इस राज्य में भारी बारिश की चेतावनी, 8 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी, 2 दिनों तक स्कूल रहेंगे बंद

हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में मंगलवार को बारिश हुई। स्थानीय मौसम कार्यालय ने रात में राज्य के 12 में से आठ जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी और मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने इस चेतावनी के मद्देनजर बुधवार और गुरुवार को अपने-अपने क्षेत्रों में सभी स्कूलों एवं कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया।

बिलासपुर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने भी कहा कि बुधवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। मौसम कार्यालय ने बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों के कुछ हिस्सों के लिए अलर्ट जारी किया। मंगलवार को बारिश के कारण मंडी में कुछ जगह भूस्खलन हुआ और कुछ क्षेत्रों में पेड़ उखड़ गए। मंगलवार को हुई बारिश के कारण किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

भूस्खलन और बारिश में मौतें

इस महीने की शुरुआत में शिमला में भूस्खलन और बारिश से संबंधित घटनाओं में लगभग 80 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग ने बुधवार और गुरुवार को भारी से भीषण बारिश होने का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जबकि 25 एवं 26 अगस्त को भारी बारिश होने का अनुमान प्रकट करते हुए येलो अलर्ट जारी किया।

8,100 करोड़ रुपये का नुकसान 

विभाग ने 28 अगस्त तक राज्य में बारिश होने का अनुमान जताया है। 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल में बारिश से संबंधित घटनाओं में 227 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 38 लोग अब भी लापता हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, 12,000 से अधिक घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, राज्य को लगभग 8,100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और अब भी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि राज्य को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

चंद्रयान-3 के लैंडिंग की काउंटडाउन शुरू, भारत से लेकर अमेरिका तक मंदिरों में हो रही पूजा

चंद्रयान-3 आज शाम 6.04 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरकर इतिहास रच देगा जिसका पूरी दुनिया को इंतजार है। अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा लेकिन भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला पहला देश बन जाएगा, जो पानी मिलने की संभावना के कारण काफी दिलचस्प मना जा रहा है।

बता दें कि चंद्रयान-2 के विफल होने के बाद मून मिशन चंद्रयान-3 पिछले महीने 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया था। 17 अगस्त को दोनों मॉड्यूल – रोवर और लैंडर – के अलग होने से पहले 6,9,14 और 16 अगस्त को चांद की कक्षा की दूरी कम करने की कवायद की गई थी।

चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए दुनिया भर में प्रार्थनाएं गूंज रही हैं। लोग इसकी सफलता को बढ़ावा देने के लिए प्रार्थनाओं में भाग ले रहे हैं, धार्मिक अनुष्ठान कर रहे हैं और विविध अनुष्ठानों में शामिल हो रहे हैं।

ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन से लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका तक चंद्रयान-3 की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए विशेष अनुष्ठान, प्रार्थनाएं और समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।

भारत से अमेरिका तक मंदिरों में हो रही पूजा अर्चना

चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए चंद्रयान-3 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और अगर सब ठीक रहा तो आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर यान सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए मंदिर में जहां पूजा-अर्चना की जा रही है तो वहीं दरगाह में भी दुआ मांगी जा रही है।

चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशेष ‘भस्म आरती’ की गई।

आज शाम 6.04 बजे चांद पर करेगा लैंड करेगा चंद्रयान-3, आखिरी 15 मिनट बेहद खास; जाने कहां रहेंगे PM मोदी

चंद्रयान-3 अब से ठीक 11 घंटे बाद चंद्रमा की सतह पर इतिहास लिखने जा रहा है। आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर विक्रम चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस पल का दुनिया भर के लोगों को बेसब्री से इंतज़ार है। हर आंख इस मौके की गवाह बनना चाहती है क्योंकि आज भारत चांद पर जो करने जा रहा है वो आज तक दुनिया के सबसे पावरफुल देश भी नहीं कर पाए हैं। भारत आज चांद के उससे हिस्से को पूरी दुनिया को दिखाने जा रहा है जिसे पृथ्वी से देख पाना मुमकिन ही नहीं है।

