भागलपुर:युवती को पति ने छोड़ कर ली दूसरी शादी तो पूराने प्रेमी ने शादी कर अपनाया

चार साल पहले प्रेम प्रसंग की भनक पर परिजनों ने युवती की शादी दूसरे युवक से संपन्न करा दी। एक साल बाद युवती के पति ने दूसरी शादी रचा ली। इससे जीवन में उदासी की चादर ओढ़े युवती अपने मां-बाप के पास लौट आई। इसी दरम्यान युवती की पुराने प्रेमी से मुलाकात हुई तो एक दूसरे से मिलने को लेकर भावनाओं का ज्वार फिर से उफान मारने लगा।

धीरे-धीरे दोनों में फिर नजदीकियां हो गई। दोनों समाज से छुपकर मिलने लगे। एक दिन प्रेमिका के बुलाने पर प्रेमी रात के अंधेरे में उसके घर पहुंच गया। जब प्रेमिका के घर से युवक निकलने लगा तो पड़ोसियों की नजर पड़ गई। इसके बाद दानों के प्रेम केचर्चे आम हो गए। परिवार और समाजके तंज से परेशान युवती प्रेमी के घर पहुंच गई, जहां प्रेमी-प्रेमिका और दोनोंके परिवार वालों के बीच घंटों हाईवोल्टेज ड्रामा चला। मामला पंचायत तक जा पहुंच गया, जहां ग्रामीण व पंचों की उपस्थिति में सभी की सहमति से प्रेमी-प्रेमिका का अंतर्जातीय विवाह संपन्न हुआ।

मामला सुल्तानगंज के कमर गंज पंचायत के वार्ड- 9 के जहांगीरा गांव का है। उधर, प्रेमी युगल एवं दोनों के परिवार वालों को पंचों, ने बुलाया। दोनों के परिवार वालों की सहमति पर मौके पर ही शादी संपन्न करा दी। इसके बाद प्रेमी-प्रेमिका पति-पत्नी के रूप में घर चले गए।

युवती की शादी से पहले दोनों के बीच था प्रेम प्रसंग

पंचायत जनप्रतिनिधि के अनुसार पड़ोसी प्रेमी युगल रुपाली कुमारी पिता एवं राजेश कुमार उर्फ लक्ष्मण के बीच चार वर्षों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों के परिवार वालों को इसकी भनक लगी तो युवती के परिजनों ने एक वर्ष पहले उसकी शादी किसी दूसरे युवक से संपन्न करा दी। लेकिन यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाई। युवती के पति ने दूसरी शादी रचा ली। इसके बाद युवती अपने मां-बाप के पास लौट आई। इस दौरान फिर पुराने प्रेमी राजेश से रूपाली की नजदीकियां बढ़ गई। इधर, शनिवार देर रात प्रेमी युवक प्रेमिका से मिलने उसके घर गया। कुछ घंटों बाद बाहर निकलते हुए आस-पड़ोस के लोगों ने देख लिया। समाज के ताने सुनकर लोक-लिहाज छोड़ प्रेमिका रविवार प्रातः शादी का दबाव बनाने प्रेमी के घर पहुंच प्रेमिका धरने पर बैठ गई।

जेईई मेन 2024 के लिए पंजीयन प्रक्रिया जारी

जेईई मेन 2024 के लिए पंजीयन प्रक्रिया जारी

पटना। जेईई मेन 2024 के जनवरी पहले सत्र के लिए पंजीयन प्रक्रिया जारी है। छात्र वेबसाइट jeemain. nta. ac. in पर जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं। इसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर है। एनटीए के अनुसार एनआईटी, आईआईटी और अन्य सीएफटीआइ में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को 12वीं की परीक्षा में कम-से-कम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त होने चाहिए।

