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बिहार में उद्योग लगाने वालों को प्रोत्साहन देगी सरकार: नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में उद्योग लगाने वालों को सरकार प्रोत्साहन देगी। इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकार ने ऐसी पॉलिसी बनायी है कि यहां अधिक से अधिक निवेश हो सके। साथ ही रोजगार के अवसर भी सृजित हों। उन्होंने कहा कि हमलोगों का उद्देश्य है कि जो भी नीतियां बनायी जाए उससे निवेशकों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन मिले और यहां उन्हें उद्योग-धंधे स्थापित करने में कोई असुविधा नहीं हो।

मुख्यमंत्री शनिवार को एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में उद्योग विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग तथा पर्यटन विभाग विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को सरकार की नीतियों का सही ढंग से मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर संबंधित विभागों ने अपनी कार्ययोजनाओं से संबंधित प्रस्तुतियां भी दीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान भी हमलोगों ने बिहार के बाहर काम करनेवाले लोगों को यहां आकर अपना काम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। कई लोगों ने बिहार आकर अपना स्वरोजगार स्थापित किया। कई जगहों पर जाकर उन कार्यों को हमने देखा है। बैठक में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने बिहार लॉजिस्टिक पॉलिसी-2023 के प्रारूप के बारे में जानकारी दी। इस नीति में समाहित परियोजनाएं व अनुदान आदि की जानकारी दी। वहीं, सूचना प्रावैधिकी व पर्यटन विभाग के सचिव अभय सिंह ने बिहार आईटी नीति- 2023 और बिहार पर्यटन नीति- 2023 के प्रारूप की जानकारी दी।

बिहार में उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं:- CM नीतीश कुमार

Patna :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित ‘नेक संवाद’ में उद्योग विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग तथा पर्यटन विभाग ने अपने-अपने विभागों से संबंधित प्रस्तुति दी। बैठक में उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार लॉजिस्टिक पॉलिसी-2023 के प्रारूप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस नीति में समाहित परियोजनाएं, प्रोत्साहन के लिए अनुदान आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। सूचना प्रावैधिकी विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार आईटी नीति- 2023 के प्रारुप के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही पर्यटन विभाग के सचिव के रुप में भी अभय कुमार सिंह ने बिहार पर्यटन नीति- 2023 के प्रारूप के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमलोगों ने ऐसी पॉलिसी बनायी है कि यहां अधिक से अधिक निवेश हो सके। साथ ही यहां रोजगार के अवसर भी सृजित हों। हमलोगों का उद्देश्य है कि जो भी नीतियां बनायी जाए उससे निवेशकों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन मिले और यहां उन्हें उद्योग-धंधे स्थापित करने में किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो। जो भी नीतियां बनायी गई हैं उसका अनुश्रवण और संचालन ठीक ढंग से करते रहें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान भी हमलोगों ने बिहार के बाहर काम करनेवाले लोगों को यहां आकर अपना काम शुरु करने के लिए प्रोत्साहित किया। कई लोगों ने बिहार आकर अपना स्वरोजगार स्थापित किया। कई जगहों पर जाकर उन कार्यों को हमने देखा है। लोगों के हित में हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, सूचना प्रावैधिकी तथा पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह एवं उद्योग विभाग के निदेशक पंकज दीक्षित उपस्थित थे।

बिहार केसरी स्व डॉ कृष्ण सिंह जी की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया

Patna :- बिहार केसरी स्व डॉ कृष्ण सिंह जी की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन पटना में मुख्य सचिवालय के प्रांगण में स्थित डॉ कृष्ण सिंह जी की प्रतिमा स्थल के निकट की गई। इस अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो जमा खान, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविन्द कुमार, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद सहित अन्य सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी बिहार केसरी स्व डॉ कृष्ण सिंह की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन-कीर्तन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। भाजपा नेताओं से दोस्ती वाले बयान को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम कुछ बोलते हैं तो आपलोग ध्यान से नहीं सुनते हैं। मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के संबंध में हम बता रहे थे। उस समय की केंद्र सरकार से हमने केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के संबंध में कहा था। चंपारण क्षेत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से संबंधित है इसलिए हमने कहा था कि यहीं पर केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाए। पहले तो आश्वासन मिला लेकिन कुछ वर्ष बीत जाने के बाद कहा गया कि वहां निर्माण नहीं किया जा सकता है और उनलोगों ने गया में केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनवाने का प्रस्ताव दिया। हमने गया जैसे पौराणिक स्थल पर बनाने की बात को भी स्वीकार कर लिया, उसके अलावे हमने कहा कि गया के अलावे मोतिहारी में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाए। मोतिहारी में कार्यक्रम में सारे दलों के लोग बैठे हुए थे तो हमने अपनी बातों को रखा। वर्ष 2005 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने चंपारण से ही कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इन्हीं सब बातों की हम चर्चा कर रहे थे और उनलोगों से कह रहे थे कि आप सभी लोग इसे याद रखिएगा न? तो सभी ने ताली बजाकर कहा हां हम याद रखेंगे। बस इतनी सी ही बात है। हमने कहीं ऐसी बात नहीं की है कि हम आपके साथ हैं। जो लोग केवल केंद्र की बात करते रहते हैं उन्हें हम अलर्ट करते रहते हैं कि जो काम बिहार सरकार के द्वारा राज्य में किया गया कार्य को जरुर याद रखिएगा। हम जो बोलते हैं उसको लोग मीडिया में जगह नहीं देते हैं। हमने अपने अधिकारियों से कहा है कि मेरा जो उस दिन भाषण हुआ है उसको भी रिलीज कर दीजिए। आज हम जो भी काम किए हैं किसी के कहने पर नहीं किए हैं, यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा थी और वे लोग सहयोग में थे।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान से संबंधित पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशील कुमार मोदी जी पहले क्या थे? लालू प्रसाद यादव जी पटना यूनिवर्सिटी के चेयरमैन थे और उनको जेनरल सेक्रेटरी बनाए। उस वक्त हम इंजीनियरिंग कॉलज में पढ़ते थे। उस समय हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज का पांच सौ वोट था। उसमें से हमलोगों ने 400 वोट इन्हीं लोगों को दिलवाए थे, तब लोग जीतकर आए। जब हमलोग साथ में थे तब सब काम उनको ठीक लग रहा था। मुझे तकलीफ हुयी थी जब उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया। आजकल वे रोज कुछ कुछ बोलते रहते हैं, इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है। हम तो सिर्फ याद कराते हैं कि पहले से कितना काम बिहार के हित में किया गया, इन सब बातों को आपलोग भी याद रखिए। हमने कभी पार्टी के बारे में नहीं बोला है, हम तो बस इतना ही बोल रहे थे कि बिहार के हित में कितना अच्छा काम हो रहा है। हमने बताया था कि वर्ष 1917 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी चंपारण आए थे और उनके नेतृत्व में यहीं से आंदोलन शुरू हुआ था। महात्मा गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह के 30 साल बाद देश आजाद हुआ था। जब वर्ष 2017 में उनके आगमन के 100 साल पूरे हुए तो हमलोगों ने कई कार्य किए। मेरे इस व्यक्तव्य को आपलोगों ने कहीं जगह नहीं दिया।

आप इतना विकास कर रहे हैं बावजूद इसके विपक्ष आप पर लगातार हमलावर क्यों है, इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसको जो कुछ कहना है कहे। हमको इससे कोई लेना देना नहीं है। हमलोग दिन रात काम करते हैं। कहीं किसी प्रकार की कोई आवश्यकता होती है उसके लिए हमलोग बैठक करते हैं। हमने ही दफ्तर आने का समय 9.30 निर्धारित किया था, वर्ष 2013 तक मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में हम हमेशा आते थे। हम फिर अब यहां 9.30 बजे रेगुलर आने लगे हैं। अब मंत्री से लेकर सभी लोग समय पर आने लगे हैं। हम सिर्फ काम करते हैं। हमारी बस एक दिलचस्पी है कि बिहार के हित में काम करना और देश के पक्ष में जो भी हो सके अपनी बात को रखते हैं।

