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ईडी की 6 दिनों की रिमांड पर CM केजरीवाल, अब 28 मार्च को कोर्ट में पेशी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने 6 दिनों की ईडी की हिरासत में भेज दिया है।अब ईडी 28 मार्च को केजरीवाल को कोर्ट में पेश करेगी।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. हालांकि एजेंसी ने केजरीवाल की 10 दिन की रिमांड मांगी थी. कथित दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार देर शाम सीएम  केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. शुक्रवा को आप प्रमुख को विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, विक्रम चौधरी और रमेश गुप्ता के साथ वकील रजत भारद्वाज, मुदित जैन और मोहम्मद इरशाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल की ओर से पेश हुए।

वहीं ईडी की ओर से कोर्ट में एसजी एसवी राजू और विशेष वकील जोहेब हुसैन पेश हुए. अदालत के समक्ष अपनी दलीलों में, ईडी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम व्यवसायियों से रिश्वत मांगने में मुख्य साजिशकर्ता और सरगना हैं. एजेंसी ने आगे दावा किया कि केजरीवाल सीधे तौर पर उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण में शामिल थे।

ईडी के वकील ने दावा किया कि विजय नायर, जो AAP के मीडिया प्रभारी थे, दिल्ली के सीएम केजरीवाल के लिए काम कर रहे थे. नायर, जिसके बारे में एजेंसी ने कहा था कि वह केजरीवाल के आवास के बगल में रहतें हैं, ने आप और दक्षिण समूह के बीच बिचौलिए के रूप में काम किया. ईडी के वकील ने आगे दावा किया कि अपराध की आय न केवल 100 करोड़ रुपये है, बल्कि रिश्वत देने वालों द्वारा कमाया गया मुनाफा भी अपराध की आय है. वकील ने कहा कि एजेंसी ने 45 करोड़ रुपये के हवाला ट्रेल्स का पता लगाया है जिनका इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया गया था।

एएसजी एसवी राजू ने कहा कि AAP एक लाभार्थी है जो एक कंपनी के रूप में मौजूद है. कंपनी के संचालन के लिए प्रत्येक व्यक्ति जिम्मेदार है. एक व्यक्ति के रूप में उत्तरदायी होने के अलावा, मुख्यमंत्री परोक्ष रूप से भी उत्तरदायी हैं।

एएसजी ने कहा कि कथित घोटाले में उनकी भूमिका के अलावा आप के माध्यम से केजरीवाल की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. वकील ने आगे कहा कि केजरीवाल तलाशी के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे. ईडी ने आगे आरोप लगाया कि केजरीवाल आप के सभी मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. वह पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं. रिश्वत नकद में आई और इसका इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया. वकील ने कहा कि, उत्पाद शुल्क नीति एक घोटाला है, इसे केवल गोवा चुनावों के लिए फंडिंग के लिए बनाया गया था।

केजरीवाल की ओर से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने रिमांड याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि एजेंसी को गिरफ्तारी की आवश्यकता को साबित करने की जरूरत है. सिंघवी ने तर्क दिया कि गिरफ्तारी की शक्ति और गिरफ्तारी की आवश्यकता दो अलग-अलग चीजें हैं. सिंघवी ने कहा कि आजादी के 75 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी मौजूदा सीएम को गिरफ्तार किया गया है, पहली बार उनकी पार्टी के चार नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. सिंघवी ने आगे कहा कि यह पहला वोट पड़ने से पहले ही नतीजे आने जैसा है।

सिंघवी ने कहा कि 80 फीसदी लोगों ने केजरीवाल या उनके साथ किसी लेन-देन का जिक्र नहीं किया है. सिंघवी ने तर्क दिया कि कोई भी रिमांडिंग कोर्ट स्वचालित रबर स्टांप नहीं है. सिंघवी ने दलील दी कि ईडी के अनुसार केजरीवाल को असहयोग के कारण गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सभी आवश्यक दस्तावेज पहले से ही एजेंसी के पास थे और उन्हें ‘व्यक्तिगत रूप से’ बुलाना उन्हें अवैध रूप से गिरफ्तार करने की एक चाल थी और वर्तमान मामला स्पष्ट रूप से दुर्भावना का मामला है।

