जो पॉवर सीएम योगी के पास है, वही पॉवर मेरे पास भी है।”

अब किसी से दबने की जरुरत नहीं

ओपी राजभर ने कहा कि अब किसी से दबने की जरुरत नहीं है। आपको किसी भी थाने पर थोड़ी सी दिक्कत है तो वहां जाओ। इस दौरान आप सफ़ेद नहीं बल्कि पीला गमछा ओढ़कर जाना। बाजार में 20-25 रुपए का मिलेगा। जब आप पीला गमछा लगाकर थाने में जाओगे तो पुलिस वालों को आपकी शक्ल में ओमप्रकाश राजभर का चेहरा दिखाई देगा। यह पॉवर है और वहां जाकर बता देना कि मंत्रीजी ने भेजा है।

‘मैं शोले फिल्म का गब्बर सिंह हूं’

इसके बाद वहां थाने में दरोगा के पास इतनी पॉवर तो है नहीं जो मंत्रीजी को फ़ोन करके पूछ सकें कि आपने भेजा है कि नहीं। एसपी-डीएम और डीजी को भी इतनी पॉवर नहीं है कि मुझे फ़ोन कर सके और पूछ सके कि आपने किसी को भेजा है कि नहीं। आज मैं जिस मुकाम पर पहुंच गया हूं, वहां मैं शोले फिल्म का गब्बर सिंह हूं।

हरे निशान में बंद हुआ भारतीय बाजार, निफ्टी 22500 अंक के करीब

भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को एक सीमित दायरे में कारोबार हुआ है। हालांकि, बाजार के सभी सूचकांक हरे निशान में बंद हुए हैं। सेंसेक्स 33 अंक या 0.05 प्रतिशत बढ़कर 74119 अंक और निफ्टी 19 अंक या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 22493 अंक पर बंद हुआ। बैंकिंग शेयरों में बिकवाली का ट्रेंड देखा गया। निफ्टी बैंक 129 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 47835 अंक पर बंद हुआ।

एनएसई पर बढ़ने वाले शेयर की संख्या गिरने वाले के मुकाबले ज्यादा थी। 1360 शेयर हरे निशान में और 830 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में  तेजी देखी गई। दोनों इंडेक्स करीब एक प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए।

गेनर्स और लूजर्स 

सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील,टाटा मोटर्स, जेएसडब्लू स्टील, बजाजा फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, आईटीसी, नेस्ले, टीसीएस, एलएंडटी, एचयूएल, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, विप्रो, इंडसइंड बैंक, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, सनफार्मा और एनटीपीसी का शेयर तेजी के साथ बंद हुआ। एमएंडएम, रिलायंस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाइटन. पावर ग्रिड, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक और इन्फोसिस गिरकर बंद हुए।

वैश्विक बाजारों का हाल

वैश्विक बाजारों का हाल मिलाजुला रहा है। टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार लाल निशान में बंद हुए। वहीं, सियोल, बैंकॉक और जकार्ता के बाजार में खरीदारी देखी गई। अमेरिका के बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में बड़ी तेजी के साथ बंद हुए थे। कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड हल्की मंदी के साथ 82 डॉलर प्रति बैरल और डब्लूटीआई क्रूड 78 डॉलर प्रति बैरल पर है।

बता दें, शेयर बाजार ने आज मजबूती के साथ अपनी शुरुआत की थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स सुबह मार्केट खुलने (9 बजकर 15 मिनट) पर 47.47 अंक उछलकर 74133.46 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क निफ्टी भी करीब 25.85 अंक उछलकर 22499.90 के लेवल पर कारोबार करता दिखा था।

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का बड़ा कीर्तिमान, विराट-धोनी की खास लिस्ट में हुए शामिल

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट का आखिरी मुकाबला धर्मशाला में खेला जा रहा है। इस मैच में भी टीम इंडिया ने अपने दमदार प्रदर्शन को जारी रखा है और टॉस हारने के बाद भी उन्होंने इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 218 रन के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया और पहले ही दिन भारतीय टीम की बल्लेबाजी भी आ गई। जहां टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा शानदार टच में नजर आए। इस दौरान रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान एक बड़ा कीर्तिमान हासिल कर लिया है। रोहित शर्मा ने ऐसा कारनामा किया जिसे आज तक सिर्फ पांच ही बल्लेबाज कर सके थे, वह ऐसा करने वाले दुनिया के छठे खिलाड़ी बने हैं।

