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बेबस बने कांग्रेस अध्यक्ष ! अखिलेश सिंह साल भर बाद भी प्रदेश कमिटी नहीं बना सके, बड़ा सवाल- बनाना नहीं चाहते या बनवा नहीं पा रहे ?

बिहार कांग्रेस की भी अजीब हालत है. आलाकमान ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्त एक साल पहले की थी. 5 दिसंबर 2022 से 6 दिसंबर 2023 आ गया, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की नई कमिटी आज तक गठित नहीं की गई. राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक साल का कार्यकाल पांच दिसंबर को ही पूरा कर लिया. साल पूरा होने पर नेताओं ने उन्हें बधाई भी दे दी, लेकिन आज तक वे प्रदेश की कमेटी नहीं बना सके. बड़ा सवाल यही है कि आखिर कौन सी ऐसी बड़ी बाधा है जिस वजह से प्रदेश कमेटी नहीं बना पा रहे ? क्या प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह की चल नहीं पा रही या फिर कमेटी बनाना नहीं चाहते ? एक साल की अवधि पूर्ण होने के बाद अखिलेश सिंह को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।

कैसे होगी नैया पार ?

बिहार कांग्रेस की अजीब हालत है. महागठबंधन सरकार में तो कांग्रेस पिछलग्गू है ही, संगठन की भी लुंज-पुंज हालत है. कांग्रेस आलाकमान ने डॉ. अखिलेश सिंह को 5 दिसंबर 2022 को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी दे दी थी. डॉ. मदन मोहन झा के बाद इन्हें अध्यक्ष बनाया गया. लेकिन यह भी संगठन विस्तार में सफल नहीं हो सके. एक साल का कार्यकाल अखिलेश सिंह ने पूर्ण कर लिया. इतना समय बीतने के बाद भी ये अपनी प्रदेश कमेटी नहीं बना सके हैं. लोकसभा का चुनाव सिर पर है, तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. ऐसी स्थिति में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के पास अपनी नई कमेटी भी नहीं है. कांग्रेस के अंदर ही यह चर्चा शुरू है कि यह भी पूर्ववर्ती अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और कौकब कादरी की राह पर चल पड़े हैं. मदन मोहन झा ने अपने 4 साल के कार्यकाल में प्रदेश कमिटी ही नहीं बनाई। अकेले ही बिहार कांग्रेस को चलाते रहे।

…तो बिहार प्रभारी की वजह से नहीं बना पा रहे ? 

क्या डॉ. अखिलेश सिंह भी डॉ. मदन मोहन झा और कौकब कादरी की राह पर चल पड़े हैं? तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बीच दल के नेताओं में ही प्रदेश कमिटी को लेकर चर्चा जोरों पर है. बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि अखिलेश सिंह प्रदेश कमेटी क्यों नहीं बना रहे…उनकी क्या मजबूरी है ? कांग्रेस में किनकी वजह से वे प्रदेश की कमेटी नहीं बना पा रहे…क्या बिहार प्रभारी से प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के संबंध ठीक नहीं है ? आखिर इनकी राह में रोड़ा कौन अंटका रहा ? पार्टी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कमिटी नहीं बनने के पीछे अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह और प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास के बीच तारतम्य नहीं होने की वजह से कमेटी नहीं बन पा रही।

बिहार के पांच DSP को ASP में मिली प्रोन्नत्ति…स्टाफ ऑफिसर राजन सिन्हा को किया गया डिमोट, लिस्ट देखें….

