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रामलला के ललाट पर 4 मिनट तक चमकेगा सूर्य तिलक, अद्भुत नजारा देखेंगे भक्त

रामनवमी के अवसर पर दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उस समय उनके माथे पर सूर्य तिलक चमकेगा।इस नजारे को देखने के लिए लाखों राम भक्त पहुंचे हैं।इस अभिषेक को वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत किया जाएगा।

अयोध्या में रामनवमी के पावन मौके पर विशाल राममंदिर में श्री रामलाला का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राम भक्तों को एक अद्भुत नाजारा देखने को मिलेगा. इस बार के जन्मोत्सव की प्रक्रिया अविस्मरणीय रहने वाली है. रामलला के अभिषेक की तैयारियां जोरशार से हो रही है. रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा तो उसी के बाद उनके माथे पर सूर्य किरण दिखाई देगी. भगवान राम का सूर्य अभिषेक वैज्ञानिक फॉर्मूले के तहत होगा. वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया था. बीते दिनों ट्रायल भी देखने को मिला. अब रामनवमी के दिन जब भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाएगा तो उस दौरान उनके माथे पर सूर्य तिलक किया जाएगा. इसकी साक्षी पूरी दुनिया होगी. घर बैठे राम भक्त इसके दर्शन टीवी पर कर सकेंगे।

कैसे बनेगा सूर्य तिलक 

रामनवमी के दिन सूरज की रोशनी को डायवर्ट करके सूर्य तिलक तैयार किया जाएगा. सूर्य की रोशनी को तीसरे तल पर लगे एक दर्पण पर पड़ेगी. यहां से ये परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी. पीतल के पाइप  में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री ये परावर्तित हो जाएगी. किरणे पीतल की पाइप से होते हुए तीन अलग-अलग लेंस से होकर निकलेंगी. लंबे पाइप के गर्भ गृह वाले सिर पर लगे शिशे से ये टकराएंगीं. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक बनाएगी. ये निरंतर 4 मिनट तक चमकता रहेगा।

रामनवमी पर रामलला के ललाट पर दिखेगा ‘सूर्य तिलक’, 4 मिनट तक दिखने के लिए वैज्ञानिक की टीम लगी

रामनवमी को लेकर खास तैयारियां हो रही हैं, सूर्य तिलक को साकार करने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम लगी हुई है।

अयोध्या में रामनवमी को खास बनाने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. इसे ऐतिहासिक बनाने के ​लिए सूर्य तिलक का सहारा लिया जा रहा है. इसे लेकर राम मंदिर ट्रस्ट भी तैयारियों में जुटा हुआ है. आपको बता दें कि मंगलवार को पूरे देश में चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है. 17 अप्रैल को रामनवमी का पर्व है. इस बार अयोध्या में रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. ऐसे में पहली रामनवमी बेहद खास होने वाली है. यहां पर दोपहर ठीक 12:00 बजे सूर्य की किरणों से प्रभु राम का अभिषेक होगा यानी कि सूर्य तिलक किया जाएगा. इस सूर्य तिलक की अवधी करीब 4 मिनट तक की होने वाली है।

ये रामलला की आभा को बढ़ाएगी. इतना ही नहीं इसको लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बीते दिनों चेन्नई में देश के वैज्ञानिकों के साथ एक बैठक में भाग लिया. इसके बाद अब तेजी के साथ राम मंदिर परिसर में इसका कार्य आरंभ हो गया है. आगामी रामनवमी को प्रभु राम के मस्तिष्क पर सूर्य की किरणें पड़ें, इसे लेकर खास उपकरण लगाए गए हैं।

सूर्य देव रामलला के मस्तिष्क पर अभिषेक करेंगे

500 साल के बाद अयोध्या में प्रभु राम का भव्य जन्मोत्सव होगा. 12:00 बजे सूर्य देव रामलला के मस्तिष्क पर अभिषेक करेंगे. ये करीब 75 मिमी का होगा. इसके लिए वैज्ञानिकों की एक टीम जुट गई है. इसका ट्रायल भी जल्द होगा. प्रभु श्री राम सूर्यवंशी माने जाते हैं. जब उनके भव्य मंदिर का निर्माण आरंभ हुआ था, उस समय यह प्रस्ताव रखा गया था कि इस तरह का कोई प्रबंध होना चाहिए ताकि रामनवमी वाले दिन दोपहर 12:00 सूर्य की किरणें सीधे उनके ललाट पर पड़े. इसके लिए​ रुड़की की एक टीम रिसर्च में जुटी हुई है।