केजरीवाल के वकील ने आगे कहा कि उनके द्वारा बताई गई विभिन्न विसंगतियों और कानूनी कमियों से निपटे बिना, ईडी ने धारा 50 पीएमएलए के तहत बैक-टू-बैक साइक्लोस्टाइल्ड समन जारी कर उन्हें पेश होने का निर्देश दिया. सिंघवी ने आगे कहा कि इसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है. प्रवर्तन निदेशालय के पास ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिसके आधार पर केजरीवाल को किसी अपराध का दोषी माना जा सके, उन्हें ईडी द्वारा अवैध रूप से और मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया जा रहा है।

न बिस्तर.. न विशेष व्यवस्था.. कुछ यूं CM केजरीवाल ने बिताई ED लॉक अप में पहली रात

दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल में पहली रात काफी तनावपूर्ण बिताई। जांच एजेंसी के लॉक-अप में कोई अलग या विशेष व्यवस्था नहीं की गई थी।

दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉक अप में पहली रात काफी तनावपूर्ण बिताई. दरअसल गुरुवार रात शराब नीति घोटाले  से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर ईडी कार्यालय की ओर जाने वाली सभी सड़कें बंद कर दी गईं और पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई थी. साथ ही कार्यालय के आसपास केवल पुलिस और मीडिया कर्मियों को ही जानें की अनुमति दी गई थी।

मिली जानकारी के अनुसार, AAP सुप्रीमो केजरीवाल ने जांच एजेंसी द्वारा हवालात में ले जाने से पहले रात का खाना खाया. इसके बाद लॉक अप में उन्हें रात के लिए बिस्तर और कंबल दिया गया।

दिल्ली मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद उनकी कानूनी टीम प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के खिलाफ सीएम की सुरक्षा की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची, हालांकि कोर्ट ने उन्हें तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. इसके बाद इस मामले में आज सुनवाई हो रही है।

सीएम केजरीवाल ने कुछ यूं बिताई लॉक अप में रात…

प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय ले जाने से पहले अरविंद केजरीवाल ने रात का खाना खाया, फिर उन्हें जांच एजेंसी के लॉक-अप में ले जाया गया. जहां उन्हें एसी की सुविधा दी गई, मगर बेड नहीं दिया गया. हालांकि रात के लिए गद्दा और कंबल दिया गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केजरीवाल के लिए कोई अलग या विशेष व्यवस्था नहीं की गई थी. हालांकि उन्हें चाय, कॉफी और नाश्ता दिया गया. वहीं क्योंकि केजरीवाल मधुमेह के मरीज हैं, इसलिए जांच एजेंसी ने इसे ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं की थी।

गौरतलब है कि, तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के कविता को भी उसी परिसर में रखा गया है, लेकिन लॉक-अप अलग हैं. ईडी द्वारा दिल्ली के सीएम की कस्टडी मिलने के बाद उनसे दूसरे दौर की पूछताछ की जाएगी।

ये हैं वो तीन जज जो करेंगे CM केजरीवाल के केस की सुनवाई

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में सुप्रीम कोर्ट में थोड़ी ही देर में सुनवाई शुरू होने वाली है।

थोड़ी ही देर में सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मामले में सुनवाई शुरू करने जा रहा है. जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच को इस मामले में सुनवाई करेगी. बता दें कि, केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के मामले में तुरंत सुनवाई के लिए अर्जी डाली थी, जिसे चीफ जस्टिस ने स्वीकार कर लिया था. इसके बाद जजों के रोस्टर चीफ होने के नाते चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने मामला कोर्ट नंबर दो में जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच को रेफर कर दिया था।

ज्ञात हो कि, जस्टिस खन्ना के अतिरिक्त जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी इस बेंच में शामिल हैं. यही बेंच बीआरएस नेता के कविता के मामले की भी सुनवाई कर रही है।

गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल मामले की सुनवाई से पहले ईडी ने कैविएट दाखिल किया है. इसके साथ ही केंद्रीय एजेंसी ने अपील की है कि, बगैर उसका पक्ष सुने फैसला नहीं दिया जाए. मिली जानकारी के अनुसार, ईडी कोर्ट में कई सबूतों के साथ पेश हो सकती है।

मालूम हो कि, केजरीवाल की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने केजरीवाल मामले में अर्जेंट सुनवाई की दरकार की मांग की थी, जिसके बाद उन्हें बताया गया कि, मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट नंबर 2 में बैठे जस्टिस खन्ना की बेंच को संदेश दिया जा चुका है. साथ ही मुद्दे से जुड़ा मैटर भी भेज दिया गया है. लिहाजा ये मामला जस्टिस खन्ना की बेंच में उठाएं जाने को कहा।