बिहार पुलिस सेवा के 6 अधिकारियों को अपर पुलिस अधीक्षक के रूप में प्रोन्नति दी गई है. इस संबंध में गृह विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी की गई है. राजन सिन्हा जिन्हें 19 अक्टूबर 2023 को स्टाफ ऑफिसर के रूप में प्रोन्नति दी गई थी, अब उसमें सुधार किया गया है. उन्हें डिमोट कर अपर पुलिस अधीक्षक बना दिया गया. इस संबंध में गृह विभाग ने अपने आदेश में संशोधन किया है. अब राजन सिन्हा एएसपी के रूप में काम करेंगे. हालांकि स्टाफ ऑफिसर के रूप में मिले वेतन की राशि की वसूली नहीं होगी।

नुरूल हक बने एएसपी 

इसके अलावे वरीय पुलिस उपाधीक्षक नुरुल हक को भी अपर पुलिस अधीक्षक के रूप में प्रोन्नति दी गई है. नुरूल हक वर्तमान में बिहारशरीफ के एसडीपीओ हैं. गृह विभाग की अधिसूचना में कृष्ण कुमार सिंह, आलोक रंजन, कुमार इंद्र प्रकाश और पंकज कुमार को भी अपर पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।

लिस्ट देखें….

बिहार में कैबिनेट विस्तार पर सियासत तेज, बोली कांग्रेस.. बड़ा दिल नहीं दिखा पा रही राजद

बिहार में कैबिनेट विस्तार की मांग कांग्रेस लगातार कर रही है। अब इसे लेकर सियासत तेज हो गयी है। कांग्रेस का अब कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल को अपना दिल बड़ा करना होगा। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद ने कहा कि हम शुरू से RJD के अलायंस पार्टनर हैं। उनको डेट तय करनी है जिसके बाद मुख्यमंत्री कैबिनेट विस्तार कर देंगे।

शकील अहमद ने कहा कि तेजस्वी यादव से इस संबंध में बातचीत हो चुकी है। इस संबंध में हम बार-बार क्या बात करें? राजद हमारी सहयोगी पार्टी हैं और सहयोगी से सद्भावना की उम्मीद करते हैं। सहयोगी दल से जो इकरार हुआ उसको इकरार मानते हैं। राजद ने हमारे शीर्ष नेतृत्व के सामने जो इकरार किया है उस इकरार को मनाना चाहिए। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के सामने सारी बातें हो चुकी है बावजूद सहयोगी दल RJD बड़ा दिल नहीं दिखा पा रही हैं तो क्या कहें?

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल हमारा पुराना सहयोगी दल रहा है। उनके साथ हमारा एलायंस रहा है। जब महागठबंधन की सरकार बनी तो वामपंथ और कांग्रेस पार्टी उनके साथ आ गई। हमकों यह उम्मीद इसलिए थी कि यह हमारा हक है। हक की उम्मीद तो बिलकुल रहती है। यह बात हमारे कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने हुई जिसमें नीतीश जी भी शामिल थे। यह सब बात होने के बावजूद भी यदि साथी अपना बड़ा दिल नहीं दिखा रहे है तो इस पर क्या कहूं?

शकील अहमद ने कहा कि अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है। जबकि मेरा मानना है कि कैबिनेट का विस्तार होना चाहिए। इस पर अमल होनी चाहिए। राजद के साथ हमारा एलायंस है हमारा डिमांड तो उनसे ही है। इसे उन्होंने स्वीकार भी किया था। इस डिमांड को आप यदि नहीं मान रहे हैं तो क्या कहे? कांग्रेस पार्टी इधर उधर कूदकर नहीं जाती। भाजपा से लड़ना कांग्रेस की मुहिम है। हम जिनके एलांयस पार्टनर हैं उनसे कैबिनेट विस्तार पर बात हो चुकी है। सहयोगी दल से इस संबंध में एकरार हो चुका है उस एकरार को मानना चाहिए।

वही 3 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस और जेडीयू आमने सामने हो गयी है। शकील अहमद ने अशोक चौधरी पर तंज कसते हुए कहा कि जो रिजल्ट आया है उस पर अशोक चौधरी जो बात कह रहे हैं उसका कोई मतलब नहीं बनता है। बोलने पर आए तो हम लोग भी कुछ भी बोल सकते हैं लेकिन बोलने का एक असूल होता है। हम इस बात को नहीं मानते हैं कि कांग्रेस को तमाम क्षेत्रीय दल के साथ लड़ना चाहिए। अनर्गल बयान देने का क्या मतलब है। उनका अपना क्या राजनीतिक रिफ्लेक्शन रहा है।

अशोक चौधरी हम लोगों के साथ हीं थे। अशोक चौधरी राय देने वाले कौन होते हैं? राय देने की जगह होती है। शकील अहमद ने अशोक चौधरी से कहा कि इतना जल्दी आप राय दे रहे हैं आपको राय देने के लिए कौन बोला है? आपकी राय कौन मान रहा है? क्या आपकी राय नीतीश जी मान रहे हैं क्या? कार्यकर्ता अपने-अपने तौर पर बोलते रहते हैं। हर जगह बोलते हैं उनके बोलने का क्या मतलब?