बिहार के साथ केंद्र कर रहा सौतेला व्यवहार : शकील

केंद्र कर रहा सौतेला व्यवहार शकील

पटना। बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खां ने कहा है कि केंद्र बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। इसकी आवाज सड़क से सदन तक में उठायी जाएगी। बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र को लेकर रविवार को आयोजित विधायक दल की बैठक को वह संबोधित कर रहे थे। बैठक में विधान परिषद में दल के नेता मदन मोहन झा, मंत्री मुरारी गौतम, विधायक आनंद शंकर सिंह, सिद्धार्थ, अजय कुमार सिंह, राजेश कुमार, संजय तिवारी, इजहारूल हुसैन, विधानपार्षद समीर कुमार सिंह और प्रेमचंद मिश्रा उपस्थित थे।

तथ्यों से अलग बात कर रहे हैं जदयू अध्यक्ष मनोज

पटना। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि ललन सिंह भले ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं पर, तथ्यों व सच्चाई से वह बिल्कुल अलग हैं। उन्होंने जो आंकड़े गिनाए हैं उसमें आरक्षण देने की बात कही। वे बताएं कि क्या अकेले जदयू ने बिहार में कभी सरकार चलाई है। 2005 से लेकर 2013 तक बिहार में भाजपा की भी सरकार थी और जो सीएम फैसला ले रहे थे, उसमें बीजेपी की भी सहमति थी।

गरीबों की हितैषी है मोदी सरकार नंदकिशोर

पटना। भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि मोदी सरकार गरीबों की हितैषी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मुफ्त राशन योजना की अवधि पांच साल और बढ़ाकर गरीबों को बड़ी राहत दी है। देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने वाली योजना पांच साल और जारी रहेगी। कहा कि गरीबों की न कोई जाति होती है, न कोई वर्ग और न ही कोई धर्म।

‘स्वास्थ्य विभाग को है खुद इलाज की जरूरत’

पटना। प्रदेश रालोजद ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग को खुद इलाज की जरूरत है। प्रदेश प्रवक्ता रामपुकार सिन्हा ने आरोप लगाया कि पटना समेत पुरे बिहार में डेंगू के असर से जनता त्राहिमाम कर रही है। सिर्फ पटना में 155 डेंगू मरीज़ जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे है। सरकार के उदासीन रवैया से दर्जनों डेंगू मरीज़ मौत के शिकार हो गए और स्वास्थ्य विभाग मौन है।

बिहार:मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को पंजीयन आज से

मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को पंजीयन आज से

पटना। बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद (बीसीईसीईबी) ने मेडिकल व डेंटल कॉलेजों के रिक्त सीटों पर नामांकन के लिए स्पेशल स्ट्रे वैकेंसी राउंड आयोजित करेगा। पंजीयन छह से आठ नवंबर के रात 10 बजे तक किया जा सकता है। वहीं आठ नवंबर 11:59 बजे तक शुल्क जमा कर सकते हैं।

25 पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू

25 पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू

दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए 25 पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। पीआरओ मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि पीएचडी में नामांकन प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा परीक्षा नियंत्रक (सीओई) डॉ. शांति गोपाल पाईन द्वारा विवि की वेबसाइट www.cusb.ac.in पर की गई है।

मोतिहारी का मोस्टवांटेड रविकिशन गिरफ्तार

मोतिहारी के मोस्टवांटेड रविकिशन को गिरफ्तार

पटना। एसटीएफ की विशेष टीम ने मोतिहारी के मोस्टवांटेड अपराधी रविकिशन उर्फ सुखाड़ी बैठा को जिले के कोटवा थाना क्षेत्र में छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया। जिले के टॉप-20 अपराधियों की सूची में शामिल रविकिशन मूल रूप से मोतिहारी के कोटवा थाना क्षेत्र के राजापुर नायका टोला का रहने वाला है। उसके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में लूट, डकैती, आर्म्स एक्ट समेत अन्य संगीन अपराधों में कई मामले दर्ज हैं।

बिहार के साइबर थाने हर सोमवार भेजेंगे कार्यों का ब्योरा

साइबर थाने हर सोमवार भेजेंगे कार्यों का ब्योरा

राज्यभर में साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए खोले गए 40 साइबर थानों को हर सोमवार अपने कार्यों का ब्योरा ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) को भेजना होगा। ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश सभी संबंधित थानों को भेजा है। विदित है कि राज्य में साइबर से जुड़े मामले के लिए ईओयू ही नोडल इकाई है।

 

सभी थानों को प्रत्येक सप्ताह दर्ज होने वाले मामले की संख्या, उनकी प्रकृति व छापेमारी के अलावा किस मामले में क्या कार्रवाई की गई है, ऐसी सभी जानकारी के साथ प्रगति रिपोर्ट तैयार कर भेजनी होगी। साइबर से जुड़े मामलों में किस साइबर थाना के स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही है, इसकी सीधी निगरानी ईओयू स्तर से की जाएगी। अगर किसी थाने में किसी मामले में कोई तकनीकी या अन्य तरह की सहायता की आवश्यकता पड़ेगी, तो इसमें ईओयू एक्सपर्ट की टीम पूरी मदद करेगी। साइबर थाना स्तर पर एटीएम फ्रॉर्ड, ऑनलाइन खरीददारी या वेबसाइट के जरिए ठगी, फोन करके ठगी, किसी ऑउटलेट या दुकान समेत अन्य स्थानों पर पैसे ट्रांसफर करने के दौरान फर्जी निकासी, नौकरी-व्यापार समेत अन्य तरह के झांसे देकर ठगी, क्रिप्टो करेंसी में निवेश समेत अन्य सभी तरह की ठगी से जुड़े मामलों को अलग-अलग श्रेणी में दर्ज कर तफ्तीश की जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि किस ठगी तंत्र के तार बिहार के बाहर या अंदर से जुड़े हुए हैं। अगर किसी मामले में विदेशों से ठगी के लिंक मिलते हैं, तो ऐसे मामलों की भी अलग से जांच होगी। सभी जिलों के एसपी को कहा गया है कि वे मासिक क्राइम मीटिंग में भी साइबर से जुड़े मामलों और उनके मौजूदा स्थिति की भी समीक्षा करें।

निर्देश निरंतर छापेमारी अभियान चलाएं थाने

 

ईओयू ने सभी साइबर थानों को निर्देश दिया है कि कई थाने एकसाथ मिलकर साइबर अपराधियों और इनसे जुड़े सभी लोगों की पहचान कर निरंतर छापेमारी अभियान चलाते रहें। यह कार्रवाई ठोस रूप से व्यापक स्तर पर होनी चाहिए। सभी अपराधियों को चिह्नित कर कार्रवाई करें। आसपास के जिलों के थाने मसलन नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया समेत जरूरत के अनुसार अन्य थाने मिलकर संयुक्त तौर पर कार्रवाई कर सकते हैं।

फिर से चमकेगी बिहार की सड़कें

राज्य के आठ जिले की ग्रामीण सड़कों का निर्माण व मरम्मत की जाएगी। ग्रामीण कार्य विभाग ने इसके लिए तीन करोड़ 62 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। सड़क मरम्मत का कार्य एक साल में पूरा कर लिया जाएगा। जिन जिलों की सड़कें बनाई जाएंगी वह अररिया, सुपौल, दरभंगा, वैशाली, जमुई, शिवहर, पूर्वी चम्पारण और गया की सड़कें हैं।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार दर्जनभर कार्य प्रमंडल की ओर से सड़क मरम्मत की राशि की मांग की गई थी। विभाग ने कार्य प्रमंडल से मिले प्रस्तावों के आधार पर ग्रामीण सड़कों की मरम्मत की राशि जारी कर दी है। इसके तहत अररिया को 46 लाख 84 हजार आवंटित किया गया है। जबकि बीरपुर कार्य प्रमंडल को 56 लाख 69 हजार, दरभंगा-एक को 17 लाख दो हजार, रक्सौल को 20 लाख 86 हजार, अरेराज को तीन लाख 82 हजार रुपये दिए गए हैं। इसी तरह नीमचक बथानी को 11 लाख 69 हजार, जमुई को 24 लाख 27 हजार, महुआ को 12 लाख 45 हजार, शिवहर को 19 लाख 40 हजार और सुपौल कार्य प्रमंडल को चार लाख 69 हजार रुपये दिए गए हैं। अरेराज में हरसिद्धि छपवा पीडब्ल्यूडी पथ से ऑक्सीजन प्लांट तक जाने वाली सड़क का निर्माण किया जाएगा। दरभंगा-एक में एनएच 57 से कंशी जलवार पथ, सुपौल में सुपौल-बसबिट्टी सड़क से वसुआ गांव, फारबिसगंज में एनएच 57 रेणुगेट से गिद्वास, रक्सौल में कुदरकाट से रामनगर, जमुई में जिनहारा पीडब्ल्यूडी पथ से लखय, महुआ में जिरवारा चौक से छोराही तक वाया सुमेरगंज, अररिया में कुजरी से सोहन्दर, शिवहर में शिवहर से माली बिसाही, नीमचक बथानी में मानपुर ओवरब्रिज से मानपुर ब्लॉक वाया गंगा वाटर स्टोरेज प्लेस जाने वाली सड़क बनाई जाएगी।

कुल 57.34 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। इसके अलावा बीरपुर कार्य प्रमंडल के अधीन सात सड़कें बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई 29 किलोमीटर से अधिक है।

इन जिलों को लाभ

अररिया, सुपौल, दरभंगा, वैशाली, जमुई, शिवहर, पूर्वी चंपारण व गया की सड़कें

बिहार में मध्याह्न भोजन खाने वाले 11 लाख बच्चे घटे

राज्य में मध्याह्न भोजन खाने वाले बच्चों की संख्या में अक्टूबर में 11 लाख से अधिक की कमी आई है। मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय में जिलों से प्राप्त रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।

अक्टूबर में प्रतिदिन औसतन 69 लाख 72 हजार बच्चों के ध्याह्न भोजन खाने की रिपोर्ट मिली। वहीं अन्य महीनों में यह संख्या 81-82 लाख के करीब हुआ करती थी।

मध्याह्न भोजन योजना निदेशालय में प्रतिदिन आईवीआरएस (इनटरैक्टिव व्वॉयस रिस्पांस सिस्टम) के माध्यम से मिड डे मील खाने वाले बच्चों की संख्या ली जाती है। इस माध्यम में स्कूल के प्रधानाध्यापक अपने मोबाइल के माध्यम से रिपोर्ट भेजते हैं। इसी के आधार पर पूरे माह के लिए औसतन प्रतिदिन मध्याह्न भोजन खाने वालों की संख्या प्राप्त होती है। हालांकि, प्रतिदिन 55-56 हजार स्कूलों से ही रिपोर्ट आईवीआरएस सिस्टम से आती है। शेष करीब 15 हजार स्कूलों की रिपोर्ट विभिन्न कारणों से नहीं आ पाती है। इस तरह 55-56 हजार स्कूलों की रिपोर्ट बताती है कि मध्याह्न भोजन खाने वाले 11 लाख बच्चे घट गए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है बच्चों का स्कूलों से नाम काटा जाना। शिक्षा विभाग के निर्देश पर तीन सितंबर, 2023 से लगातार 15 दिनों तक नहीं आने वाले बच्चों के नाम काटने का सिलसिला शुरू हुआ है। अब तक 22 लाख 71 हजार बच्चों के नाम काटे गये हैं। इनमें प्रारंभिक स्कूलों (कक्षा एक से आठ) के 18 लाख 61 हजार बच्चे शामिल हैं। वहीं चार लाख दस हजार माध्यमिक-उच्च माध्यमिक (कक्षा नौ से 12) के बच्चों के नाम कटे हैं। मालूम हो कि मिड-डे मील भी प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को ही दिये जाते हैं।

निदेशालय के पास इस साल जुलाई में औसतन 80.63 लाख, अगस्त में 82.48 लाख और सितंबर में औसतन 90 लाख बच्चों के प्रतिदिन मिड-डे मील खाने की रिपोर्ट आई थी। वहीं, अक्टूबर में यह 11 लाख से भी अधिक घट गया। पदाधिकारी बतातें हैं कि रिपोर्ट 55-56 हजार स्कूलों की इस व्यवस्था में आती है। पर, सभी 70 हजार स्कूलों के बच्चों के शामिल करने पर यह आंकड़ा अक्टूबर के पहले एक करोड़ से अधिक पहुंचती थी।

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