चीफ जस्टिस के आदेश के बाद केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट नंबर-2 में पहुंच चुके हैं, जहां तीनों जज जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमए सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी इस मामले में सुनवाई करेंगे।

दिल्लीवालों में जश्न.. लोकतंत्र पर धब्बा.. सियासी साजिश! देखिए CM केजरीवाल की गिरफ्तारी पर राजनेताओं के रिएक्शन

प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार कर लिया है।

प्रवर्तन निदेशालय  ने गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार कर लिया है. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी ने संयोजक के इस्तीफे से इनकार करते हुए कहा है कि, वह सीएम बने रहेंगे और जेल से सरकार चलाएंगे. वहीं AAP नेता गोपाल राय ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने भाजपा के खिलाफ आप कार्यकर्ताओं द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की भी घोषणा की।

केरजीवाल की गिरफ्तारी पर कई विपक्षी नेताओं का रिएक्शन भी सामने आया है. चलिए जानते हैं उन्होंने क्या कहा…

आम आदमी पार्टी नेता आतिशी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे बीजेपी का हाथ होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार ने गिरफ्तार किया है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, 400 से अधिक सीटों का दावा करने वाली सत्तारूढ़ सरकार, इससे अपनी घबराहट प्रदर्शित कर रही है. उन्होंने कहा कि, आम चुनाव की घोषणा के कुछ ही दिनों के भीतर एक मौजूदा विपक्षी मुख्यमंत्री को एक लचीली केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया जाना लोकतंत्र पर एक धब्बा है।

वहीं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दावा किया कि, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर दिल्ली में रहने वाला हर व्यक्ति जश्न मना रहा है।

क्या दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन, जानिए क्यों उठ रहे हैं ये सवाल?

क्या दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन? दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी के बाद लोगों के बीच ये सवाल उठ रहा है।आइए जानते हैं दिल्ली में क्या होगा।

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गुरुवार शाम गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली शराब नीति के स्कैम के आरोप में सीएम को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद सीएम की शुक्रवार को मेडिकल जांच होगी और इसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट में सीएम की सुनवाई होगी. वहीं, आप कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इसके अलावा देशभर में विपक्षी दलों के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए हैं. इन सबके बीच लोगों के बीच ये सवाल उठ रहा है कि क्या सीएम अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देंगे? क्या केजरीवाल जेल जायेंगे या मुख्यमंत्री बने रहेंगे? तो चलिए इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं?

क्या लग जाएगा राष्ट्रपति शासन?

इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञों ने दावा किया कि कानून के मुताबिक, जब तक केजरीवाल को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, वह इस्तीफा देने के लिए तब तक बाध्य नहीं हैं. यानी वह सीएम पद पर बने रह सकते हैं. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 अयोग्यता प्रावधानों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है, लेकिन उन्हें पद से हटाने के लिए ईडी को उनका अपराध साबित करना होगा।

एलजी की भूमिका को लेकर केजरीवाल को सीएम बने रहने के लिए जेल से राहत की जरूरत होगी या फिर आर्टिकल AA के तहत एलजी के शासन से सरकार को निलंबित करने के लिए राष्ट्रपति को शामिल कर सकते हैं।

क्या जेल से सरकार चलाना है आसान?

आपको बता दें कि एलजी आर्टिकल 239AB के तहत राष्ट्रपति शासन के लिए संवैधानिक तंत्र की विफलता को उचित ठहरा सकते हैं. जिसके चलते संभावित तौर पर केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ सकता है और केंद्र सरकार को दिल्ली की कमान अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए जा सकते हैं. वहीं, अब जान लेते हैं कि क्या जेल से सरकार चलाने का विकल्फ होगा. सीएम अपने नैतिकता के अधिकार के आधार पर इस्तीफा दे सकते हैं।

साथ ही, एक मुख्यमंत्री को कुछ अनुमतियों के साथ जेल से सरकार चलाने का अधिकार दिया जाता है. हालांकि, जेल से सरकार चलाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि सरकार चलाने के लिए जेल प्रशासन की अनुमति लेनी होगी. अगर जेल प्रशासन अनुमित देता है तो सरकार चालाया जा सकता है।

