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सीट शेयरिंग को लेकर JDU का खुला एलान: 16 सीट से कम का कोई सवाल नहीं, कांग्रेस अपनी बात RJD से करे, हमें उससे कोई मतलब नहीं

इसी साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार के महागठबंधन या I.N.D.I.A गठबंधन में घमासान बढ़ने की संभावना दिखने लगी है. लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया. जेडीयू ने कहा है-हमारे 16 सीटिंग सांसद हैं, इससे कम सीट मंजूर नहीं बल्कि इससे ज्यादा सीटें चाहिये. जेडीयू ने ये भी क्लीयर किया है कि कांग्रेस औऱ लेफ्ट पार्टी अपनी सीटों को लेकर राजद से बात करें. सीट शेयरिंग पर जेडीयू की बात सिर्फ राजद से होगी।

जेडीयू की दो टूक

लोकसभा में सीट शेयरिंग पर जेडीयू के स्टैंड को आज नीतीश के खास माने जाने वाले मंत्री संजय झा ने स्पष्ट किया. पटना में मीडिया से बात करते हुए संजय झा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर हमारी बातचीत सिर्फ राजद से होगी. कांग्रेस या लेफ्ट पार्टियों को अगर सीट शेयरिंग पर बात करनी है तो वे राजद से बात करें. जब उनकी बातचीत फाइनल हो जायेगी तो हमारी बातचीत राजद से होगी।

संजय झा ने कहा कि फिलहाल जेडीयू के 16 लोकसभा सांसद हैं. इससे कम सीटों पर लड़ने की बात कहां उठती है. संजय झा ने इशारों में कहा कि जेडीयू की दावेदारी 16 सीटों से ज्यादा पर है. उन्होंने कहा कि जब राजद से बात होगी तो सीट को लेकर जेडीयू की दावेदारी की चर्चा होगी. फिलहाल बात नहीं हुई है।

सीट शेयरिंग में देर हुई

मंत्री संजय झा ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन में सीट शेयरिंग में लगातार देर हो रही है. नीतीश कुमार ने जब विपक्षी एकता की नींव रखी थी, तभी से वे कह रहे हैं कि जल्द से जल्द सीट शेयरिंग कर लिया जाये. संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने तो कहा था कि अक्टूबर 2023 से पहले सीट शेयरिंग कर लिया जाये और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन से विपक्षी पार्टियों का साझा अभियान शुरू हो जाये. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

संजय झा ने कहा कि 19 दिसंबर को हुई I.N.D.I.A गठबंधन की पिछली बैठक में भी नीतीश कुमार ने कहा था कि जनवरी तक सीट शेयरिंग फाइनल कर लिया जाये और उसके बाद चुनाव अभियान शुरू कर दिया जाये. लेकिन अब तक बातचीत आगे नहीं बढ़ी है।

मंत्री संजय झा ने नीतीश कुमार के I.N.D.I.A गठबंधन के संयोजक बनने की खबरों को भी गलत बताया. उन्होंने कहा कि जेडीयू औऱ नीतीश कुमार शुरू से ही साफ-साफ कहते रहे हैं कि उन्हें किसी पद की इच्छा नहीं है. वे चाहते हैं कि विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करे।

I.N.D.I.A गठबंधन में घमासान बढ़ा: देवेशचंद्र ठाकुर के खिलाफ RJD-JDU नेताओं की गोलबंदी, कहा-पिछड़ों का अपमान करने वाला उम्मीदवार कैसे बनेगा?

बिहार में I.N.D.I.A गठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हुआ है. लेकिन बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने खुद को सीतामढ़ी संसदीय सीट से जेडीयू का प्रत्याशी घोषित कर दिया है. देवेश चंद्र ठाकुर बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने उन्हें उम्मीदवार बनाने का एलान कर दिया है. लेकिन विधान परिषद के सभापति की दावेदारी के खिलाफ JDU और RJD दोनों पार्टियों के नेता गोलबंद हो गये हैं. सीतामढ़ी के कई पूर्व सांसद, मंत्री और विधायक ने शुक्रवार को पटना में बैठक की. इन नेताओं ने कहा-देवेश चंद्र ठाकुर पिछ़ड़ों और अति पिछड़ों का अपमान कर रहे हैं, ऐसे नेता को उम्मीदवार कैसे बनाया जा सकता है।

सीतामढ़ी के नेताओं की पटना में बैठक

पटना के एक होटल में शुक्रवार को सीतामढ़ी से आने वाले जेडीयू और राजद के नेता जुटे. इनमें पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा, पूर्व मंत्री रंजू गीता, पूर्व विधायक अबु दोजाना, सुनील कुशवाहा समेत एक दर्जन से ज्यादा नेता शामिल थे. लंच पर जुटे इन नेताओं ने तय किया कि सीतामढ़ी सीट से देवेश चंद्र ठाकुर की दावेदारी का हर हाल में विरोध करेंगे।

पिछड़ो का अपमान कर रहे हैं देवेश चंद्र ठाकुर

बैठक में मौजूद पूर्व मंत्री रंजू गीता ने कहा कि अभी I.N.D.I.A गठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हुआ है. कौन पार्टी कहां चुनाव लड़ेगी ये तय नहीं हुआ है. पहले सीट फाइनल होगा और तब उम्मीदवार तय होगा. लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर अपने मुंह मियां मिट्ठू बने हुए हैं. वे खुद को उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं. रंजू गीता ने कहा कि देवेश चंद्र ठाकुर ने मुझे अंधा और कौआ कहा है. मैं पिछड़े की बेटी हूं तो क्या मुझे कोई कौआ और अंधा कहेगा. पिछ़ड़ों को अपमानित करने वाले नेता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

बैठक में मौजूद पूर्व सांसद अर्जुन राय ने कहा कि देवेशचंद्र ठाकुर स्वंयभू उम्मीदवार बन गये हैं. पार्टी या गठबंधन में अभी कहीं उम्मीदवार की चर्चा नहीं है लेकिन देवेश चंद्र ठाकुर अलग ही दावा कर रहे हैं. वे पिछड़ों को अपमानित कर रहे हैं. ऐसे नेता को पार्टी उम्मीदवार कैसे बना सकती है।

जेडीयू-राजद के नेताओं की इस बैठक में मौजूद पूर्व विधायक अबू दोजाना ने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन के नेतृत्व को देवेश चंद्र ठाकुर की बयानबाजी पर रोक लगाना चाहिये. अगर उनकी बयानबाजी पर रोक नहीं लगायी गयी तो लोकसभा चुनाव में गठबंधन को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

राम मंदिर से राजद में बेचैनी? तेजस्वी बोले-भगवान को मोदी जी की जरूरत है, वे चाहते तो खुद अपना महल बनवा लेते, सब बेकार की बात है

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को भाजपा पूरी तैयारी के साथ लोगों के बीच ले जा रही है. राम मंदिर पर बीजेपी की रणनीति से विपक्षी पार्टियों में बेचैनी झलकने लगी है. राजद के नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की राम मंदिर को लेकर बेचैनी आज झलकी. तेजस्वी ने कहा कि राम को मंदिर और महल की जरूरत नहीं है. राम मंदिर पर भाजपा के नेता जो कह रहे हैं वह सब बेकार की बात है।

राम को मंदिर-महल की जरूरत नहीं

मधुबनी के झंझारपुर में अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने राम मंदिर का मामला उठाया. तेजस्वी यादव ने कहा- प्रधानमंत्री अयोध्या में राम मंदिर की बात कर रहे हैं. लेकिन भगवान राम को मोदी जी की जरूरत है? भगवान राम चाहते तो खुद नहीं बनवा लेते हर जगह अपना महल. लेकिन मोदी जी इस तरह से दिखा रहे हैं कि राम भगवान को घर दे दिया. महल बनवा दिया, मंदिर बनवा दिया. ये सब बेकार की बातें हैं।

बीमार होंगे तो मंदिर जायेंगे या अस्पताल

इससे पहले तेजस्वी ने पटना में भी राम मंदिर को लेकर बीजेपी पर हमला बोला. तेजस्वी ने कहा कि मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम का दर्जा दे दिया है. भगवान राम तो सब की खुशहाली चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आप बीमार होते हैं तो कहां जाते है, मंदिर या अस्पताल. तेजस्वी ने कहा कि खुशियां कैसे आएगी? गरीबी दूर करने से, रोजगार मिलने से, शिक्षा मिलने से और स्वास्थ्य व्यवस्था सुधार करने से. वैसे उन्होंने सफाई भी दी-हम मंदिर के विरोधी नहीं हैं. मेरी मां छठ उस समय से करती है, जब मोदी जी को छठ का ज्ञान भी नहीं था।

तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारे घर में पहले से मंदिर है, जहां हम लोग पूजा करते हैं. हाल ही में पूरा परिवार बालाजी के दर्शन कर कर आया है. हम लोग घर पर पूजा करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।

जेडीयू का अलग स्टैंड

उधर, जेडीयू ने राम मंदिर के मसले पर राजद से पूरी तरह अलग स्टैंड लिया है. पटना में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि अयोध्या मंदिर में भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए अगर निमंत्रण मिलेगा तो हम जरूर जाएंगे. उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं है कि अयोध्या के श्रीराम हैं बल्कि कण-कण में राम हैं और इसका अहसास देश के हर नागरिक को है. नीरज कुमार ने कहा कि जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी पहले ही राम मंदिर को लेकर पार्टी का स्टैंड क्लीयर कर दिया है।

सुशील मोदी बिहार बीजेपी के संकट मोचक, पटना में लगे पोस्टर; जन्मदिन की बधाई या कोई संदेश?

पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का 5 जनवरी शुक्रवार को जन्मदिन है। इससे पहले गुरुवार को ही पटना में बधाई के बड़े बड़े पोस्टर लगा दिए गए हैं। खास बात यह है कि पोस्टर में सुशील मोदी को बिहार बीजेपी का संकट मोचक बताया गया है। उनके चाहने वालों द्वारा लगाए गए इस खास पोस्टर की बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 और 2025 के चुनावों के पहले इस पोस्टरबाजी के क्या मायने हैं। इससे पहले 30 दिसंबर 2023 को छह दिन पहले भी नीतीश कुमार के पैरलल पोस्टर लगाकर सुशील मोदी को जन्मदिन की बधाई दी गई थी। नीतीश कुमार को उस दिन जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए शुभकामनाएं दी गई थीं।

सुशील कुमार मोदी की बड़ी बड़ी तस्वीरों वाले पोस्टर पटना शहर के कई चौक-चौराहों पर लगाए गए हैं जिनमें उनकी बधाई के साथ उनकी तारीफ के पुल बांधे गए हैं। इनमें से एक पोस्टर ऐसा है जो सबका ध्यान अपनी ओर बरबस खींच ले रहा है। इस पोस्टर में सुशील कुमार मोदी को बिहार भाजपा का संकटमोचक के रूप में दिखाया गया है। पोस्टर में सुशील मोदी की बड़ी सी फोटो है और उनके साथ हनुमान जी की तस्वीर भी लगाई गयी है। सुशील मोदी फैंस एसोसिएशन बिहार की ओर से यह खास पोस्टर लगाया गया है।

बताते चलें कि सुशील कुमार मोदी का जन्म पांच जनवरी 1952 को हुआ था। जन्मदिन से एक दिन पहले ही उन्हें खास तरीके से बधाई दी जाने लगी है। इससे बिहार का सियासी पारा बढ़ गया है। पोस्टर के जरिए संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि जिस तरह भगवान राम संकट में होते हैं तो बजरंगबली आते हैं उसी तरह से जब बिहार बीजेपी संकट में होती है तो सुशील कुमार मोदी सामने आते हैं।

कर्पूरी जयंती पर बिहार में लगेगा BJP के बड़े नेताओं का जमावड़ा, PM मोदी भी हो सकते हैं शामिल

पटनाःभारतीय जनता पार्टी हर हाल में बिहार को फतह करना चाहती है, बिहार भाजपा ने ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है और पूरे बिहार को 10 क्लस्टर में बांटा गया है, भाजपा के पांच बड़े नेताओं को मैदान-ए-जंग में उतारने की तैयारी है और इसीलिए जनवरी-फरवरी माह में दर्जन भर कार्यक्रम आयोजित होने वाले हैं।

कर्पूरी जयंती पर बिहार बीजेपी के कई कार्यक्रम

24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती है, इसे भाजपा बड़े ही धूमधाम के साथ मनाना चाहती है. बिहार भाजपा ने कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव दे रखा है. इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी बिहार दौरा होना है।

इन नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी

भाजपा के पांच बड़े नेता जनवरी-फरवरी माह के दौरान बिहार के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे और सभा का आयोजन भी होगा. नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी को मैदान में उतारे जाने की तैयारी है. बिहार बीजेपी की ओर से नेताओं के कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं स्वीकृति मिलने के बाद कार्यक्रम तय कर दिया जाएगा।

बीजेपी के बड़े नेताओं का होगा कार्यक्रम

मिल रही जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के तीन-तीन कार्यक्रम के डिमांड किए गए हैं. इसके अलावा राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी लोकसभा क्षेत्र में जाकर प्रचार और सभा करेंगे. इसके लिए चार लोकसभा क्षेत्र का एक क्लस्टर बनाया गया है और कुल मिलाकर 10 क्लस्टर बनाए गए हैं।

 

बीजेपी ने निकाली ‘लव कुश रथ यात्रा’, पहुंचेगी अयोध्या, लालू-नीतीश के निमंत्रण के सवाल पर सम्राट का जवाब

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय से ‘लव कुश रथ यात्रा’ का शुभारंभ किया गया, जिसे प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया. इस मौके पर पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इस दौरान सम्राट चौधरी ने कहा कि लव कुश समाज की ओर से यह लव कुश यात्रा निकाली गई है जो बिहार के सभी जिलों को होते हुए 22 जनवरी तक अयोध्या पहुंचेगी. इसमें सभी वर्ग सभी समाज के श्री राम के भक्त लोग शामिल हैं।

अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण के सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह खुद सभी जगह निमंत्रण दे रहे हैं, हमारे पास भी कल आए थे. उन्होंने बताया कि वे महामहिम राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी वह निमंत्रण देने गए हैं. इसके अलावा लालू प्रसाद यादव को भी निमंत्रण दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब जाना और यह नहीं जाना तो यह वे लोग जानते हैं।

उन्होंने कहा कि कौन क्या बोल रहा है. यह देखना उचित नहीं है. 1989 से हम लोग पूरा संघ परिवार लगा हुआ था. अब तो भगवान श्री राम स्थापित हो रहे हैं. वहां मस्जिद के अंसारी जी थे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फूल माला से स्वागत किया. अब तो श्री राम प्रवेश करने वाले हैं।

वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने लालू प्रसाद यादव पर हमला करते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव पर हमला करते हुए कहा कि ये लोग बीजेपी पर सवाल खड़ा करते हैं. लालू प्रसाद कब जेल गए थे? वह 1996 में जेल गए थे. उस वक्त जनता दल की सरकार थी. उस सरकार में वह मौजूद थे तो जब उनकी सरकार ने उन्हें जेल भेजा तो यह तो क्लियर है कि वह भ्रष्टाचारी हैं. उन्होंने कहा कि मैं साफ तौर पर कहता हूं कि आतंक के प्रतीक लालू प्रसाद, भ्रष्टाचार के प्रतीक लालू प्रसाद, बालू माफियाओं के प्रतीक लालू प्रसाद तो इन पर कार्रवाई नहीं होगी तो किस पर कार्रवाई होगी? उन्होंने कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन में दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़े मेरा दावा है उनका खाता भी नहीं खुलने दिया जाएगा।

RJD से नाराजगी के बीच VC के जरिए I.N.D.I.A के नेताओं से जुड़ेंगे नीतीश, राहुल और खरगे से फोन पर हुई है बात!

नए साल के आगाज के साथ ही लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज होने लगी हैं। सूत्रों के हवाले से सियासित की इस वक्त की बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। खबर है कि लालू-तेजस्वी से नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडी गठबंधन के नेताओं से बात करेंगे। कहा जा रहा है कि बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश की पहल पर नीतीश कुमार की राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से बात हुई है।

दरअसल, बीते 19 दिसंबर को दिल्ली में हुई इंडी गठबंधन की बैठक में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मलिल्कार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित होने के बाद जेडीयू के खेमें में नाराजगी थी। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज थी कि नीतीश कुमार ममता बनर्जी और केजरीवाल के प्रस्ताव से नाखुख हैं, इसलिए बैठक से निकल गए हालांकि बाद में लालू प्रसाद और जेडीयू के तत्कालीन अध्यक्ष ललन सिंह ने सामने से आकर सफाई दी थी कि नीतीश कुमार नाराज नहीं हैं।

अब जब ललन सिंह के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की कमान खुद संभाल ली है तो नए साल पर जेडीयू को उम्मीद है कि इंडी गठबंधन में नीतीश को बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। चर्चा है कि नाराज नीतीश को मनाने के लिए बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश ने पहल की है और नीतीश कुमार से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से फोन पर बात हुई है। जिसके बाद नीतीश कुमार इंडी गठबंधन के लोगों से बात करने को तैयार हुए हैं और आज वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनसे बात कर सकते हैं।

उधर, ललन सिंह के इस्तीफे को लेकर नीतीश और लालू-तेजस्वी के बीच तकरार बढ़ती दिख रही है। रिश्तों में दूरियां तब दिखी जब नए साल के मौके पर न तो सीएम नीतीश बधाई देने के लिए राबड़ी आवास पहुंचे और ना ही तेजस्वी यादव या उनके घर का कोई सदस्य नए साल की शुभकामना देने सीएम आवास पहुंचे। कहा जा रहा है कि तेजस्वी बीमार हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ललन सिंह के इस्तीफे को लेकर लालू-तेजस्वी और नीतीश के बीच तकरार बढ़ गई है और नीतीश अब लालू के बिना ही सीधे कांग्रेस से डील कर रहे हैं?

मुख्यमंत्री नीतीश और लालू परिवार ने एक-दूसरे को सर्वजनिक तौर पर नए साल की बधाई तक नहीं दी। नए वर्ष के साथ-साथ कल राबड़ी देवी का जन्मदिन भी था लेकिन नीतीश राबड़ी आवास नहीं पहुंचे जबकि बिना बुलाए ही वे किसी भी वक्त 10 सर्कुलर पहुंच जाते थे, लेकिन वे भी बधाई देने नहीं पहुंचे। नए साल के मौके पर नीतीश ने अपने आवास में लोगों से मुलाकात को की लेकिन लालू परिवार के न तो तेजस्वी और ना ही कोई और सीएम आवास पहुंचा। ललन सिंह के इस्तीफे के बाद से ही जेडीयू और आरजेडी के बीच खटास की खबरें आ रही हैं। ऐसे में लालू-तेजस्वी से नाराजगी के बीच मुख्यमंत्री आज इंडी गठबंधन के नेताओं से बात करने वाले हैं।

गांडेय में अब नहीं हो सकता उपचुनाव! भाजपा के दावे में कितना है दम, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

लैंड स्कैम मामले में बयान दर्ज करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन को जारी ईडी के सातवें समन के बाद 31 दिसंबर 2023 को सरफराज अहमद के गांडेय विधानसभा सीट से इस्तीफा देने पर बहस छिड़ गई है कि अब वहां उपचुनाव नहीं हो सकता है. खासकर भाजपा इस मुद्दे को उठा रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि पंचम झारखंड विधानसभा का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है, इसलिए उपचुनाव नहीं हो सकता।

इस सवाल का जवाब जानने के लिए लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल, पीडीटी अचारी से बात की गई तो उन्होंने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 153 का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव परिणाम या सरकार के गठन की तारीख सदन के कार्यकाल के लिए मायने नहीं रखती. जिस दिन पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक हुई है, उसी तारीख से एक साल की अवधि काउंट होती है. अगर पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 2020 को हुई है तो उस तारीख से पहले खाली हुई विधानसभा सीट पर छह माह के भीतर चुनाव आयोग को उपचुनाव कराना होगा. इससे साफ है कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा देते हैं और कल्पना सोरेन को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो वह मुख्यमंत्री की शपथ ले सकती हैं. इसके बाद उन्हें छह माह के भीतर उपचुनाव जीतना होगा।

विधानसभा सूत्रों से भी मिली जानकारी के मुताबिक पंचम झारखंड विधानसभा का गठन 6 जनवरी 2020 को हुआ था. तीन दिन का यह प्रथम सत्र 8 जनवरी तक चला था. जबकि गांडेय विधानसभा सीट 31 दिसंबर को खाली हुई है. ऐसे में वहां जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के मुताबिक उपचुनाव हो सकता है।