शीर्ष नेतृत्व ही फाइनल अथॉरिटी है। INDIA गठबंधन में जितने भी पार्टी शामिल हैं उसके शीर्ष नेतृत्व ने गठबंधन को बनाने का फैसला लिया था। गठबंधन के अंदर ही तमाम बातों का जिक्र होगा। इसकी समीक्षा होगी। इसके इतर अलग-थलग कोई भी आदमी कोई बात करता है तो वह उसकी व्यक्तिगत राय होगी। राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनता दल या जनता दल यूनाइटेड के साथ गठबंधन होता तो बढ़िया रहता।

इसका फैसला भी गठबंधन के अंदर ही होना था। वही डीएमके सांसद के बयान पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस गोमूत्र वाले बयान का समर्थन नहीं करती। डीएमके का अपना स्टाइल है जो नहीं बोलने वाली बात होती है वह भी वे लोग बोलते हैं। इसका गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम ऐसे किसी भी बयान का समर्थन नहीं करते।

BPSC से शिक्षक बने UP के अभ्यर्थियों को रास नहीं आ रहा बिहार, 100 टीचरों ने दिया इस्तीफा, बताई ये वजह

पटनाःबीपीएससी उत्तीर्ण कर टीचर बने नवनियुक्त शिक्षकों का पोस्टिंग के बाद इस्तीफा देने के सिलसिला भी शुरू हो चुका है. बिहार में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. इसमें सर्वाधिक समस्तीपुर जिले में एक साथ 30 शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षकों के इस्तीफा को मंजूर नहीं किया है।

यूपी के नवनियुक्त शिक्षकों ने दिया इस्तीफा: डीईओ ने बिहार शिक्षा विभाग को इस बाबत पत्र भी लिखा है. समस्तीपुर के अलावा मुजफ्फरपुर समेत प्रदेश के दो दर्जन से अधिक जिलों में शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. उत्तर प्रदेश के जिन शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है, उन्होंने अपने इस्तीफा का कारण केंद्रीय विद्यालय में नौकरी लगना और दूसरी नौकरी लगना बताया है।

100 के करीब शिक्षकों ने दिया इस्तीफाः पूरे प्रदेश भर में लगभग 100 के करीब शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. मुजफ्फरपुर में 17, बेगूसराय में 4, मधुबनी में एक शिक्षक ने इस्तीफा दिया है. शिक्षकों के माध्यम से जो जानकारी मिल रही है, अभी और शिक्षक इस्तीफा देने जा रहे हैं. ऐसे में बड़े पैमाने पर फिर से स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली होने लगे हैं।

नौकरी छोड़ने की बताई ये वजह: शिक्षकों के इस्तीफा का एक प्रमुख कारण सुबह 9:00 से 5:00 ड्यूटी और सुदूर इलाके में पोस्टिंग भी बताया जा रहा है. हालांकि अभी इन शिक्षकों की स्थिति को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मंजूर नहीं किया है और शिक्षा विभाग को इस बाबत पत्र लिखा है. शिक्षा विभाग का इस संबंध में आगे जो कुछ भी दिशा निर्देश आता है, उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी आगे की कार्रवाई करेंगे।

B.Ed डिग्रीधारक को पटना HC से बड़ा झटका, प्राथमिक शिक्षकों के रूप में नहीं होगी नियुक्ति

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में पटना हाईकोर्ट ने ये स्पष्ट किया है कि राज्य में प्राथमिक वर्गों (कक्षा एक से पांच) में बीएड डिग्रीधारक शिक्षक के रूप में नियुक्त नहींहोंगे. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन व जस्टिस राजीव रॉय की खंडपीठ ने ललन कुमार व अन्य द्वारा बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।

