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डेंगू के 240 नए मरीज मिले, सबसे अधिक पटना में 63 केस, अब तक कुल 2035 मामले

पटना: बिहार में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 2035 हो गई है. केवल सितंबर के महीने में पूरे प्रदेश में 1760 मरीज मिले हैं. इन मरीजों में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 204 मरीज एडमिट हैं, जिनका इलाज चल रहा है. भागलपुर मेडिकल कॉलेज में 99 मरीज एडमिट हैं, वहीं पटना एम्स में 24 मरीज एडमिट हैं. पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 42 मरीज का इलाज चल रहा है।

पटना में डेंगू के मरीज जिस प्रकार मिल रहे हैं, उसको देखते हुए नगर निगम ने भी फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव तेज कर दिया है. पटना का सबसे अधिक डेंगू प्रभावित इलाका पाटलिपुत्र है. इसके अलावा बांकीपुर, कंकड़बाग, पटना सिटी, फुलवारीशरीफ, कुम्हरार, शास्त्री नगर जैसे इलाके डेंगू के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. पटना नगर निगम के तरफ से डेंगू प्रभावित घरों में विशेष रूप से फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है।

नगर निगम की ओर से डेंगू से बचाव को लेकर स्मार्ट सिटी के वेरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले, डीएमडी और पीएस सिस्टम के माध्यम से भी आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है. लोगों को बताया जा रहा है कि अपने घर के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, फुल स्लीव के कपड़े पहन कर बाहर जाएं और प्रचुर मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।

CM नीतीश ने दी एम्स के लिए बेहतरीन भूमि : संजय झा की दो टूक, दरभंगा जाकर खुद देख लें गृहमंत्री

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए के लिए शोभन-एकमी बाईपास के निकट चिह्नित भूमि के एक-एक पहलू का खुद स्थल पर जाकर मुआयना करने और गहन समीक्षा के बाद ही उसकी स्वीकृति दी है। यह जानकारी बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने दी है। साथ ही गृहमंत्री से कहा है कि वो खुद ही दरभंगा एम्स निर्माण के लिए के लिए स्वीकृत स्थल का निरीक्षण कर लें।

बिहार सरकार मुफ्त जमीन देने के साथ-साथ उसमें मिट्टी भराई, समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए 309 करोड़ से अधिक रुपये कैबिनेट से मंजूर कर कार्य का टेंडर जारी कर चुकी है। दिल्ली से आई केंद्र की टीम ने आवंटित जमीन का मुआयना करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि जमीन एम्स के लिए उपयुक्त है। लेकिन, बाद में पता नहीं क्या हुआ कि केंद्र सरकार दरभंगा में आवंटित भूमि पर एम्स निर्माण से मुकर गई। केंद्र सरकार जैसे ही उस भूमि पर एम्स निर्माण की सहमति देगी, उसके तत्काल बाद मिट्टी भराई का काम शुरू हो जाएगा।’ यह बात बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा झंझारपुर रैली में दरभंगा एम्स को लेकर दिये गये बयान से संबंधित सवालों के जवाब में कही।

संजय झा ने केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध भी किया कि वे एक बार खुद स्थल पर जाकर मुआयना करें, तब उन्हें पता चलेगा कि राज्य सरकार ने एम्स निर्माण के लिए बेहतरीन भूमि आवंटित की है। साथ ही कहा कि मिथिला सहित संपूर्ण बिहार की जनता के भले के लिए केंद्रीय गृह मंत्री दरभंगा एम्स का निर्माण जल्द-से-जल्द करवा दें।

उन्होंने कहा कि पटना में बिहार के पहले एम्स की आधारशिला वर्ष 2004 में ही भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति ने रखी थी। इसके बाद बिहार को दूसरा एम्स देने की घोषणा वर्ष 2015 के केंद्रीय बजट में की गई थी। दूसरा एम्स किस शहर में बने, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था, क्योंकि एम्स के लिए भूमि राज्य सरकार को मुफ्त उपलब्ध करानी थी। मुख्यमंत्री ने शुरू से कहा है कि बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा में ही बनेगा और केंद्र सरकार को आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी भी दे दी गई थी। लेकिन, पांच वर्षों के बाद 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए दूसरे एम्स को मंजूरी दी।

