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दूसरे दिन भी ऑफिस नहीं पहुंचे शिक्षा मंत्री, अटकलें तेज, नीतीश के मंत्री ने दिया जवाब

पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है. केके पाठक से विवाद के बाद शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर दो दिन से अपने ऑफिस नहीं पहुंचे हैं. इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें है. इधर, इस मामले पर बयानबाजी जारी है. शुक्रवार को नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में शहीद पीर अली पार्क में श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. मुख्यमंत्री इस दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी।

राजद कोटे से मंत्री ललित यादव ने कहा कि सीएम ने इस मसले पर प्रधान सचिव और शिक्षा मंत्री से बात की है. अब सब कुछ ठीक है. उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी कैसे बात नहीं सुनेंगे. कुछ लोग सुर्खियों में रहना चाहते हैं. शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और के के पाठक के बीच चल रहे विवाद को लेकर मंत्री ललित यादव ने कहा कि ऐसी बातें कभी-कभी हो जाती हैं. सरकार में सबकुछ ठीक है।

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और के के पाठक विवाद पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने गुरुवार को कहा था कि शिक्षा मंत्री नाराज नहीं हैं. नीतीश कुमार भी नाराज नहीं हैं. कहीं कोई समस्या नहीं है, सब ठीक है. सीएम नीतीश कुमार ने बैठक की है. सब ठीक है कहीं गडबड़ नहीं है. बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव की तरफ से पीत पत्र जारी किया गया था. इसके बाद बुधवार को शिक्षा प्रशासक सुबोध कुमार चौधरी ने पत्र जारी कर मंत्री के आप्त सचिव के एन यादव की विभाग में एंट्री पर बैन लगा दिया था।

मानसून सत्र से पहले स्पीकर ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष से की जाएगी सहयोग की अपील

पटना: दोनों सदनों के लिए अलग-अलग सर्वदलीय बैठक होगी, जिसमें सभी पार्टी के नेता अपनी अपनी बात रखेंगे.विधानसभा और विधान परिषद का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू होकर 14 जुलाई तक चलेगा. मानसून सत्र 5 दिनों का होगा, जिसमें बिहार सरकार की ओर से प्रथम अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा।

सरकार की ओर से विधेयक भी लाए जाएंगे और सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया जाएगा. शिक्षक नियोजन नियमावली और सीबीआई की ओर से तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट में नाम डाले जाने का मामला सदन के अंदर गूंजेगा. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच जिस प्रकार से विवाद हुआ है, यह मामला भी सदन में उठ सकता है।

इसके अलावा कई मुद्दे हैं जिस पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. ऐसे में बिहार विधानसभा और विधान परिषद का मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. सदन की कार्यवाही पर भी इसका असर पड़ सकता है और इसलिए विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति की ओर से सभी पार्टी के नेताओं से बातचीत कर सदन चले इसका प्रयास आज होगा. कम से कम प्रश्नकाल सही ढंग से संचालित हो दोनों सदनों में इसकी कोशिश की जाएगी।

शिक्षा मंत्री-केके पाठक विवाद पर बोले नीतीश के मंत्री, कुछ लोगों को सुर्ख़ियों में रहने की आदत, मिनिस्टर ही होता है विभाग का हेड

बिहार के शिक्षा मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच तनातनी को लेकर सियासत तेज है. मंत्री-अफसर विवाद को लेकर सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच आरजेडी कोटे के मंत्री ललित यादव ने कहा कि सरकार में सब कुछ ठीक है सब ऑल इज वेल है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री ही विभाग का हेड होता है. अधिकारी को सब बात सुनना होगा।

मंत्री ललित यादव ने कहा कि मंत्री विभाग के प्रमुख होते हैं. ऐसा बात नहीं है कि अधिकारी बात नहीं सुनते हैं. अधिकारी बात कैसे नहीं सुनेंगे. बस कुछ लोगों को आदत होता है सुर्ख़ियों में रहने का. इसके आलावा तेजस्वी यादव पर चार्जशीट को लेकर उन्होंने कहा कि कोई मुश्किल नहीं बढ़ेगी. यह सब तो साजिश है राजनीतिक साजिश है. सरकार में सब कुछ ठीक है सब ऑल इज वेल है।