लैंडिंग के वक्त साउथ अफ्रीका से जुड़ेंगे PM मोदी

इसरो का चंद्रयान-3 आज चांद के साउथ पोल पर लैंड करेगा जो चांद की जमीन का सबसे दुर्गम इलाका है। लेकिन चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से पहले ही चांद के इस हिस्से की तस्वीरें भेज कर साबित कर दिया कि उसका लक्ष्य क्या है। इसरो के कमांड सेंटर में बैठे वैज्ञानिक अलर्ट मोड में हैं। उनकी निगाहें चंद्रयान-3 के लैंडर की हर मूवमेंट पर टिकी हुई हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु के कमांड सेंटर से साढ़े 7 हजार किलोमीटर दूर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। पीएम मोदी इस समय दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर हैं। वह 22 से 24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। जोहान्सबर्ग से ही वह इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे और चंद्र यांत्रिकी सफल लैंडिंग को वर्चुअली देखेंगे। इसके साथ ही वह इसरो के मिशन चंद्रयान के नौ रत्न से वर्चुअली बात भी करेंगे।

चंद्रयान की कामयाबी के लिए देश-दुनिया में पूजा-दुआएं

चंद्रयान-3 की कामयाबी का गवाह बनने के लिए देश के कई राज्यो में इतिहास में आज पहली बार शाम में एक घंटे के लिए स्कूल खुलेंगे। देश में चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए दुआओं का दौर भी जारी है। मंदिरों में हवन पूजन हो रहा है, मस्जिदों में दुआएं पढ़ी जा रही है और चर्च में प्रार्थना हो रही है। वहीं दुनियाभर के स्पेस साइंटिस्ट इसरो की इस कामयाबी में भविष्य देख रहे हैं।

टाइम ऑफ टेरर क्यों हैं आखिरी के 15 मिनट?

स्पेस एक्सपर्ट प्रोफेसर आरसी कपूर ने बताया कि चांद पर लैंडिंग के आख़िरी 15 मिनट बेहद अहम होंगे। पहले स्टेप में जब चंद्रयान-3 लैंड करना शुरू करेगा तो उसकी स्पीड 1683 मीटर प्रति सेकेंड की होगी। इसी स्पीड पर उसे 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक उतारा जाएगा। फिर लैंडर की स्पीड को घटाकर 375 मीटर प्रति सेकेंड किया जाएगा। यहां पर लैंडर विक्रम का ऑल्टिट्यूड होल्ड तय किया जाएगा यानी उसे झुकाया जाएगा। इसके बाद यान को 1300 मीटर की ऊंचाई तक लाया जाएगा। इसी हिसाब से चंद्रमा की सतह तक जाने की स्पीड धीरे धीरे कम होती रहेगी फिर 400 मीटर, फिर 150 मीटर और फिर 50 मीटर तक लाया जाएगा। आख़िर में 10 मीटर पर आने के बाद फाइनल लैंडिंग होगी। फाइनल टचडाउन पर लैंडर की स्पीड 2 मीटर प्रति सेकेंड तक हो जाएगी।

पूरी दुनिया के स्पेस पावर के लिए मिसाल बनेगा भारत

जैसे ही चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर विक्रम चांद की धरती पर कदम रखेगा, भारत पूरी दुनिया के स्पेस पावर के लिए मिसाल बन जाएगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा। इसरो के मुताबिक शाम 5 बजकर 45 मिनट पर चांद पर उतरने की प्रॉसेस शुरू करेगा और ठीक 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर विक्रम, चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। लैंडर के सभी सिस्टम को समय-समय पर चेक किया जा रहा है ये सभी सही तरह से काम कर रहे हैं। लैंडर विक्रम पल-पल का अपडेट इसरो के कमांड सेंटर को दे रहा है। इसरो ने चांद की सबसे लेटेस्ट फोटो भी शेयर की है जो विक्रम ने लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरे की मदद से महज 70 किलोमीटर की ऊंचाई से ली हैं। इस वक्त लैंडर विक्रम चांद की सतह के ऊपर 25 किलोमीटर से 134 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा है। विक्रम अपने लिए लैंडिंग की सही जगह की तलाश कर रहा है, वो ऑनबोर्ड लगे सिस्टम के जरिए ली गई फोटो भी चेक कर रहा है।

14 दिनों तक चंद्रमा की सतह पर प्रयोग करेंगे लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर

सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर अगले 14 दिनों तक चंद्रमा की सतह पर कई प्रयोग करेंगे। यहां से जो नतीजे सामने आएंगे वो चंद्रमा पर मानव जीवन का भविष्य तय करेंगे क्योंकि अब तक जितने भी मून मिशन हुए हैं वो हिस्सा धरती से दिखता है लेकिन भारत साउथ पोल पर उतरकर पूरी दुनिया के लिए चंद्रमा पर जीवन की खोज को दिशा देगा। इसरो के वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि चंद्रयान-3 के लैंडर की इस बार सफल लैंडिंग होगी। 2019 में चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग के बाद इसरो की टीम ने चंद्रयान-3 के लिए ऐसी तैयारी की है कि इस बार कोई गलती नहीं होगी।

चंद्रयान-3: क्या अंतिम वक्त पर बदली जा सकती है लैंडिंग की जगह? कितने घंटे पहले लिया जाएगा उतरने का अंतिम निर्णय

भारत की शान चंद्रयान-3 अब से चंद घंटों बाद चंद्रमा की जमीन पर उतरकर नया इतिहास लिखने के बेहद करीब है। पूरी दुनिया की नजर इस पर बनी हुई है। भारत का हर नागरिक दिल थामकर इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने जा रहा है। हालांकि भारतीय अं​तरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो के वैज्ञानिकों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। वे चंद्रयान-3 की सुरक्षित लैंडिंग के लिए पूरी तरह से चुस्त और मुस्तैद हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो शाम 6 बजकर 04 मिनट पर विक्रम लैंडर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। हालांकि लैंडिंग के लिए लगभग 10 वर्ग किलोमीटर का दायरा तय किया गया है। अगर लैंडिंग के लिए एक जगह सही नहीं लगी तो दूसरी जगह भी तैयार रहेगी।

चंद्रयान-3 अब हमारे एकमात्र उपग्रह यानी ‘चंदा मामा’ से बस कुछ ही घंटे की दूरी पर है। आज शाम यानी बुधवार 23 अगस्त की शाम को चंद्रयान-3 चंद्रमा की धरती को ‘चूमेगा’। इस तरह यह भारतीय अं​तरिक्ष के इतिहास का सबसे बड़ा पल हो सकता है। इसकी लैंडिंग को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। इसरो पहले ही बता दिया है कि चंद्रयान का विक्रम लैंडर चांद की उस कक्षा में पहुंच गया है, जहां चंद्रमा का निकटतम बिंदु मात्र 25 किलोमीटर है। अब वह धीरे-धीरे चंद्रमा की जमीन की ओर बढ़ रहा है। शाम 6 बजकर 04 मिनट पर विक्रम लैंडर की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग हो सकेगी। इस दुर्लभ घटना के लिए पूरी दुनिया की निगाहें भारत की शान चंद्रयान -3 पर टिकी हुई हैं।

अंतिम समय में बदल सकते हैं लैंडिंग की लोकेशन?

इसरो ने चंद्रयान-2 से सबक लेकर चंद्रयान-3 में व्यापक बदलाव किए हैं। चंद्रयान-2 के उतरने के लिए जितना क्षेत्र निर्धारित किया गया था, अब उसमें काफी बढ़ोतरी की गई है। लैंडिंग के लिए लगभग 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तय किया गया है। अगर लैंडिंग के लिए एक जगह सही नहीं लगी तो दूसरी जगह भी तैयार रहेगी। वैसे भी चंद्रयान-3 चंद्रमा की ऐसी जगह उतर रहा है, जो सबसे ज्यादा चैलेंजिंग है। यहां खाइयां, पत्थर और उबड़ खाबड़ जगह हैं। दूसरे देशों के अंतरिक्ष यान इक्वेडर यानी चंद्रमा के बीचोंबीच विषुवत रेखा पर उतरे हैं, लेकिन हमारा चंद्रयान-3 चंद्रमा के उस हिस्से पर उतरने जा रहा है, जिसे पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता। जहां हमेशा अंधेरा बना रहता है। यह जगह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर है, जहां इसरो के अनुसार तापमान शून्य से भी 220 डिग्री नीचे रहता है।

यान उतरेगा या नहीं, अंतिम निर्णय दो घंटे पहले लिया जाएगा: इसरो

इस बीच इसरो ने कहा कि पहले विक्रम लैंडर के लिए अनुकूल स्थितियों को पहचाना जाएगा। लैंडिंग के लिए निर्धारित समय से ठीक दो घंटे पहले यान को उतारने या न उतारने पर अंतिम निर्णय होगा। इसरो के वैज्ञानिक नीलेश एम देसाई के मुताबिक, अगर चंद्रयान-3 को 23 अगस्त को लैंड नहीं कराया जाता है, तो फिर इसे 27 अगस्त को भी चांद पर उतारा जा सकता है।

चंद्रयान-2 से सीखें हैं कई सबक

इसरो के पूर्व निदेशक डॉ. के सिवन के अनुसार, पिछली बार लैंडिंग प्रक्रिया के बाद हमने डेटा देखा था। उसके आधार पर सुधारात्मक उपाय किए गए हैं। जहां भी मार्जिन कम है, हमने उन मार्जिन को बढ़ाया है। चंद्रयान-2 से हमने जो सबक सीखा है, उसके आधार पर चंद्रयान-3 के सिस्टम को अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ाया है।

चंद्रयान-3 में टारगेट स्थान से आगे पीछे लैंडिंग की व्यवस्था

चंद्रयान-3 को टारगेट स्थल से आगे-पीछे ले जाने की व्यवस्था है। एक किलोमीटर के दायरे में उसकी सुरक्षित लैंडिंग हो सकती है। अगर एक जगह ठीक नहीं है तो दूसरे स्थान पर लैंडिंग हो जाएगी। चंद्रयान-2 में पांच इंजन लगे थे, इस बार चार इंजन रखे गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि चंद्रयान-3 का वजन कम रहे।

क्या होती है सॉफ्ट लैंडिंग, चांद पर उतरने के बाद क्या करेगा चंद्रयान; जानें

चंद्रयान-3 आज चांद की सतह पर अपना पहला कदम रखेगा। चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 का विक्रम रोवर का प्रज्ञान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। अगर सफल लैंडिंग होती है तो भारत का डंका पूरी दुनिया में बजेगा। चंद्रयान की सफल लैंडिंग कई मायनों  में खास है क्योंकि दक्षिणी ध्रुव में ऐसे कई खास रहस्य छुपे हुए हैं जिसकी जिज्ञासा हर किसी के मन में है।

क्या होती है सॉफ्ट लैंडिंग

सॉफ्ट लैंडिंग वह जगह है जहां अंतरिक्ष यान नियंत्रित तरीके से नीचे उतरता है। इसके बाद यान की गति धीरे-धीरे कम हो जाती है और अंतरिक्ष यान लगभग 0 गति से सतह को छूता है। इसके विपरीत हार्ड लैंडिंग एक क्रैश लैंडिंग है जहां अंतरिक्ष यान सतह से टकराते ही नष्ट हो जाता है।

चार साल पहले चंद्रयान 2 सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान फेल हो गया था, लेकिन इस बार इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने आश्वासन दिया कि भले ही सब कुछ विफल हो जाए, लेकिन सॉफ्ट लैंडिंग होगी। 30 किमी की ऊंचाई से 1.68 किमी प्रति घंटे की गति से उतरना शुरू होगा, जब तक चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा, गति लगभग 0 तक कम हो जाएगी। आज का टचडाउन सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। चंद्रयान 3 क्षैतिज से ऊर्ध्वाधर दिशा की ओर मुड़ेगा। बता दें कि पिछली बार यहीं पर चंद्रयान 2 को समस्या का सामना करना पड़ा था।

चंद्रयान 3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद क्या होगा?

चंद्रयान की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद रोवर और  लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे। फिर रोवर चंद्रमा की सतह का विश्लेषण करेगा। लैंडर और रोवर एक चंद्र दिवस तक जीवित रहेंगे जो पृथ्वी पर 14 दिनों के बराबर है। वे वहां के परिवेश का अध्ययन करेंगे। 14 दिन बाद क्या होगा ये अभी तक पता नहीं है। वे एक और चंद्र दिवस तक जीवित हो सकते हैं, इसरो अधिकारियों ने अभी तक इस संभावना से इनकार नहीं किया है।

एक चंद्र दिवस वह समय होता है जब सूर्य चंद्रमा पर चमकता है। जब तक सूरज चमकता रहेगा सभी प्रणालियां ठीक काम करेंगी। जब सूर्य चंद्रमा पर डूबेगा, तो अंधेरा हो जाएगा और तापमान शून्य से 180 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाएगा, जिससे अंतरिक्ष यान के जीवित रहने की संभावना कम हो जाएगी। लेकिन अगर यह जीवित रहा तो यह इसरो की एक और उपलब्धि होगी।

अगर आज की लैंडिंग सफल नहीं हुई तो क्या होगा?

इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि इस बार चूक की कोई संभावना नहीं है और अगर विक्रम लैंडर के सभी इंजन और सेंसर काम करना बंद कर देते हैं, तब भी सॉफ्ट लैंडिंग होगी। “अगर सब कुछ विफल हो जाता है, अगर सभी सेंसर विफल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा। इसे इसी तरह डिज़ाइन किया गया है – बशर्ते कि प्रणोदन प्रणाली अच्छी तरह से काम करे। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि अगर (विक्रम के) दो इंजन इस बार भी काम नहीं करते हैं, तब भी यह लैंडिंग में सक्षम होगा, ”एस सोमनाथ ने कहा।

यदि सब कुछ विफल हो जाता है, तो इसरो 24 अगस्त को दूसरी लैंडिंग का प्रयास करेगा और एक और प्रयास 14 दिनों के बाद किया जा सकता है जो एक चंद्र दिवस है, अगले दिन चंद्रमा में सूर्य उगता है।

राजधानी में बारिश से मौसम हुआ सुहाना, चंडीगढ़ और अंबाला में बारिश का रेड अलर्ट; जानें अन्य राज्यों का हाल

राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में आज सुबह से हो रही बारिश ने मौसम को सुहाना बना दिया है। तापमान में गिरावट होने से पिछले कुछ दिनों से उमस भरी गर्मी से परेशान लोगों को बारिश से बड़ी राहत मिली है। मौसम विभाग ने भी बुधवार को दिल्ली में बारिश का अनुमान जताया था। चंडीगढ़ और अंबाला में मौसम विभाग ने बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।  उधर, पहाड़ी राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश के आसार हैं।

दिल्लीवासियों को गर्मी से मिली निजात

राजधानी दिल्ली में हुई बारिश से दिल्लीवासियों को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले राजधानीवासी तेज धूप और उमस भरी गर्मी से बेहद परेशान थे। मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी का अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज़्यादा रहा। मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, शाम 5.30 बजे सापेक्षिक आर्द्रता 75 प्रतिशत दर्ज की गई।

दिल्ली में सामान्य से अधिक बारिश

दिल्ली और आसपास के इलाकों में इलाकों में मंगलवार शाम से ही आसमान में बादल छाए हुए थे लेकिन बारिश नहीं हुई थी। दिल्ली में सोमवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक करीब 38.1 डिग्री सेल्सियस बना रहा। दिल्ली में पिछले चार महीनों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। मगर अगस्त के महीने में सामान्य से 85 फीसदी कम बारिश हुई है।

चंडीगढ़ और अंबाला में बारिश का रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने चंडीगढ़ और अंबाला के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में देर रात से भारी बारिश हो रही है। रोपड़, पटियाला, कुरुक्षेत्र के लिए भी मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल और उत्तराखंड में ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने उत्तराखंड में 23 और 24 अगस्त को विभिन्न स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट में लोगों से सावधान और सुरक्षित रहने को कहा गया है। मौसम विभाग के अनुमानों के मुताबिक यहां अत्यधिक भारी वर्षा (204.4 मि मी से अधिक) भी हो सकती है। इसी तरह मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश का अनुमान जताया है। यहां भी लोगों से अलर्ट रहने को को कहा गया है।

यूपी, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कुछ जगहों पर भारी बारिश का अनुमान जताया है। वहीं बिहार में भी कुछ जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों के लिए मौसम विभाग ने बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पश्चिमबंगाल और सिक्किम में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है।

इस राज्य में भारी बारिश, कई जगह लैंडस्लाइड, पुल भी टूटा; आवाजाही बाधित

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश कहर बरपाने को बेताब है। देर रात से हो रही भारी बारिश के बीच बद्दी में पुल बह गया है। भारी बारिश और पानी के तेज बहाव के चलते पुल का एक हिस्सा धंस गया है। इस पुल के टूटने से बद्दी का संपर्क चंडीगढ़ और हरियाणा से कहट गया है।

बद्दी और चंडीगढ़ की ओर जानेवाले ट्रैफिक को रोका गया

पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते बद्दी से होकर नेशनल हाइवे 105 पिंजर बद्दी और चंडीगढ़ की ओर जानेवाले ट्रैफिक को रोक दिया गया है। इसके लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाए जा रहे हैं।

मेन पुल का एक पिलर ढह गया

ट्रैफिक पुलिस ने जानकारी दी है कि बद्दी का मेन पुल का एक पिलर ढह गया है और पुल बीच में झुक गया है। पुल पर यातायात स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। इस रास्ते से गुजरनेवाले लोग मारनवाला बरोटीवाला से वैकल्पिक मार्ग अपना कर गंतव्य तक जा सकते हैं।

सोलन पुलिस ने ट्वीट कर बताया-एनएच 05 शिमला से चंडीगढ़ अब चक्की मोड़ पर सभी प्रकार के वाहनों के लिए बन्द है। वैकल्पिक मार्ग भी कई स्थानों पर लैंडस्लाइड के कारण बन्द हो  चुके हैं । इसलिए आप सभी से अनुरोध किया जाता है कि अगर जरूरी हो तभी आप अपनी यात्रा करें।

चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए ’23’ की ही तारीख क्यों..सामने आएगा चंद्रमा का सबसे बड़ा रहस्य? पढ़े पूरी रिपोर्ट

आज पूरी दुनिया की नजर इसरो के चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर सफल लैंडिंग पर बनी हुई है। आज का ही वो दिन है जिसका इंतजार किया जा रहा था। 23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट पर विक्रम लैंडर और रोवर चांद की सतह पर अपना पहला कदम रखेंगे। इसे लेकर इसरो ने जानकारी दी है कि सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से सुचारू रूप से चल रही है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है। चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग इसरो और भारत के लिए अहम है क्योंकि इससे पहले चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी। इसरो के वैज्ञानिकों का दावा है कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग तो होकर ही रहेगी, इसकी लैंडिंग के लिए सभी विकल्पों पर काम किया जा रहा है।

क्यों चुनी गई 23 अगस्त की ही तारीख… 

चंद्रयान-3 में लगा लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरने के बाद सूरज की रौशनी का इस्तेमाल करेगा, जो कि इसके इक्विपमेंट्स के चार्ज रहने के लिए जरूरी है। चांद पर 14 दिन तक दिन और अगले 14 दिन तक रात रहती है, दिन में काफी गर्मी होती है तो वहीं रात में काफी ठंड होती है और दक्षिणी ध्रुव पर तापमान माइनस 230 डिग्री तक चला जाता है । इसीलिए चंद्रयान ऐसे वक्त में चांद पर उतरेगा जब वहां 14 दिन सूरज की रोशनी रहेगी।

इसरो ने लैंडर और रोवर के लिए 23 अगस्त का ही दिन चुना है जिसका कारण यह है कि चांद पर रात्रि के 14 दिन की अवधि 22 अगस्त को समाप्त हो रही है और 23 अगस्त से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सूरज की रौशनी उपलब्‍ध रहेगी। आज से यानी 23 अगस्त से 5 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकली रहेगी जिसकी मदद से चंद्रयान का रोवर चार्ज होता रहेगा और अपने मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकेगा।

चंद्रमा का सबसे बड़ा रहस्य खुलने वाला है?

चांद को समझने की, जानने की जिज्ञासा हर किसी के मन में सदियों से है। बचपन में ये चांद मामा की तरह कौतूहल जगाता है तो वहीं हर किसी के मन में चांद को देखकर कई प्रश्न उठते रहते हैं। जबसे ये पता चला है कि चांद पर जीवन संभव है तबसे चांद को लेकर जिज्ञासा और बढ़ गई है। दुनियाभर के अंतरिक्ष वैज्ञानिक भी चांद के बारे में ज्यादा-से-ज्यादा पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं।

रूस-अमेरिका चांद तक तो पहुंच गए, लेकिन चांद का बड़े रहस्य सुलझाने में अबतक नाकाम रहे। चंद्रमा पर जीवन की संभावना है या नहीं? इस सवाल का जवाब अबतक तलाशा नहीं जा सका है। चांद पर अमेरिका-रूस के साथ ही चीन का अंतरिक्ष यान भी लैंड हुआ, लेकिन चांद की पहेली सुलझ नहीं सकी। इससे पहले भारत का चंद्रयान-2 भी लैंडिंग के वक्त फेल हो गया था, लेकिन भारत के मिशन से दुनिया को पहली बार पता चला कि चांद पर पानी मौजूद है।

चांद पर जीवन संभव है…सवालों के जवाब तलाशेगा चंद्रयान-3

चांद को लेकर बीते साल NASA एक बड़े वैज्ञानिक हावर्ड हू ने दावा किया था कि साल 2030 से पहले चांद पर इंसान लंबे वक्त तक रह सकता है। वैज्ञानिक के मुताबिक, साल 2030 से पहले चांद पर इंसान रह सकते हैं, जिसमें उनके रहने के लिए बस्ती होंगी और उनके काम में मदद करने के लिए रोवर्स होंगे।  चांद की जमीन पर इंसानों को भेजा जाएगा और वो वहां रहकर काम करेंगे और वहां के वातावरण में ढल जाएंगे। ऐसे दावे और ऐसे हर अनसुलझे सवालों के जवाब भारत का चंद्रयान-3 तलाशेगा। चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश होगा।

झारखंड में शराब घोटाले को लेकर ईडी के छापे, मंत्री के आवास सहित 32 ठिकानों पर रेड

झारखंड में शराब और जमीन घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार को ईडी ने राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के रांची स्थित निजी आवास सहित पांच शहरों में 32 ठिकानों पर छापे मारे। रांची के अलावा धनबाद, दुमका, देवघर, गोड्डा में भी ईडी की छापेमारी हो रही है। धनबाद, दुमका, देवघर, गोड्डा में जहां छापे की कार्वाई चल रही है वे झारखंड में शराब कारोबार के संचालक रहे योगेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों के हैं। ईडी को शुरुआती जांच में पता चला है कि राज्य में शराब कारोबार में घोटाले के जरिए करोड़ों की मनी लांड्रिंग हुई है।

ईडी की अलग-अलग टीमों ने एक साथ दी दबिश

बताया जा रहा है कि ईडी की अलग-अलग टीमों ने सुबह 7 से 8 बजे के बीच इन ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। बड़े शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के रांची के हरमू स्थित आवास पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों के साथ दबिश दी गई। रांची के बरियातू में राज्य के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव और उनके पुत्र का आवास है। वहां भी सुबह से सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच तलाशी ली जा रही है। बताया जा रहा है कि शराब कारोबार में मंत्री पुत्र का भी पैसा लगा है।

छापामार दस्ते में 100 से ज्यादा अधिकारी शामिल

रांची की एक वाहन एजेंसी के संचालक विनय सिंह, जमीन कारोबारी अभिषेक झा और कांग्रेस नेता मुन्नम संजय के घर पर भी रेड पड़ी है। 100 से ज्यादा अधिकारी छापेमारी में लगे हैं। शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर मार्च महीने में आयकर का भी छापा पड़ा था। इस दौरान पता चला था कि उन्होंने 15 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जित की है। आयकर विभाग ने समन जारी कर योगेंद्र तिवारी को 27 मार्च को पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर शराब कारोबारी की कंपनी के निदेशक संतोष मंडल ने 15 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित करने की बात स्वीकार की थी।

छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की संलिप्तता भी आई सामने

माना जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग ने ये सूचनाएं ईडी के साथ साझा की हैं। इसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है। झारखंड में शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट की संलिप्तता भी सामने आई है। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की ईडी जांच पहले से चल रही है। झारखंड में भी शराब कारोबार में सरकार ने छत्तीसगढ़ की सरकारी कंपनी को कंसल्टेंट बनाया था। जांच एजेंसी का मानना है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इसे लेकर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई झारखंड के दो आईएएस से कुछ महीने पहले पूछताछ कर चुकी है।एक माह पहले ईडी ने शराब के नकली होलोग्राम की सप्लाई मामले में नोएडा की एक कंपनी के खिलाफ एफआईआर की थी। उस एफआईआर में जिक्र है कि कंपनी ने झारखंड में भी नकली होलोग्राम की सप्लाई की।

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