डॉक्टर्स कॉलनी पार्क पहुंचे तेजप्रताप यादव से बच्चों ने की शिकायत, अधिकारीयों पर बिफरे मंत्री

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पटना: सावन के महीने में बिहार में हरियाली दिखनी शुरू हो गयी है। पटना के पार्कों में भी हरियाली बढ़ गयी है जिससे पार्को की रौनक देखते ही बन रही है। लेकिन पार्को में कुछ उचित सुविधाओं का अभाव है। पार्कों में लोगों को उचित सुविधा मिले इसके लिए खुद मंत्री तेजप्रताप यादव ने ही कमर कस ली है और निकल पड़े हैं राजधानी की पार्को के निरीक्षण के लिए।

वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव कंकड़बाग स्थित डॉक्टर्स कॉलनी पार्क पहुंचे। आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आज से यह निरीक्षण शुरू किया तो तमाम खामियां सामने आयीं। इस दौरान वहां मौजूद गंदगी एवं रखरखाव में कमी को देख मंत्री तेज प्रताप यादव ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

इस दौरान इलाके के लोगो ने भी विभाग के कर्मचारियों एवं आला अधिकारियों की शिकायत करते हुए कहा कि वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण कई पार्को की स्थिति जर्जर है। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियो को जल्द से जल्द समस्याओं को दूर करने के साथ ही तमाम तरह के दिशा निर्देश जारी करते हुए चेतावनी दी है कि अगर काम मे कोताही बरती तो कारवाई तय है।

वही मंत्री जी ने आम लोगो एवं बच्चों की शिकायत पर पार्को में मौजूद झूलो में लगे तालों को तोड़वाया और खराब पड़े झूलो को भी अपने सामने ही ठीक करवाया। इस मौके पर पार्क में मौजूद बच्चों के चेहरे पर खुशियां छा गई जिसे देख तेजप्रताप भी गदगद हो गए।

बालासोर रेल हादसे में CBI का एक्शन, 3 रेलवे कर्मचारियों को किया गिरफ्तार

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ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में सीबीआई ने रेलवे के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया. इन तीनों के नाम सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरूण कुमार महंत,, सीनियर सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्निशियन पप्पू कुमार हैं.महांतो, खान और पप्पू को आईपीसी की धारा धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 201 (सबूत नष्ट करने) के तहत अरेस्ट किया गया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि तीनों कर्मी बालासोर जिले में तैनात हैं।

दरअसल बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास 2 जून को शाम सात बजे के करीब कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद इसकी चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी. इस रेल दुर्घटना में 292 लोगों की मौत हो गई थी और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

रेलवे ने भीषण ट्रेन हादसे के बाद जांच के लिए कमेटी गठित की थी. साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. इस कमेटी ने पाया है कि हादसे की मुख्य वजह ‘गलत सिग्नलिंग’ थी।

सुशील मोदी ने कहा- सीएम नीतीश के तहत के के पाठक को शिक्षा विभाग भेजा, चंद्रशेखर के साथ ही सभी RJD मंत्री दुखी

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पटना: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव की ओर से जाती पीत पत्र को लेकर दो दिनों से हंगामा मचा है. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मसले पर हस्तक्षेप किया और चंद्रशेखर और केके पाठक को अपने आवास बुलाया था. अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे आरजेडी के मंत्री के खिलाफ नीतीश कुमार की साजिश करार दिया है।

सुशील मोदी ने कहा है कि आरजेडी के मंत्रियों पर अंकुश और नियंत्रण रखने के लिए ऐसे अधिकारियों को लगाया गया है. इसी के कारण मंत्रियों और अधिकारियों में तनातनी शुरू हो गई है. केके पाठक के बारे में सभी जातने हैं. किसी भी विभाग में छह महीने से ज्यादा नहीं टिकते।

सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री से मेरे अच्छे संबंध नहीं है क्योंकि उन्होंने रामचरितमानस पर भी विवादित बयान दिया था .लेकिन मंत्री के पीए को विभाग में घुसने नहीं दिया जायगा, मंत्री की कोई औकात नहीं है, ऐसी स्थिति में या तो मंत्री रहे या सचिव रहे।

उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री में अगर थोड़ी सी भी नैतिकता और हिम्मत है तो उनको तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. नीतीश कुमार को बताने का काम करें कि अगर हमको मंत्री रखना है तो केके पाठक को हटाना पड़ेगा।

बिहार में महागठबंधन के भीतर भड़कने लगी आग, एमएलसी सुनील सिंह को मंत्री अशोक चौधरी ने दिया करारा जवाब…

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पटना: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद खूब तूल पकड़ा है.इस पर भाजपा जहां सरकार को घेरने में लगी थी, वहीं राजद नेता भी आक्रोशित थे. जदयू नेता संभलकर बयान दे रहे थे. कल गुरुवार को शिक्षा मंत्री और केके पाठक की नीतीश कुमार से मुलाकात हुई. जिसके बाद महागठबंधन की ओर से सबकुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा।

