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राज्यपाल ने KK Pathak का आदेश किया निरस्त तो ACS के समर्थन में उतरी सरकार, राजभवन को दे डाली नसीहत

बिहार सरकार और राजभवन के बीच ठन गई है. केके पाठक के आदेश को रद्द कर देने पर नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का पारा हाई हो चुका है. उन्होंने राजभवन को एक तरह से नसीहत दे डाली है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों को फंडिंग करती और उसी से विश्वविद्यालय में पठन पाठन का काम होता है. राज्य सरकार अगर फंडिंग करेगी तो गाइड लाइन तो मानना ही पड़ेगा. अगर विश्वविद्यालय यह चाहती है कि उसमें राज्य सरकार का दखल न हो तो फंड न लेकर खुद इंतजाम करें।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का समर्थन करते हुए नीतीश सरकार के मंत्री ने मोर्चा खोलते हुए राजभवन को ही आड़े हाथ ले लिया. दरअसल, आईएएस केके पाठक ने विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक के दौरान बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वित्तीय अधिकार पर रोक लगा दी थी. साथ ही यूनिवर्सिटी के सभी अकाउंट के ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दिया था. इसी आदेश को राजभवन ने राजाज्ञा के तहत निर्देश पत्र जारी करते हुए रद्द कर सभी खातों को बहाल करते हुए केके पाठक के आदेश को ही निरस्त कर दिया।

अशोक चौधरी ने साफ-साफ कहा कि शिक्षा विभाग का जो गाइडलाइन है, उसके अनुसार ही विश्वविद्यालय को पत्राचार किया जाता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ है. कुल मिलाकर देखें तो शिक्षा विभाग और राज भवन के बीच विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के वेतन को लेकर जो पत्राचार हुआ है, शिक्षा विभाग के द्वारा किए गए पत्राचार को मंत्री अशोक चौधरी ने सही करार दिया है।

पुलिस को दारू और बालू खोजने से फुर्सत मिले तब तो अपराध पर ध्यान दें , जनार्दन सिंह सिग्रीवाल का सरकार पर तंज़

बिहार के अररिया में पत्रकार की हत्या के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. एक के बाद एक नेता बयानबाजी कर रहे है. भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने नीतीश कुमार को अपराध का दोषी बताया है. उन्होंने कहा कि जंगलराज के खिलाफ सुशासन बाबू के नाम पर सत्ता में आए थे और आज खुद जंगलराज का साथ दे रहे हैं. साथ ही कहा कि बढ़ते हुए अपराध पर हंसकर जवाब देते हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम नेता दौरा करना शुरू कर दिए है . वहीं बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पटना पहुंचे है . एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश सरकार पर खूब निशाना साधा. साथ ही कहा कि बिहार में जिस कदर अपराध बढ़ रहा है. इसका जिम्मेदार कोई और नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. सरकार पर सवाल करते हुए कहा कि जिस राज्य में पुलिसकर्मी सुरक्षित नहीं हो , पत्रकार की खुलेआम हत्या हो. तो आप समझ लीजिए कि कानून व्यवस्था का क्या हाल है।

बता दें जनार्दन सिंह ने कहा कि पुलिस को दारू और बालू खोजने से फुर्सत मिले तब तो अपराधियों पर नकेल कसेंगे. साथ ही कहा कि नीतीश कुमार ने जानबूझकर बिहार को ऐसी स्थिति में धकेलने का काम किया है. सवाल पूछे जाने पर हंसकर जवाब देते हैं. इसका मतलब साफ है कि जानबूझकर वह बिहारवासियों को इस तरह की स्थिति में रहने को मजबूर कर रहे हैं. बिहार की जनता नीतीश सरकार से ऊब चुकी है।

बिहार शिक्षा विभाग का नया फरमान, अब बोरे के बाद कबाड़ भी बेचेंगे गुरुजी

बिहार शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक का नया आदेश एक बार फिर से सुर्खियों में है. शिक्षा सचिव के आदेश के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तो हो ही रहा है, लेकिन शिक्षकों की भी मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. के के पाठक ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने का जिम्मा अपने कंधे पर उठा लिया है।