पटना हाईकोर्ट से B.ED शिक्षकों को झटका: कोर्ट ने ये स्पष्ट किया कि प्राथमिक कक्षाओं में डीएलएड डिग्री प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. हाईकोर्ट के इस आदेश से बड़ी संख्या ( लगभग 22 हजार शिक्षकों) की नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं,जिनकी नियुक्ति इस मामले की सुनवाई के दौरान हुई है।

लगभग 22 हजार बीएड शिक्षकों को बड़ा झटका: कोर्ट को बताया गया था कि 28 जून, 2018 को एनसीटीई द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई, जिसमें प्राथमिक कक्षाओं में बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों को योग्य माना गया. इसी अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देवेश शर्मा बनाम केंद्र सरकार व अन्य में दी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिसूचना को रद्द कर दिया था।

पहले थे योग्य: एनसीटीई द्वारा 28 जून, 2018 को जो अधिसूचना जारी किया गया था,उसमें बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों को भी प्राथमिक कक्षाओं में नियुक्ति के लिए योग्य कहा गया था. उन्हें प्राथमिक शिक्षा में 2 वर्षो के भीतर 6 माह का एक ब्रिज कोर्स किये जाने का प्रावधान किया था।

डीएलएड डिग्रीधारक शिक्षकों को ही नियुक्ति:लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेश शर्मा बनाम केंद्र सरकार व अन्य के मामले में एनसीटीई के उस अधिसूचना को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने के लिए डीएलएड डिग्रीधारक शिक्षकों को ही नियुक्ति की जायेगी. पटना हाईकोर्ट ने इस आदेश के आलोक में ये स्पष्ट किया है कि राज्य में प्राथमिक कक्षाओं में डीएलएड डिग्रीधारक शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

बिहार में प्रदर्शन का ये रूप भी देख लीजिए, रेलवे पटरी पर वो लेट गया, ऊपर से गुजर गई ट्रेन, हलक में अटकी रही जान

पटना से सटे बिहटा में बुधवार को रेलवे ट्रैक पर बैठकर विरोध जता रहेरेलवे संघर्ष समितिके आंदोलनकारी के ऊपर से एक्सप्रेस ट्रेन गुजर गई. गनीमत रही कि ट्रेन के पटरी पर आने से पहले सभी लोग इधर उधर हो गए. फिर भी एक प्रदर्शनकारी ट्रैक पर डटा रहा और ट्रेन के आने पर पटरी के बीच लेट गया और ट्रेन उसके ऊपर से गुजर गई. हालांकि, उस व्यक्ति को कुछ नहीं हुआ, फिर भी थोड़ी से चूक होने पर बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था।

आंदोलनकारी के ऊपर से गुजर गई एक्सप्रेस ट्रेन : मिली जानकारी के अनुसार बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना को लेकर रेलवे संघर्ष समिति अरवल के सैकड़ों कार्यकर्ता दानापुर रेल मंडल के बिहटा स्टेशन पर पहुंचकर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया था. सभी लोग विरोध स्वरूप ट्रैक पर बैठ कर नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच उधर से एक एक्सप्रेस ट्रेन गुजर गई. आंदोलन के बीच रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

बाल-बाल बची जान : बता दें कि बिहटा औरंगाबाद रेल परियोजना संघर्ष समिति के बैनर तले दानापुर रेल मंडल के बिहटा रेलवे स्टेशन पर पैदल मार्च करते हुए सभी आंदोलनकारी पहुंचे थे. सभी ने पटना-दिल्ली अप मेन लाइन को जाम कर दिया था. इसकी जानकारी आंदोलनकारी ने रेलवे प्रशासन और रेलवे विभाग को पहले ही दे दी थी. इसी दौरान रेलवे ट्रैक पर लेटे आंदोलनकारी चंदन वर्मा और राजेंद्र यादव के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद थे. तभी ट्रेन नंबर 82355 पटना छत्रपति शिवाजी टर्मिनस एक्सप्रेस अचानक अप मेन लाइन से गुजर गई।

