Category Archives: Patna

पटना के मरीन ड्राइव के पास बन रहा छठ घाट, पिलर संख्या 40 से 55 तक बनाया जा रहा कच्चा घाट, दिन रात काम

पिलर संख्या 40 से 55 तक बन रहा कच्चा घाट, बालू और मिट्टी भरी जा रही,

इन घाटों पर करीब 50000 लोगों की है क्षमता

● घाट पर आने के लिए अभी तीन संपर्क पथ

● कलेक्ट्रेट घाट से भी काली घाट पहुंच सकते हैं

● पुल के नीचे से बन रहा है मिट्टी का संपर्क पथ

● घाट का लंबाई करीब 200 मीटर है

काली घाट में जेपी गंगा पथ पुल के नीचे होगी छठ पूजा

जेपी गंगा पथ के नीचे छठ पूजा होगी। पिलर तक गंगा का पानी है। बालू भर कर कच्चे घाट बनाए जा रहे हैं। दरभंगा हाउस के पास काली घाट से गंगा नदी करीब 60 फीट दूर बह रही है। पक्के घाट की निचली सीढ़ी से लेकर जेपी गंगा पथ के नीचे पिलर तक दलदली जमीन को बालू और मिट्टी से भरने का काम शुरू कर दिया गया है। अतिरिक्त जगह मिलने से अब यहां आपाधापी की स्थिति नहीं बनेगी। सीढ़ी पर छठ करने के दौरान जगह की कमी होती थी। इस बार घाट की क्षमता करीब 50,000 की हो गई है।

कच्चा घाट बनाने का काम करीब 50 फीसदी पूरा हो गया है। दीपावली से पहले तक घाट निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। पिलर के पास बांस-बल्ला लगाया जा रहा है। काली घाट पर इस बार छठ पूजा के लिए अतिरिक्त जगह मिलने से छठ व्रतियों को परेशानी नहीं होगी। जलस्तर घटने से काली घाट पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हो गया है। वंशी घाट, काली घाट, कदंब घाट और पटना कॉलेज घाट पर छठ पूजा के लिए घाटों का मरम्मत का काम शुरू हो गया है। जहां अभी दलदल की स्थिति है। करीब दो से तीन फीट तक बालू भरा जा रहा है। एक जेसीबी मशीन लगायी गयी है। पुल के पिलर संख्या 40 से 55 तक कच्चा घाट उभरा है। पक्के घाट की सीढ़ी कई जगह टूटी है। काली घाट तक आने वाले संपर्क पथ की हालत ठीक नहीं है। अशोक राजपथ से काली मंदिर तक आने वाली सड़क जर्जर है। छठ व्रतियों को पैदल चलने में परेशानी होगी। पीएमसीएच अस्पताल का निर्माण होने से मुख्य संपर्क पथ पर पानी बहता रहता है।

योगी मॉडल से बेहतर है नीतीश मॉडल… बिहार में शिक्षक की नौकरी मिलने के बाद बोले UP के पति-पत्नी

बिहार इन दिनों पूरे देश भर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने असंभव को संभव बना दिया है. कुछ महीना पहले बिहार में बीपीएससी द्वारा सरकारी शिक्षकों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसमें बिहार से बाहर के भी रहने वाले युवाओं को फॉर्म भरने का मौका दिया गया था. हालांकि परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान बिहार के बेरोजगार युवाओं ने इस बात का विरोध किया था।

गांधी मैदान में 120000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के लोग बाहर जाकर नौकरी करते हैं. इसलिए हम बाहर के लोगों को यहां आने से नहीं रोक सकते. यह सही नहीं होगा बल्कि गलत होगा।

उधर दूसरी ओर यूपी के हजारों युवाओं को बिहार में सरकारी शिक्षक बनने का मौका मिला है. पत्रकारों से बात करते हुए इन लोगों ने कहा कि योगी मॉडल से नीतीश मॉडल देश में काफी बेहतर है. अब आप लोग ही बताइए अगर हम लोगों को उत्तर प्रदेश में योगी जी नौकरी दे देते तो बिहार आने की क्या जरूरत थी।