झा ने आगे कहा कि बिहार सरकार ने जब दरभंगा एम्स के लिए डीएमसीएच की भूमि देने का प्रस्ताव दिया था, तब भी केंद्र से आई टीम ने उसे ‘लो लैंड’ बताने और उसका कुछ हिस्सा रेलवे लाइन के दूसरी तरफ होने सहित कई खामियां गिनाई थीं। देश में जो भी नये एम्स बने हैं, वे किसी अस्पताल के परिसर में नहीं, बल्कि ग्रीन फील्ड एरिया में बने हैं। पटना में एम्स का निर्माण शहर से 12 किमी दूर फुलवारीशरीफ में हुआ है, जिससे नये इलाके का तेजी से विकास हुआ है। दरभंगा में भी शहर की सीमा पर एम्स का निर्माण होने से शहर को नया विस्तार मिलेगा। क्षेत्र में नये आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों का निर्माण होगा और रोजगार के नये-नये अवसर पैदा होंगे।

संजय कुमार झा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री जिस प्रदेश से आते हैं, वहां तो नर्मदा नदी के बीच में टापू पर दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण कराया गया है। देश में ऐसे अनेक उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें पहाड़ों, नदियों और अत्यंत दुर्गम स्थलों पर भी विकास की ईमारत खड़ी की गई है। विदेश में भी देखें तो सिंगापुर, हॉलैंड आदि का काफी बड़ा इलाका समुद्र को भर कर बसाया गया है। मिथिला के लोग हैरान हैं कि जब समुद्र को भर कर शहर बसाया जा सकता है, तब दरभंगा में आठ-दस फीट गहरी जमीन में मिट्टी भर कर एम्स क्यों नहीं बनाया जा सकता है? जबकि उसी इलाके में बिहार सरकार का दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज फंक्शनल है!

उन्होंने बताया कि शोभन-एकमी बाईपास के निकट चिह्नित भूमि का इंजीनियर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी 2023 में अपनी समाधान यात्रा के दौरान खुद स्थल निरीक्षण किया था और उसे उपयुक्त पाया था। मार्च 2023 में कैबिनेट की बैठक में उक्त भूमि एम्स के लिए आवंटित करने को मंजूरी दी गई। अप्रैल 2023 में राज्य कैबिनेट ने दरभंगा एम्स के लिए 189.17 एकड़ भूमि में मिट्टी भराई, उसके समतलीकरण तथा चहारदीवारी निर्माण के लिए कुल 309 करोड़ 29 लाख 59 हजार रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी। राज्य सरकार द्वारा उक्त भूमि पर मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। साथ ही, इस कार्य के लिए जल संसाधन विभाग ने खिरोई नदी की तलहटी और बागमती नदी के हनुमाननगर से जटमलपुर तक के इलाके से मिट्टी मुफ्त देने की सहमति भी दे दी है।

संजय झा ने कहा कि आवंटित भूमि आमस-दरभंगा फोरलेन से सिर्फ तीन किलोमीटर दूर है। मुख्यमंत्री बार-बार आश्वासन दे चुके हैं कि आवंटित भूमि तक फोरलेन कनेक्टिविटी और अन्य आवश्यक कार्य राज्य सरकार अपने संसाधनों से कराएगी। उत्तर बिहार के किसी भी जिले से लोग जाम में फंसे बिना इस स्थल तक सुगमता पूर्वक पहुंच सकेंगे। आवंटित भूमि दरभंगा एयरपोर्ट के भी नजदीक है। इससे दरभंगा एम्स में देश-विदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों का आना-जाना सुगम होगा और गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस के जरिये यहां लाना या यहां से बाहर ले जाना संभव होगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अमित शाह के बिहार दौरे पर दी प्रतिक्रिया, कहा- अमित शाह को कुछ भी ज्ञान नहीं .. उनकी बातों पर हम ध्यान नहीं देते…

पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर सियासत जारी है. मधुबनी के झंझारपुर में बीजेपी की विशाल रैली को संबोधित करते हुए शाह ने नीतीश कुमार और लालू यादव को आड़े हाथों लिया. साथ ही महागठबंधन की सरकार में विकास को अवरुद्ध बताया. अमित शाह ने लॉ एंड ऑर्डर से लेकर स्कूलों की छुट्टी तक का मुद्दा उठाया. इसपर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि उनको बिहार के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हम इनलोगों के किसी बात पर ध्यान नहीं देते हैं।

नीतीश कुमार ने कहा कि अमित शाह इसी तरह की बयानबाजी करते हैं जिसका कोई मतलब नहीं होता है. उनको कोई ज्ञान है? अमित शाह को कोई जानकारी नहीं है कि बिहार का कितना विकास हुआ है, कितना ज्यादा काम हुआ है. ना बिहार की और ना देश की जानकारी है. नीतीश कुमार पटना के बख्तियारपुर पहुंचे थे. इसी दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने बीजेपी और अमित शाह पर करारा हमला किया।