अचानक ट्रेन आने से मच गई भगदड़ : अचानक ट्रेन आने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई. जैसे तैसे लोगों ने अपनी जान बचाई, लेकिन चंदन वर्मा रेलवे ट्रैक के नीचे फंस गए. वैसे इस घटना में अभी तक किसी की जान नहीं गई और लापरवाही के कारण अब आंदोलनकारी स्टेशन मास्टर सहित रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. आंदोलनकारी चंदन वर्मा ने बताया कि बिहटा औरंगाबाद रेल परियोजना की शुरुआत अभी तक नहीं हो सकी है।

रेलवे प्रशासन को आंदोलन की दी गई थी सूचना : चंदन ने बताया कि 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने शिलान्यास पालीगंज में किया गया था. लेकिन कई वर्ष बीतने के बाद भी परियोजना की शुरुआत अभी तक नहीं हो पाई है. इसके बाद हम सभी लोग लगातार इस परियोजना को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आज बिहटा रेलवे स्टेशन पर हम लोगों ने आंदोलन शुरू किया इसकी जानकारी रेलवे प्रशासन और रेलवे विभाग को पहले ही दी जा चुकी थी. लेकिन रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई।

जब हम सभी लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए थे. तभी एक्सप्रेस ट्रेन हमारे ऊपर से गुजरी है. भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि मेरी जान नहीं गई. रेलवे प्रशासन पूरी तरह से तानाशाही हो चुकी है.”-चंदन वर्मा, पीड़ित आंदोलनकारी

वर्षों से लटकी है परियोजना :वहीं दूसरी ओर बिहटा औरंगाबाद रेल परियोजना संघर्ष समिति के सदस्य राजेंद्र यादव ने बताया कि बिहटा औरंगाबाद रेल परियोजना पिछले कई वर्षों से लटका हुआ है. सरकार कितनी आई और गई. हमलोगों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा था. अब आंदोलन को उग्र किया जा रहा है. इस दौरान बिहटा रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।

हमलोगों ने आंदोलन को लेकर एक दिन पहले ही रेलवे विभाग को इसकी जानकारी लिखित में दी थी. इसके बावजूद भी हमारे ऊपर से ट्रेन गुजरी है. आज की सरकार पूरी तरह से तानाशाही हो चुकी है. इसका नतीजा है आप खुद देख सकते हैं.”-राजेंद्र यादव, आंदोलनकारी

 

पटना सिटी में युवक की गला रेतकर हत्या, अज्ञात अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम

पटना सिटी में युवक की गला रेतकर हत्या का मामला सामने आया है. खाजेकला थाना क्षेत्र के सीढ़ी घाट के पास बीती रात उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब अपराधियों ने एक युवक की हत्या कर फरार हो गए. हत्या की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

युवक की हत्या कर फरार हुए अपराधी: मृतक युवक की पहचान सीढ़ी घाट निवासी ठेला चालक संतोष कुमार के रूप में हुई है. हत्या की सूचना मिलते ही एएसपी सारथ एसआर, थाना प्रभारी राहुल ठाकुर दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने बताया कि मृतक संतोष की हत्या अपराधियों ने गला रेतकर की है. फिलहाल पुलिस उसके हत्यारे की पहचान करने में जुट गई है. जल्द ही अपराधी की पहचान कर उसकी गिरफ्तारी की जाएगी।

एक शख्स की गला रेतकर हत्या कर दी गई है. सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है और आगे की जांच की जा रही है. युवक ठेला चलाता था, अभी हत्यारों की पहचान नहीं हुई है.”- सारथ एसआर, एएसपी, पटना सिटी

पटना में लगातार बढ़ रहा अपराध का आंकड़ा: बता दें कि पटना आए दिन लूट और हत्या के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही नौबतपुर थाना क्षेत्र में अज्ञात अपराधियों ने 15 नवंबर को एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह नौबतपुर थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव की घटना थी. घटना उस वक्त हुई जब युवक अपने घर से कुछ दूरी पर बाहर निकाला था. पहले से घात लगाए अपराधियों ने घेर कर गोली मार दी. हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया था।