रोहित शर्मा के नाम बड़ा कीर्तिमान

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान कप्तान रोहित शर्मा शानदार फॉर्म में नजर आए। उन्होंने इस दौरान एक शतक भी जड़ा। सीरीज के पांचवें मैच के दौरान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान अपने 1000 रन पूरे कर लिया। इसी के साथ वह एक खास लिस्ट का हिस्सा बन गए। अब इस लिस्ट में छह खिलाड़ी हो गए हैं। यह लिस्ट उन खिलाड़ियों की है जिन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में बतौर कप्तान 1000 रन बनाए हो। रोहित शर्मा के नाम तीनों फॉर्मेट में बतौर कप्तान 1000 रन हो गए हैं। रोहित शर्मा के अलावा विराट कोहली, एमएस धोनी, केन विलियमसन, फाफ डु प्लेसिस और बाबर आजम इस मुकाम को हासिल कर चुके हैं।

बतौर कप्तान रोहित शर्मा का रिकॉर्ड

रोहित शर्मा ने भारतीय कप्तान के तौर पर 114 मैच खेले हैं। जहां उन्होंने 84 जीत और 26 हार दर्ज की हैं। उन्होंने दो ड्रा और एक बेनतीजा मुकाबले में भी टीम का नेतृत्व किया। बात करें टेस्ट क्रिकेट के बारे में तो रोहित शर्मा ने कप्तान के रूप में 15 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया है। इन मैचों में उसे नौ में जीत मिली है और चार में हार का सामना करना पड़ा है। रोहित का जीत प्रतिशत 69.23 है। रोहित शर्मा का रिकॉर्ड कप्तान के तौर पर अब तक काफी शानदार रहा है और जून के महीने में वह टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का नेतृत्व करते नजर आएंगे।

दिल्ली में फेक लाइफ सेविंग ड्रग्स बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़, 10 लोग गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फेक लाइफ सेविंग ड्रग्स बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से करोड़ों रुपये की कीमत की फेक दवाइयां बरामद की हैं। इतना ही नहीं पुलिस ने उन दो फैक्टरियों को भी सील किया है जहां ये फेक लाइफ सेविंग ड्रग्स बनाई जा रही थीं। क्राइम ब्रांच के एडिश्नल सीपी संजय भाटिया ने बताया कि क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि दिल्ली-एनसीआर में फेंक दवाइयों की सप्लाई की जा रही है इसी सूचना के आधार पर 3 टीमें बनाई गईं, जिन्ंहे अलग-अलग लोकेशन पर भेजा गया।

ईको वैन से बरामद हुईं नकली दवाइयां

क्राइम ब्रांच की पहली टीम ने दिल्ली के तिलक ब्रिज इलाके में उपकार नाम के शख्स को ईको वैन के साथ गिरफ्तार किया, जिसका जसप्रीत सिंह ड्राइवर था। जब क्राइम ब्रांच की टीम ने ईको वैन की तलाशी ली तो जांच के दौरान काफी तादात में नकली दवाइयां बरामद हुईं। क्राइम ब्रांच की टीम ने उपकार और जसप्रीत से जब पूछताछ की तो एक बहुत बड़े फेक दवाइयों के रैकेट का पर्दाफाश हुआ। क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला कि फेक दवाइयां बनाने वाली फैक्ट्री शामली में चल रही थी, जिसको सुरेंद्र मलिक नाम का शख्स चला रहा था।

नकली दवाइयों की फैक्ट्री पर मारा छापा

इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने जाल बिछाया और सुरेंद्र मलिक को गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस की टीम शामली में उस जगह पर भी पहुंची जहां पर फैक्ट्री में नकली दवाइयां बनाई जा रही थीं। पुलिस की टीम ने इस नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्री को सील कर दिया। इसके अलावा पुलिस को वहां से भारी मात्रा में नकली दवाइयां मिली जिनकी कीमत करोड़ों में है।

क्राइम ब्रांच की दूसरी टीम भी इस मामले की जांच में लगी हुई थी। दूसरी टीम को पता चला कि दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में फेक दवाइयों के साथ एक शख्स आने वाला है। इसी सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तम नगर इलाके से मुकेश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया। पुलिस को मुकेश के घर से भारी मात्रा में नकली दवाइयां बरामद हुईं। जब उससे पूछताछ की गई तो विकास चौहान का नाम सामने आया। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और विकास चौहान को गिरफ्तार कर लिया।