अब जदयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी ने दावा दावा किया है कि जो भी कंफ्यूजन था उसे दूर कर लिया गया है. मुख्यमंत्री के रहते कोई कंफ्यूजन रह नहीं सकता है.मंत्री और अधिकारी में बाप कौन है इस पर अशोक चौधरी ने कहा यहां बाप और बेटे का कहां सवाल है. मंत्री और अधिकारी एक रथ के दो पहिए हैं. दोनों महत्वपूर्ण हैं. हम पॉलिसी बनाते हैं और आईएएस ऑफिसर उसे इंप्लीमेंट करते हैं. मेरी जवाबदेही है कि टीम बनाकर चलें नहीं तो कोई भी पॉलिसी होगी वह इंप्लीमेंट नहीं हो पाएगी।

वहीं, सुनील सिंह के बयान पर अशोक चौधरी ने कहा कि सुनील सिंह का अपना एजेंडा होगा, उनकी बातों पर हम क्यों ध्यान दें. लालू यादव क्या बोलते हैं राबड़ी देवी क्या बोलती हैं वह हमारे लिए मायने रखता है।

अशोक चौधरी ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर इशारों ही इशारों में तंज कसते हुए कहा कि यदि आपको लगता है कि विभाग को ऊंचे स्तर पर ले जाना है तो पिछले मंत्रियों ने जितने काम किए हैं उससे लंबी लाइन खींचनी होगी तो एक टीम बनानी होगी. मंत्री और अधिकारी रथ के दो पहिए हैं एक भी गड़बडाएगा तो स्पीड घट जाएगी. राजद के लोग इस प्रकरण से नाराज हैं, इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि आरजेडी के बहुत लोग नहीं केवल एक आदमी बोल रहे हैं. उनका अपना एजेंडा होगा।

HC में जातियों की गणना पर सुनवाई पूरी : चीफ जस्टिस की बेंच ने फैसला रखा सुरक्षित, 5 दिन तक चली कार्यवाही

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पटना: राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई. कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा है. इस मामले में दायर याचिकायों पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ लगातार पांच दिनों की सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा।

शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया।उन्होंने कहा कि ये सर्वे है,जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध आंकड़ा एकत्रित करना,जिसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के लिए किया जाना है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है।एडवोकेट जनरल शाही ने कहा कि जातियाँ समाज का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हर धर्म में अलग अलग जातियाँ होती है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसीको बाध्य नहीं किया जा रहा है । उन्होंने कोर्ट को बताया कि जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फी सदी पूरा हो गया है।उन्होंने कहा कि ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र में है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि इससे सर्वेक्षण से किसी के निजता का उल्लंघन नहीं हो रहा है।महाधिवक्ता शाही ने कहा कि बहुत सी सूचनाएं पहले से ही सार्वजनिक होती हैं।

इससे पहले हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार द्वारा की जा रही जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दिया था।कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है। कोर्ट ने ये भी पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं।साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या। पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकारक्षेत्र के बाहर है। ये असंवैधानिक है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को ये भी बताया कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होनें ने बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है।

उन्होंने कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है।उन्होंने बताया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इस मामलें पर शीघ्र निर्णय दिये जाने की संभावना है। इसी मामलें पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई,2023 को सुनवाई होनी है। इस मामलें पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार, ऋतिका रानी,अभिनव श्रीवास्तव और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।

शिक्षा मंत्री और के के पाठक के झगड़े पर सुधाकर सिंह ने दिया बड़ा बयान, किसका इस्तीफा मांग रहे

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बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। आईएएस केके पाठक से विवाद के बाद शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर दो दिनों से अपने ऑफिस नहीं पहुंच रहे हैं। इधर इस मामले पर कई तरह की बयानबाजी भी हो रही है । वहीं शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह के समर्थन में तेजस्वी के विधायक उतर गए है। उन्होंने साफ साफ कह दिया की क्या आपको लगता है कि केके पाठक का कोई परफॉर्मेंस है। उनको जिन जिन कामों पर लगाया गया कौन काम उन्होंने बढ़िया से किया है। इनका परफॉर्मेंस तो है नहीं।

सुधाकर सिंह ने के के पाठक पर बरसते हुए कहा कि वे एक निकम्मा अधिकारी है। इस तरह के निकम्मे अधिकारी को बर्खास्त कर देना चाहिए। के. के. पाठक का परफॉर्मेंस कहीं भी ठीक नहीं रहा है। इससे पहले शराब वाले विभाग में थे। उस दौरान भी बहुत सारे लोग जहरीली शराब के कारण बेमौत मारे गए। उसके पहले खनन विभाग में थे, वहां भी इनका क्या परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा है। अब शिक्षा विभाग आए हैं तो यहां भी ये सब चल रहा है। ऐसे अधिकारी को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।