वैज्ञानिकों ने अपनी तैयारी को तेज किया 

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के अनुसार, जब मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ हो रहा था तो उस दौरान यह तय किया गया था कि विराजमान होने के बाद आने वाली पहली रामनवमी के दिन प्रभु राम के ललाट पर सूर्य तिलक होगा. यह सूर्य तिलक दोपहर 12:00 बजे होगा. उसके लिए उपकरण से सूर्य का तिलक किया जाएगा. गुप्ता के अनुसार, 4 मिनट तक प्रभु राम के ललाट पर सूर्य का तिलक रहेगा. इसे लेकर वैज्ञानिकों ने तैयारी तेज कर दी है. अब जल्द इसका ट्रायल होगा।

इस तरह से बनेगा सूर्य तिलक 

आपको बता दें कि यह सूर्य तिलक मात्र रामनवमी वाले दिन होगी. इसके लिए वैज्ञानिक फिजिक्स के ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं. सूर्य की रोशनी तीसरे फ्लोर पर पहले एक दर्पण पर टकराएगी, इसके बाद तीन लेंस व दो अन्य मिरर के सहारे सीधे ग्राउंड फ्लोर पर आएगी. इस तरह से रामलला की प्रतिमा के ललाट पर सूर्य किरणों का एक तिलक लगेगा।

पीएम मोदी ने शेयर किया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का अनुभव, बोले- राम लला ने मुझसे कहा…

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर पीएम मोदी ने कहा कि, समारोह के दौरान उन्हें महसूस हुआ जैसे राम लला की मूर्ति ने उन्हें कुछ कहा हो…

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए कहा कि, समारोह के दौरान उन्हें महसूस हुआ जैसे राम लला की मूर्ति ने उन्हें कह रही हो कि, “स्वर्ण युग शुरू हो गया है” और “भारत के दिन आ गए हैं… देश आगे बढ़ रहा है” बता दें कि, मोदी का ये बयान एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान आया, जब उनसे 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान ‘प्राण प्रतिष्ठा’ अनुष्ठान का नेतृत्व करने के उनके अनुभव के बारे में सवाल किया गया. मोदी ने इस सवाल को भावनात्मक बताते हुए कहा कि, एक प्रधानमंत्री को अपने पूरे कार्यकाल के दौरान कई निमंत्रण मिलते हैं, लेकिन जब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया, तो मैं बहुत प्रभावित हुआ।

उन्होंने कहा कि, जब से उन्हें निमंत्रण मिला था, वे आध्यात्मिक माहौल में डूब गए थे. उन्हें कुछ और ही अनुभव होने लगा और खुद को जीवंत महसूस करने लगे. प्रधान मंत्री ने 12 जनवरी को शुरू किए 11 दिवसीय ‘अनुष्ठान’ के संदर्भ में कहा कि, उन्होंने निमंत्रण के बाद फैसला किया वो 11 दिनों तक अनुष्ठान करेंगे. साथ ही साथ भगवान राम से जुड़े सभी स्थानों पर समय बिताएंगे, खासतौर पर दक्षिण भारत में. पूरे अनुष्ठान के दौरान प्रधान मंत्री फर्श पर सोए, कठोर तपस्या के साथ उपवास किया और केवल नारियल पानी पिया.