पत्रकारों के एक समूह को इंडिया गठबंधन द्वारा बॉयकॉट किए जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इस बारे में हमें नहीं पता है. साथ ही नीतीश ने कहा कि हम पत्रकारों की आजादी के पक्ष में हैं. जब उनको पूरी आजादी मिल जाएगी तो पत्रकार जो सही होगा वो लिखेंगे. पत्रकारों पर कोई नियंत्रण नहीं किया जाता है. हम किसी के खिलाफ नहीं है. केंद्र के लोग गड़बड़ करते हैं. हमारे बयान को भी कई बार लिखने से मना कर दिया जाता है. सभी को आजादी से लिखने का अधिकार है।

अमित शाह का बिहार दौरा: तेजस्वी यादव ने कसा तंज-‘रोज बिहार आएं… हमको ही मिलेगा फायदा’

पटना: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर से बिहार दौरे पर आ रहे हैं. वह 16 सितंबर को बिहार दौरे पर आ रहे हैं. अमित शाह के दौरे को लेकर बिहार के सियासी गलियारों में गर्माहट आ गई है. ताजा मामले बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अमित शाह के दौरे को लेकर तीखा तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अमित शाह हर माह बिहार आ रहे हैं और वो आएं इसमें हमें कोई दिक्कत नहीं है. तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए आगे कहा कि अगर अमित शाह पूरे वर्ष बिहार में रहेंगे तो उसका फायदा विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को ही मिलेगा।

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि अमित शाह का बार बार बिहार दौरे पर आना ये दर्शाता है कि वो डर चुके हैं. वो हर महीने बिहार आ रहे हैं और इसमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं है. अगर वो बिहार में पूरे साल रहते हैं तो उसका फायदा हमी को मिलेगा. उनका बार बार बिहार दौरे पर आना ये दर्शाता है कि वो कितने डरे हुए हैं।

तेजस्वी ने आगे कहा कि वो हर माह बिहार आ रहे हैं लेकिन राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा या दूसरे विशेष पैकेज की जो बातें हैं उसे लेकर वो बिहार कहां आते हैं?

बिहार गांधी, लोहिया और जयप्रकाश की धरती है, यहां अमित शाह की दाल गलने वाली नहीं है- शिवानंद तिवारी

पटना: शिवानंद तिवारी ने कहा कि देश को अमित शाह जैसा असफल गृहमंत्री अभी तक नहीं मिला था. ये उसी गुजरात से आते हैं जहाँ देश के पहले गृहमंत्री लौह पुरूष सरदार पटेल पैदा हुए थे. लेकिन गृहमंत्री के रूप में दोनों एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत है. मणिपुर को ही देख लीजिए. वहाँ आग लगी हुई है. गृह युद्ध की स्थिति बनी हुई है वहाँ. लगभग डेढ़, पौने दो सौ लोग अबतक मारे जा चुके है।

उन्होंने कहा कि वहां डबल इंजन की सरकार है. यह समझ के बाहर है कि वहां की सरकार आग लगाने में लगी है या बुझाने में. अमित शाह का वहाँ आजतक सिर्फ़ एक दौरा हुआ है. उन्होंने शांति की अपील नहीं की थी बल्कि शांति स्थापित करने का आदेश दिया था. उस दौरे के बाद आज तक उनके मुँह से मणिपुर का नाम भी उच्चरित नहीं हुआ है. वह देश का सीमावर्ती इलाक़ा है. मणिपुर की आग पड़ोस के राज्यों को भी प्रभावित करने लगी है. लेकिन गृहमंत्री ने ऐसा रूख अपनाया हुआ है जैसे मणिपुर हमारे देश का अंग ही नहीं है।

शिवानंद तिवारी ने कहा कि यही हाल कश्मीर का है. जब संविधान की धारा 370 को समाप्त करने का प्रस्ताव गृहमंत्री जी ने संसद में पेश किया था. उस समय के उनके भाषण का स्मरण किया जाए. लग रहा था कि कश्मीर की सारी समस्याओं का समाधान धारा 370 में ही छीपा हुआ है. इसको हटाइए और कश्मीर की धरती पर स्वर्ग उतर आयेगा. आज क्या स्थिति है वहाँ ! करनल, मेजर, डीएसपी स्तर के पदाधिकारी आतंकवादियों की गोली का शिकार हो रहे हैं. लेकिन प्रधानमंत्री सहित पूरी सरकार जी 20 के सम्मेलन सफलता का जश्न मनाने में मग्न दिखाई दे रही थी. जैसे पुरे देश में अमन चैन क़ायम है।