यूपी के पति-पत्नी बिहार में बने टीचर, कहा- अपने राज्य में विकल्प होता तो 1100 KM दूर क्यों आते

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार यूपी के संभल की रहने वाले पति-पत्नी अब बिहार में बतौर शिक्षक का करेंगे। दोनों का कहना है कि यूपी में बेरोजगारों की संख्या ज्यादा है। अगर अपने राज्य में नौकरी का विकल्प रहता तो 1100 किलीमीटर दूर क्यों आते।

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद किया है और कहा है कि वो काफी अच्छा काम कर रहे हैं।

इतनी तेजी से पहली बार हुआ काम

दरअसल, यूपी के संभल के रहने वाले एक पति-पत्नी की शिक्षक भर्ती में चयन हुआ है। दोनों की पोस्टिंगमुजफ्फरपुर में हुई है। दोनों ने एक ही साथ तैयारी करके ये मुकाम हासिल किया है। उत्तर प्रदेश के संभल के रहने वाले छवि कृष्ण यादव ने कहा कि वो और उनकी पत्नी काफी सालों से परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे थे। हमें उम्मीद भी नहीं थी कि बिहार में हमें नौकरी मिलेगी। इसके लिए हम सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने दूसरे स्टेट के अभ्यर्थियों को बिहार में फॉर्म भरने का मौका दिया।

मैं पिछले 6 साल से तैयारी में लगा हूं। एसएससी समेत अन्य परीक्षाएं दे चुका हूं। लेकिन किसी भी परीक्षा में इतनी तेजी से सारी प्रकियाओं को पूरा करते हुए जॉब मिल जाए,ऐसा पहली बार देखा है। इससे सेंट्रल गवर्नमेंट को भी सीख लेने की जरूरत है। बीपीएससी की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है। उनके द्वारा 2 महीने के भीतर ही हमें नियुक्ति पत्र मिला है। इतना तेजी से प्रक्रिया आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ है। इसके लिए मैं बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद को धन्यवाद देना चाहता हूं।

हजाम का बेटा बना SDM, इंटरव्यू के लिए कर्जा लेकर सिलवाया था कोट पेंट

BPSC :- अगर आप सोचते हैं कि छोटा काम करने वाले का बेटा बड़ा काम नहीं कर सकता है तो यह आपकी भूल हो सकती है। औरंगाबाद के राहुल ने यह साबित कर दिया है कि सफलता गरीबी अमीरी नहीं देखती है। औरंगाबाद के सदर प्रखंड कर्मा भगवान गांव के रविंद्र ठाकुर सैलून चलाकर बच्चों को ऑफिसर बनाने का सपना देखते थे। कोरोना काल में अपना सैलून भी बंद हो गया, जिसके बाद वह खुद बेरोजगार हो गए।

 

अब बच्चों को ऑफिसर बनाने का सपना टूटता दिख रहा था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। दूसरे सैलून पर नौकरी कर सपने को साकार करने की कोशिश की। चौथे प्रयास में बीपीएससी 67वीं परीक्षा को क्रैक करने वाले राहुल बताते हैं कि उन्होंने काफी गरीबी में दिन काटे हैं।

 

पिता ने कभी खुद के तो कभी दूसरों के सैलून से पैसा कमाकर पढ़ाया है। कई बार असफल हुए तो गांव वालों के तानों से परिवार के साथ दिल्ली जाकर कमाने तक का प्लान किया। लेकिन बहन ने ट्यूशन पढ़ाया और राहुल को तैयारी का मौका दिया। पूरा परिवार और दोस्त हौसला बढ़ाते रहे।

 

गरीबी में भी पिता ने पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। पैसों की तंगी के चलते बीपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग जाने की भी नहीं सोच सकता था। मैंने यूट्यूब पर वीडियो देखकर बीपीएससी की तैयारी की।

 