पीएम मोदी ने बताया कि, अनुष्ठान के दौरान वह पूरी तरह इंट्रोवर्ट हो गए. उन्होंने कहा कि, जब वे अयोध्या पहुंचे और एक-एक कदम बढ़ा रहे थे तो उनके मन में एक और विचार आया कि, क्या वे यहां प्रधानमंत्री के रूप में आया हैं या भारत के एक सामान्य नागरिक के रूप में? लेकिन उन्हें हमेशा ऐसा लगता था कि वे 140 करोड़ देशवासियों की तरह एक सामान्य श्रद्धालु के रूप में अयोध्या आए हैं।

प्रधान मंत्री मोदी ने याद किया कि जब उन्होंने पहली बार राम लला की मूर्ति देखी, तो वो स्थिर हो गए. उन्हें इस बात का बिल्कुल ध्यान नहीं था कि, पंडित उनसे क्या करने के लिए कह रहे थे. उस समय उनके मन में यह विचार आया कि रामलला उनसे कह रहे हैं कि, स्वर्ण युग शुरू हो गया है. भारत के दिन आ गये हैं, देश आगे बढ़ रहा है।

अयोध्या के राम मंदिर में करोड़ों का चढ़ावा, पैसे गिनने के लिए लगाई मशीनें

भक्तों की आपार भक्ति को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट सोने और चांदी से बनी सामग्री,आभूषण,बर्तन और दान को स्वीकार कर रहा है।

अयोध्या में रामलला के दर्शन को लेकर हजारों श्रद्धालु यहां पर पहुंच रहे हैं. यहां के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक माह में 25 किलोग्राम सोने, चांदी के आभूषण लगभग 25 करोड़ रुपये की राशि का चेक, ड्राफ्ट और मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय में जमा हैं. इसमें दान पेटी में जमा नकदी भी शामिल है. राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हमें ट्रस्ट के बैंक खातों में ऑनलाइन माध्यम से भेजे गए धन के बारे में अधिक जानकारी नहीं है. गुप्ता का कहना है कि 23 जनवरी से अब तक करीब 60 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं।

गुप्ता के अनुसार, राम भक्तोंं की भक्ति ऐसी है कि वे रामलला के लिए चांदी और सोने से बनी वस्तुएं दान दे रहे हैं. इनका उपयोग श्री राम जन्मभूमि मंदिर में नहीं हो सकता है. इसके बाद भी भक्तों की आपार भक्ति को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट सोने और चांदी से बनी सामग्री, आभूषण, बर्तन और दान को स्वीकार कर रहा है।

50 लाख भक्तों के अयोध्या में आने की संभवना

मंदिर ट्रस्ट को रामनवमी उत्सव को लेकर दान में बढ़ोतरी की उम्मीद है. एक अनुमान के अनुसार, इस दौरान करीब 50 लाख भक्तों के अयोध्या में आने की संभवना है. गुप्ता के मुताबिक, ऐसी उम्मीद है कि रामनवमी के वक्त चंदे के रूप में बड़ी मात्रा में नकदी मिल सकती है. इसके मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक ने राम जन्मभूमि पर चार पैसे गिनने वाली मशीनों को लगाया है।

एक दर्जन कम्प्यूटरीकृत काउंटर तैयार किए

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने रसीद जारी करने के लिए एक दर्जन कम्प्यूटरीकृत काउंटर तैयार किए हैं. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर परिसर में कई और दान पेटियों को भी रखा जा रहा है. गुप्ता के अनुसार, जल्द ही राम मंदिर परिसर के अंदर एक कक्ष तैयार किया जाएगा, जिसमें सिर्फ पैसों की गणना हो सकेगी।

मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा के अनुसार, रामलला को उपहार के रूप में मिले सोने-चांदी के आभूषणों और बहुमूल्य सामग्रियों का मूल्यांकन किया जा रहा है. इन्हें पिघलाने और रख-रखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार टकसाल को सौंपी गई है।

भारतीय स्टेट बैंक और ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन

मिश्रा के अनुसार, इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक और ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसके तहत स्टेट बैंक दान, चेक, ड्राफ्ट और नकदी एकत्र करने और इसे बैंक में जमा करने की पूरी जिम्मेदारी लेने वाला है. मिश्रा के अनुसार, स्टेट बैंक की टीम ने कर्मियों की टीम की संख्या को बढ़ाकर अपना काम आरंभ कर दिया है. रोजाना दो पालियों में दान की गई नकदी की गिनती हो रही है।