बिहार में भी इंडिया गठबंधन में पड़ी फूट, भाकपा माले ने लगाए ये गंभीर आरोप

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं में सामंजस्य बैठाने के लिए 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन कर दिया गया. इस बीच भाकपा (माले) ने अनदेखी का आरोप लगाया है. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति से संबंधित जारी सूची में हमारे कामकाज के कुछ प्रमुख जिलों की अनदेखी हुई है. हमें सिवान और अरवल में उपाध्यक्ष का पद मिला है, साथ ही साथ 32 जिलों में कुल 57 सदस्यों को जगह मिली है.

उन्होंने साफ लहजे में कहा कि हमने मांग की थी कि भोजपुर, रोहतास, जहानाबाद और पटना में भी उपाध्यक्ष का पद दिया जाए. साथ ही 32 की बजाय हमने 34 जिलों में कुल 63 सदस्यों की सूची भी दी थी, लेकिन, उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि बिहार से ही शुरू होने वाले इंडिया गठबंधन को और मजबूत बनाने के लिए आपसी संवाद और तालमेल को और बेहतर बनाने की जरूरत है.

उल्लेखनीय है कि नवगठित जिला 20 सूत्री समितियों के अध्यक्ष संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री हैं. वहीं, सभी जिलों में समिति के दो-दो उपाध्यक्ष बनाये गये हैं. इस तरह कुल 76 (अब तक अधूसिचत 74) उपाध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं.

बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सपा और कांग्रेस के बीच भी काफी ज्यादा अनबन हो गई है. अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है और कहा है कि अगर उन्हें पता होता कि उनके नेताओं की इस तरह से अनदेखी होगी तो वो कभी नहीं आते. इसके अलावा कांग्रेस भी लगातार पलटवार कर रही है.

तेलंगाना पहुंचे राहुल गांधी अचानक बनाने लगे डोसा, वीडियो में नजर आया अलग अंदाज

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही राजनीतिक दल मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं. इस अभियान का हिस्सा जनसंपर्क और चुनाव प्रचार भी है. इसी कड़ी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए तेलंगाना पहुंचे हैं. वहां उनका एक अलग अंदाज देखने को मिला है. राहुल गांधी ने तेलंगाना के चोपाडांडी में अपने प्रचार अभियान के दौरान डोसा बनाने की कोशिश की. उनकी तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं.

डोसा बनाने की कोशिश करते हुए

दरअसल, कांग्रेस ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें राहुल गांधी को डोसा बनाने की कोशिश करते हुए दिखाया गया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी अचानक ऐसी दुकानों पर पहुंचे हैं. ऐसा वे आए दिन करते रहते हैं और राजनीति से अलग अंदाज दिखाते हैं. फिलहाल वे तेलंगाना में चुनाव प्रचार अभियान पर हैं. राहुल गांधी ने तेलंगाना के जगतियाल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वह बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

‘पूरा भारत उनका घर है’
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ 25-30 मामले दर्ज किए गए हैं और उनकी लोकसभा सदस्यता भी निलंबित कर दी गई थी. इसके बावजूद, उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी घर की जरूरत नहीं है, क्योंकि पूरा भारत उनका घर है. राहुल गांधी ने आगे कहा कि तेलंगाना के लोग जनाधिकार चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव एक परिवार के शासन चला रहे हैं. अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वह लोगों को सशक्त बनाएगी और उन्हें अधिक अधिकार देगी.

‘भाजपा) के खिलाफ लड़ रहे’
राहुल ने यह भी कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ 24-25 मामले दर्ज हैं और उन्हें लोकसभा की सदस्यता और उनका घर भी छीन लिया गया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने इन सबका आनंद लिया है और उन्हें कोई दुख नहीं है. पूरे भारत और तेलंगाना के गांवों के हर घर उनके लिए घर हैं.