कब-कब लगता है राष्ट्रपति शासन

कानून के मुताबिक, अगर कोई सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार होता है तो उसे निलंबित करने का प्रावधान है, लेकिन यह नियम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जबकि राजनेताओं के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है. अब यह भी जान लीजिए कि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन कब लगता है।

संविधान के आर्टिकल 356 में कहा गया है कि यदि किसी राज्य में संवैधानिक मशीनरी विफल हो जाती है या किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न होता है, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है. चूंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाता है, इसलिए कैबिनेट भंग कर दी जाती है. राज्य में सरकार चलाने की कमान राष्ट्रपति के पास चली जाती है।

गिरफ्तारी के बाद क्या होगा केजरीवाल का अगला कदम? जानें कानून और नियम

CM केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद देश भर में प्रदर्शन का दौर जारी है।गिरफ्तारी के बाद क्या सीएम सरकार चला पाएंगे, इसे लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

दिल्ली शराब नीति मामले को लेकर आखिरकार सीएम अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल से दो घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया. हालांकि, केजरीवाल पर ​गिरफ्तारी की तलवार काफी समय से लटकी हुई थी, मगर गुरुवार को जब दिल्ली हाईकोर्ट से सीएम को राहत नहीं मिली, तभी ये तय हो गया था कि किसी भी वक्त उनकी गिरफ्तारी तय है. आपको बता दें कि देर रात ईडी की टीम ने केजरीवाल के घर की तलाशी ली. उन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

इस दौरान आप नेताओं ने देश भर में प्रदर्शन का ऐलान कर दिया था. आप नेता खुलकर कह रहे हैं कि केजरीवाल जेल से ही दिल्ली सरकार चलाने वाले हैं. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने इस गिरफ्तारी को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए दिल्ली सरकार के बारे में स्पष्ट रुख रखा. उनका कहना है कि केजरीवाल जेल में रहते सरकार चलाने वाले हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से तय किया गया है कि अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री रहेंगे. उनका कहना है कि जेल रहकर ही पार्टी और सरकार चलाने वाले हैं।

ये हो सकता है संभव 

जेल से सरकार चलाना थोड़ा कठिन और तर्कहीन हो सकता है. मगर ऐसा कोई कानून या नियम नहीं है जो सीएम को ऐसा करने से रोक सके.  फिर भी केजरीवाल के लिए जेल से सरकार चलाना आसान नहीं होगा. किसी भी कैदी को जेल के नियम कानून को फॉलो करना होता है. जेल के अंदर सभी कैदी के सारे विशेषाधिकार खत्म हो जाते हैं. चाहे वह अंडरट्रायल कैदी ही क्यों न हो. हालांकि, मौलिक अधिकार रहते हैं. जेल में हर काम तय कार्य प्रणाली के तहत होता है. जेल के मैनुअल के अनुसार, जेल में बंद हर कैदी को हर सप्ताह में दो बार अपने रिश्तेदार या दोस्तों से मिलने की अनुमति होगी. हर मुलाकात का समय आधे घंटे बांधा गया है।

जेल में बंद नेता चुनाव तो लड़ सकता है

नियम के अनुसार, जेल में बंद नेता चुनाव तो लड़ सकता है, सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकता है, मगर वह किसी तरह की बैठक नहीं कर सकता है. इस साल जनवरी में हेमंत सोरेन को जब ईडी ने गिरफ्तार किया तो PMLA कोर्ट ने उन्हें विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दे दी थी. इस दौरान कैदी जब तक जेल में है, उसकी कई सारी गतिविधियां अदालत के आदेश पर तय होती हैं. कैदी अपने वकील की मदद से किसी कानूनी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकता है. मगर किसी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को लेकर अदालत की मंजूरी लेनी जरूरी है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी पर SC में आज होगी सुनवाई, ED दफ्तर में कटी रात

गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी को लेकर प्रोटेक्शन देने से इनकार कर दिया था।जिसके बाद ED की टीम गुरुवार शाम 7 बजे केजरीवाल के घर पहुंची।टीम के पास सर्च वारंट था

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सीएम अरविंद केजरीवाल  को 21 मार्च (गुरुवार) को गिरफ्तार कर लिया है. रात करीब 9 बजे ईडी ने केजरीवाल के घर पर तलाशी और पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. ईडी की टीम केजरीवाल को लेकर सीधे ईडी दफ्तर पहुंची. यहीं पर केजरीवाल का मेडिकल हुआ. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका पर शुक्रवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी।