उन्होंने कहा कि असंवेदनशील सरकार आजतक देश नहीं देखा है.अमित शाह कल बिहार के सीमांचल में गरजेंगे. वह मुस्लिम बहुल इलाक़ा है. प्रदेश में सांप्रदायिक आधार पर गोल बंदी को मज़बूत करने और सांप्रदायिक मानसिकता के तुष्टिकरण के लिए अपने अंदाज़ में दहाड़ लगायेंगे. हम अमित शाह जी को 2015 का चुनाव स्मरण कराना चाहेंगे. जब लालू यादव और नीतीश कुमार एक साथ मिल कर चुनाव लड़ रहे थे. उस समय अपने प्रधानमंत्री जी के साथ अमित शाह जी बिहार की गलियों का धुल फांका था. प्रधानमंत्री जी ने उस चुनाव में आरा की आम सभा में बिहार की बोली लगई थी. ‘ कितना दे दें ! सत्तर हज़ार करोड़ , एक लाख करोड़! नहीं नहीं सवा लाख करोड़ दे दिया ! उस सवा लाख करोड़ का हिसाब पूछिए तो उसका चौथाई भी अब तक नहीं मिला है. उस सबके बावजूद बिहार की जनता ने लालू-नीतीश की गोलबंदी दो तिहाई से ज़्यादा बहुमत दिया था. इसलिए अमित शाह स्मरण रखें, बिहार गाँधी, लोहिया और जयप्रकाश की धरती है. यहाँ मोदी जी और अमित शाह जी की दाल नहीं गलने वाली है।

गृह मंत्री के बयान पर राबड़ी का पलटवार, तेल में पानी मिलाने का काम बनिया का है

पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मधुबनी के झंझारपुर में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि नीतीश और लालू का गठबंधन, तेल और पानी की तरह है। तेल और पानी कभी एक नहीं हो सकते लेकिन हां, तेल पानी को गंदा जरूर कर देता है।

अमित शाह के इस बयान पर पलटवार करते हुए बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि तेल में पानी मिलाने का काम बनिया का है। बनिया और व्यापारी तो वो खुद हैं तेल पानी मिलाते होंगे इसलिए सबके बारे में सोचते है कि तेल-पानी वाली पार्टी है।

राबड़ी देवी ने पीएम मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी को इंडिया कहने में शर्म आता है। भारत देश हमारा है इंडिया भी हमारा है। कही विदेश में जाइए तब वहां के लोग पूछते हैं कि इंडिया से आए हैं क्या? हमलोग कहते हैं कि हां इंडिया से आए है। लेकिन मोदी जी को इंडिया कहने में शर्म लगता है। वो खुद घमंडी है इसलिए दूसरों को घमंडिया बोलते हैं। किसी उठवा लेगें किसे मरवा देंगे इनका कोई ठिकाना नहीं है। यह बात पूरी दुनियां जानती है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार महंगाई को रोक पाने में असफल साबित हुई है। नरेंद्र मोदी महंगाई नहीं रोकेंगे लेकिन बिहार की जनता इनकों आगामी चुनाव में करारा जवाब देने का काम करेगी। केतना मोदी आएंगे केतना मोदी जाएंगे उनके कहने से मोदी आएंगे। पूरे देश के लोग क्या उनके मुट्ठी में है? राबड़ी ने कहा कि ये लोग किसी को रोजगार नहीं देंगे और महंगाई भी नहीं रोकेंगे। इनकों करारा जवाब बिहार की जनता ही देगी।

बिहार में फिर से जंगलराज की वापसी, बढ़ते क्राइम को लेकर शाह ने लालू-नीतीश को घेरा, जानें क्या कहा

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की हुंकार एकबार फिर पूरा बिहार सुना। अमित शाह ने आज झंझारपुर में बीजेपी की विशाल रैली को संबोधित किया और बिहार में बढ़ते क्राइम को लेकर जनता को आगाह किया। साथ ही नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर सीधा प्रहार किया।