अब मीडिया से बात ही नहीं करेंगे, जो हम नही बोलते हैं वह चला देता है: नीतीश कुमार

दो दिन पहले की बात है, राष्ट्रपति की मौजूदगी में भरी सभा में नीतीश कुमार ने कहा था कि- जब तक हम जीवित रहेंगे, भाजपा के नेताओं के साथ भी मेरा संबंध रहेगा. अब अपने ही भाषण पर सफाई देते देते परेशान हैं. हालांकि नीतीश कुमार के भाषण पर उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी बारी-बारी से सफाई दे चुके हैं. अब आज नीतीश कुमार ने कहा-हम मीडिया से बात ही नहीं करेंगे. जो हम नहीं बोलते हैं, वह छाप देता है.

परेशानी में नीतीश

बता दें कि दो दिन पहले मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह हो रहा था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने कहा था कि 2009 में केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की मेरी मांग नहीं मानी थी 2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोला गया.

नीतीश ने कार्यक्रम में बैठे भाजपा नेताओं से कहा था कि जब तक जिंदा रहेंगे तब तक उनसे संबंध रहेगा. नीतीश कुमार के इस भाषण के बाद सियासत शुरू हो गयी थी. राजद ने तो यहां तक कह दिया था कि नीतीश को वह दिन याद नहीं है जब वे प्रधानमंत्री के सामने हाथ जोड़ कर बिलबिला रहे थे.

ऐसे वाकयों से परेशान नीतीश कुमार ने आज अपनी भड़ास मीडिया पर निकाली. नीतीश कुमार ने कहा कि मीडिया उनकी बात छाप ही नहीं रहा है. वह तो भाजपा की बात छापता है. इसलिए उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर चलाया गया. नीतीश ने कहा-मैंने जो भाषण दिया था, वह अधिकारियों से जाकर पूछ लीजिये. मैंने ऐसी कोई बात बोली थी, जो आप लोगों ने चलायी.

मीडिया से बात नहीं करेंगे

नीतीश कुमार ने कहा कि आज तो वे मीडिया से बात कर ले रहे हैं लेकिन आगे से मीडिया से बात ही नहीं करेंगे. सब गलत चला रहा है. हम तो मोतिहारी में कह रहे थे कि यहां जो सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुला है, वह राज्य सरकार की देन है. लोगों को इसे भूलना नहीं चाहिये. मैंने कहां भाजपा की कोई बात की थी. मीडिया मेरी बात चला ही नहीं रहा है. पहले तो कुछ चला देता था अब चलाता ही नहीं है.

क्यों बेचैन हैं नीतीश?

मोतिहारी के कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने जो कहा था वह रिकार्डेड है. लेकिन अब वे अपनी ही बात को झुठला रहे हैं. नीतीश कुमार ने गुरूवार को मोतिहारी में जब ये भाषण दिया था तो सियासी खलबली मच गयी थी. उसी दिन नीतीश कुमार के खास मंत्री विजय चौधरी ने मीडिया में आकर सफाई दी. अगले दिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सफाई दी. अब नीतीश कुमार कह रहे हैं कि वे मीडिया से बात ही नहीं करेंगे.

सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार को कुर्सी जाने का डर सता रहा है. नीतीश के भाषण को राजद ने बहुत गंभीरता से लिया है. राजद की ओर से नीतीश को चेतावनी भी मिली है. विधानसभा में विधायकों की जो संख्या है उसमें राजद को अपनी पुरानी सहयोगी पार्टियां कांग्रेस और वाम दलों के साथ सरकार बना और चला लेने में बहुत परेशानी नहीं है. अहम बात ये भी है कि विधानसभा अध्यक्ष राजद के हैं. ऐसे में राजद को विधानसभा में कोई परेशानी नहीं होने वाली है.

राजद की नाराजगी से नीतीश कुमार को सत्ता जाने का डर सता रहा है. तभी पूरी जेडीयू सफाई देने में लगी है. हद देखिये, राजद के एक अदना प्रवक्ता ने यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार हाथ जोड़ कर बिलबिला रहे थे, लेकिन जेडीयू के किसी नेता की जुबान से एक शब्द नहीं निकला.  संकेत साफ है-खतरा कुर्सी पर है, इसलिए नीतीश बेचैन हैं.

भाजपा के साथ दोस्ती वाले बयान से नीतीश कुमार ने मारी पलटी, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने दी सफाई

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को भाजपा के साथ दोस्ती के अपने बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि हमारे बयान का गलत मतलब निकाला गया है. हमने भाजपा से दोस्ती को लेकर कुछ नहीं कहा है. हमारे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.

दरअसल, सीएम नीतीश ने मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा था कि वे जब तक जीवित रहेंगे भाजपा वाले लोगों के साथ उनकी दोस्ती रहेगी. इसे लेकर माना गया कि सीएम नीतीश ने भाजपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है.

हालांकि अब सीएम नीतीश ने इस पर स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने ही मीडिया से कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है. उन्होंने भाजपा से दोस्ती करने को लेकर कुछ नहीं कहा है. उनके बयान को गलत तरीके से छापा -दिखाया गया. इसे उन्होंने दुखद कहा.

उन्होंने कहा कि मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बनवाने के लिए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार (डॉ मनमोहन सिंह सरकार) से उन्होंने अनुरोध किया था. लेकिन तब की केंद्र सरकार ने गया के लिए केंद्रीय यूनिवर्सिटी स्वीकृत की.

हालांकि वे (नीतीश कुमार) मोतिहारी की मांग पर अड़े रहे और बाद में यहां भी बना. उन्होंने कहा कि वे इसी को याद दिलाते हुए यहां हुए कामों को बता रहे थे. इसमें सबके साथ पर बता रहे थे लेकिन उनके बयान को भाजपा से दोस्ती के बयान से जोड़ कर गलत तरीके से पेश किया गया.

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के जन्मदिन पर राजकीय समारोह के बाद सीएम नीतीश ने ये बातें कहीं. सचिवालय में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया जहाँ राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर माल्यार्पण ने किया. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी माल्यार्पण किया.

इटली की 42 साल की प्रधानमंत्री मेलोनी ने अपने पुरुष पार्टनर से नाराज होकर रिश्ता तोड़ा

अपने पुरुष पार्टनर की एक विवादित टिप्पणी से इटली की प्रधानमंत्री इस कदर नाराज हुई कि उन्होंने उससे अपना रिश्ता ही तोड़ लिया है. इटली की 42 वर्षीय पीएम मेलोनी ने कहा कि पार्टनर एंड्रिया जियाम्ब्रुनो के साथ उनका रिश्ता खत्म हो गया है. मेलोनी की पार्टनर के साथ एक बेटी भी है. दोनों पिछले दस साल से साथ थे लेकिन अब एंड्रिया जियाम्ब्रुनो की एक टिप्पणी ने दोनों का रिश्ता खत्म कर दिया है.

जियाम्ब्रुनो मीडियासेट द्वारा प्रसारित एक समाचार कार्यक्रम का एंकर है। जो पूर्व प्रधानमंत्री और मेलोनी सहयोगी स्वर्गीय सिल्वियो बर्लुस्कोनी के उत्तराधिकारियों के स्वामित्व वाले एमएफई मीडिया समूह का हिस्सा है। इस सप्ताह के दो दिनों में एक अन्य मीडियासेट शो ने जियाम्ब्रुनो के कार्यक्रम के ऑफ-एयर अंश प्रसारित किए। जिसमें उन्हें अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए और एक महिला सहकर्मी की तरफ बढ़ाते हुए दिखाया गया। वह उससे कहता है कि मैं तुमसे पहले क्यों नहीं मिला?