बताते चलें कि शिक्षा विभाग के मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर और अपर मुख्य सचिव के.के पाठक के बीच पावर को लेकर विवाद चल रहा है।मंत्री के आप्त सचिव ने के.के पाठक को पीत पत्र लिखकर मंत्री की अनेदखी करने और मनमाने तरीके से कार्य करने की बात कही थी और कार्यशैली में बदलाव नहीं लाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।वहीं उनके पीत पत्र के जवाब में शिक्षा विभाग ने संज्ञान लेने के बजाय आप्त सचिव की योग्यता पर सवाल उठाते हुए विभाग में प्रवेश पर रोक लगी दी है।

विवादों के बीच शिक्षा मंत्री पहुंच गए राजद कार्यालय, साथ में इतने विधायक भी, क्या हो रहा है ?….

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पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। आईएएस केके पाठक से विवाद के बाद शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर दो दिनों से अपने ऑफिस नहीं पहुंच रहे हैं। इधर इस मामले पर कई तरह की बयानबाजी भी हो रही है ।इसी बीच शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आरजेडी प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायकों के साथ बैठक की है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पार्टी के तमाम विधायक और विधान पार्षद मौजूद रहे।

बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि नई शिक्षा नीति को लागू किया जाए या उसमें और भी संशोधन की जरुरत है। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि अच्छा और बुरा दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान केके पाठक के मामले से मंत्री ने कन्नी काट ली।

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा नीति के अच्छे और बूरे पक्ष पर चर्चा में शामिल होने के लिए सभी लोग आए थे। राष्ट्रीय जनता दल और सरकार किसी भी हालत में शिक्षा के बाजारीकरण और व्यवसायिकरण से खुद को अलग करेगी। शिक्षा नीति पर आज चर्चा हुई है और आगे भी इसपर चर्चा होगी। अच्छा-बुरा पक्ष समझकर कोई भी निर्णय लिया जाएगा। वहीं केके पाठक से विवाद के सवाल पर चंद्रशेखर कहा कि लोगों ने जो मनसूबा पाल रखा है वे उसमें सफल नहीं होने वाले हैं।

ललन सिंह ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप, राहुल गांधी पर ऐसा कहा

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पटना: गुजरात हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में निचली अदालत से मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया.कोर्ट के फैसले के खिलाफ पटना में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए हैं और इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दे रहे हैं।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है राहुल गांधी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.ललन सिंह ने कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार देश में लोकतंत्र को खत्म करना चाह रही है.कुछ दिन और अगर बीजेपी रही तो देश में तानाशाही लागू हो जाएगा।

वहीं शिक्षा मंत्री और विभागीय सचिव केके पाठक के बीच छिड़े संग्राम पर ललन सिंह ने कहा कि पूरे मामले को सरकार देख रही है। सरकार ही इस मामले को शॉर्ट आउट करेगी, इसमें पार्टी का कोई काम नहीं है।

नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ खूब गुस्सा, पुतला लेकर रोड पर उतरे कांग्रेस नेताओं ने कह दिया, अब लड़ाई होगी…

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पटना: बीजेपी ने बिहार सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. 13 जुलाई को पार्टी के द्वारा विधानसभा मार्च भी निकला जा रहा है. वहीं, अब कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने बीजेपी पर निशाना साधा है. भारतीय जनता पार्टी भी सरकार में रह चुकी है, लेकिन जब ये सरकार में होते हैं तो सब अच्छा होता है और जब ये सरकार में नहीं होते तो सब खराब हो जाता है. BJP दोहरी चरित्र वाली पार्टी है. बीजेपी ने बिहार सरकार को परेशान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा है।

उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार हर प्रयास कर रही है कि केंद्र सरकार ने बजट के मामले में जो बेरूखी अपना रखी है. कई मंत्रालय ने उन्हें चिट्ठी भी भेजी लेकिन पैसे अब तक नहीं दिए गए हैं. हम हार नहीं मानेंगे अपना हक लेकर ही रहेंगे. BJP ने बिहार सरकार को परेशान करने का पूरा मंसूबा बना लिया है. भारतीय जनता पार्टी को यह देखना चाहिए कि सरकार तो किसी की भी हो सकती है. मनमोहन सिंह की भी सरकार थी उस समय भी देख लें क्या स्थिति थी, बजट कैसे मिलता था।

वहीं, आगामी 13 जुलाई को BJP के द्वारा विधानसभा मार्च निकाला जा रहा है. जिसको लेकर उन्होंने कहा कि अगर डोमिसाइल नीति हटायी गई है तो इससे लोगों को फायदा है. डोमिसाइल नीति कई राज्यों में लागू थी उसे हटाया गया और इससे बिहार के युवा कहीं और भी जाकर रोजगार ले सकते हैं तो BJP उन्हें भ्रमित ना करें।

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