दरअसल बिहार सरकार के मंत्री ललित यादव से जब यह सवाल किया गया कि आप के नेता तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दायर किया गया है. इसके बाद यह कहा जा रहा है कि उसकी परेशानी बढ़ने वाली है. इसके जवाब में मंत्री ललित यादव ने कहा कि कहीं भी कोई भी मुश्किलें नहीं बढ़ने वाली है यह सब राजनीतिक साजिश है. कुछ लोग करते रहते हैं साजिश करने दीजिए।

वहीं सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सब ऑल इज वेल है. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है,कहीं कोई दिक्कत नहीं है. सरकार में ऐसी बातें कभी-कभी निकल कर सामने आती रहती है. इसका मतलब यह नहीं होता कि सरकार में सबकुछ सही नहीं है. बिहार में अफसरशाही को लेकर मंत्री ने कहा कि राज्य में अधिकारियों का अपना काम है. कार्यपालिका का अपना काम है. मंत्री जो हैं उनका काम कार्य है. ऐसे में कोई एक दूसरे के काम में दखल नहीं देते हैं।

सीधी पेशाब कांड में नेहा सिंह राठौर पर FIR; संघ की ड्रेस पहने व्यक्ति का मीम किया था पोस्ट

पटना: लोकगायिका नेहा सिंह राठौर पर भोपाल के हबीबगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन पर यह एफआईआर अपने ट्विटर अकाउंट से एक विवादित ट्वीट पोस्ट किए जाने पर दर्ज कराई गई है, जिसमें आरएसएस का ड्रेस पहने एक व्यक्ति सामने बैठे व्यक्ति पर पेशाब करता दिखाई पड़ रहा है।

दावा किया जा रहा है कि यह पोस्ट सीधी कांड से प्रेरित है। सीधी में एक व्यक्ति ने एक आदिवासी युवक पर पेशाब कर दिया था। एफआईआर में गायिका पर आरएसएस और आदिवासी समुदाय में शत्रुता पैदा कराने का आरोप लगाया गया है। उन पर भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 153A लगाई गई है। इस धारा में जाति, धर्म, निवास, भाषा जैसे मामलों में दो समूहों में शत्रुता पैदा करने से संबंधित मामले दर्ज किए जाते हैं।

दरअसल, नेहा सिंह राठौर ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने अपने लोकप्रिय गाने ‘यूपी में का बा’ की तर्ज पर जल्द ही ‘एमपी में का बा’ लाने की बात कही है। पोस्ट में एक मीम भी जोड़ा गया है, जिसमें आरएसएस की ड्रेस पहने एक व्यक्ति को सीधी कांड की तरह एक अन्य व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया गया है। इस पोस्ट में अरेस्ट प्रवेश शुक्ला का हैशटैग भी जोड़ा गया है, जो सीधी कांड का आरोपी था। 6 जुलाई को सुबह 10.39 बजे की गई यह पोस्ट बहुत जल्द चर्चा में आ गई और उसके बाद लोगों ने प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी।

सत सत नमन : स्वतंत्रता आन्दोलन में शहादत देने वाले वीर सपूत पीर अली को CM नीतीश ने दी श्रद्धांजलि

पटना: स्वतंत्रता आन्दोलन में शहादत देने वाले वीर सपूत शहीद पीर अली की शहादत दिवस पर आज बिहार में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया,जिसमें उनकी कुर्बानियों को याद करते हुये उन्हें शत्-शत् नमन किया गया तथा पुष्पांजलि अर्पित की गई।

राजकीय समारोह शहीद पीर अली पार्क में आयोजित किया गया,जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित कुमार यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार सिंह, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद सहित अन्य गणमान्य शामिल हुए और पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद पीर अली को श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा देश भक्ति गीत एवं बिहार गीत का गायन किया गया।

भागलपुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी, कोसी- सीमांचल की नदियों में जबरदस्त उफान, लोग कर रहे पलायन

भागलपुर: बिहार में मानसून पूरी तरह सक्रिय है. लगातार हो रही बारिश से नदियों में उफान है. नेपाल और उत्तर प्रदेश में हो रही भारी बारिश भी इसकी एक वजह है. अंग क्षेत्र व कोसी- सीमांचल इलाकों की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. गंगा, कोसी, बरंडी नदी में उफान देखा जा रहा है।

भागलपुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी पिछले 10 दिनों से जारी है. अबतक में सबसे ज्यादा गुरुवार को जलस्तर में वृद्धि का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है. भागलपुर में 24 घंटे में 58 सेंटीमीटर तक जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. बीते बुधवार को जलस्तर 27.07 मीटर पर था, जो गुरुवार दोपहर दो बजे तक में बढ़कर 27.65 मीटर पर पहुंच गया है. हालांकि अभी यह खतरे के निशान से 6.03 मीटर नीचे है. इधर, जलस्तर में अभी वृद्धि जारी रहने की बात कही जा रही है।

नेपाल के पहाड़ी इलाके में रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ने और घटने का सिलसिला जारी है. दोनों ही परिस्थितियों में लोगों की चिंता बढ़ी रहती है. अगर पानी में बढ़ोतरी होती है तो बाढ़ मुसीबत बनती है, वहीं अगर पानी घटने लगता है तो कटाव का संकट बढ़ने लगता है. कोसी- सीमांचल क्षेत्र की बात करें तो कटिहार व सुपौल में चिंता करने वाले हालात बने हुए हैं।

प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों का भी अब होगा ड्रेस कोड, नहीं पहनने पर होगी कार्रवाई

पटना: हाई स्कूल और प्लस टू के शिक्षकों का प्रशिक्षण पटना और गया में चल रहा है। इन शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए ड्रेस कोर्ड की व्यवस्था की गयी है। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए शिक्षा विभाग ने ड्रेस कोड लागू किया है।

प्रशिक्षण के दौरान पुरुषों को फॉर्मल शर्ट पैंट और महिलाओं को सलवार कमीज या साड़ी पहनना होगा। वही पीटी में ट्रैक सूट और स्पोर्ट्स शूज पहनना अनिवार्य होगा। बता दें कि हाई स्कूल और प्लस टू के शिक्षकों का प्रशिक्षण बिपार्ड पटना और गया में प्रशिक्षण चल रहा है। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए यह ड्रेस कोर्ड लागू किया गया है।

इससे पहले शिक्षा विभाग ने पदाधिकारी और कर्मचारी के लिए ड्रेस कोड लागू किया था। जींस पैंट और टी-शर्ट में ऑफिस आने पर विभाग ने रोक लगा दी थी। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और पदाधिकारियों को फॉर्मल ड्रेस में ही कार्यालय आने को कहा गया था।

शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है। जिसमें यह कहा गया है कि प्रायः देखा जा रहा है कि शिक्षा विभाग में पदस्थापित पदाधिकारी और कर्मचारी कार्यालय संस्कृति के विरूद्ध अनौपचारिक (Casual) कैजुअल ड्रेस में कार्यालय आ रहे हैं, जो कार्यालय के गरिमा के प्रतिकूल है।

इसलिए शिक्षा विभाग, बिहार, पटना में पदस्थापित सभी पदाधिकारी और कर्मचारी कार्यालय में गरिमायुक्त औपचारिक परिधान फॉर्मेल ड्रेस में ही कार्यालय आने का निर्देश दिया गया था। 28/06/23 को यह आदेश शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किया गया था। अब हाई स्कूल और प्लस टू के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए शिक्षा विभाग ने ड्रेस कोड लागू किया है।

 

सोशल मीडिया पर हुआ प्यार…तो टूटी जाति और राज्य की दीवार, फिर बादल की हुई सोनम, पढ़ें यह लव स्टोरी

भागलपुर. लड़के की सरकारी नौकरी व उसकी अच्छी सूरत पर लड़कियों को फिदा होते आपने देखा या सुना होगा. लेकिन भागलपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है. जब लड़की लड़के का वीडियो लाइक करते-करते लड़के को लाइक करने लगी. हम बात कर रहे हैं बोकारो की रहने वाली सोनम शर्मा व भागलपुर नाथनगर के नूरपुर निवासी बादल कुमार की. सोनम वीडियो लाइक करते-करते बादल को अपना दिल दें बैठी. फिर मामला शादी तक पहुंच गया।

बोकारो से पहुंची भागलपुर, मंदिर में रचाई शादी सोनम शर्मा बोकारो की रहने वाली है. वह रोज बादल का वीडियो देखा करती थी और उसे लाइक करती थी. बादल सांप पकड़ने का काम करता है. सांप पकड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करता है. जो सोनम शर्मा को खूब भा रहा था. सोनम शर्मा उसके वीडियो को लाइक करते करते बादल को लाइक करने लगी।