राहुल बताते हैं कि इंटरव्यू की डेट एक बड़ी चुनौती लेकर आई। इंटरव्यू में पहनकर जाने के लिए उनके पास कोट ही नहीं था, पैसा भी नहीं थे कि वह नया कोट बनवा सकें। ऐसे में उन्होंने गांव के ही मधुसूदन ठाकुर से कर्ज लिया और फिर अपने लिए कोट पैंट सिलवाया।

 

राहुल बताते हैं कि किसी के मां-बाप कितना भी छोटा काम क्यों न करते हों, खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए। हर समय ऐसा सपना देखना चाहिए और उसे पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए, जिससे घर परिवार वालों का त्याग सफल हो जाए।

अमित शाह के बिहार आगमन के पहले नीतीश कुमार हुए एक्टिव; सुबह सुबह ललन सिंह के घर पहुंचे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने दल के नेताओं के घर पर अचानक से जाकर उनसे मुलाकात कर रहे हैं. इसी क्रम में रविवार को एक बार फिर से सीएम नीतीश सुबह सुबह जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के घर पहुंच गए. उन्होंने कुछ समय तक ललन सिंह के घर में समय बिताया और फिर वे वहां से रवाना हो गए. सीएम नीतीश का अचानक से ललन सिंह के घर जाने को उनके उसी क्रम का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें वे कई नेताओं के घर अचानक से धमक जा रहे हैं. सीएम नीतीश की ललन सिंह से हुई मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात के तौर पर देखा जा रहा है.

संयोग से दोनों नेताओं के बीच की यह मुलाकात उस दिन हुई है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के मुज्जफरपुर आ रहे हैं. भाजपा नेता के मुजफ्फरपुर आगमन के ठीक पहले जदयू के शीर्ष नेताओं की हुई इस मुलाकात से अब सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है. दरअसल सीएम नीतीश ने रविवार को न सिर्फ ललन सिंह से मुलाकात की बल्कि वे जदयू के पूर्व बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से भी मुलाकात की. ऐसे में जदयू के दो शीर्ष नेताओं से नीतीश कुमार की हुई इस मुलाकात को बेहद खास माना जा रहा है.

वहीं  एक दिन पहले नीतीश कुमार नेअपने मंत्रिमंडल सहयोगी और वरिष्ठ जदयू नेता विजय चौधरी के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. अमित शाह के बिहार के आगमन के पहले जदयू के तमाम नेताओं से नीतीश कुमार की इन मुलाकातों को लेकर कई तरह की कयासबाजी जारी है. संयोग से एक दिन पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने फोन पर सीएम नीतीश से बात की थी. दोनों के बीच ‘इंडिया’ गठबंधन के विभिन्न मुदूं पर चर्चा होने की बातें सामने आई थी.

इतना ही नहीं नीतीश कुमार से मुलाकात करने वालों में राजद सुप्रीमो लालू यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी रहे हैं. दोनों पिता-पुत्र ने शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम नीतीश से मुलाकात की थी. बिहार के मुख्यमंत्री का अचानक से अपने सहयोगियों और गठबंधन के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला बढने के पीछे की वजह क्या है, इस पर पार्टी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. इस बीच 6 नवंबर से बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है और उसके पूर्व नीतीश कुमार का ललन सिंह से मिलना कई सियासी अटकलों को जन्म दे रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे पटना, बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ मुजफ्फरपुर रवाना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत पटना पहुंचे. वे दोपहर करीब 1 बजे पटना हवाईअड्डे पर उतरे जहाँ बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया. अमित शाह यहां से विशेष हेलिकॉप्टर से मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुए.

उनके साथ सम्राट चौधरी सहित अन्य भाजपा नेता भी रवाना हुए. मुजफ्फरपुर के पताही हवाईअड्डे के ग्राउंड पर अमित शाह की रैली होगी.  गृह मंत्री के आगमन को लेकर पटना के डीएम व एसपी समेत प्रशासन की बड़ी टीम एयरपोर्ट पर तैनात रहे.