के.के पाठक ने जारी किया वार्षिक परीक्षा कैंलेडर, सरकारी स्कूल में हर महीने होगी परीक्षा; यहां देखें पूरी लिस्ट

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के पाठक ने सरकारी स्कूलों का वार्षिक परीक्षा कैलेंडर-2024 जारी किया है। पाठक ने सभी राजकीय राजकृत प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के लिए कैलेंडर जारी किया है। इसके मुताबिक़ अब हर महीने मंथली एग्जाम लिए जाएंगे। जारी कैलेंडर के मुताबिक साल 2024 में 9वीं क्लास के मंथली एग्जाम 22 से 25 जनवरी के बीच होगी। जबकि, क्लास 1 से 8 तक मंथली एग्जाम जनवरी के 29 और 30 तारीख को ली जाएगी।

वहीं, इस कैलेंडर के मुताबिक़। 14 मार्च तक नौवीं कक्षा का क्लास चलेगा। वर्ग 8 और 5 का संचालन 15 मार्च 2024 तक किया जाएगा। 16 से 20 मार्च के बीच 9वीं के वार्षिक परीक्षा ली जाएगी। इसी दौरान 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षाएं भी आयोजित की जाएगी। वहीं, दूसरे महीने यानि फरवरी में भी वर्ग 1 से 8 तक मासिक परीक्षा 27 और 28 तारीख को ली जाएगी।

इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2024 के लिए 1 अप्रैल से नए सत्र की शुरुआत हो जाएगी। जबकि 9वीं क्लास में एडमिशन 14 अप्रैल तक लिए जाएंगे। परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों के लिए 1 से 25 अप्रैल के बीच में विशेष क्लास और विशेष परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। 1 में से 16 अप्रैल के बीच 11 वीं क्लास में नामांकन की प्रक्रिया चलेगी। जबकि 16 अप्रैल से 11वीं क्लास की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 9वीं और 10वीं की मासिक परीक्षा 24 से 28 अप्रैल के बीच लिए जाएंगे। जबकि वर्ग एक से आठ तक मई महीने की मासिक परीक्षा 28 से 29 के बीच लिए होगी। क्लास 11वीं और 12वीं के मंथली एग्जाम 21 से 29 जून के बीच ली जाएगी।

उधर, इस जारी कैलेंडर के मुताबिक साल 2024 में 12वीं के प्रैक्टिकल एग्जाम 10 जनवरी से 20 जनवरी के बीच होंगे। 10वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 18 से 20 जनवरी के बीच ली जाएगी। 12वीं क्लास की परीक्षाएं 25 जनवरी तक चलेगी। जबकि, बोर्ड की वार्षिक परीक्षा 1 फरवरी से 12 फरवरी तक लिए जाएंगे। 10वीं बोर्ड की परीक्षा 15 फरवरी से 23 फरवरी के बीच करने का फैसला लिया गया है।

कोर्ट ने अधिकारियों को दी हिदायत, गलत मापी कर रास्ते को घेरा तो 24 घंटे में करें ध्वस्त, नहीं तो जेल जाने के लिए तैयार रहें

यदि किसी ने जमीन की गलत मापी कर रास्ता घेर रखा है तो यह खबर उनके लिए हैं। पटना हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से कहा है कि जो कोई भी यदि गलत मापी कर रास्ते को घेरे रखा है उसे 24 घंटे में ध्वस्त करें और उस पर कार्रवाई करें। यदि ऐसा नहीं किया तो दोषी अधिकारी जेल जाने के लिए तैयार रहें। सुशील जीत कर्म की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संदीप कुमार ने यह बातें कही।

दरअसल पटना के गांधी मैदान को बाकरगंज से जोड़ने वाली सड़क को बंद करने के मामले पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए यह आदेश अधिकारियों को दिया। वही आगामी 7 दिसंबर को पटना सदर के अंचल अमीन और बियाडा के डीजीएम को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा गया है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 7 दिसंबर को होगी।