बता दें कि गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी को लेकर प्रोटेक्शन देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद ED की टीम गुरुवार शाम 7 बजे केजरीवाल के घर पहुंची. टीम के पास सर्च वारंट था. ईडी की टीम के पहुंचते ही सीएम आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई थी और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.  लंबी पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. इसी केस में मनीष सिसोदिया 13 महीने से और AAP नेता संजय सिंह 6 महीने से तिहाड़ जेल में हैं. AAP की कानूनी टीम, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार पुनीत सहगल के साथ निरंतर संपर्क में है, पुनीत सहगल CJI के लिए सूचीकरण का प्रबंधन करते हैं. आप की मांग है कि तत्काल सुनवाई के लिए क्या एक बेंच गठित किया जाएगा या नहीं, इस पर जल्द ही निर्णय की उम्मीद है।

शुक्रवार को होगी याचिका पर सुनवाई

वहीं, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल गिरफ्तारी के बाद भी इस्तीफा नहीं देंगे. सुप्रीम कोर्ट में आप की ओर से रात करीब 9  बजे याचिका दायर की गई थी. केजरीवाल के वकीलों की टीम ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से सम्पर्क किया था. देर रात ये साफ हुआ कि सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को करेगा सुनवाई. रजिस्ट्रार ने कहा कि केजरीवाल के वकीलों का मैसेज आया था. हमने उसे सीजेआई ऑफिस को भेज दिया. सीजेआई ऑफिस से मैसेज आ गया कि आज रात सुनवाई नहीं हो पाएगी।

केजरीवाल से फिर होगी पूछताछ

वहीं, सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल का मेडिकल होने के बाद गुरुवार की रात ईडी दफ्तर में ही कटेगी. शुक्रवार सुबह 8 बजे केजरीवाल से ईडी के वरिष्ठ अधिकारी फिर से पूछताछ करेंगे।

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को ED ने किया गिरफ्तार

दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को ED ने किया गिरफ्तार।

दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आज यानी गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले ईडी की टीम शाम को सीएम केजरीवाल के घर पहुंची थी. ईडी की टीम ने यहां उनके आवास पर तलाशी भी की थी.  ईडी की टीम ने ऐसे समय पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी की है जब दिल्ली हाई कोर्ट ने आज केजरीवाल को गिरफ्तारी पर राहत देने से इनकार कर दिया था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मुख्यमंत्री आवास से आम आदमी पार्टी के संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले ईडी ने सीएम केजरीवाल का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था. ईडी सूत्रों के अनुसार सीएम अरविंद केजरीवाल जांच और पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे।

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज यानी गुरुवार सुबह दिल्ली शराब नीतिी मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.  याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने अनुरोध संबंधी आम आदमी पार्टी नेता केजरीवाल के आवेदन को 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए लिस्टेड कर लिया था. सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि हम इस लेवल पर संरक्षण देने के लिए इच्छुक नहीं हैं।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद कुमार विश्वास का ट्वीट, ‘जो जस करहि सो तस फल चाखा’

ईडी की ओर से गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को कोर्ट में पेश किया जाएगा।वहीं, कुमार विश्वास ने रामचरित मानस की चौपाई का उल्लेख करते हुए केजरीवाल पर निशाना साधा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तार के बाद कवि और उनके पूर्व सहयोगी डॉ कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. केजरीवाल का नाम लिए बगैर कुमार विश्वास ने लिखा, ‘कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा’ कुमार विश्वास ने रामचरित मानस की  चौपाई लिखकर केजरीवाल पर निशाना साधा. दरअसल, गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में एक जगह कर्म के महत्व का जिक्र किया है. तुलसीदास ने कर्म के महत्व पर जोर देते हुए वे कहते हैं यह संसार, यह विश्व कर्म प्रधान है. जो व्यक्ति जैसा करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है।’

इधर केजरीवाल की गिरफ्तारी पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘अरविन्द केजरीवाल लूट और झूठ के शासन का आख़िरकार अंत हो गया है. 2020-21 से ही उनके और दिल्ली शराब घोटाले के बीच कनेक्शन स्थापित हो रहे थे. जांच एजेंसियां अभी भी पूछताछ कर रही हैं ,लेकिन मुझे लगता है कि अंत में सच्चाई की जीत होनी ही थी।’