वहीं, महागठबंधन की सरकार पर हमलावर होते हुए अमित शाह ने कहा कि बिहार में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, जिससे ये स्पष्ट होने लगा है कि लालू-नीतीश की इस सरकार में बिहार में फिर से जंगलराज वापस आ गया है। वहीं, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए अमित शाह ने कहा कि लालू प्रसाद फिर से एक्टिव हो गये हैं तो नीतीश जी इनएक्टिव हो गये हैं। अगर नीतीश जी इनएक्टिव हो गये हैं तो समझ लो बिहार कैसा चलेगा।

इसके साथ ही I.N.D.I.A गठबंधन पर प्रहार करते हुए कहा कि आखिर इन्हें UPA से अपना नाम चेंज करने की क्या जरूरत पड़ी, वो इसलिए इन्होंने बड़े पैमाने पर घोटाले किए। लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए अरबों-खरबों का भ्रष्टाचार किया। कोर्ट में केस चल रहे हैं लेकिन नीतीश जी अब लालू जी के भ्रष्टाचार को नहीं देखते हैं। UPA सरकार के दौरान हुए घोटालों की वजह से अब ये INDI अलायंस के नाम से सामने आ रहे हैं। नाम कुछ भी बदल जाए लेकिन ये याद रखना है कि ये वही लालू प्रसाद हैं, जिन्होंने बिहार को सालों पीछे धकेलने का काम किया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक दिवसीय दौरे तेजप्रताप यादव का तंज, कहा – बिहार में दंगा फसाद कराने आए हैं गृहमंत्री

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे हैं। मधुबनी के झंझारपुर में जनसभा को संबोधित करने के बाद शाह अररिया के जोगबनी में सरकारी कार्यक्रम में शामिल होंगे। अमित शाह के दौरे को लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। बिहार सरकार के मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अमित शाह पर तीखा हमला किया है और उन्हें रास्ता काटने वाली बिल्ली बता दिया है।

तेजप्रताप ने कहा है कि अमित शाह के बिहार आने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। अमित शाह बिहार में दंगा फसाद कराने के लिए आते हैं। जिस तरह से बिल्ली रास्ता काट देती है उसी तरह का काम अमित शाह करते हैं। बिहार में जिस तरह से हमलोग काम कर रहे हैं, वो बाधा डालने के लिए बिहार आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार और देश की जनता बेवकूफ नहीं है वह सभी चीजों को देख रही है। सीमांचल में महागठबंधन की मुश्किल बढ़ने के सवाल पर तेजप्रताप ने कहा कि जो महादेव का भक्त होगा उसे क्या परेशानी हो सकती है।

अमित शाह की झंझारपुर रैली पर बिहार में सियासत तेज, नीतीश कुमार की जेडीयू ने दागे 11 सवाल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की झंझारपुर में शनिवार को होने वाली रैली को लेकर बिहार में सियासत चरम पर है। मुख्यमंत्री तीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने शाह के दौरे को लेकर बीजेपी पर 11 सवाल दागे हैं। जेडीयू का कहना है कि अमित शाह इस बार झूठ का पुलिंदा फाड़ने की बजाय झंझारपुर से कुछ नया बोलकर जाएं, तो बेहतर होगा।

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि चुनावी पर्यटन पर शनिवार को बिहार आ रहे अमित शाह अपनी हर रैली में एक ही बात बोलकर चले जाते हैं। राज्य सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने और अपनी पीठ खुद थपथपाने के अलावा उनके भाषण में कुछ और नहीं रहता। उन्होंने गृहमंत्री से गुजारिश की है कि वे इसबार कुछ नया बोलकर जाएं।

उन्होंने कहा कि गृहमंत्री को समझना चाहिए कि बिहार की जनता उनके भाषणों में एक ही बात सुन-सुन कर अब बोर हो चुकी है। इसलिए पैसे खर्च करने के बाद भी उनकी रैलियों में भीड़ नहीं जुटती।

जेडीयू ने पूछा कि अमित शाह बताएं 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ? हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ? कच्चे तेल की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों कम नहीं हुए? उज्ज्वला योजना के फेल होने का जिम्मेवार कौन है? ईडी, सीबीआई के छापे सिर्फ विपक्षी नेताओं पर क्यों पड़ते हैं? देश में सिर्फ अदानी – अंबानी जैसे अमीरों की आमदनी क्यों बढ़ रही? मणिपुर हिंसा के आरोपियों को स्पीड ट्रायल से सजा क्यों नहीं हो रही है ? नमामि गंगे परियोजना में करोड़ों खर्च करने के बाद भी गंगा नदी साफ क्यों नहीं हो रही है ? भारत की जमीन को चीन के कब्जे से मुक्त करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए?