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सोशल मीडिया पर युवक के पोस्ट से मची खलबली, लिखा- बहुत जल्द इंशाअल्लाह दूसरा पुलवामा भी होगा…

उत्तर प्रदेश के देवबंद से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक मदरसे के छात्र ने सोश मीडिया पर एक पोस्ट डाली जिसमें उसने धमकी देते हुए लिखा कि बहुत जल्द इंशाअल्लाह दूसरा पुलवामा भी होगा। ऐसी धमकी भरी पोस्ट सामने आते ही यूपी एटीएस समेत अन्य सभी एजेंसियों के कान खड़े हो गए और वे जांच में जुट गईं। जांच में मालूम चला की आरोपी देवबंद के एक मदरसे में पढ़ता है। इसके बाद आरोपी छात्र को पुलिस ने पकड़ा है।

सोशल मीडिया X पर लिखा था धमकी भरा पोस्ट

मदरसे से पकड़े गए छात्र से पुलिस पूछताछ में जुट गई है। छात्र से पुलिस पता करने में जुटी हुई है कि उसने सोशल मीडिया (एक्स) पर धमकी भरी पोस्ट क्यों डाली है या फिर इस अकाउंट से किसने डाली है। दरअसल मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x के एक यूजर अवकुश सिंह ने यूपी पुलिस को टैग करते हुए आतंकी हमले का अलर्ट लिखा। पोस्ट में आरोपी तल्हा मज़हर ने लिखा था, “इंशाअल्लाह जल्द ही दूसरा पुलवामा भी होगा।” इस पोस्ट के बाद सहारनपुर पुलिस हरकत में आई और उन्होंने देवबंद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

मिली जानकारी के मुताबिक, खानकाह पुलिस चौकी की टीम ने मदरसे के छात्र को पकड़ा है। छात्र का नाम मोहम्मद तलहा मजहर झारखंड के जमशेदपुर सरायकेला का रहने वाला बताया जा रहा है। छात्र यहां मजहबी तालिम हासिल करने के लिए आया है।

पुलिस जांच में जुटी

उसके सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ये धमकी भरी पोस्ट की गई। ये पोस्ट उसी ने की है या ये किसी और की हरकत है पुलिस, एटीएस समेत अन्य खुफिया एजेंसियां इसका पता लगाने में जुटी हुई हैं। सहारनपुर के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ चल रही है। पूछताछ के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी और आरोपी के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

खूंखार माओवादी हुआ अरेस्ट, सरकार ने घोषित किया था 2 लाख का इनाम

महाराष्ट्र की गडचिरोली पुलिस ने एक इनामी माओवादी को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। इस माओवादी की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र सरकार ने उनकी गिरफ्तारी पर कुल 02 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बुधवार को एक विश्वसनीय खुफिया जानकारी प्राप्त हुई कि एक कट्टर माओवादी महेंद्र किश्तय्या वेलादी, 32 वर्षीय,  इंद्रावती नदी के किनारे संदिग्ध रूप से घूम रहा है, जिसका उद्देश्य सुरक्षा बलों की गतिविधियों की जानकारी देना है। इस सूचना के बाद सी 60 कमांडो, CRPF और जिला पुलिस को शामिल करते हुए तुरंत एक नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया।

मुठभेड़ों में शामिल रह चुका था किश्तय्या

जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने माओवादी को इंद्रावती नदी तट के पास से पकड़ लिया गया। जब संदिग्ध से आगे की पूछताछ की गई तो पता चला कि वह अपने नियमित अभियानों के दौरान अहेरी एलओएस को निशाना बनाने के लिए जानकारी प्रदान करने के इरादे से आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महेंद्र किश्तय्या वेलादी दिसंबर 2017 में सैंड्रा के वन क्षेत्र में हुए एक एनकाउंटर में शामिल था। इसके अलावा वह दिसंबर 2022 में टेकामेटा के वन क्षेत्र में गढ़चिरौली और बीजापुर पुलिस की संयुक्त टीम के साथ गोलीबारी में भी शामिल था। वेलादी के गिरफ्तार होने के बाद का वीडियो भी सामने आया है।

माओवादियों ने की थी एक शख्स की हत्या

बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले में माओवादियों ने 38 साल के शख्स की पिछले दिनों कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरची तालुका के मोरकुटी गांव निवासी चमरा मडावी को बीते शनिवार की देर रात माओवादियों ने उसके घर से उठा लिया और गांव के बाहरी इलाके में उसकी हत्या कर दी। SP नीलोत्पल ने कहा कि मडावी प्रतिबंधित संगठन का समर्थक था और उसे पिछले साल पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में माओवादियों को गोला-बारूद की आपूर्ति करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया ED का अधिकारी, 20 लाख की रिश्वत लेने का आरोप; गिरफ्तार

तमिलनाडु में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय से सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। डीवीएसी ने ईडी के अधिकारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ईडी के अधिकारी पर आरोप है कि उसने 20 लाख रुपये की रिश्वत ली हुई है। वहीं अब डीवीएसी द्वारा मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में जांच की जा रही है। बता दें इससे पहले भी ईडी के अधिकारी रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। हाल ही में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने भी ईडी के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एसीबी ने ईडी के अधिकारी को एक परिवादी से 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

20 लाख की रिश्वत लेने का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने शुक्रवार को दी। दरअसल, डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद, डीवीएसी अधिकारियों के एक दल ने मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में जांच की। इस दौरान राज्य पुलिसकर्मी केंद्र सरकार के कार्यालय के बाहर तैनात थे। डीवीएसी की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में गिरफ्तार अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में की गई है। यह केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्यरत है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

वहीं ईडी के अधिकारी अंकित तिवारी को रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने और गिरफ्तार किए जाने के मामले पर तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि तमिलनाडु पुलिस को मिली जानकारी और शिकायत के आधार पर वह प्रवर्तन विभाग के कार्यालय में जांच करने गए थे। अगर वह निर्दोष थे तो उनका सामना कर सकते थे और उस समय भाग क्यों गए? बता दें कि ईडी के अधिकारी अंकित तिवारी के रिश्वत मामले में गिरफ्तार होने के बाद अब कांग्रेस पार्टी भी हमलावर होती दिख रही है।

पहले भी रिश्वत मामले में अधिकारी गिरफ्तार

इससे पहले भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मणिपुर में तैनात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी और उसके सहयोगी को कथित रूप से परिवादी से 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अधिकारी चिटफंड मामले में गिरफ्तार नहीं करने को लेकर आरोपी से 17 लाख रुपये मांग रहा था। एसीबी के बयान के अनुसार गिरफ्तार लोगों में ईडी के इंफाल थित कार्यालय का प्रवर्तन अधिकारी (ईओ) नवल किशोर मीणा और उसका स्‍थानीय सहयोगी बाबूलाल मीणा शामिल थे। ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने नवल किशोर को निलंबित कर दिया है और उनके और अन्य आरोपी के खिलाफ धनशोधन जांच शुरू की है।

सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में एक्शन, अगल-अलग जिलों में 74 केस दर्ज; अबतक 150 लोग अरेस्ट

पटना: केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से एक अक्टूबर को आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीकहोने के कारण रद्द कर दिया गया. अब पेपर लीक मामले में पुलिस धुआंधार कार्रवाई करने में जुटी है. इस मामले में का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई के पास है. इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि इस मामले की जांच ईओयू की टीम कर रही है और इस मामले से संबंधित सभी डिजिटल साक्ष्य ले रही है।

एडीजी मुख्यालय जितेन सिंह गंगवार में साफ तौर से बताया है कि अभी तक कुल 74 मामले दर्ज किए गए हैं. वही 150 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. सबसे अधिक फिर छपरा, भोजपुर, पटना और नालंदा में की गई है. सभी मामलों की जांच आर्थिक अपराध इकाई काफी गहनता से कर रही है. सभी मामलों की जांच के लिए अलग-अलग पदाधिकारी लगाए गए हैं, जो लोगों का नाम इसमें आएगा चाहे कोई भी हो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

अब तक इस मामले में ईओयू ने कुल 74 प्राथमिकी दर्ज की है. बिहार के विभिन्न जिलों सहित पटना से अब तक 150 गिरफ्तारियां की गई हैं. सिपाही भर्ती परीक्षा प्रकरण मामले में किसी भी स्तर के लोग शामिल हो वो नहीं बचेंगे. इओयू की टीम की जांच जारी है. गिरफ्तार लोगों से कई अहम जानकारियां मिली है. जिसमें परीक्षा में सेटरों और माफिया का लिंक खंगाला जा रहा है. जल्द सभी गिरफ्त मे होंगे।