बिहार शिक्षक भर्ती-2 का नोटिफिकेशन जारी, देखिए ऑनलाइन आवेदन के निर्देश

बिहार लोक सेवा आयोग राज्य में दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती का विज्ञापन शनिवार को देर शाम जारी कर दिया। बीपीएससी की इस भर्ती में कुल 70 हजार पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाना है। बीपीएससी अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कल शिक्षक भर्ती-2 का ऐलान करते हुए कहा कि टीआरई-1 में रिक्त रह गए पदों को भी नई शिक्षक भर्ती में शामिल किया जा सकता है। यानी अभी रिक्तियों संख्या बढ़ सकती है।

बिहार शिक्षक भर्ती 2023 का नया नोटिफिकेशन आयोग की वेबसाइट www.bpsc.bih.nic.in पर जारी किया गया। रिक्तियों की संख्या के अलावा आयोग ने 5 नवंबर 2023 से 25 नवंबर 2023 तक ऑनलाइन चलने वाली आवेदन किया के निर्देश भी जारी किए हैं।

नई बिहार शिक्षक भर्ती 2023 में उच्च प्राथमिक वर्ग में सबसे ज्यादा रिक्तियां गणित और विज्ञान ( लगभग 11000 पद) के लिए सबसे अधिक रिक्तियां हैं। इसके बाद सामाजिक विज्ञान विषय के लिए करीब 8000 रिक्तियां हैं। अभ्यर्थियों यहां दिए जा रहे नोटिफिकेशन कोटिवार रिक्तियां, आवेदन योग्यता, परीक्षा पैटर्न व चयन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आगे देखिए आवेदन प्रक्रिया के अहम निर्देश-

शिक्षक भर्ती आवेदन के निर्देश:

  • आवेदन से पूर्व अभ्यर्थियों के पास वैलिड और वर्किंग कंडीशन में ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर मौजूद होना चाहिए। यह नंबर फाइनल रिजल्ट तक काम करना चाहिए।
  • शिक्षक भर्ती नोटिफिकेशन आवेदन योग्यता / अर्हता संबंधित दी शर्तों के लिए जरूरी दस्तावेज उपलब्ध हों।
  • ऑनलाइन आवेदन करने के वक्त अभ्यर्थियों को अपने दस्तावेजों की स्कैन्ड कॉपी भी अपलोड करनी होगी।
  • जिस कम्प्यूटर डेस्कटॉप/लैपटॉप से आवेदन फॉर्म भरा जाए उसमें अच्छी क्वॉलिटी का वेबकैम भी होना चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि आपका बैक ग्राउंड सफेद या हल्के रंग का हो और पर्याप्त रोशनी भी हो।
  • -ऑनलाइन आवेदन में अपलोड किए गए हिन्दी व अंग्रेजी में हस्ताक्षर की स्कैन्ड इमेज जेपीजी फॉर्मेट में हो और अधिकतम साइज 15 केबी, डायमेंशन 220 * 100 पिक्सेल में हो।

एक्शन में शिक्षा विभाग, लापरवाह प्राचार्यों पर चलाया डंडा, 439 प्रिंसिपल्स के वेतन पर लगायी रोक

बिहार में शिक्षा विभाग ने लापरवाह प्राचार्यों पर सख्ती दिखाई और गूगल सीट पर रोजाना सूचना अपडेट नहीं करने वाले 439 प्रिंसिपल्स के वेतन पर चाबुक चलाया है।

जी हां, शिक्षा विभाग ने 439 प्राचार्यों का एकदिन का वेतन रोकने का आदेश सभी कुलसचिवों को दिया है, जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है। इनमें अंगीभूत कॉलेज के 203 प्राचार्य शामिल हैं, जबकि संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के 236 प्राचार्य शामिल हैं।

गौरतलब है कि उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने संबंधित प्रिंसिपल्स का 1 नवंबर का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने कुलसचिवों से कहा है कि रोजाना दोपहर 5 बजे सभी 263 अंगीभूत कॉलेज और 789 संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के प्राचार्यों के साथ शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारी और अन्य अधिकारी संबंधित समस्याओं पर विमर्श करते हैं और सूचनाओं का संग्रह करते हैं।