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मेलोनी (Italy PM Giorgia Meloni) ने कहा कि एंड्रिया जियाम्ब्रुनो के साथ उनका रिश्ता खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि उनके रास्ते कुछ समय पहले ही अलग हो गए थे। यह घोषणा तब की गई जब टेलीविजन हस्ती जियाम्ब्रुनो को सहकर्मियों पर अभद्र टिप्पणी करते हुए ऑडियो में पकड़ा गया।

मेलोनी ने अपने रिश्ते और बेटी के लिए जियाम्ब्रुनो को धन्यवाद दिया और कहा कि वो उनकी दोस्ती की रक्षा करेंगी। उन्होंने कहा कि मैं हर कीमत पर अपनी 7 साल की लड़की की रक्षा करूंगा जो अपनी मां और पिता से बहुत प्यार करती है।बता दें कि जियोर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला पीएम हैं .

नमो भारत ट्रेन चलाने पर भड़के जदयू सांसद ललन सिंह; जताई आशंका- पीएम मोदी बदल देंगे देश और संविधान

पूरे देश और इतिहास का नाम नमो (नरेंद्र मोदी) के नाम से लिखा जा रहा है. केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए शुक्रवार को जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने नमो ट्रेन के चलाने पर टिप्पणी की. उन्होंने दिल्ली और मेरठ के बीच शुरू हुई क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का नामकरण नमो भारत करने पर हैरानी जताई. ललन सिंह ने कटाक्ष किया कि पूरा देश और इतिहास नमो के नाम से लिखा जा रहा है। ये संविधान में संशोधन कर देंगे. नमो संविधान के नाम से जाना जाएगा।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भारत के पहले क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का उद्घाटन किया. आरआरटीएस का नामकरण नमो भारत ट्रेन के रूप में किया है. भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि RRTS ट्रेनें अब नमो भारत ट्रेन के रूप में जानी जाएंगी. RRTS ट्रेन, दिल्ली-मेरठ के बीच देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम है जो पूरे एनसीआर को जोड़ेगी. इसके नाम को नमो भारत करने के पीछे नमो का मतलब (नरेंद्र मोदी) माना जा रहा है. इसी को लेकर ललन सिंह ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी को निशाने पर लिए.

वहीं जदयू अध्यक्ष ने सीएम नीतीश के उस बयान कि उनकी भाजपा नेताओं से हमेशा दोस्ती रहेगी, पर कहा कि राजनीति करने का मतलब दुश्मनी नहीं है। हमलोग रोज बोलते हैं कि भाजपा के सुशील मोदी हनारे मित्र हैं. सीएम नीतीश के भाजपा नेताओं से दोस्ती वाले बयान का अलग मायने निकाला गया. जबकि व्यक्तिगत सम्बन्ध को राजनीति से जोड़ने का काम मीडिया करती है.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब कभी भी भाजपा की ओर नहीं देखेंगे. नीतीश कुमार भयभीत होने वाले नहीं हैं. बीजेपी धोखेबाज पार्टी है और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पीठ में छुरा भोंका गया था. उन्होंने चिराग पासवान की ओर संकेत देते हुए कहा कि भाजपा ने एक नेता के साथ मिलकर सीएम नीतीश और जदयू के खिलाफ षड्यंत्र किया था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं से दोस्ती की जो बातें की थी वह व्यक्तिगत सम्बन्धों को लेकर थी. लेकिन, भाजपा को यह जान लेना चाहिए कि अब बिल्ली के भाग्य से छींका नहीं टूटेगा.

सीएम नीतीश को विपक्षी एकता का सूत्रधार बताते हुए ललन सिंह ने कहा कि हमें अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुक्त भारत बनाना है. लोकसभा चुनाव 2024 नीतीश कुमार का यही लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि देश के 5 राज्यों के चुनाव परिणाम आएंगे तब देखिएगा. 3 दिसम्बर चुनाव परिणाम के साथ सब पता चल जाएगा.