CM केजरीवाल और मुख्यमंत्री मान ने परिवार के साथ रामलला के किए दर्शन, तस्वीरें शेयर कर कही ये बात

केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा- ”माता-पिता और अपनी धर्मपत्नी के साथ आज अयोध्या जी पहुंचकर श्रीराम मंदिर में रामलला जी के दिव्य दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अवसर पर भगवंत जी एवं उनका परिवार भी साथ थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  और पंजाब सीएम भगवंत मान ने अपने परिवार के साथ अयोध्या जाकर भगवान राम के दर्शन किए. दोनों मुख्यमंत्रियों ने अपने माता-पिता और पत्नी के साथ रामलला के दर्शन किए. दर्शन के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन को लेकर तस्वीरें साझा की. केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा- ”माता-पिता और अपनी धर्मपत्नी के साथ आज अयोध्या जी पहुंचकर श्रीराम मंदिर में रामलला जी के दिव्य दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इस अवसर पर भगवंत जी एवं उनका परिवार भी साथ थे. सबने मिलकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के दर्शन किए एवं देश की तरक्की के साथ समस्त मानवता के कल्याण की प्रार्थना की।”

शांति का अनुभव हुआ- केजरीवाल

अयोध्या में रामलला के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रामलला की पूजा के बाद मुझे शांति का अनुभव हुआ. हर दिन लाखों भक्त यहां आते हैं. यहां प्रेम और भक्ति देखना वाकई दिल को छू लेने वाला है. हमने सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की।

16 अप्रैल को होगा लोकसभा चुनाव? EC ने दी ये अहम जानकारी, बताई वायरल दावों की सच्चाई

दिल्ली के सीईओ कार्यालय की ओर से की गई पोस्ट में कहा गया कि,

इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होना है. ऐसे में 16 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होने की चर्चा होने लगी. लेकिन दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी ने मंगलवार को ऐसी खबरों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि 16 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होने की खबरें झूठी हैं. दरअसल, सोशल मीडिया पर सीईओ कार्यालय से एक पत्र सामने आने के बाद लोकसभा चुनाव की तारीख की चर्चा होने लगी. बता दें कि सोशल मीडिया में वायरल हो रही अधिसूचना में कहा गया है कि भारत के चुनाव आयोग ने संदर्भ के उद्देश्य से और चुनाव योजना में प्रारंभ और समाप्ति तिथियों की गणना के लिए अस्थायी रूप से मतदान दिवस 16 अप्रैल, 2024 दिया था।

अधिसूचना दिल्ली के सभी 11 जिला चुनाव अधिकारियों को जारी की गई थी. जिसका शीर्षक ‘भारत के चुनाव आयोग के चुनाव योजना में दी गई समयसीमा का अनुपालन/पालन’ है. इसके कुछ देर बाद दिल्ली सीईओ के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पबोस्ट किया और बताया कि इसलमें इस बात पर जोर दिया गया है कि तारीख ‘केवल संदर्भ’ थी।

दिल्ली के सीईओ कार्यालय ने क्या कहा?

दिल्ली के सीईओ कार्यालय की ओर से की गई पोस्ट में कहा गया कि, “मीडिया के कुछ सवाल @CeodelhiOffice के एक सर्कुलर का हवाला देते हुए आ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट किया जा सके कि क्या 16.04.2024 लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अस्थायी मतदान दिवस है. यह स्पष्ट किया जाता है कि इस तारीख का उल्लेख केवल अधिकारियों के लिए चुनाव आयोग की चुनाव योजना के अनुसार गतिविधियों की योजना बनाने के ‘संदर्भ’ के लिए किया गया था।”

लोकसभा चुनाव की तारीखों की नहीं हुई पुष्ठि

दिल्ली सीईओ कार्यालय की ओर से एक फॉलो-अप पोस्ट में भारत के चुनाव आयोग को भी टैग किया गया है. इसके साथ ही इसमें ये स्पष्टीकरण दोबारा पोस्ट किया गया है. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि चुनाव की योजना बनाते समय ‘केवल संदर्भ’ तारीख निर्धारित करने की प्रक्रिया मानक अभ्यास है।