हर रोज कोई ना कोई नए फरमान भी जारी किए जा रहे हैं. हालांकि कुछ फरमानों पर सियासत भी फुल स्पीड में हो रही है. आज फिर ACS केके पाठक ने एक नया फरमान जारी किया है. इस फरमान के तहत अब प्रधानाध्यापक को स्कूल के कबाड़ को बेचने जिम्मेदारी भी होगी और उससे मिलने वाली राशि को स्कूल के GOB खाते में जमा करवानी होगी।

अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने निर्देश के बाद बांका शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र जारी किया है. इस पत्र में लिखा है कि उपर्युक्त विषयक अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग बिहार पटना द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में आपने विद्यालय के अनउपयुक्त (कबाड़) सामग्री अविलम्ब बेचकर प्राप्त राशि को विद्यालय के GOB खाता में जमा करें और प्राप्य राशि को VC के माध्यम से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अवगत कराये।

आपको बता दें कि हाल ही में ऐसा ही एक और आदेश शिक्षा सचिव ने जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि मिड डे मील के तहत जो भी खाद्यान्न स्कूलों को दिया किया जाता है, उसके बोरे को बेचने की जिम्मेदारी भी अभी स्कूल के शिक्षकों की होगी. इस आदेश के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी चर्म पर है।

सीएम नीतीश के हवाई सर्वेक्षण पर उठा सवाल, बीजेपी ने कहा – केवल पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सूखे की समस्या से जूझ रहे जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने वाले हैं. जिसको लेकर अब बयानबाजी का दौरा शुरू हो गया है. जहां बीजेपी ये कहा रही है कि हवा में उड़कर वो जमीनी हकीकत का कैसे देखेंगे ये तो बस पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं. जिसके जवाब में महगठबंधन ने भी हमला बोला है. उनका कहना है कि हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से स्थिति का अवलोकन किया जाता है और यह देश भर में होता है, लेकिन शायद उनको इस बता की जानकरी है ही नहीं।

बीजेपी नेता हरिभूषण ठाकुर बचौल ने CM नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा है कि हवा में उड़कर देखने से कुछ नहीं होने वाला है. देखना था तो चार पहिया वाहन से जाकर जमीनी हकीकत को देखते, लेकिन ये तो केवल पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं. साथ ही साथ हरी भूषण ठाकुर ने कहा कि अब नीतीश कुमार के जाने के बाद ही बिहार का भला होगा।

आपको बता दें कि, बिहार के कई जिले इस साल सूखे की समस्या से जूझ रहे हैं. जिनमें पांच जिले शामिल हैं. अल्पवृष्टि से प्रभावित जिले औरंगाबाद ,गया ,नवादा, शेखपुरा एवं जमुई है. जिसका आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हवाई सर्वेक्षण करेंगे. इस दौरान सीएम के साथ सभी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री दोपहर 3:00 बजे हवाई सर्वेक्षण के लिए निकलेंगे. बात दें कि मुख्यमंत्री ने खुद इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि बिहार के 5 जिलों में धान एवं खरीफ फसल की बुवाई हुई है. ऐसे हम खुद अब इसका सर्वे करेंगे और जो भी जरूरत होगी वो किसानों को दी जाएगी।

CM नीतीश के बयान पर विजय सिन्हा का तंज, कहा- देख लीजिए, राज्य में अपराध कितना कम है

पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने समस्तीपुर में दारोगा और अररिया में पत्रकार की हत्या पर आक्रोश व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा है कि राज्य सरकार ने अपराधियों के सामने घुटना टेक दी है. बिहार जंगलराज से गुंडाराज में बदल रहा है. अपराधी बुलंद हौसले से काम कर रहे हैं और पत्रकार की भी हत्या कर रहे हैं. 17 अगस्त को दिल्ली से पटना आने पर पटना एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि देख लीजिए, राज्य में अपराध कितना कम है।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि एक वर्ष पूर्व महागठबंधन की सरकार बनी थी और उसी समय से अपराधी को पुलिस से भय खत्म हो गया, ये शासन के संरक्षण में अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इनकी सरकार बनने के बाद से अभी तक 5 हजार से अधिक लोगों को गोली मारी गई है. हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म, बैंक डकैती, साइबर क्राइम की घटनाओं में असीमित बढ़ोतरी हुई है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य में अपराध के सभी द्वार खुल गए हैं. मवेशी तस्करी के लिए बिहार अब चारागाह बन गया है. नालंदा, समस्तीपुर, बेगूसराय सहित राज्य के कई जिलों में मवेशी तस्करों को सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा पकड़ा गया, ये तस्कर पुलिस पर भी गोली चलाने से बाज नहीं आते हैं. राज्य के अंदर इनकी बेरोकटोक तस्करी जारी है. सीमा पार कर ये इसे बांग्लादेशियों के हाथों बेचते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की लालू यादव से मुलाकात, चर्चाओं का बाजार गर्म

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को अचानक राबड़ी आवास पहुंच गए और लालू प्रसाद यादव से काफी देर तक बातचीत की है. दिल्ली दौरे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह मुलाकात हुई है. इसको लेकर सियासी चर्चा शुरू है।

विपक्षी दलों की मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को बैठक होने वाली है. उससे पहले नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को लेकर यह चर्चा थी कि विपक्षी दल के नेताओं से मुलाकात करेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री ने खुद कहा किसी से मिलने नहीं गए थे. आंख का इलाज कराने गए थे और आंख का चेकअप करा कर पटना लौट आए हैं।

ऐसे में लालू प्रसाद यादव से नीतीश के अचानक मिलने से कई तरह की चर्चा हो रही है. नीतीश कुमार हाल के दिनों में कई बार लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर चुके हैं. जिसमें विपक्षी दलों की एकजुटता के साथ बिहार में सरकार के कामकाज और गठबंधन को लेकर भी चर्चा होने की बात है।

पत्रकार की हत्या पर सुशील मोदी सीएम नीतीश पर बिफरे, कही ये बात

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने अररिया में पत्रकार और समस्तीपुर में दरोगा की हत्या की दुस्साहसिक घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार अपराधियों के आगे घुटने टेक चुकी है. नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म , यानी ‘ट्रिपल सी’ से समझौता कर लिया है. वे अपराध रोकने की इच्छा-शक्ति खो चुके हैं. जो सरकार अपराधियों की जाति और धर्म देख कर कार्रवाई करती है, वह राज धर्म का पालन नहीं कर सकती।

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रशंसा का दिखावा नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें बिहार में कानून का राज कायम करने के लिए राजनीति को किनारे रख कर राज धर्म का पालन करना चाहिए. नीतीश कुमार ने जब-जब लालू प्रसाद से हाथ मिलाया, राज्य में अपराधियों का मन बढ़ा. आरजेडी के साथ दूसरी पाली में नीतीश सरकार पूरी तरह बालू-शराब माफिया और पशु तस्करों के दबाव में आ चुकी है।

बता दें कि बिहार के अररिया में बदमाशों ने शुक्रवार की सुबह-सुबह एक दैनिक अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी. बदमाश विमल कुमार यादव के घर पहुंचे. दरवाजा को खटखटाया और जैसे ही वह बाहर निकले तो उन्हें गोलियों से भून दिया. वहीं, इस घटना के बाद विपक्ष के निशाने पर नीतीश सरकार आ गई है. बीजेपी लगातार इस मुद्दे को लेकर सीएम नीतीश कुमार को घेर रही है. वहीं, इस मुद्दे को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है।

बाढ़ एनटीपीसी की चौथी इकाई का लोकार्पण, सूबे के विकास में बिजली बाधक नहीं

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि बिहार के विकास में बिजली बाधक नहीं है। बिहार की औसतन दैनिक खपत सात हजार मेगावाट है। बाढ़ एनटीपीसी से बिहार को 71 सौ मेगावाट बिजली दी जा रही है। इसके बावजूद कटिहार में बिजली को लेकर गोली चल रही है। भरपूर उपलब्धता के बावजूद अगर बिहार में बिजली की लोडशेडिंग हो रही है तो राज्य सरकार को इसका वाजिब कारण बताना चाहिए। अगर कोई समस्या है तो वह भी बताएं, केंद्र उसका निदान करेगा।