सोनम शर्मा ने इस बात की जानकारी अपने परिवार वालों को दी, लेकिन परिवार वाले दूसरे जात का बता शादी कराने के लिए राजी नहीं हुए. तभी सोनम बुधवार को बोकारो से भागकर नाथनगर चली आई और बादल से काली मंदिर में शादी रचा ली. इस शादी से बादल के परिवार वाले काफी खुश हैं. लेकिन सोनम के परिवार वाले सोनम को वापस लेने भी आए. वह वापस जाने को तैयार नहीं हुई. इसके बाद गांव में पंचायती भी बुलाई गई लेकिन पंचायत में भी सोनम ने बादल के साथ रहने की कसम खाई।

बाइक पर बिदा हुई दुल्हन वहीं शादी के बाद दोनों जोड़े खुश नजर आ रहे हैं. बादल ने बताया कि हम लोग बहुत दिनों से फेसबुक पर बातचीत कर रहे थे. अचानक से सोनम ने शादी की बात कही तो हम भी तैयार हो गए. अब वह अपने घर परिवार को छोड़ कर आई है तो मेरा फर्ज बनता है कि उसको सही तरीके से रखें. बादल ने बताया कि हम सांप पकड़ने का काम करते हैं. लड़के ने बताया कि हम कभी भी सोनम का साथ नहीं छोड़ेंगे. शादी के बाद दोनों प्रेमी जोड़े बाइक पर बैठकर विदा हो गए।

मां का पसीजा दिल तो दमाद को अपनाने को तैयार हुई आपको बता दें कि शुरुआत में सोनम की मां अंतरजातीय विवाह से नाखुश नजर आ रही थी. लेकिन शादी के बाद मां इंदु देवी का दिल पसीज गया और बादल को दमाद अपनाने को तैयार हुए. दोनों को खुश रहने का आशीर्वाद भी दिया।

लालू के शादी-शुदा वाले बयान पर घमासान, तारकिशोर प्रसाद ने पूछा-दोनों बेटों में से किसे बनाना चाहते हो PM?

पटना: आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव के शादी-शुदा वाले बयान पर घमासान मचा हुआ है. लालू यादव के मुताबिक, देश के पीएम को बिना पत्नी के नहीं रहना चाहिए. जो बिना पत्नी के पीएम की कोठी में रहते हैं ये गलत हैं. वहीं, अब पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने लालू यादव पर पलटवार किया है।

तार किशोर प्रसाद ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री को लेकर लालू यादव का बयान गलत है. इसका मतलब राहुल गांधी पीएम नहीं बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति पर यह दुर्भाग्यपूर्ण शान है कि राष्ट्रीय जनता दल जिसका एक भी लोकसभा में सांसद नहीं है वह बोले कि भारत में प्रधानमंत्री कौन हो? यह गलत है और उन्होंने जो बयान दिया है कि शादीशुदा प्रधानमंत्री होना चाहिए इसका मतलब ये राहुल गांधी विवाहित नहीं हैं तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं, इनके जो 2 पुत्र हैं दोनों शादीशुदा हैं तो किसको प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं बताएं।

वहीं, महागठबंधन को लेकर तारकिशोर प्रसाद के बड़ा बयान दिया है. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आरजेडी-जेडीयू के बीच कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. नीतीश अपने हिसाब से सरकार चलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल का अपना एजेंडा है कि तेजस्वी यादव कैसे मुख्यमंत्री बनेंगे? पूरे मंत्री परिषद पर राष्ट्रीय जनता दल कैसे प्रभावी होगी तो ये सारे साइड इफेक्ट हैं जो समय-समय पर इस तरीके के स्वरूप में निकलते हैं और RJD के MLC सुनील कुमार सिंह ने अपने सरकार पर काफी कुछ कहा है. जब सरकार के माननीय विधायक या माननीय पार्षद इस तरीके की बात करते हैं तो आप समझ सकते हैं कि सत्ता और शीर्ष की लड़ाई है, इनको बिहार से कोई लेना देना नहीं है ना विकास से कोई लेना देना है।