आपको बता दें कि बिहार में शिक्षा की बेहतरी के लिए रोजाना गूगल सीट पर सूचनाओं को अपडेट करने का निर्देश दिया गया है। ये काम अक्टूबर के मध्य से ही जारी है। 26 अक्टूबर से उच्च शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशकों द्वारा रोजाना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सूचनाओं को अपडेट कर गूगल सीट भरने को कहा जा रहा है लेकिन फिर भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है और भारी लापरवाही बरती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने ये बड़ा कदम उठाया है।

बिहार के कई शहरों में ठंड की दस्तक, IMD का पूर्वानुमान तेजी से गिरेगा तापमान

पटना: ठंड के कपड़े निकालने के लिए तैयार हो जाइए… अब बिहार के कई शहरों का तापमान तेजी से गिरने लगा है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना के पूर्वानुमान के अनुसार आने आने वाले सप्ताह के दौरान तापमान में गिरावट दर्ज की जायेगी. सुबह और शाम कोहरा छाए रहने की संभावना है. साथ ही तापमान में भी दो डिग्री के करीब गिरावट दर्ज की जायेगी।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के वरिष्ठ वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि अगले पांच दिनों के दौरान राज्य के उत्तर पश्चिम और दक्षिण पश्चिम भागों के जिलों के न्यूनतम तापमान मे 02-03 डिग्री की गिरावट दर्ज की जायेगी. साथ ही कोहरा और धुंध छाए रहने की प्रबल संभावना है।

मौसम वैज्ञानिक के अनुसार राज्य मे पछुआ और उत्तर पछुआ हवा का प्रवाह सतह से 5.8 किमी ऊपर बना हुआ है. इसी वजह से राज्य का मौसम आमतौर पर शुष्क बना रहेगा. लेकिन सुबह के समय राज्य के अधिकांश भागों में धुंध छाए रहने का पूर्वानुमान है. साथ ही हिमालय के तलहटी और राज्य के पश्चिमी जिलों में सुबह के समय हल्के स्तर का कुहासा छाए रहने की संभावना है।

10 महीने में छठी बार बिहार दौरे पर अमित शाह, जातिगत गणना और कानून-व्यवस्था पर नीतीश सरकार को घेरेंगे गृहमंत्री

पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निशाने पर बिहार है. अमित शाह के कंधों पर बिहार को साधने की जिम्मेदारी है. पिछले 10 महीने के दौरान वह पांच बार बिहार आ चुके हैं, इस बार 5 नवंबर को छठे दौर पर रविवार को मुजफ्फरपुर पहुंच रहे हैं. उनका ये दौरा बेहद महत्वपूर्ण है. मुजफ्फरपुर से अमित शाह एक तीर से कई निशान साधने की तैयारी में हैं।

गृह मंत्रीमुजफ्फरपुर में किसानों को संबोधित करेंगे. खास बात यह है कि सभा स्थल पर वह करीब 2 घंटे तक मौजूद रहेंगे. जानकारी के मुताबिक सुबह 11:00 कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इस कार्यक्रम में बीजेपी के तमाम बड़े नेता हिस्सा लेंगे. केंद्रीय गृहमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय और आरके सिंह मौजूद रहेंगे. पार्टी के सांसद और विधायक भी कार्यक्रम में मौजूद होंगे. इसके अलावे उत्तर बिहार के सभी जिलों के जनप्रतिनिधि और पार्टी पदाधिकारी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

जातिगत गणना की रिपोर्ट आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह का पहला बिहार दौरा है और जिस तरीके से जातिगत जनगणना को लेकर बिहार में विवाद खड़ा हुआ है, वैसे में सब की नजर अमित शाह पर टिकी है कि इसको लेकर उनका रुख क्या होता है. इसके अलावा जिस तरीके से गांधी मैदान में 120000 युवाओं को नौकरी दी गई और महागठबंधन की ओर से वाहवाही ली जा रही है, वैसे में गृहमंत्री नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को लेकर भी महागठबंधन सरकार को घेरेंगे।