गाजियाबाद में दूसरी फैक्ट्री और गोडाउन

पुलिस की पूछताछ में निकलकर सामने आया कि विकास चौहान गाजियाबाद के राजेंद्र नगर इलाके में एक फैक्ट्री चला रहा है और इस फैक्ट्री के अंदर फेक दवाइयां बनाई जाती थी। इतना ही नहीं जांच में यह भी सामने आया कि गाजियाबाद के भोपुरा इलाके में विकास चौहान का एक गोडाउन था। जब पुलिस की टीम वहां पर पहुंची तब विकास चौहान का पिता पुलिस को चकमा देकर भागने लगा। पुलिस ने पीछा कर उसे जब पकड़ा तो उसके पास भी काफी मात्रा में फेक दवाइयां बरामद हुईं।

इस पूरी जांच के दौरान दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक इन आरोपियों से करोड़ों रुपये की नकली दवाइयां बरामद की गई हैं। बरामद दवाइयाों के नाम हैं-

  • Tab. Ultracet Johnson & Johnson
  • Tab Amaryl 1M Sanofi
  • Tab. Gluconorm G1 Lupin
  • Tab. Defcort-6 Macleods Pharmaceuticals
  • Tab Amaryl 2M Sanofi
  • Tab. Gluconorm G2 Lupin

अब पुलिस की टीम यह पता करने में जुटी है कि ये पूरा गैंग अब तक कहां-कहां पर इन नकली दवाइयों की सप्लाई कर चुका है और कितनी फेक दवाइयां मार्केट के अंदर घूम रही हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने युवाओं को रोजगार के लिए दी 5 ‘गारंटी’, किसानों से किया ये वादा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र में पार्टी की सरकार बनने पर युवाओं को 30 लाख सरकारी नौकरियां देने की घोषणा बृहस्पतिवार को की। वह अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत बांसवाड़ा में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। युवाओं, गरीबों व अन्य तबकों के लिए पार्टी के प्रस्तावित कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘युवाओं के लिए कांग्रेस पार्टी क्या करने जा रही है? सबसे पहला कदम, हमने गिनती की है- हिंदुस्तान में 30 लाख सरकारी पद खाली हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनको भरवाते नहीं है। भाजपा इन्हें भरवाती नहीं है। सरकार में आने के बाद एक दम पहला काम होगा कि ये 30 लाख सरकारी नौकरियां हम दे देंगे।

युवाओं को दी 5 गारंटी

राहुल गांधी ने युवाओं को पांच गारंटी देते हुए कहा कि सत्ता में आने पर 30 लाख खाली पद भरना, पहली नौकरी पक्की करना, पेपर लीक से मुक्ति, गिग कर्मियों के लिए सामाजिक सुरक्षा व ‘युवा रोशनी’ के तहत जिलों में स्टार्ट अप के लिए 5,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। राहुल गांधी ने सरकारी रिक्तियां भरने का वादा किया और कहा, “देश में सरकारी नौकरियों में 30 लाख रिक्तियां हैं। सत्ता संभालने के बाद हम प्राथमिकता के आधार पर 30 लाख नौकरियां देंगे।

सरकार पेपर लीक पर सख्ती से कार्रवाई करेगी

राहुल गांधी ने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार पेपर लीक पर सख्ती से कार्रवाई करेगी। पेपर लीक के मामले रोकने के लिए, कांग्रेस पेपर लीक के खिलाफ एक कानून लाएगी। इसके अलावा, सरकार केवल प्रतियोगी परीक्षाएँ आयोजित करेगी, कोई आउटसोर्सिंग नहीं होगी। राहुल ने कहा कि हम छोटे व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक युवाओं का समर्थन करने के लिए 5000 करोड़ रुपये का एक स्टार्टअप फंड बनाएंगे। इस स्टार्टअप की पहुंच देश के हर जिले तक होगी।

किसानों से किया ये वादा
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने का वादा किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों की जल, जंगल की लड़ाई हमारी लड़ाई है। आपके साथ हम खड़े हैं।’’ जनसभा को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी संबोधित किया।
कांग्रेस ने हमेशा गरीबों का ख्याल रखा: खरगे 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब भी कांग्रेस पार्टी हुकुमत में आयी है तब उसने हमेशा गरीबों का ख्याल रखकर काम किया है। वह ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’’ के बांसवाडा पहंचने पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में देश का संविधान बनाया गया और आज उस संविधान से ही सभी लोगों को सहूलियत मिल रही है। वह बाबा साहब अंबेडकर और पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के आर्शीवाद से मिल रहा है।