वहीं आम चुनाव के लिए वास्तविक तारीख की अभी पुष्टि नहीं हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए मतदान अप्रैल या मई में हो सकता है. गौरतलब है कि 2019 में लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुआ था. इसमें पहला चरण 11 अप्रैल को हुआ था. वहीं आखिरी चरण के लिए मतदान 19 मई को हुआ था. जबकि 23 मई को चुनावी नतीजे आए थे ।

राम मंदिर के लिए पहले चुनी गई थी यह मूर्ति, जानें अब कहां विराजमान

तीर्थ नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हो चुका है। कल यानी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया।

तीर्थ नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हो चुका है. कल यानी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया. इस बीच देशभर से श्रद्धालुओं का अयोध्या पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. राम मंदिर में रामलला की जो मूर्ति स्थापित की गई है, उसकी शोभा देखते ही बन रही है. मूर्ती में श्रीराम की आंखों में विशेष आकर्षण है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि यह मूर्ति बनाने का काम तीन मूर्तिकारों का सौंपा गया था. मंदिर के लिए दो मूर्तियों को अंतिम रूप से चुना गया  था, लेकिन अंततः मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा निर्मित मूर्ति को मंदिर में स्थापित कर दिया गया।

रामलला की दूसरी मूर्ति का क्या हुआ?

लेकिन किसी को नहीं पता कि रामलला की उस दूसरी मूर्ति का क्या हुआ जो चुनाव के अंतिम क्षणों में मंदिर में प्रतिष्ठापित हो से रह गई. आज हम आपको न केवल इस मूर्ति की तस्वीर दिखाएंगे, बल्कि यह बताएंगे भी कि अब वह कहां पर है. दरअसल, राजस्थान की राजधानी जयपुर निवासी सत्यनारायण पांडे एक मूर्तिकार हैं और कई पीढ़ियों से मूर्ति बनाने का काम करते आ रहे हैं.  उन्होंने यह मूर्ति सफेद मकराना संगमरमर से बनाई थी. जानकारी के अनुसार यह मूर्ति फिलहाल ट्रस्ट के पास ही है और उन्हीं के पास रहेगी।

लाखों-लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धार्मिक नगरी अयोध्या में कल यानी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न की गई. प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर के कपाट आम जनता के लिए खोल दिए गए. ऐसे में देश के कौने-कौने से लाखों-लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं।

राम मंदिर का CM योगी ने किया हवाई निरीक्षण, अभी तक 3 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

रामलला के दर्शन कराने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।अभी तक 3 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन।

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रभु श्री राम को दर्शन पाने के लिए भक्त आतुर हैं. पहले दिन करीब तीन लाख भक्तों ने रामलला का दर्शन किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने यह जानकारी दी है. मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंची भीड़ इतनी ज्यादा हो गई है कि नियंत्रण करने में मंदिर प्रबंधन समेत प्रशासन के आला अधिकारी मंदिर के अंदर मौजूद हैं. राम मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की आमद के साथ, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद और विशेष DG कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार भक्तों की व्यवस्थित आवाजाही की निगरानी के लिए मंदिर के ‘गर्भ गृह’ के अंदर मौजूद हैं. यूपी प्रशासन खुद ही मोर्चा संभालते हुए लोगों को दर्शन कराने में जुटा हुई है. रामलला के दर्शन कराने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. भक्तों को दर्शन में कोई दिकक्त नहीं हो इसलिए पुलिस प्रशासन खुद ही मंदिर के भीतर खड़े होकर लोगों को दर्शन कराव रहे हैं।

इधर रामजन्मभूमि का जायजा लेने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे हैं. योगी आदित्यनाथ ने हवाई सर्वे कर हालात का निरीक्षण किया.
रामलला के दर्शन पाने के लिए अयोध्या और आसपास में भारी भीड़ उमड़ी है. भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने सभी गाड़ियों को पंच कोसी परिक्रमा पथ के पास रोक दिया. इतना ही नहीं2 बजे तक दर्शनार्थियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. फिलहाल मंदिर परिसर में मौजूद दर्शनार्थियों को दर्शन कराए जा रहे हैं. दर्शनार्थियों की नई बैच की एंट्री जल्द कराई जाएगी।