कब बनी सरकार और कब हुआ विधानसभा का गठन

साल 2019 में पंचम झारखंड विधानसभा का चुनाव पांच चरण में हुआ था. पहले चरण का चुनाव 30 नवंबर 2019, दूसरे चरण का 7 दिसंबर 2019, तीसरे चरण का 12 दिसंबर 2019, चौथे चरण का 16 दिसंबर 2019 और पांचवे चरण का चुनाव 20 दिसंबर 2019 को हुआ था. मतों की गिनती 23 दिसंबर 2019 को हुई थी. मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को शपथ ली थी. लेकिन पंचम झारखंड विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 2020 को हुई थी. लिहाजा, वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है।

निशिकांत दूबे और बाबूलाल मरांडी का क्या है दावा

भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने एक्स पर ट्वीट कर कहा था कि झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ था. जबकि सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को इस्तीफा दिया था. ऐसे में एक साल से कम समय में उपचुनाव नहीं हो सकता है. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 2 जनवरी को दुमका में कहा कि अगर सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं तो वे बड़ी गलती करेंगे. ऐसा संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके विधायक बनने में कानूनी अड़चन है और इसे रोकने के लिए भाजपा राज्यपाल से मिलकर मांग करेगी कि अगर कल्पना सोरेन के नाम का प्रस्ताव आता है तो अटार्नी जनरल या विधि विशेषज्ञ से राय लेने के बाद ही कोई कदम उठाएं।

 

कल्पना सोरेन को सीएम बनाने की कोशिश होगी बड़ी गलती, रोकने के लिए भाजपा राज्यपाल से करेगी मुलाकातः बाबूलाल मरांडी

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दुमका परिसदन में प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि अगर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं तो वे बड़ी गलती करेंगे. ऐसा संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके विधायक बनने में कानूनी अड़चन है और इसे रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल से मिलकर उनसे यह मांग करेगी कि अगर कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव उनके पास आता है तो वह अटॉर्नी जनरल और विधि विशेषज्ञ से परामर्श कर ही कोई कदम उठाएं, ऐसा न हो कि वह मुख्यमंत्री भी बन जाए और भविष्य में विधायक न बन पाएगी तो सब कुछ मजाक बनकर रह जाएगा।

महाराष्ट्र हाईकोर्ट के निर्णय की दिखाई कॉपी

दुमका परिसदन में बाबूलाल मरांडी ने महाराष्ट्र हाईकोर्ट के एक निर्णय की प्रति दिखाई. इस संदर्भ में बाबूलाल मरांडी ने बताया कि जिस राज्य में विधानसभा के चुनाव होने में एक साल का समय बाकी रह जाता है और ऐसी स्थिति में कोई भी विधानसभा सीट खाली होती है तो वहां चुनाव नहीं हो सकता. अगर गांडेय सीट खाली हुई है और वहां से संभवत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहते हैं तो ऐसा संभव नहीं है. पूर्व सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह आभास हो गया है कि वह कुछ ही दिनों में जेल जाने वाले हैं, इसलिए वे इस तरह के कदम उठा रहे हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ईडी ने उन्हें सात बार समन किया पर हेमंत सोरेन को यह मालूम है कि मैंने गलती की है और मैं पकड़ा जाऊंगा इसलिए वे ईडी के पास नहीं गए।

योगेंद्र तिवारी से हेमंत सोरेन का जोड़ा रिश्ता

बाबूलाल मरांडी ने प्रेस वार्ता में जेल में बंद योगेंद्र तिवारी से हेमंत सोरेन का रिश्ता जोड़ा. उन्होंने कहा कि आज योगेंद्र तिवारी जेल में है और वहां से लोगों को धमकी दे रहा है क्योंकि उसे मालूम है कि हेमंत सोरेन का राज है. उन्होंने कहा कि दुमका के लखीकुंडी में जो हेमंत सोरेन के आवासीय परिसर में भूखंड है, वह योगेंद्र तिवारी के ही नाम पर है. इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी ने कहा कि होटवार जेल में कई ऐसे लोग भी बंद हैं जो सत्ता के काफी करीब रहे हैं, ट्रांसफर पोस्टिंग करना, ठेका मैनेज करना उनका काम रहा. अब वे जेल से भी ऐसे कामों को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे लोगों को हेमंत सोरेन का वरदहस्त है।