शुक्रवार को बाढ़ एनटीपीसी की चौथी (स्टेज एक की दूसरी) इकाई का लोकार्पण करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में बिजली की कोई कमी नहीं है। देश में अधिकतम बिजली की मांग दो लाख 34 हजार मेगावाट की है जबकि उत्पादन क्षमता चार लाख 21 हजार मेगावाट है। फिर भी बिहार सहित देश के तीन राज्य हैं जहां बिजली की लोडशेडिंग हो रही है। राज्यों से पूछा जा रहा है कि उपलब्धता के बावजूद बिजली की लोडशेडिंग क्यों हो रही है।

उन्होंने कहा कि अनायास या अचानक से बिजली आपूर्ति सेवा बंद नहीं की जा सकती। देश में यह कानून बना हुआ है कि उपभोक्ता चाहें तो वे उपभोक्ता जन शिकायत निवारण कोषांग (सीजीआरएफ) में इसकी शिकायत कर बिजली कंपनी से जुर्माना प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल में एक लाख 90 हजार मेगावाट उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। एक करोड़ 12 लाख ट्रांसफॉर्मर लगे। दो लाख करोड़ वितरण व्यवस्था पर खर्च हो रहा है।

इसमें से बिहार को 18-20 हजार करोड़ दिए गए। कार्यक्रम में बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र यादव को भी शामिल होना था पर स्वास्थ्य कारणों से नहीं आए। स्वागत भाषण में एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने दिया। प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने कहा कि बाढ़ बिजली घर पर्यावरण-अनुकूल सुपरक्रिटिकल प्रौद्योगिकी-आधारित इकाई है। विधायक ज्ञानेन्द्र ज्ञानू ने केंद्र के कार्यों को गिनाया। पावरग्रिड के अध्यक्ष के. श्रीकांत, एनटीपीसी के निदेशक (एचआर), दिलीप पटेल, निदेशक (परियोजनाएं), उज्ज्वल कांति भट्टाचार्य आदि मौजूद थे।

राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच टकराव, KK Pathak के निर्देश को 24 घंटे के भीतर राजभवन ने किया खारिज

पटना: शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के फैसलों के कारण बिहार सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के उस फैसले को राज्यपाल ने किया खारिज कर दिया, जिसमें केके पाठक ने बीआरए विश्विद्यालय के वीसी और प्रो वीसी के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाई थी। राज्यपाल के प्रधान रॉबर्ट एल चोंग्थू ने बैंकों को आदेश जारी किया है कि वे केके पाठक के आदेश को नहीं मानें।

दरअसल, बीते 17 अगस्त को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के बचत खाता और अन्य सभी खातों के ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दिया था लेकिन 24 घंटे के भीतर ही राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर ने केके पाठक के आदेश को खारिज कर दिया है। राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने मुजफ्फरपुर के तीन बैंको को इसको लेकर पत्र जारी किया है। मुजफ्फरपुर एसबीआई, पीएनबी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को इसकी कॉपी भेजी गई है।

राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि बिहार सरकार के आदेश ज्ञापंक 1741 दिनांक 17.08.2023 पर क्रियान्वयन नहीं किया जाए और जब तक राज्यपाल सचिवालय के स्तर से निर्देश प्राप्त नहीं होता है, तब तक यही व्यवस्था लागू रखी जाए। कहा जा रहा है कि राज्यपाल की तरफ से केके पाठक के फैसले को खारिज किए जाने के बाद बिहार सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

बता दें कि शिक्षा विभाग की तरफ से जारी निर्देशों के बावजूद विश्वविद्याल ने अपने अधीन कॉलेजों का इंस्पेक्शन नहीं कराया था। विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र नियमित करने और परीक्षा और रिजल्ट को लेकर रोस्टर के अनुपालन की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को नहीं भेजी गई थी, जिसपर एक्शन लेते हुए शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति का वेतन बंद करने के साथ ही सभी वित्तीय लेन देन पर रोक लगा दिया था।