मंदिर प्रबंधन ने एडवायजरी जारी की

इस बीच मंदिर प्रबंधन ने एडवायजरी भी जारी की है. एडवायजरी में कहा गया है कि राम पथ पर भीड़भाड़ लगाने से बचें. यदि संभव हो तो सड़कों पर भीड़ ना लगाएं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगमता के साथ प्रभु श्रीराम के दर्शन कर सकें।

भगवान को क्यों पहनाए जाते हैं सोने के गहने, जानें इसका धार्मिक महत्व

भगवान को सोने के गहनों में पहनाने का कारण सांप्रदायिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा हो सकता है।सोने का धार्मिक महत्व विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक संस्कृतियों में होता है और इसे धार्मिक आयाम, पूजा, और समर्थन के साथ जोड़ा जाता है।

भगवान को सोने के गहनों में पहनाने का कारण सांप्रदायिक और सांस्कृतिक मान्यताओं से जुड़ा हो सकता है. सोने का धार्मिक महत्व विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक संस्कृतियों में होता है और इसे धार्मिक आयाम, पूजा, और समर्थन के साथ जोड़ा जाता है. कई पौराणिक कथाएं सोने को देवी-देवताओं और पूर्वजों की प्रिय वस्त्र बताती हैं. सोने के गहनों को विशेष पूर्णिमा, व्रत, और धार्मिक आयोजनों में उपहार के रूप में प्रदान किया जाता है. सोने की मूर्तियों और गहनों को धार्मिक पूजा में उपयोग किया जाता है. यह आदर्श दर्शकों के दृष्टिकोण से श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक माना जाता है. सोने के गहने विवाह समारोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह बड़ी पूजानीय रीतियों और आदतों के अनुसार दुल्हा-दुल्हन को सजीवन संबंध का प्रतीक माना जाता है. कुछ धार्मिक स्थलों पर जाने का सिलसिला होता है, जिसमें सोने के गहनों को प्रदान करना धार्मिक विशेषता में बढ़ावा देता है. कुछ धार्मिक समुदायों में देवी-देवताओं की सोने की मूर्तियों को पूजनीय माना जाता है. इन मूर्तियों को मंदिरों और पूजा स्थलों में स्थापित किया जाता है. सोने को विशेष धार्मिक आयोजनों और रास्ते पर पुनःप्रयोग करने की परंपरा होती है, जिससे उसका विशेषता में बढ़ावा होता है. आइए जानते हैं देवी देवताओं को सोने के गहने पहनाने का धार्मिक महत्व क्या है।

श्रृद्धाभाव: सोने के गहने विशेष रूप से महंगे और शानदार होते हैं, जिससे भगवान की प्रतिष्ठा और श्रद्धा में वृद्धि होती है। इससे भक्त अपने ईश्वर के प्रति अपनी प्रेम और श्रद्धा का अभिवादन करता है।

आलंकारिकता: सोने के गहने आलंकारिकता और रौंगते में चमक और सौंदर्य प्रदान कर सकते हैं, जिससे भगवान की मूर्तियों या पूजा स्थलों को और भी आकर्षक बनाया जा सकता है।

पौराणिक कथाएं: कुछ पौराणिक कथाएं या धार्मिक ग्रंथ विशेष गहनों की सिफारिश कर सकती हैं, जिन्हें भगवान को पहनाना शुभ माना जाता है। इन गहनों का उपयोग पूजा और धार्मिक आयोजनों में किया जा सकता है।

धार्मिक आचार्यों की सिफारिश: धार्मिक आचार्यों या धार्मिक समुदायों के नेताओं की सिफारिश या शिक्षा के अनुसार, सोने के गहने धार्मिक पूजा में उपयोग के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।

ये केवल कुछ कारण हैं और इसमें स्थानीय धार्मिक आदतों, परंपराओं और विशिष्ट संस्कृतियों के आधार पर विभिन्नताएं हो सकती हैं।